योनि के सिस्ट थैली जैसी गांठें होती हैं जिनमें द्रव, हवा या कोई अन्य पदार्थ भरा हो सकता है। ज्यादातर मामलों में योनि के सिस्ट दर्द रहित होते हैं और कोई हानि नहीं पहुंचाते हैं। विभिन्न मामलों में सिस्ट का आकार भिन्न हो सकता है। कुछ बहुत छोटे होते हैं जबकि कुछ संतरे के आकार जितने बड़े हो सकते हैं। योनि के सिस्ट कई कारण से हो सकते हैं।ये बच्चे के जन्म के दौरान चोट लगने, योनि में तरल पदार्थ के निर्माण और योनि में ट्यूमर होने के कारण पनप सकते हैं। यदि आपको योनि के सिस्ट के कारण किसी प्रकार की असहजता हो रही है या ये सिस्ट बार-बार वापस आ रहे हैं, तो आप इन्हें सर्जरी के माध्यम से निकलवा सकते हैं। 40 वर्ष से अधिक उम्र वालों को योनि के सिस्ट हटवाने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये कैंसर का कारण बन सकते हैं।
योनि सिस्ट के कुछ सामान्य प्रकार हैं
इंक्लूज़न सिस्ट सबसे आमतौर पर होने वाले योनि के सिस्ट हैं। ये बहुत छोटे होते हैं और योनि की दीवार के निचले हिस्से में हो सकते हैं। इनके छोटे आकार के कारण इन्हें नोटिस करना मुश्किल है। इंक्लूज़न सिस्ट होने का प्रमुख कारण बच्चे के जन्म या सर्जरी के दौरान लगने वाली चोटें हैं।
बार्थोलिन की ग्रंथियां योनि के द्वार के दोनों ओर स्थित होती हैं। ये लेबिया को चिकनाई देने वाले पदार्थ के उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं। कई बार इन ग्रंथियों का द्वार अवरुद्ध हो जाता है और इनमें तरल पदार्थ जमा हो जाता है।इससे सूजन हो सकती है जिसे बार्थोलिन सिस्ट कहा जाता है। आमतौर पर यह सिस्ट दर्द रहित होती है।पर अगर पुटी में कोई संक्रमण होता है तो इनमें मवाद जमा हो सकता है और योनि के ऊतकों में सूजन पैदा कर सकता है जिसे आमतौर पर फोड़े के रूप में जाना जाता है।सही उपचार प्रक्रिया इस बात पर निर्भर करती है कि सिस्ट दर्दनाक और संक्रमित है या नहीं।
शिशु के जन्म लेने के बाद विकासशील भ्रूण के लिए बनी डक्ट्स गायब हो जानी चाहिए।पर हमेशा ऐसा नहीं होता है। कभी-कभी ये डक्ट्स रह जाती हैं और बाद में योनि के सिस्ट बना सकती हैं।
बच्चे के विकसित होने को दौरान कुछ सामग्री छूट जाती है जिसके कारण मुलेरियन सिस्ट हो सकते हैं । ये योनि की सतह पर कहीं भी बन सकते हैं और ज्यादातर मामलों में इनमें म्यूकस भरा होता है।
योनि के सिस्ट होने के विभिन्न कारण हो सकते हैं। एक सिस्ट होने का प्रमुख कारण ग्रंथियों या डक्ट्स का बंद हो जाना है। इनका मार्ग अवरुद्ध के कारण योनि के ऊतकों और ग्रंथियों के अंदर तरल पदार्थ और अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं, जिससे सिस्ट बन जाते हैं।योनि की दीवारों पर चोट लगने के कारण भी योनि के सिस्ट हो सकते हैं। जैसे बच्चे के जन्म के दौरान योनि की दीवार पर दबाव और आघात लगता है । यदि आप बच्चे के जन्म के दौरान एपीसीओटॉमी से गुजरती हैं तो आप एक इंक्लूज़न सिस्ट विकसित कर सकते हैं। दरअसल एपीसीओटॉमी एक सर्जिकल कट है
जिसे डॉक्टर योनि के द्वार पर बनाते हैं ताकि इसे बड़ा किया जा सके और बच्चे के लिए बाहर आना आसान हो सके। इंक्लूजन सिस्ट तब भी हो सकते हैं जब आप योनि की परत पर दबाव डालने वाली कोई सर्जरी कराते हैं।बार्थोलिन ग्रंथि के खुलने में रुकावट बार्थोलिन ग्रंथि के सिस्ट का कारण है। रुकावट के कारण ग्रंथि में तरल पदार्थ जमा हो जाता है जिससे द्रव से भरी थैली बन जाती है। क्लैमाइडिया और गोनोरिया पैदा करने के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया सहित कई प्रकार के बैक्टीरिया से भी बार्थोलिन सिस्ट हो सकता है। कभी-कभी ये आंतों के मार्ग में पाए जाने वाले बैक्टीरिया ई. कोलाई से हो सकता है ।
