यूटीआई (UTI) या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, मूत्रमार्ग संक्रमण की बेहद सामान्य स्थिति है। यह तब होता है जब मूत्राशय और उसकी नली बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाती है। बैक्टीरिया, मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्र पथ में प्रवेश करते हैं और मूत्राशय के अंदर फैलने व गुणा करने लगते हैं। इस स्थिति में बैक्टीरिया शरीर पर कब्जा कर लेते हैं और मूत्र पथ (UTI) के अंदर एक पूर्ण विकसित संक्रमण हो जाता है। यूटीआई (UTI), पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है।
सिस्टिटिस आमतौर पर ई कोलाई (एस्चेरिचिया कोली) बैक्टीरिया के कारण होता है जो आमतौर पर जीआई (गैस्ट्रो-आंत्र) पथ में पाए जाते हैं। कई बार सेक्स के दौरान भी यह संक्रमण हो सकता है। महिलाओं की शारीरिक रचना के कारण इस प्रकार के संक्रमण का खतरा उन्हें अधिक बढ़ जाता है। दरअसल महिलाओं की यौन संरचना की बात करें तो उनके मूत्रमार्ग से गुदा तक की दूरी काफी कम होती है।
मूत्रमार्गशोथ तब होता है जब जीआई बैक्टीरिया गुदा से मूत्रमार्ग में फैलता है। गोनोरिया, दाद, क्लैमाइडिया और मायकोप्लाज्मा जैसे यौन संचारित रोग भी इस बीमारी की संभावना को बढ़ाते हैं।
मूत्र मार्ग संक्रमण के शुरुआती लक्षण:
एक्यूट पाइलोनफ्राइटिस के लक्षण:
मूत्रमार्गशोथ के लक्षण
ई कोलाई बैक्टीरिया मूत्र पथ के संक्रमण का मुख्य कारण हैं। UTI इंफेक्शन के अन्य कारण नीचे दिए जा रहे हैं:
यूटीआई या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन बिना एंटीबायोटिक दवाओं के अपने आप दूर हो सकता है। शरीर एक सप्ताह के भीतर एक मामूली यूटीआई को ठीक कर सकता है। लगभग 25% से 50% महिलाओं को दवा की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, कुछ गंभीर मामलों में, यूटीआई के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स आवश्यक हैं।
यूटीआई काफी आम संक्रमण है। यह संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया और फंगस के कारण हो सकता है। एंटीबायोटिक्स की मदद से यूटीआई 24 घंटे से 48 घंटे के भीतर दूर हो सकता है। हालांकि, अगर संक्रमण किडनी तक पहुंच गया है, तो यूटीआई को दूर होने में एक सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है।
नहीं, पुरुष किसी महिला को यूटीआई नहीं दे सकता, यह सेक्स के दौरान एक साथी से दूसरे में संचारित नहीं होता है। यूटीआई, यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया के बढ़ने या उनके विकास करने के कारण होता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों को यूटीआई होता है, लेकिन यह महिलाओं में अधिक आम है।
यह सलाह दी जाती है कि यदि आप यूटीआई के लक्षण देखते हैं, बार-बार यूटीआई प्राप्त करते हैं, लक्षणों में दिनों में सुधार नहीं होता है और यदि संक्रमण किडनी तक पहुंच गया है और निम्नलिखित लक्षण हैं तो डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी जाती है:
यूटीआई (UTI) मुख्य रूप से ई-कोलाई बैक्टीरिया के कारण होता है। संक्रमण के दौरान यह बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से होते हुए ब्लैडर तक पहुंच जाता है। यह मूत्र संबंधी रोगों का कारण बनता है। UTI संक्रमण पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है।
डायबिटीज के मरीजों में यूटीआई का खतरा अधिक होता है। दरअसल डायबिटीज मरीजों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और हाई ब्लड शुगर लेवल, यूरिन में फैलकर बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करता है। इसके अलावा एक वजह यह भी है की डायबिटीज के मरीजों का ब्लैडर पूरी तरह खाली नहीं होता है जिससे यूटीआई की संभावना बनी रहती है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को UTI के शुरुआती लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हां, सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं में UTI इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा कम पानी पीने वाले, एक दिन में कई बार नहाने वाले, बहुत देर तक पेशाब को रोक कर रखने वाले और किडनी स्टोन के मरीजों को भी UTI इंफेक्शन जल्दी हो सकता है।
मूत्र पथ के संक्रमण का निदान निम्नलिखित चरणों में किया जाता है:
