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Hodgkin lymphoma: Causes, Symptoms, Risk Factors and Treatment

MBBS, DNB Radiation Oncology, Fellowship in Radiation Oncology
Oncologist, Mumbai
Hodgkin lymphoma: Causes, Symptoms, Risk Factors and Treatment




Immune system in the body is also made by a system called the lymphatic system. This system fights with germ near tissue in the body and also it penetrates deep to defend the body. A certain type of cancer called hodgkin lymphoma affects the whole lymphatic system. ;

When hodgkin lymphoma happens to the body the lymphocytes also known as white blood cells increase in number so excessively like a cancer growth. This increase in number causes the lymph nodes to swell all over the body and there are many other growth all over the body due to it.

There are two types of lymphoma called hodgkin lymphoma and non-hodgkin lymphoma. Hodgkin lymphoma is known by another name called hodgkin's disease.

Medical advances in diagnosis and treatment and medicines have helped the people to recover fully from this hodgkin disease. Some who do not recover fully show promising progress.

Symptoms:

There are some signs and symptoms of hodgkin's lymphoma:



There is swelling of the lymph nodes found in the neck, armpits, groin. This swelling is painless.


The body will feel tired all the time.


There will be a fever.


There will be night sweats while sleeping.


There will be weight loss.


There will be itching in the body.


When you drink alcohol, pain starts in the lymph nodes.



When to see a doctor:

When you find any symptoms in the body as given below you must rush to the doctor for this is a very serious disease. The following symptoms are:



There is swelling of the lymph nodes found in the neck, armpits, groin. This swelling is painless.


The body will feel tired all the time.


There will be a fever.


There will be night sweats while sleeping.


There will be weight loss.


There will be itching in the body.


When you drink alcohol, pain starts in the lymph nodes.



Causes:

After much research, researchers and doctors do not know the cause of hodgkin lymphoma. There is only some information like lymphoma begins only when these defense cells, white blood cells develop any change in their dna. This dna tells them to increase their number and cause other problems. It feels like some infection or germs or virus have infected the white blood cell for their control.

The dna contains the instructions for all cells and each cell has their own dna. Infected dna tells the white blood cells to multiply and increase in number as well as to not to die like other normal cells do. As white blood cells are the part of the immune system, it has got a defense from other healthy defensive cells in the body. This defense protects the mutated white blood cells and helps them to grow in number. When there is a high number of cells they crowd at the storage of defense cells that are at lymph nodes and make them swell and behave in healthy ways.

There are many types of hodgkin lymphoma. Each type has its own characteristics because each cell with different mutations gives different behavior. These different types have characteristics that determine the type of treatment should be given.

The most common nowadays is the classical hodgkin's lymphoma. People who suffer from this on analyzing their nodes researchers find out that this type of lymphoma have very large white blood cells in their nodes called reed-sternberg cells. There are subtypes of this classical hodgkin's lymphoma. Their names are:



Nodular sclerosis- hodgkin's lymphoma


Mixed cellularity- hodgkin's lymphoma


Lymphocyte-depleted hodgkin's lymphoma


Lymphocyte-rich hodgkin's lymphoma



Nodular lymphocyte-predominant hodgkin's lymphoma is the rare type of hodgkin lymphoma. In this lymphoma white blood cells look like popcorn and white blood cells are called popcorn cells in this lymphoma due to their appearance. This is usually at an early stage for a long time and easily diagnosed. This also requires less intensive treatment. ;

Risk factors:

There are some factors which can trigger the occurrence of hodgkin lymphoma. Such factor are:



Your age: hodgkin's lymphoma always occurs to people who are aged 20 to 30 years or people at 60 years.


A family chart of lymphoma: if your family members had hodgkin's lymphoma, your coming generation may have this lymphoma at their 60 years. So we should check it at the early years of our child or relative.


Being male: females are protected against this lymphoma somehow but male are not because they are more likely to have lymphoma.