विशेषज्ञ मानते हैं कि योनि के सिस्ट होने पर किसी तरह का विशेष आहार रोग पर किसी तरह का असर नहीं डालता है। पर अगर आप संतुलित आहार का पालन करें तो बेहतर होगा। इसके लिए आप फाइबर,प्रोटीन्स और विटामिन्स से भरपूर भोजन करें।साथ ही तरल पदार्थों का सेवन भरपूर मात्रा में करें।शरीर में पानी की कमी ना होने दें।
योनि के सिस्ट में कोई विशेष आहार की सिफारिश नहीं की जाती है। पर अगर आप जंक फूड के सेवन से बचें तो बेहतर है। इसके लावा मैदे से बनी खाद्य सामग्री ,अधिक तेल मसाले वाला भोजन भी आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
सिट्ज़ बाथ
सिट्ज़ बाथ में गर्म पानी भरें और उसे टॉयलेट के ऊपर रख दें। यह टब सिर्फ आपके जननांग क्षेत्र को भिगोता है । पानी में 1 से 2 बड़े चम्मच एप्सम साल्ट मिलाएं और पूरी तरह घुल जाने दें। दिन में दो बार, 10 से 20 मिनट के लिए इस पर बैठकर सिंकाई करें। यदि आपके पास सिट्ज़ बाथ नहीं है, तो आप किसी भी टब में कुछ इंच पानी भरकर भी सिंकाई कर सकते हैं।
सेब का सिरका
जानकार मानते हैं कि सेब के सिरके का उपयोग योनि के सिस्ट के आकार और सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। आप सिट्ज़ बाथ में 1 कप सेब का सिरका डालकर सिंकाई कर सकते हैं या आप सिरके में रूई को भिगोकर सीधे सिस्ट पर लगाएं और इसे 30 मिनट के लिए प्रभावित क्षेत्र पर रखें। ऐसा दिन में दो बार करें ।
हॉट कम्प्रेस
एक गर्म कम्प्रेस के इस्तेमाल से आपको आराम मिल सकता है।इसके लिए एक बोतल में गर्म पानी भरकर साफ तौलिये में लपेट लें। दर्द से राहत पाने के लिए इसे सिस्ट के ऊपर लगाएं। आप हीट पैक का उपयोग भी कर सकते हैं पर पैक और अपनी त्वचा के बीच एक और कपड़ा ज़रूर रखें। योनि क्षेत्र के ऊतक नाजुक होते हैं इसलिए सावधानीपूर्वक ही सिकांई करें। आप गर्म पानी में एक सूती कपड़ा डुबो कर भी इसे सीधे सिस्ट पर लगा सकते हैं।
एलोवेरा का मिश्रण
1 से 2 बड़े चम्मच एलोवेरा जेल में थोड़ा सा हल्दी पाउडर मिलाकर पेस्ट बना लें। सिस्ट पर मिश्रण को लगाने के लिए कॉटन बॉल का इस्तेमाल करें। इसे दिन में एक बार 20 से 30 मिनट के लिए लगा रहने दें। इसे स्वाभाविक रूप से साफ होने दें।
योनि के सिस्ट का इलाज
ज्यादातर मामलों में, योनि के सिस्ट का इलाज जरूरी नहीं है क्योंकि ज्यादातर सिस्ट बहुत छोटे होते हैं और कोई परेशानी नहीं बढ़ाते हैं।हालांकि आपको नियमित रूप से योनि की जांच और निगरानी करने की आवश्यकता हो सकती है। यदि सिस्ट असहजता बढ़ा रही है तो आपको उपचार की आवश्यकता हो सकती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ योनि के सिस्ट के इलाज के लिए विभिन्न उपचार विधियों का उपयोग कर सकते हैं:
एंटीबायोटिक्स
आपके चिकित्सक योनि सिस्ट के संक्रमित होने पर उसका इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं। यदि आपको यौन संचारित संक्रमण है तो भी एंटीबायोटिक्स लेना ही उपचार का तरीका है। यदि आप सिस्ट को पूरी तरह हटवाना चाहते हैं तो इन दवाओं की आवश्यकता नहीं हो सकती है।
सिट्ज़ बाथ
आप सिट्ज़ बाथ लेकर योनि के सिस्ट से होने वाली परेशानी को दूर कर सकते हैं। सिट्ज़ बाथ में दिन में कई बार गर्म पानी से भरे टब में बैठना पड़ता है। आपको 3-4 दिनों के लिए इस प्रक्रिया को दोहराना पड़ सकता है। बार-बार गर्म पानी में भीगने से योनि के छोटे-छोटे सिस्ट फट सकते हैं और उसमें मौजूद द्रव खत्म हो सकता है। इसके लिए चिकित्सक से परामर्श लें।
मार्सुपियलाइज़ेशन
मार्सुपियलाइज़ेशन प्रक्रिया उन सिस्ट के लिए आदर्श है जो आपके लिए परेशानी का कारण हैं और बार-बार आते रहते हैं। इस प्रक्रिया में द्रव निकालने के लिए चीरे के दोनों किनारों को सिलाई करना शामिल है। यह प्रक्रिया स्थायी रूप से द्रव निकासी के लिए मार्ग बनाने में मदद करती है जिससे भविष्य में सिस्ट के गठन को रोकने में मदद मिलती है।इस प्रक्रिया के प्रबावित क्षेत्र में एक रबर ट्यूब लगा कर छोड़ा जा सकता है।यह ट्यूब कुछ दिनों तक लगा रह सकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सिस्ट दोबारा न हों।