बच्चों में मूत्र मार्ग संक्रमण के कारण किडनी को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। यदि संक्रमण सरल है, तो मौखिक दवाओं की सलाह दी जा सकती है। आमतौर पर, बच्चों को एमोक्सिसिलिन और क्लैवुलैनिक एसिड, सेफलोस्पोरिन, सल्फामेथोक्साज़ोल-ट्रिमेथोप्रीम, डॉक्सीसाइक्लिन (8 वर्ष से अधिक), और नाइट्रोफ्यूरेंटाइन दवाएं दी जाती हैं। यदि UTI गंभीर है, तो अस्पताल में भर्ती या IV तरल पदार्थ प्रशासित किए जा सकते हैं।
आमतौर पर, पुरुषों का मूत्र मार्ग संक्रमण जटिल होता है। इसके उपचार के जरिए गुर्दे और ऊपरी मूत्र पथ में फैलने वाले संक्रमण को रोका जा सकता है। आमतौर पर बैक्टीरिया को मारने और मूत्राशय के दर्द व अन्य लक्षणों को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाओं के साथ एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए न्यूनतम एंटीबायोटिक उपचार योजना 7 दिनों की होती है। यदि आवश्यक हो तो एंटीबायोटिक कोर्स को आगे बढ़ाया जा सकता है।
महिलाओं के जननांग की जटिल संरचना होने के कारण उन्हें बार-बार UTI संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से महिलाओं में होने वाले UTI को दूर किया जा सकता है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन केवल हल्के मामलों में ही अपने आप ठीक हो सकता है। हालांकि, ज्यादातर स्थितियों में, उचित उपचार और देखभाल के लिए किसी विशेषज्ञ से परामर्श करने की आवश्यकता होती है। यूटीआई के ऐसे मामले निम्नलिखित लक्षणों के साथ होते हैं:
मूत्र पथ के संक्रमण के हल्के मामलों में आमतौर पर उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे मामलों में, संक्रमण के लिए कुछ दिनों के भीतर, स्व-देखभाल या घरेलू उपचारों के उपयोग और बिना एंटीबायोटिक दवाओं के अपने आप ठीक हो जाता है। ऐसे मामलों में एंटीबायोटिक दवाओं को लेने से बचना चाहिए। इससे शरीर में एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोध के विकास की संभावना बढ़ जाती है।
मूत्र पथ के संक्रमण के मामले में उपचार के बाद के दिशानिर्देशों में आम तौर पर शामिल हैं:
एंटीबायोटिक्स दवाएं इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारकर यूटीआई इंफेक्शन का इलाज करने में मदद करती हैं। मरीज को इन दवाओं का सेवन केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार ही करने की सलाह दी जाती है। यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो UTI किडनी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
यूटीआई के बेहतर इलाज के लिए सबसे अच्छे एंटीबायोटिक्स नीचे दी गई हैं:
फ़्लोरोक्विनोलोन, एंटीबायोटिक दवाओं के समूह की दवाएं जैसे लेवोफ़्लॉक्सासिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन और अन्य आमतौर पर सरल यूटीआई के इलाज के लिए अनुशंसित नहीं हैं। इन दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के कारण UIT संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। हालांकि किडनी इंफेक्शन जैसे जटिल यूटीआई के मामले में, मरीज को फ़्लोरोक्विनोलोन दवा दी जा सकती है।
पायलोनेफ्राइटिस यानी की क्रोनिक किडनी इंफेक्शन से स्थायी किडनी डैमेज का कारण बन सकता है। यह एक अनुपचारित यूटीआई का कारण होता है। यूटीआई संक्रमित गर्भवती महिलाएं कम वजन के शिशुओं को जन्म दे सकती हैं। बार-बार UTI से संक्रमित होने वाले पुरुषों में मूत्रमार्ग सख्ती या संकीर्णता हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, जिन महिलाओं ने तीन या तीन से अधिक बार यूटीआई का अनुभव किया है, वे बार-बार होने वाले यूटीआई संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हो सकती हैं। हालांकि इससे सेप्सिस तभी हो सकता है जब इस संक्रमण अनुपचारित छोड़ दिया जाता है। ऐसी परिस्थितियों में यह जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
यदि यूटीआई (UTI) का समय पर इलाज न किया गया तो यह किडनी में संक्रमण को बढ़ा सकता है। इससे कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। गंभीर मामलों में यूटीआई (UTI), सेप्सिस का कारण बन सकता है जो संक्रमण की घातक प्रतिक्रिया है। यदि UTI के लक्षणों में सुधार नहीं होता है तो यह बुखार को बढ़ा सकता है, ब्रेन फॉग, कमजोर नाड़ी, अत्यधिक पसीना और अतालता का कारण बन सकता है।
