यूटरीन फाइब्रॉएड गर्भाशय की एक कैंसर रहित ग्रोथ होती है जो अक्सर बच्चे के जन्म के वर्षों के दौरान दिखाई देती हैं। इसे लियोमायोमास या मायोमा भी कहा जाता है। यूटेरिन यानी गर्भाशय फाइब्रॉएड गर्भाशय कैंसर के जोखिम से जुड़े नहीं है। यह कभी भी कैंसर में विकसित नहीं होता है।
फाइब्रॉएड का आकार एक बेहद छोटे बीज से लेकर बड़े आकार के गोले तक हो सकता है। यह गर्भाशय को विकृत और बड़ा कर सकता है। हालांकि फाइब्रॉएड एक से ज्यादा हो सकते हैं। गंभीर स्थिति में फाइब्रॉएड इतने बड़े हो जाते हैं की यह रिब केज यानी पसलियों तक पहुंच जाते हैं। इससे पीड़ित महिला का वजन बढ़ने लगता है।
कई महिलाओं को अपने जीवन में कभी न कभी गर्भाशय फाइब्रॉएड होता है। लेकिन उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। न ही इसके कोई लक्षण दिखते हैं। हालांकि डॉक्टर पैल्विक परीक्षा या प्रसवपूर्व अल्ट्रासाउंड के दौरान फाइब्रॉएड का पता लगा सकते हैं।
यूटरीन फाइब्रॉएड को मुख्यतः चार अलग अलग प्रकार में वर्गीकृत किया जाता है। यह वर्गीकरण गर्भाशय की दीवार के भीतर उनकी स्थिति पर आधारित है। यूटरीन फाइब्रॉए़ड के चार प्रकार हैं
सबसेरोसल फाइब्रॉएड के विशिष्ट लक्षणों में गर्भाशय के बड़े आकार के कारण पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग, होना और आस-पास के अंगों पर दबाव के लक्षण जैसे बारा-बार पेशाब आना, मल त्यागने में परेशानी या कब्ज की शिकायत होना शामिल हैं।
सबम्यूकोस फाइब्रॉएड को हिस्टेरोस्कोपी के माध्यम से हटाया जा सकता है। यह एक बेहद कम काटं छांट वाली विधि है। इस तरह के फाइब्रॉएड को हटाने का फैसला जल्द किया जाना चाहिए। जैसे ही इसकी डायगनोसिस हो इसको हटाने का फैसला ले लिया जाना चाहिए।
फाइब्रॉएड से पीड़ित कई महिलाओं में कोई लक्षण नहीं होते हैं। जिन महिलाओं में लक्षण दिखते हैं वो लक्षण फाइब्रॉएड के स्थान, आकार और संख्या से प्रभावित हो सकते हैं। जिन महिलाओं में लक्षण होते हैं, उनमें गर्भाशय फाइब्रॉएड के सबसे आम लक्षणों में निम्न शामिल हैं:
यूटेरिन फाइब्रॉएड के सटीक कारणों का अब तक पता नहीं चला है, लेकिन शोध और क्लीनिक अनुभव के आधार यह निम्न कारणों से हो सकता है:
यूटेरिन फाइब्रॉएड का इलाज उसके लक्षण, गंभीरता और होने वाले एरिया के आधार पर किया जाता है। इसे निम्न तरीकों से ठीक किया जा सकता है:
दवाएंगर्भाशय फाइब्रॉएड इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में निम्न शामिल हैं:
गैर-इनवेसिव प्रक्रिया
गर्भाशय फाइब्रॉएड के लिए एक गैर-इनवेसिव उपचार विकल्प जो आपके गर्भाशय को सुरक्षित रखता है, किसी चीरे की आवश्यकता नहीं होती है और यह एक आउट पेशेंट के आधार पर किया जाता है।
एमआरआई स्कैनर के अंदर जब पीड़ित होती हैं तो इस तरह का इलाज किया जाता है। इसमें छवियां डॉक्टर को गर्भाशय फाइब्रॉएड का सटीक स्थान देती हैं। जब फाइब्रॉएड के स्थान को लक्षित किया जाता है, तो अल्ट्रासाउंड ट्रांसड्यूसर रेशेदार ऊतक के छोटे क्षेत्रों को गर्म करने और नष्ट करने के लिए ध्वनि तरंगों (सोनिकेशन) को फाइब्रॉएड में केंद्रित करता है।
न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाएं
कुछ प्रक्रियाएं गर्भाशय फाइब्रॉएड को वास्तव में सर्जरी के माध्यम से हटाए बिना नष्ट कर सकती हैं। इनमें सम्मिलित हैं:
सर्जरी
जैविक खाद्य पदार्थ अपने खाने में जैविक खाद्य पदार्थों को शामिल कर फाइब्रॉएड पर अंकुश लगा सकते हैं।
खाने की प्लेट को ताजे फल और सब्जियों से लोड करें- सेब, टमाटर जैसे फल और ब्रोकोली और गोभी जैसी क्रूस वाली सब्जियां खाने से फाइब्रॉएड विकसित होने का खतरा कम हो सकता है। और, स्वस्थ विकल्प जैसे कि जैविक फल और सब्जियां और साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थ खाने से आपके लक्षणों को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
रक्तचाप पर नज़र बनाकर रखें- फाइब्रॉएड और उच्च रक्तचाप के बीच एक मजबूत संबंध दिखाया है। आहार, जीवनशैली या दवा के साथ अपने रक्तचाप को प्रबंधित करने के तरीके के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
तनाव को बाय-बाय- फाइब्रॉएड पर तनाव के प्रभाव पर चल रहे शोद के अध्ययनों से पता चलता है कि दोनों जुड़े हो सकते हैं। तनाव को मैनेज करने में मदद करने के लिए योग, मालिश और ताई ची जैसी विश्राम तकनीकों का प्रयास करें। कुछ महिलाओं को लगता है कि एक्यूपंक्चर जैसी वैकल्पिक चिकित्सा भी उनके मासिक धर्म के दर्द को दूर करने में मदद कर सकती है।
आराम को तरजीह दें- यदि फाइब्रॉएड के कारण दर्दनाक माहवारी हो रही हो , तो लेटने की कोशिश करें और अपने पैरों को तकिये से ऊपर उठाएं। या अपनी तरफ लेट जाएं और अपनी पीठ से दबाव हटाने के लिए अपने घुटनों को अपनी छाती में लाएं।
विटामिन डी है कारगर- कुछ शोध सुझाव देते हैं कि विटामिन डी जैसे पूरक फाइब्रॉएड के लिए आपके जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
अपने डाक्टर खुद ना बनें- कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
नो प्रोसेस्ड फूड- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे रेड मीट और उच्च वसा वाले डेयरी से भरा आहार न खाएं। इन खाद्य पदार्थों को खाने से फाइब्रॉएड खराब हो सकते हैं।
शराब और कैफीन को ना- शराब और कैफीन युक्त पेय या खाने जैसे काफी, चाय आदि का सेवन करने से फाइब्रॉएड की स्थिति और ज्यादा बिगड़ सकती है।
वर्कआउट को न छोड़ें- जिन महिलाओं ने अधिक व्यायाम किया जैसे प्रति सप्ताह लगभग 7 घंटे दौड़ना, नृत्य करना या चलना जैसी गतिविधियाँ,उनमें फाइब्रॉएड विकसित होने की संभावना सबसे कम थी। व्यायाम से ब्लड प्रेशर भी मैनेज होता है जिससे इस समस्या में भी राहत मिलती है।
चीनी की अति ना करें- उच्च चीनी आहार खाने से फाइब्रॉएड के उच्च जोखिम से जोड़ा जा सकता है। ऐसे में चीनी को मैनेज करने और कंट्रोल करना जरुरी है
धूम्रपान न करें- विशेषज्ञों का मानना है कि धूम्रपान आपके मासिक धर्म के दर्द को बढ़ा सकता है क्योंकि यह आपके प्लेविक एरिया को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देता है।
कुछ भी ट्राइ ना करने लगें- कुछ वैकल्पिक चिकित्सा चिकित्सक गर्भावस्था का समर्थन करने और पीएमएस का इलाज करने के लिए रास्पबेरी पत्ती चाय जैसे पूरक की सलाह देते हैं। यही चाय फाइब्रॉएड के लिए उपयुक्त नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि चाय शरीर पर एस्ट्रोजन जैसा प्रभाव डाल सकती है और आपकी समस्या को और भी बदतर बना सकती है।
