योनि संक्रमण (Vaginal infection) योनि में यीस्ट की अधिक वृद्धि के कारण होता है। योनि में यह संक्रमण कैंडिडा एल्बिकांस नामक फंगस की वजह से होता है। यह एक प्रकार का यीस्ट है। योनि में पाया जाने वाला ये फंगस तेजी से वृद्धि करता है और योनि के टिश्यू को नुकसान पहुंचाता है।|
योनि संक्रमण (Vaginal infection) के कारण महिलाओं को खुजली, जलन और योनि में दर्द महसूस होने लगता है। यह महिलाओं के लिए बेहद परेशानी वाला अनुभव होता है। इसकी वजह से कई बार उन्हें अपने दैनिक कार्यों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस संक्रमण के कारण योनि पर सफेद रंग के निशान पड़ जाते हैं और योनि से होने वाले डिस्चार्ज से बदबू आने लगती है।
योनि में होने वाले इस संक्रमण को मेडिकल व घरेलू उपायों के जरिए ठीक किया जा सकता है। इस संक्रमण से बचने के लिए महिलाओं को अपने निजी अंगों को अच्छी तरह से साफ रखने की सलाह दी जाती है।
योनिशोथ (वेजाइनाइटिस) योनिशोथ (वेजाइनाइटिस) दुनिया भर में महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले संक्रमणों में से सबसे आम है। इसके कारण महिलाओं कोवैजाइनल डिस्चार्ज, और वजाइना में खुजली व दर्द होता है।
योनि संक्रमण (Vaginal infection) को मुख्य रूप से पांच भागो में बांटा गया है:
सारांश: योनिशोथ (वैजाइनिटिस) को आम तौर पर असुविधाजनक सूजन के रूप में परिभाषित किया जाता है। इससे पीड़ित महिला को योनि से अधिक डिस्चार्ज, योनि में खुजली और दर्द जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है।
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वैजाइनल इंफेक्शन एक तरह का फंगल इंफेक्शन है। इस संक्रमण से जुड़े योनि में खुजली और जलन व योनि से गाढ़ा सफेद स्राव जैसे हल्के लक्षण सामान्य तौर पर कुछ ही दिनों या महीनों में अपने आप ठीक हो सकते हैं। ऐसे मामलों में आमतौर पर चिकित्सा देखभाल और उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। इन्हें घरेलू उपचार और ओवर-द-काउंटर दवाओं के इस्तेमाल से नियंत्रित व ठीक किया जा सकता है।
सामान्य शब्दों में समझें तो महिलाओं के शरीर में मौजूद कैंडिडा और बैक्टीरिया असंतुलन के कारण यीस्ट इन्फेक्शन होता है। इन दोनों तत्वों का एक मिश्रण महिलाओं में मौजूद होता है। लैक्टोबैसिलस के संक्रमण जैसी चीजें योनि में असंतुलन पैदा कर सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप यीस्ट संक्रमण हो सकता है।
वैजाइनल इंफेक्शन के कारण नीचे दिए जा रहे हैं:
सारांश: सामान्य शब्दों में, कैंडिडा में असंतुलन और शरीर में मौजूद नेचुरल बैक्टीरिया, यीस्ट संक्रमण का कारण बनता है। शरीर के ऐसे तत्वों के असंतुलन से यीस्ट इन्फेक्शन होता है।
हां, महिलाओं को अक्सर अपने प्यूबिक हेयर को शेव करने के बाद यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है। इसके दो कारण हैं। सबसे पहले, प्यूबिक हेयर योनि को सांस लेने और सूखने की अनुमति देते हैं। यह एक सुरक्षात्मक अवरोध बनाते हैं जो फ्रिक्शन या किसी भी बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं। यही वजह है की इन्हें हटाने से योनि में संक्रमण का खतरा बढ़ जा जाता है। वहीं, यीस्ट इंफेक्शन का दूसरा कारण शेविंग के बाद योनि क्षेत्र में होने वाले मुंहासे, इंफेक्शस इनग्रोन और त्वचा एलर्जी के अन्य रूपों का उभरना है। यह योनि स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं।
सारांश: महिलाएं अक्सर अपने प्यूबिक हेयर को शेव करने के बाद यीस्ट संक्रमण का अनुभव करती हैं। प्यूबिक हेयर को शेव करने से योनि की सुरक्षात्मक परत कम हो जाती है जिससे मुंहासे, इंफेक्शस, इनग्रोन, और त्वचा एलर्जी हो सकती है। यह संक्रमण को जन्म देती है।
महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन काफी आम है। करीब 75% महिलाओं को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार यीस्ट इंफेक्शन का अनुभव होता है। यह बहुत आम है क्योंकि इस संक्रमण के लिए जिम्मेदार मुख्य बैक्टीरिया शरीर में ही मौजूद होता है।
सारांश: महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन बेहद आम है। करीब 75% महिलाओं को यीस्ट इंफेक्शन का सामना करना पड़ता है।