Past epstein-barr infection: epstein-barr virus causes people to have illnesses such as infectious mononucleosis. People who have suffered from this virus are more likely to have hodgkin lymphoma than people who do have epstein-barr virus infections. ;


Hiv infection: these patients have a failed immune system, which increases the risk of hodgkin's lymphoma.





Treatment:

People with hodgkin lymphoma are given chemotherapy, radiation therapy, or when needed bone marrow transplant. There are many drugs which are given to control the birth rate of lymphocytes.

Conclusion:

Hodgkin lymphoma is rare but people are there who suffer from this. Treatment can cause them to have full recovery. But people can avoid it by having many fruits which are able to prevent cancer. For more information please visit the doctor.
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जानिये किस हद तक आपको प्रभावित कर सकता है हॉजकिन लिंफोमा

MD - Oncology
Homeopathy Doctor, Noida
जानिये किस हद तक आपको प्रभावित कर सकता है हॉजकिन लिंफोमा
पौष्टिक तत्वों की कमी और कन्या कारणों से शरीर में कई तरह की बीमारियां होने की संभावना रहती है। इनमें से कुछ बीमारियां तो इतनी खतरनाक होती हैं, जिसमें इंसान की जान तक चली जाती है। ऐसी ही एक बीमारी है हॉजकिन लिंफोमा। इस बीमारी की गिनती भी खतरनाक बीमारियों में ही की जाती है। चलिए इस बीमारी के विषय में सारांश से चर्चा करते हैं और इस बीमारी के लक्षणों और इलाज के बारे में जानते हैं। साथ ही यह भी जानते हैं कि आखिर यह बीमारी क्यों होती है।

क्या है हॉजकिन लिंफोमा
दरअसल, हॉजकिन लिंफोमा एक प्रकार का कैंसर है जो लसीका प्रणाली को प्रभावित करता है। यह लसीका प्रणाली शरीर की रोगाणु से लड़ने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा है। इस बीमारी में लिम्फोसाइट्स नामक श्वेत रक्त कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं, जिससे पूरे शरीर में सूजन लिम्फ नोड्स और वृद्धि हो जाती है। आपको बता दें कि लसिका तंत्र अंगों और ऊतकों से मिलकर बना होता है। इनमें लसिका ग्रंथियां, लसिका वाहिकाएं, टॉन्सिल, बोन मैरो (हड्डी के अंदर जहां खून बनता है),तिल्ली/प्लीहा और बाल्यग्रन्थि शामिल हैं। हॉजकिन लिंफोमा के निदान और उपचार में हो रही प्रगति इस बीमारी से पीड़ित लोगों को पूरी तरह से ठीक होने का मौका दे रही है।

हॉजकिन लिंफोमा के प्रकार
हॉजकिन लिंफोमा मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं-

क्रोनिक लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया: हड्डियों के अंदर स्पंजी ऊतक जहां रक्त कोशिकाएं बनती हैं, वहां होने वाले कैंसर को लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया कहा जाता है। क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया में क्रोनिक शब्द इसलिए जोड़ा गया है क्योंकि इस प्रकार का ल्यूकेमिया आमतौर पर अन्य प्रकार के ल्यूकेमिया की तुलना में अधिक धीरे-धीरे बढ़ता है। वहीं लिम्फोसाइटिक सफेद रक्त कोशिकाओं के एक समूह को कहा जाता है। यह समूह शरीर की संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।

त्वचीय बी-सेल लिंफोमा: त्वचीय बी-सेल लिंफोमा एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है जो श्वेत रक्त कोशिकाओं में शुरू होता है। यह कैंसर त्वचा पर हमला करता है। त्वचीय बी-सेल लिंफोमा एक प्रकार की रोगाणु-विरोधी सफेद रक्त कोशिका में शुरू होता है जिसे बी कोशिकाएं कहा जाता है। इन कोशिकाओं को बी लिम्फोसाइट्स भी कहा जाता है।

