रात में देर तक आपके कमरे में मेट्रो में या अकेले बैठकर, अपने मोबाइल कैमरे के लेंस के माध्यम से पूरी पार्टी को देखना, फिल्म , अपनी स्थिति अपडेट करना,किसी के साथ चैट करने का लुत्फ उठाना | इन सब परिस्थितियों में इंसान घिरा जा रहा है ,जिसे आजकल 'इंटरनेट एडडिशन' कहा जाता है। इंटरनेट की लत का कारण हमारी इच्छाओ पर निर्भर हो जाता है हम इंटरनेट का इस्तेमाल शुरवाती समय में बस यही सोच कर करते हैं के इससे हमे लोगो से बातचीत करने का मौका मिलेगा दुनिया में क्या चल रहा है , ये इंटरनेट के दुवारा देखा जायेगा और ये सही भी है इंटरनेट के द्वारा हमे बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता है अगर इंसान इस की लत में न आजाये मगर होता यह है के इंसान इसका आदि हो जाता है जिसे हम 'इंटरनेट एडडिशन' कहते हैं जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं और हमारी गतिविधियों, भोग और शौक में भिन्न होते हैं, इसलिए नकारात्मक लक्षणों की संभावना भी होती है! इसलिए जब दुनिया अपने पूर्ण रूप से चलती है, तो आप केवल इसके हिस्से को देखते, प्राप्त करते हैं और महसूस करते हैं; जहां से यह एक स्क्रीन के माध्यम से फ़िल्टर किया जाता है।
यह स्पष्ट प्रतीत हो सकता है कि यह व्यसन केवल नेट पर लंबे समय तक खर्च किए गए लंबे घंटों का परिणाम है | यह व्यक्ति के लिए नुकसानदेह हो जाता है, अध्ययनों से पता चला के इंटरनेट का अतयधिक इस्तेमाल करने से इंसान को इसकी लत लग जाती है उसका हर समय बस यही धियान रहता है के वो मोबाइल , लैपटॉप आदि का इस्तेमाल कर के कुछ देखना है या किसी से बात करनी है| जब इंसान को इसकी लत लग जाती है तो वह शारीरिक स्वाथ्य से कमज़ोर हो जाता है इस के दुष्ट प्रभाव से सर में दर्द कमर में दर्द चिड़चिड़ापन आदि हो जाता है इसके अलावा ये भी देखा गया है लोग अक्सर अन्य मामूली या प्रमुख विकारों से ग्रस्त हैं, जिनमें अवसाद, सामाजिक / मानसिक / व्यावसायिक चिंता या बाध्यकारी जुए, अतिरक्षण, शराब या अन्य रसायनों सहित अन्य व्यसन शामिल हैं लेकिन यह व्यसन के जीवन और स्वास्थ्य पर गंभीर, दीर्घ और अल्पकालिक प्रभावों में अनुवाद करता है; शारीरिक, मानसिक और साथ ही सामाजिक। लेकिन यह इस बात का तात्पर्य नहीं है कि कुछ व्यसनों में यह लत नहीं मिल सकती है। युवा किशोरावस्था और बच्चे, जो वातावरण में बड़े हो गए हैं, जहां मोबाइल एक्सपोजर मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन के माध्यम से प्राप्त होता है दुनिया भर में वही लोग इंटरनेट के आदि होते दिखाई दे रहे हैं जो लोग लम्बे समय तक इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं
इंटरनेट लत के कारण निम्लिखित हैं स्क्रीन के सामने लंबे समय तक कार्य करने से पीठ दर्द , गर्दन में दर्द आदि समस्याएं हो जाती हैं । अनिद्रा, शुष्क आंखें और अन्य दृष्टि की समस्याएं। शारीरिक स्वच्छता में सुस्ती हो जाना |
इस दृष्टिकोण में रोगी को पहले यह स्वीकार करना चाहिए के वह इस की लत में पड़ गया है जिससे उसे सँभालने में मदद मिलती है | उसके बाद समस्याओं को को पहचानना चाहिए | इंटरनेट लत के उपचारो में ये शामिल है के इंसान को अपनी आदतों को बढ़ना चाहिए जैसे हमे देर रात तक मोबाइल , लैपटॉप या अन्य स्क्र्रीन का स्तेमाल नहीं करना चाहिए | हमे यह पहचानना चाहिए के इंटरनेट का अत्यधिक उपयोग किस प्रकार ट्रिगर करता है और तीसरा हिस्सा उन समस्याओं के लिए लागू होता है जो रोगी इंटरनेट पर खुद को जोड़कर रखता हैं! इस लत से जुड़ा एक स्वयं सुधारात्मक पैटर्न भी है । लेकिन यह एक धीमी और पूरी तरह से गारंटीकृत उपचार नहीं है |इच्छाशक्ति के लिए कोई विकल्प नहीं है और बेहतर के लिए सुधार की ज़रूरत है। एक निर्धारित दिमाग जानता है (या आखिरकार पाता है) जिस स्थिति में वह खुद को पाता है, उससे बाहर निकलना चाहिए।
इंटरनेट एक उपयोगी चीज़ में से है जिसके इस्तेमाल से इंसान दुनिया भर की जानकारी हासिल करता है, फिर भी लोगो को इसकी लत हो जाती है ,लत एक व्यसन है, जिसके परिणाम और प्रभाव हैं।
सबसे स्पष्ट और शायद सबसे विनाशकारी प्रभाव यह प्रभाव है कि इस व्यसन में आपके सामाजिक जीवन और असली दुनिया के साथ बातचीत है। जबकि हम स्क्रीन के बीच आराम की झूठी भावना में खो गए हैं, वहां असली दुनिया आगे बढ़ रही है, सीख रही है, आगे बढ़ रही है इस प्रकार, रोकथाम एक आवश्यकता बन जाती है। स्क्रीन के माध्यम से व्यावहारिक रूप से बाहरी लोगों का पता लगाने के लिए युवा बच्चों को प्रोत्साहित करना, ऑनलाइन गेम, जुआ, अश्लील साहित्य, तुच्छ वायरल वीडियो इत्यादि में बुनियादी कदम उठाए जा सकते हैं। परन्तु इंसान को ये समझना चाहिए के बाहरी, असली दुनिया को समझें यह आपके जीवन के लिए बेहतर है।इंटरनेट लत को दूर करने के लिए सबसे पहला कदम ये है के इंसान को ये स्वीकार करना चाहिए के वह उस लत में पड़ गया ही जिससे उसको एहसास होगा के यह सही नहीं है और उसे यह ठान लेना चाहिए के उसे इस समस्या से दूर होना है | किसी भी लत में शुरवाती समय में इंसान को अत्यधिक मनोरंजन लगती है परन्तु धीरे धीरे वह उसका शिकार हो जाता है इंटरनेट की लत को दूर करने के लिए हमे मोबाइल , लैपटॉप आदि से दूरिया बनानी पड़ेगी ।