हां, कुछ मामलों में स्पर्म भी यीस्ट इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। यह तब भी हो सकता है जब आपका पार्टनर 100% स्वस्थ हो। इसके अलावा असुरक्षित सेक्स भी यीस्ट इंफेक्शन के मुख्य कारणों में से एक है। दरअसल वीर्य (सीमेन) की रासायनिक संरचना प्रत्येक व्यक्ति में भिन्न होती है। यदि शुक्राणु (स्पर्म) में अम्लता (एसिडिटी) अधिक है, तो यह योनिशोथ (वेजाइनाइटिस) का कारण बन सकता है।
सारांश: हां, वीर्य की रासायनिक संरचना प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग होती है। यदि शुक्राणु (स्पर्म) में अम्लता (एसिडिटी) अधिक होती है तो यह योनिशोथ (वैजाइनिटिस) का कारण बन सकता है।
नहीं, तनाव प्रत्यक्ष रूप से यीस्ट इंफेक्शन का कारण नहीं होता है। हालांकि, तनाव आपकी प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं। इनमें यीस्ट इंफेक्शन भी शामिल हो सकता है। दरअसल लंबे समय तक तनाव में रहने से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इससे हमारा शरीर कमजोर हो जाता है। तनाव के दौरान व्यक्ति स्वयं की देखभाल करने से चूक जाता है, जिससे योनि में यीस्ट संक्रमण विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।
सारांश: तनाव, प्रत्यक्ष रूप से वैजाइनल इंफेक्शन का कारण नहीं बनता है। हालांकि, तनाव आपकी प्रतिरक्षा को कम कर सकता है जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं, इनमें यीस्ट इंफेक्शन भी शामिल है।
योनि संक्रमण के निम्न लक्षण हैं:
योनि संक्रमण (वैजाइनल इन्फेक्शन) का निदान आमतौर पर निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है:
योनि में संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) का इलाज निम्न में से कुछ तरीकों से किया जा सकता है:
योनि संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) आमतौर पर ज्यादातर मामलों में स्वयं की देखभाल और घरेलू उपचार की मदद से ठीक हो जाता है। कुछ मामलों में, इसे मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है। ऐसी महिलाएं जिन्हें वैजाइनल इंफेक्शन के कारण मूत्र पथ संक्रमण जैसे पेशाब करने में दर्द और अन्य मूत्र संबंधी समस्याएं, योनि विकार से संबंधित अन्य लक्षण और योनि डिस्चार्ज होने पर दर्द या अत्यधिक डिस्चार्ज जैसी स्थितियों में उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है।
ऐसी महिलाएं जिनके प्रभावित क्षेत्र में खुजली, जलन और योनि से गाढ़ा सफेद स्राव जैसे सामान्य लक्षण दिखते हैं उन्हें मेडिकल इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे मामलों में यह कुछ दिनों या महीनों के अंतराल में अपने आप ठीक हो जाते हैं। इन्हें घरेलू उपचार और ओवर-द-काउंटर दवाओं के उपयोग के द्वारा नियंत्रित या प्रबंधित किया जा सकता है।
योनि संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) के उपचार में स्व-देखभाल और एंटी-फंगल दवाएं शामिल हैं। स्व-देखभाल में पर्याप्त स्वच्छता, संतुलित आहार और सुरक्षित सेक्स शामिल है।
एंटी-फंगल क्रीम जैसे क्लोट्रिमेज़ोल या मिकोनाज़ोल व मौखिक दवाएं जैसे फ्लुकोनाज़ोल (डिफ्लुकन) या इब्रेक्साफनगेर्प (ब्रेक्साफ़ेम) के जरिए योनि संक्रमण को ठीक कर सकते हैं।
गर्भावस्था के मामले में, क्रीम का उपयोग करना सुरक्षित है। मौखिक दवाओं का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करना चाहिए।
सारांश: योनि संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) को स्व-देखभाल और एंटिफंगल दवाओं के इस्तेमाल से ठीक किया जा सकता है। कुछ घरेलू उपाय और क्रीम के जरिए भी इसे ठीक किया जा सकता है।
हां, अगर ध्यान रखा जाए तो यीस्ट इंफेक्शन को ठीक किया जा सकता है। यीस्ट इंफेक्शन गर्मी और नमी के साथ पैदा होता है। ऐसे में महिलाएं सूती कपड़े के अंडरगारमेंट्स का उपयोग कर खुद को इंफेक्शन से बचा सकती हैं।
इसके अलावा योनि को स्वच्छ रखकर आहार में लैक्टिक एसिड को कम करके और किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित सेक्स न करके भी संक्रमण से बचा जा सकता है। ऐसी चीजों पर निवारक कार्रवाई भी संक्रमण को ठीक करने में आपकी मदद कर सकती है।
सारांश: यीस्ट इंफेक्शन गर्मी और नमी के कारण पैदा होता है। जब आप मोटे कपड़े पहनते हैं या ऐसे कपड़े इस्तेमाल करते हैं जिनसे हवा भी पास नहीं हो पाती, तो गर्मी और नमी के कारण योनि में यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है। लेकिन अगर इस पर ध्यान दिया जाए तो यीस्ट इंफेक्शन को ठीक किया जा सकता है।