ग्रीन टी
नियमित रूप से ग्रीन टी पीने से फाइब्रॉइड की समस्या में बड़ी राहत पाई जा सकती है। इसका कारण है कि ग्रीन टी में एपीगेलोकैटेचिन गैलेट नाम का एलीमेंट पाया जाता है जो फाइब्रॉइड कोशिकाओं की वृद्धि को समाप्त करता है। इसके अलावा ग्रीन टी में सूजन प्रतिरोध का भी गुण है जिससे फाइब्रॉएड का साइज भी कम किया जा सकता है।
दूध
महिलाएं अगर दिन में तीन या चार तरह के डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करते हैं तो उनमें सामान्य महिलाओं की तुलना में फाइब्रॉएड होने की आंशका करीब 30 प्रतिशत तक कम पाई जाती है। डेयरी उत्पाद में पाया जाने वाला कैल्शियम फाइब्राइ़ड सेल के प्रसार को कम करने में मदद करता है।
लहसुन
लहसुन में प्राकृतिक रुप से एंटीऑक्सीडेंट के साथ ही एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों का भंडार पाया जाता है। इससे ट्यूमर और गर्भाशय फाइब्रॉएड के विकास को रोका जा सकता है। महिलाएं अगर रोजाना तीन से पांच लहसुन की लौंग खा लें तो काफी फायदा हो सकता है। इसे दूध के साथ भी लिया जा सकता है।
आंवला
लहसुन की तरह ही आवंले में भी एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसी वजह से आंवला फाइब्रॉइड और इसके लक्षणों के उपचार के लिए बहुत कारगर है। यह इसका प्राकृतिक इलाज तक कहा जाता है। इसे एक चम्मच आवंला पाउडर और एक चम्मच शहद के पेस्ट के तौर पर हर रोज खाली पेट लेने से फायदा होता है।
बरडॉक रूट
बरडॉक रूट को लिवर के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। यह लिवर की ताकत बढ़ाता है और इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। इससे फाइब्रॉएड का विकास रुक जाता है। इसमें पाया जाना वाला रसायन लिगनेन आर्कटिगेनिन फाइब्रॉइड का साइज भी घटा सकता है।
एप्पल साइडर सिरका
सेब का सिरका यानी एप्पल साइडर सिरका शरीर से टॉक्सिन्स को हटाकर और फैट लॉस को बढ़ावा देता है। इसे फाइब्रॉएड में काफी असरदार माना जाता है।
सिंहपर्णी
लिवर जब कमजोर होता है तो शरीर में अधिक हार्मोंन बनता है। इससे फाइब्रॉएड की दिक्कत हो जाती है। सिंहपर्णी को इस समस्या के सबसे बेहतरीन इलाज में से एक माना जाता है। यह लिवर के टाक्सिन्स को खत्म करती है। इससे फ्राइब्राइड्स की समस्या भी समाप्त हो जाती है।
भारत में यूटरीन फाइब्रॉएड की सर्जरी का खर्च 55 हजार रुपए से शुरु होकर सवा लाख रुपए तक होती है। यह कई तरह के कारकों, किस डाक्टर से आप इलाज करा रहे हैं इस पर निर्भर है।
यूटरीन फाइब्रॉएड गर्भाशय की ऐसी ग्रोथ होती है जो गैर-कैंसरीय होती हैं। यहअक्सर बच्चे के जन्म के वर्षों के दौरान दिखाई देती हैं। यह चार प्रकार के होते हैं जो इनके होने की जगह पर निर्भर करती हैं। इसमें पीरिड्स में भारी ब्लीडिंग,मासिक धर्म एक सप्ताह से अधिक समय तक चलते हैं,पैल्विक दबाव या दर्द जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है। इसका कारण अनुवांशिक परिवर्तन, हार्मोन असंतुलन, खाने पीने में लापरवाही हो सकती है। कई बार इसमें कुछ भी नहीं करना होता पर स्थिति गंभीर हो तो दवा और सर्जरी की जाती है। सर्जरी से इसमें पूरी राहत मिलती है।