People who handle horses professionally or recreational purposes will effect with horse dander allergy. Some of the horse allergens can be from clothing, domestic dust, horse urine, saliva and equipment. The flakes of horse skin and hair is called dander which the horse sheds like dandruff. Horses has proven to be one of the important and significant allergen sources among all the mammalian allergens. Some of the symptoms are asthma, hives, rashes, itching, sneezing, nasal congestion and runny nose. Horse dander travels long distance in the air.
Family history and social history is studied. Use a vacuum cleaner with a high-efficiency particulate air (HEPA) filter. Swap carpets for hardwood floors and cloth curtains for wooden or plastic blinds. You may be requested for a needle prick on your skin for multiple allergy test and fasting is not required. This test may undergo 20 to 40 minutes. Patient’s skin is marked for testing with the allergens panel and during this test patient should be ready to face consequences like anaphylactic reaction (severe allergic reaction). Patient should be ready to detoxification during which you may undergo tremor of the hands and tongue, hypertension, tachycardia, sweating, nausea, more active deep tendon reflexes, diaphoresis, gastrointestinal (GI) distress, irritability, insomnia, and restlessness. Avoid complex food habits.
Reduce the symptoms of allergy and reduce adverse reactions and limit unnecessary avoidance and medications. Counselling and avoidance advice based on valid allergy test results is important to help reduce the incidence of symptoms, need for medications and improve quality of life. Using test result along with a physical examination and case history, the doctor can diagnose the cause of the symptoms and tailor treatments that will help the patient feel better. Given appropriate advice and precaution are given to avoid horse dander.
Patient may be injected with Epinephrine for immediate relief for anaphylaxis you may be given Antihistamines over the counter will be given for temporary relief. Stuffy nose: OTC decongestant, Itchy, watery eyes: OTC allergy eye drops, Itchy allergic rash, apply cold compresses and an OTC hydrocortisone cream. In case of acute anaphylaxis patient is treated with subcutaneous injection adrenaline and intravenous hydrocortisone, antihistamines, and physiological saline. Patient will be started with subcutaneous specific allergen immunotherapy (SCIT). Patient will be started with pharmacotherapy with injectable epinephrine, oral antihistamine for the management of the anaphylaxis.
Type | Gender | Age-Group | Value |
---|---|---|---|
Allergy Horse Dander for IgE Antibodies
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Unisex
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All age groups
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IgE (>100kU/l)
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अगर आप किसी पुरूष से पूछे की उन्हें महिला के अंदर ऐसा क्या दिखता है, जिसे देखकर वह आकर्षित होते है? हो सकता अधिकांश पुरूषों का जवाब हो कि वह महिलाओं के स्तन देखकर आकर्षित और उत्तेजित हो जाते है. अगर महिलाओं की भी बात करें, रिसर्च के अनुसार जिन स्त्रीयों के स्तन या आसान भाषा में ब्रेस्ट का साइज़ छोटा होता है, वह खुद को भी कम आकर्षित पाती है. जिस कारण बहुत सी महिलाएं कई तरह के उपचार या पुश-अप ब्रा की भी मदद लेती है. जबकि कुछ महिलाएं स्तन बढ़ाने की दवा (breast badhane ke liye medicine) का भी प्रयोग करती है. इस लेख में हम स्तन को बड़ा कैसे करे (How to Increase Breast Size in Hindi) के बारे में जानेगे। लेकिन इससे पहले यह जानना जरूरी है कि महिलाओं में छोटे स्तन होने के क्या कारण हो सकते है.
पारिवारिक इतिहास भी बहुत ही अहम भूमिका निभाता है.
हेल्थी डाइट न लेना
किसी तरह की दवा के साइड इफेक्ट
महिलाएं स्तन बढ़ाने की दवा1 भी स्तन ठीक से विकास नही कर पाते है.
इन कुछ कारणों के चलते कुछ महिलाएं खुद को आकर्षक और सुंदर महसूस नही कर पाती है. जिस कारण उनके अंदर आत्मविश्वास की कमी देखने को मिलती है. लेकिन स्तन का आकार बढ़ाने के लिए कई तरह के उपाय किए जा सकते है. जिससे न केवल लटके हुए महिलाएं स्तन बढ़ाने की दवा3 हो जाते है बल्कि उनके साइज़ में भी वृद्धि देखने को मिलती है. वैसे ही कुछ महिलाएं स्तन बढ़ाने की दवा5 या आसान भाषा में कहें तो प्राकृतिक स्तन बढ़ाने के नुस्खे इस प्रकार है.