सर्जिकल ड्रेनेज
सर्जिकल ड्रेनेज उन मामलों में महत्वपूर्ण है जिनमें रोगी को एक बड़े आकार की सिस्ट हो या ऐसी सिस्ट हो जो संक्रमित हो गई हो।इस प्रक्रिया में आपके चिकित्सक दर्द को खत्म करने के लिए लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल करेंगे। सर्जिकल ड्रेनेज में सिस्ट में एक छोटा सा चीरा लगाकर उसके अंदर का द्रव निकालना शामिल है। सिस्ट को निकालने के बाद डॉक्टर चीरे में एक छोटी रबर ट्यूब लगा सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सिस्ट पूरी तरह से निकल जाए।इस प्रक्रिया में भी रोगी को रबर ट्यूब के साथ कई हफ्तों तक रहना पड़ सकता है।
सर्जरी
यदि रोगी के सिस्ट का आकार बड़ा है और आपको असहज महसूस कराता है, तो आपके सिस्ट इस पूरे सिस्ट को हटाने के लिए सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है। बार-बार होने वाले योनि के सिस्ट के इलाज के लिए सर्जरी ही एक अच्छा विकल्प है। 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए, योनि के सिस्ट को हटाने की सलाह दी जाती है क्योंकि वे कैंसर का कारण बन सकते हैं। सर्जरी के बाद सिस्ट दोबारा नहीं होती।इस प्रक्रिया से पहले आपको कैंसर की उपस्थिति का पता लगाने के लिए बायोप्सी से गुजरना पड़ सकता है। बायोप्सी में आपके सिस्ट से एक छोटा ऊतक निकालकर जांच के लिए भेजा जाता है।सर्जरी के लिए आपको जनरल या लोकल एनेस्थीसिया दी जा सकती है। सर्जरी के 1 से 6 घंटे बाद रोगी को घर जाने की अनुमति मिल जाती है। रोगी को ठीक होने में कई सप्ताह लग सकते हैं। सर्जरी के बाद, कम से कम दो सप्ताह तक या योनि के पूरी तरह ठीक होने तक यौन संबंध बनाने से बचें। कुछ महिलाओं को योनि के सिस्ट से पूरी तरह छुटकारा पाने के लिए कई बार सर्जरी का आवश्यकता होती है।
योनि के सिस्ट के इलाज में करीब 20,000 रुपए से लेकर 110,000 रुपए तक का खर्च आ सकता है। हालांकि आपके रोग की स्थिति ये तय करती है कि आपके इलाज की लागत कितनी हो सकती है। साथ ही आप किस अस्पताल में और किस डॉक्टर से सर्जरी करवा रहे हैं इससे भी खर्च में फर्क आ सकता है।
योनि के सिस्ट थैली जैसी गांठें होती हैं जिनमें द्रव, हवा या कोई अन्य पदार्थ भरा हो सकता है। ज्यादातर मामलों में योनि के सिस्ट दर्द रहित होते हैं और कोई हानि नहीं पहुंचाते हैं।योनि के सिस्ट कई कारण से हो सकते हैं।ये बच्चे के जन्म के दौरान चोट लगने, योनि में तरल पदार्थ के निर्माण और योनि में ट्यूमर होने के कारण पनप सकते हैं। ये कई प्रकार के होते हैं। अकसर यह जानना मुश्किल होता है कि आपको योनि के सिस्ट हैं, क्योंकि ज्यादातर मामलों में इनमें कोई दर्द नहीं होता है।अगर योनि के सिस्ट में कोई दर्द नहीं होता है, तो भी यह परेशानी पैदा कर सकता है, खासकर अगर सिस्ट बहुत बड़ा हो।
एक सिस्ट होने का प्रमुख कारण ग्रंथियों या डक्ट्स का बंद हो जाना है। बार्थोलिन ग्रंथि के खुलने में रुकावट बार्थोलिन ग्रंथि के सिस्ट का कारण है। इस स्थिति में सिट्ज़ बाथ, सेब का सिरका, हाट कंप्रेस जैसे बहुत से घरेलू नुस्खों राहत दिला सकते हैं पर वास्तव में इसका इलाज सर्जरी से ही संभव है । 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए, योनि के सिस्ट को हटाने की सलाह दी जाती है क्योंकि वे कैंसर का कारण बन सकते हैं। सर्जरी के बाद सिस्ट दोबारा नहीं होती।सर्जरी के 1 से 6 घंटे बाद रोगी को घर जाने की अनुमति मिल जाती है। रोगी को ठीक होने में कई सप्ताह लग सकते हैं।