योनि को साफ रखना इस संक्रमण से बचने का बेहद आसान उपाय है। इस संक्रमण से बचने के लिए योनि को साफ रखना बेहद जरूरी है। यह न केवल एक स्वस्थ जीवन शैली में मदद करता है बल्कि महत्वपूर्ण अंगों को भी स्वस्थ रखता है। जिससे यह प्रजनन और सेक्स के प्रति अधिक कुशल हो जाता है। नीचे दिए जा रहे तरीकों के जरिए योनिशोथ (वेजाइनाइटिस) जैसे संक्रमणों से बचा जा सकता है:
सारांश: अंतरंग स्वच्छता बहुत आसान है। इस संक्रमण से बचने के लिए योनि को साफ बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है।
योनि संक्रमण के ज्यादातर मामलों में मेडिकल हेल्प की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इन्हें स्व-देखभाल, तकनीकों और घरेलू उपचार के साथ स्वयं हल किया जा सकता है। लेकिन कुछ मामलों में, इसे मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है। यदि आपको पेशाब में दर्द और पेशाब से जुड़ी दूसरी समस्याएं जैसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, योनि से संबंधित लक्षण व स्थितियां जैसे दर्दनाक डिस्चार्ज और अत्यधिक डिस्चार्ज की शिकायत है तो, तुरंत मेडिकल मदद लेनी चाहिए।
यीस्ट इंफेक्शन को साफ करना बेहद आसान है। कोई भी महिला बिना चिकित्सकीय मदद के इस प्रक्रिया को अपना सकती है। यहां वे चरण दिए जा रहे हैं जो यीस्ट इंफेक्शन होने पर योनि की सफाई करने में मदद करेंगे:
सारांश: यीस्ट इंफेक्शन से बचने के लिए योनि की सफाई सबसे ज्यादा जरूरी है। इसलिए कोई भी चिकित्सा सहायता से पहले घर में योनि की सफाई से जुड़े सुझाव को अपनाने की कोशिश करें। यह इंफेक्शन से बचने में मदद कर सकते हैं।
योनि संक्रमण कं गंभीर मामले लगभग तीन दिनों में ठीक हो जाते हैं। ऐसे ज्यादातर मामलों में, उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, मध्यम स्तर के मामलों या कुछ गंभीर मामलों में ठीक होने में लगभग दो से तीन सप्ताह का समय लग सकता है।
योनि संक्रमण पर आहार परिवर्तन का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कुछ खाद्य पदार्थ और खाने की आदतों को बदलकर योनि संक्रमण को दू रकिया जा सकता है। नीचे इनसे संबंधित कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं:
कुछ खाद्य पदार्थ जो योनि संक्रमण की स्थितियों के लिए ट्रिगर कारक के रूप में कार्य करते हैं और जिन्हें टाला जाना चाहिए उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
योनि संक्रमण के उपचार में एंटिफंगल क्रीम, टैबलेट या दवाओं का उपयोग शामिल है। ऐसे एंटी-फंगल उपचार के दुष्प्रभावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
एंटी-फंगल दवाओं के इस्तेमाल से, योनि संक्रमण (फंगल संक्रमण) का सम्पूर्ण इलाज संभव है। अधिकांश मामलों में परिणाम स्थायी होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में संक्रमण की पुनरावृत्ति की संभावना हो सकती है।
योनि में संक्रमण के मामले में एक महिला को जिन कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट-ट्रीटमेंट दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
योनि में संक्रमण एक प्रकार के फंगस के कारण होता है। इसे एंटी-फंगल दवाओं के जरिए ठीक किया जा सकता है। इसके उपचार की लागत सामान्य और सस्ती है। यह लगभग 300 रुपये से 1000 रुपए तक है। हालांकि इस संक्रमण की गंभीर स्थिति में अन्य मेडिकल सुविधआओं की मदद ली जा सकती है।
योनि संक्रमण के लिए मुख्य उपचार विधियों में डॉक्टर द्वारा निर्धारित एंटिफंगल दवाओं का उपयोग शामिल है। हालांकि, उपचार के लिए कुछ वैकल्पिक तरीके हैं जिनमें बोरिक एसिड युक्त सपोसिटरी का उपयोग शामिल है। इसका उपयोग सोते समय किया जाना चाहिए।
सारांश: योनिशोथ (वैजाइनिटिस) को आम तौर पर असुविधाजनक सूजन के रूप में परिभाषित किया जाता है। इससे पीड़ित महिलाओं को योनि से अधिक डिस्चार्ज, खुजली और दर्द का सामना करना पड़ता है। योनिशोथ (वैजाइनिटिस) के कारणों में हार्मोनल असंतुलन, बैक्टीरियल संक्रमण और संक्रमित साथी से सेक्स के दौरान पैरासाइट्स का संचरण शामिल है। योनि संक्रमण के उपचार में स्व-देखभाल और एंटी-फंगल दवाओंं का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा इसे घरेलू उपायों, मौखिक गोलियां और क्रीम के जरिए भी ठीक किया जा सकता है।