मसाज करने का फायदा यह होता है कि इससे स्तनों में खून का प्रवाह बेहतर होता है. जिससे ब्रेस्ट की मस्ल मजबूत होती है. इसे करने के लिए हल्के हाथों से अपनी ब्रेस्ट की मसाज की जा सकती है. जिसमें आप निम्न दिए गए तेलों जैसे:
स्तन बढ़ाने के उपाय की बात करें, तो आप कुछ एक्सरसाइज करके भी अपनी ब्रेस्ट की साइज ठीक कर सकती है. यह कुछ चुनिंदा एक्सरसाइज है जिन्हें करने से अच्छा रिजल्ट देखने को मिलता है. इसके लिए आप
कुछ योग जैसे
शहद और प्याज - यह दोनों ही काफी तरह के रोगों के इलाज में लाभ देते है. वैसे ही हम स्तन को बड़ा कैसे करे1 और हम स्तन को बड़ा कैसे करे3 मिलाकर स्तनों की मसाज करने से, ब्रेस्ट का साइज बढ़ता है. इसे आसानी से घर में उपलब्ध होने वाली प्राकृतिक स्तन बढ़ाने की दवा भी कहा जा सकता है.
स्तन बढ़ाने के लिए डाइट में भी बदलाव किए जा सकते है जैसे -
लेकिन ध्यान रहें कि हर नुस्खा आपको सूट ही करें इसलिए ऑब्जर्व करें, अगर सूट न करे तो छोड़ दे और सूट करता हो तो फिर आप इसका उपयोग करते रहें. असर जरूर होगा और हां ब्रेस्ट साइज बढ़ाना एक रात या दो चार दिन का काम नहीं है. इसका असर नजर आने में समय लगता है, इसलिए धैर्य के साथ नुस्खों को खुदपर आजमाएं. नतीजा अपने समय पर खुद ब खुद सामने आएगा. तो आइये जानते हैं ब्रेस्ट साइज बढ़ाने वाले नुस्खों को.
कोई भी नुस्खा तब तक असर नही दिखा पाएगा जब तक आप सही डाइट नहीं लेंगे. ध्यान रखें उन महिलाओं के ऊपर ये नुस्खे ज्यादा असर नहीं दिखा पायेंगे जो बहुत दुबली हैं और ठीक से खाती पीती नहीं. अगर आप छोटे स्तनों को लेकर परेशान हैं, तो सबसे पहले अपनी डाइट ठीक करें. अपने खाने में दूध, बादाम, अखरोट हेल्दी डाइट को शामिल करें.
कच्चे आम की गुठली निकाल कर गूदे को पीसकर लेप बनाएं. इस लेप को स्तनों पर लगाए और जब लेप सूख जाए तो उसे धो लें. धोते वक्त बहुत ठंडे पानी का इस्तेमाल न करें, पानी या तो हल्का गुनगुना हो या फिर सामान्य तासीर वाला. इस उपाय को अन्य उपायों के साथ लंबे समय तक ट्राई करती रहें. इससे न केवल साइज बढ़ाने में मदद मिलती है बल्कि जिन महिलाओं के स्तन ढीले होते हैं उनमें कसावट भी आती है.
स्तनों का आकार नहीं बढ़ने की एक बड़ी अहम वजह, बॉडी में एस्ट्रोजन के लेवल में कमी को भी माना जाता है. यह ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने के लिए जरूरी होता है. इसलिए आप सोयाबीन खाना शुरू कर दें. इसे खाने से बॉडी में एस्ट्रोजन लेवल बढ़ता है. दूसरी बात सोयाबीन में प्रोटीन भी खूब होता है. ऐसे में आप बेफिक्र सोयाबीन खाएं.
दूध अपने आप में कंप्लीट फूड होता है, लेकिन अक्सर हम देखते हैं कि महिलाएं दूध का कम ही इस्तेमाल करती हैं. ये जरूरी नहीं है कि जो महिलाएं दूध नहीं पीतिं उनके स्तन छोटें ही हों पर हां, जिन महिलाओं की ब्रेस्ट का साइज छोटा है उनके लिए दूध जरूर फायदेमंद है. दूध में प्रोटीन और फैट दोनों होते हैं दोनों ही ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने में मदद करते हैं. स्तनों में खाली मसल्स नहीं होते उनमें फैट भी होता है जो दूध में मिलता है.
पपीता केवल पेट को ही ठीक नहीं रखता, यह पेट के साथ चेहरे और ब्रेस्ट को भी सुडौल बनाने के काम आता है. पपीते और दूध के कंबाइन डाइट को ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने के लिए बेस्ट टिप्स के तौर पर माना जाता है.
मेथी का बीज हमारे लिए कई मामलों में मददगार है. सबसे ज्यादा हम इसे अपनी रसोई में खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए प्रयोग करते है. शायद आपको ये बात मालूम नही होगी कि ये ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने के लिए भी एक कारगर इलाज है. मेथी शरीर में एस्ट्रोजन के लेवल को बढ़ाता है. रात को एक चम्मच मेथी के दाने भिगो कर रख दें, सुबह उन्हें चबाकर खाएं और पानी पी लें. साथ ही भीगे हुए मेथी के बीजों को पीसकर उसका पेस्ट बनाकर ब्रेस्ट पर लगाए और सूखने के बाद धो लें. आप इसके तेल की मालिश भी कर सकती हैं.
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने में अलसी के बीज भी बहुत अच्छा काम करते हैं. आप इन्हें सीधे खा सकती हैं या गेहूं में पिसवा सकती हैं. इनके बीजों की चटनी भी बनती है. आप इसका तेल सलाद आदि पर डालकर खा सकती हैं और अलसी के तेल से ब्रेस्ट की मसाज भी की जा सकती है. यकीन मानिए यह सस्ता होने के साथ ही सबसे कारगर नुस्खा है.