यूटीआई से पीड़ित कई महिलाएं मूत्र उत्पादन में कमी के कारण रात में UTI के सबसे खराब लक्षणों का अनुभव करती हैं। यही वजह है की मूत्राशय में दर्द और परेशानी बढ़ जाती है।
मूत्र पथ संक्रमण (UTI) को पूरी तरह से ठीक होने की समय अवधि, संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करती है। सामान्य व हल्के मामले या ऐसे मामले जिनमें एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता नहीं होती है, UTI के उन मामलों को ठीक होने में कुछ ही दिन का समय लगता है।
हालांकि, जिन मामलों में एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से इलाज किया जाता है, उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में एंटीबायोटिक दवाओं का पूरा कोर्स करना होता है। एंटीबायोटिक के प्रकार के आधार पर इसका इलाज कुछ दिन या उससे अधिक तक हो सकता है।
भारत में मूत्र पथ के संक्रमण के उपचार की कीमत में मुख्य रूप से उपचार के लिए अनुशंसित एंटीबायोटिक दवाओं के पूरे कोर्स से संबंधित खर्च शामिल है। यह 222रु से 22,255 रु के बीच हो सकता है। इसमें लैब टेस्ट और डॉक्टर की फीस शामिल है।
मूत्र पथ संक्रमण (UTI) से निपटने के लिए दवाओं के साथ स्वस्थ भोजन खाना बेहद जरूरी होता है। इसलिए हमारे लिए उन खाद्य पदार्थों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है जो यूटीआई की स्थिति को सकारात्मक असर करते हैं और तेजी व आसान रिकवरी करने में मदद करते हैं। UTI के इलाज में मदद करने वाले कुछ खाद्य पदार्थ नीचे दिए जा रहे हैं:
UTI संक्रमण से तेज से रिकवरी करने के लिए निम्न खाद्य व पेय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए:
मूत्र पथ संक्रमण (UTI) के लिए उपचार योजना में आमतौर पर हमलावर बैक्टीरिया के प्रकार और स्थिति की गंभीरता के आधार पर एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग शामिल है। आमतौर पर पसंद किए जाने वाले एंटीबायोटिक्स में सेफ्ट्रिएक्सोन, सेफैलेक्सिन, फॉस्फोमाइसिन, ट्राइमेथोप्रिम और मैक्रोडेंटिन शामिल हैं। हालांकि, यूटीआई के उपचार के दौरान एंटीबायोटिक दवाओं के कारण कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं:
UTI इलाज के ज्यादातर परिणाम स्थायी होते हैं। बार-बार होने वाले मूत्र पथ संक्रमण को एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए प्रबंधित किया जा सकता है। बुजुर्गों में बार-बार होने वाले मूत्र पथ संक्रमण के लिए कभी-कभी सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया के सुधार औरमधुमेह मेलिटस जैसी बीमारियों के उपचार की आवश्यकता होती है।
यूटीआई से पीड़ित मरीजों को असंयम पैंट या पैड के साथ सोने की सलाह दी जाती है। यह रात में और सोते समय पेशाब को कम करने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, दर्द को कम करने के लिए, पेट को गर्म करने और बेचैनी को कम करने के लिए गर्म पानी की बोतल का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, सोने से पहले मूत्राशय को पूरी तरह से खाली कर दें।
यूटीआई के इलाज के लिए घरेलू उपचार हैं:
मूत्र पथ संक्रमण (UTI) के मामलों में मुख्य उपचार पद्धति में एक विशेषज्ञ की देखरेख में एंटीबायोटिक दवाओं का पूरा कोर्स शामिल है। उपचार के लिए कुछ वैकल्पिक तरीके हैं जिनमें क्रैनबेरी जूस का सेवन शामिल है। यह यूटीआई के जोखिम को रोकता है। हालांकि इसके बारे में कोई प्रमाण नहीं है।
UTI से बचने के लिए शारीरिक व्यायाम नियमित रूप से किया जाना चाहिए। व्यायम करने से आंत्र और मूत्राशय के कार्य को विनियमित करने में सहायता मिलती है। इसके अलावा पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है, जो छींकने, हंसने, खांसने या अचानक पेशाब करने की इच्छा होने पर रिसाव को रोकती है।
सारांश: मूत्र पथ संक्रमण, ई कोलाई जैसे बैक्टीरिया के कारण होता है। इसे डॉक्टर की सलाह पर सही एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है। इन दवाओं में सेफ्ट्रिएक्सोन, सेफलेक्सिन, फोस्फोमाइसिन, ट्राइमेथोप्रिम और मैक्रोडेंटिन शामिल हैं। UTI संक्रमण की प्रारंभिक स्थितियों के नियंत्रण और प्रबंधन में स्व-देखभाल और घरेलू उपचार भी अच्छी तरह से काम करते हैं। यह संक्रमण पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक संक्रमित करता है।