यह एक से दूसरी महिला पर उनकी कद-काठी, वजन और वह खुद को किस तरह से देखना पसंद करेंगी, इसपर निर्भर करता है. साथ ही उन्हें अपनी ब्रेस्ट का कितना साइज़ ठीक लगता है या वह कितने स्तन वृद्धि चाहती है आदि पहलूओं को नज़र में रखकर वह खुद फैसला ले सकती है कि उनके स्तन का आकार कितना होना चाहिए.
इतिहास इस बात का गवाह है कि समाज में सुंदरता की हमेशा होड़ रही है। इसे पाने में दिखाने में और खुद में अपने आपको परफेक्ट फील करने में। वैसे तो महिला का हर अंग पुरुषों के लिए आकर्षण और कामुकता का हिस्सा रहा है पर सारी दुनिया के पुरुष अगर सबसे ज्यादा बदन के किसी हिस्से पर अट्रैक्ट होते हैं तो वह है ब्रेस्ट यानि स्तन। हर महिला को यह पसंद होता है कि पुरूष उनपर फ़िदा और ऐसा ही हो इसके लिए महिलाएं हमेशा कोशिश करती हैं कि उनके ब्रेस्ट का साइज बड़ा हो, ब्रेस्ट में कसावट हो, सही आकार में हो इत्यादि। पर ये चाहत और कोशिशें तब उलटी पड़ जाती हैं, जब ब्रेस्ट का साइज जरूरत से ज्यादा बड़ा हो। न सिर्फ ये दिखने में भद्दा लगता है, बल्कि उस महिला के तकलीफ का भी सबब बन जाता है। कुछ महिलाएं सुंदर कपड़े और शर्ट पहनना चाहती हैं, पर उनका ब्रेस्ट सही आकार में ना होने के कारण उनको ऐसा करने में तकलीफ होती है। कई बार जरूरत से ज्यादा बड़े ब्रेस्ट होने से महिलाओं को कपड़े सही फिट नहीं आते।
ऐसे में कई महिलाएं अपनी ब्रेस्ट साइज को कम करना चाहती है। पर नही कर पाती जिसके कई कारण होजैसे वे वह हिचकिचाती है किसी से कहने मे की लोग क्या सोचेंगे। कुछ महिलाएं यह सोच कर भी पीछे हट जाती है कि, आपरेशन करके ब्रेस्ट साइज कम करना काफी महंगा होता है वगैरा वगैरा। पर वह यह नही जानती की ब्रेस्ट के साइज को नैचुरली भी कम किया जा सकता है। जी तो आज हम जानेंगे नैचुरली अपने ब्रेस्ट कम करने के नुस्खे जो बेहद आसान भी हैं और असरदार भी।
Modern women want to have it all, in personal and professional life. They want to experience the joy of motherhood but not the pain associated with normal delivery. For such women, epidural analgesia during labour is a blessing. Epidural analgesia/anaesthesia is given to pregnant women during childbirth. Epidural painkillers stop the pain signals transmitted nerves from uterus. This stops the pain sensation of labour. For epidural analgesia, a catheter (small tube) is inserted into the epidural space in the spinal cord. It is through this tube that the drugs (painkillers) reach the desired nerves.
Types of Epidurals:
Epidurals can be
Merits and demerits of having an epidural--
Merits:
Demerits:
Though epidurals make childbirth easy, one cannot overlook its demerits.
Thus, they may take longer than usual to push the baby. If you wish to discuss about any specific problem, you can consult a Pain Management Specialist.
Cervical spondylosis is fast becoming the bane of modern life. An age-related wear and tear problem affecting the spinal discs in your neck, cervical spondylosis is increasingly affecting the young because of the use of cell phones, laptops and the like.
Cervical spondylosis is a general term used to define shrinkage of discs in between vertebrae in the neck region. Along with disc degeneration, bony projections also form in the area and are called bone spurs.
Other causes of cervical spondylosis are dehydrated discs. Discs are thick, pad-like cushions in between vertebrae that act as shock absorbers. They are made of a gel- like material that can dry over time. This causes the spinal vertebrae to rub together causing pain. The discs also crack which allows the internal gel-like material to spill out and impinge on spinal nerves causing symptoms.
There is a narrowing of the space required by the spinal cord and nerves that emanate in the upper spine to go to various parts of the body. Pinching of these nerves can cause alarming symptoms like:
Treatment and management
Usually, cervical spondylosis doesn’t cause any symptoms. But when you start experiencing pain, stiffness and weakness of muscles, it’s best to go to a doctor who will diagnose the problem and then treat it.
Treatment for cervical spondylosis depends on the severity of your symptoms. Its goal is to get rid of pain, allow you to carry on your daily activities and prevent any permanent damage to your spinal cord and nerves.
Medicines
Surgery
Cervical spondylosis surgery typically involves removing:
If you wish to discuss about any specific problem, you can consult a Physiotherapist.