त्वचीय टी-सेल लिंफोमा: त्वचीय टी-कोशिका लिंफोमा (सीटीसीएल) एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है जो सफेद रक्त कोशिकाओं में शुरू होता है जिन्हें टी कोशिकाएं (टी लिम्फोसाइट्स) कहा जाता है। ये कोशिकाएं आम तौर पर आपके शरीर की रोगाणु से लड़ने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली की मदद करती हैं। त्वचीय टी-सेल लिंफोमा में, टी कोशिकाएं असामान्यताएं विकसित करती हैं जो उन्हें त्वचा पर हमला करती हैं। त्वचीय टी-कोशिका लिंफोमा त्वचा पर दाने जैसी लालिमा, त्वचा पर थोड़ा उठा हुआ या पपड़ीदार गोल पैच, और कभी-कभी त्वचा ट्यूमर का कारण बन सकता है।

लिंफोमा: लिंफोमा लसीका प्रणाली का एक कैंसर है। यह लसिका प्रणाली शरीर के रोगाणु-विरोधी नेटवर्क का हिस्सा है। लसीका प्रणाली में लिम्फ नोड्स (लसीका ग्रंथियां), प्लीहा, थाइमस ग्रंथि और अस्थि मज्जा शामिल हैं। लिंफोमा उन सभी क्षेत्रों के साथ-साथ पूरे शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।

हॉजकिन लिंफोमा के लक्षण
हॉजकिन लिंफोमा नामक बीमारी होने पर आपके शरीर में निम्नलिखित बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

गर्दन, बगल या ग्रोइन में दर्द रहित सूजन
लगातार थकान
बुखार
रात को पसीना
बिना कोशिश किए वजन कम होना
गंभीर खुजली
शराब पीने के बाद आपके लिम्फ नोड्स में दर्द
अगर आपको आपके शरीर में इस तरह के कोई भी परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए।
इन लोगों को है हॉजकिन लिंफोमा का ज्यादा खतरा
ज्यादातर 20 और 30 वर्ष की उम्र और 55 वर्ष से अधिक उम्र के लोग हॉजकिन लिंफोमा की चपेट में आते हैं ।
अगर पहले किसी को हॉजकिन लिंफोमा हुआ है तो उसके रक्त संबंधी को यह बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में हॉजकिन लिंफोमा होने का ख़तरा ज्यादा होता है।
जिन लोगों को एपस्टीन-बार वायरस के कारण संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस जैसी बीमारियां हुई हैं उन लोगों में हॉजकिन लिंफोमा विकसित होने की अधिक संभावना है।
जो लोग एचआईवी से संक्रमित हैं उनमें भी हॉजकिन लिंफोमा का खतरा बढ़ जाता है।
हॉजकिन लिंफोमा होने के कारण
वैसे तो अभी तक डॉक्टर्स इस बात से पूरी तरह से वाकिफ नहीं है कि आखिर हॉजकिन लिंफोमा होने के पीछे के कारण क्या है। लेकिन उनका मानना है कि जब संक्रमण से लड़ने वाली श्वेत रक्त कोशिकाओं (लिम्फोसाइट्स) के डीएनए में परिवर्तन होता है। दरअसल, डीएनए के माध्यम से ही सेल को संकेत मिलते हैं कि करना करना है।

डीएनए लिंफोमा के रूप में परिवर्तित हो चुकी इन परिवर्तित कोशिकाओं को तेजी से बढ़ने और उन कोशिकाओं की जगह लेने का निर्देश देती हैं जिससे अन्य कोशिकाएं स्वाभाविक रूप से मर जाती हैं। यह लिंफोमा कोशिकाएं परिवर्तित हो चुकी अन्य कोशिकाओं की रक्षा करने में मदद तो करती ही हैं, साथ ही कई स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिकाओं को बदलने के लिए आकर्षित भी करती हैं। जब इन परिवर्तित कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है तो अतिरिक्त कोशिकाएं लिम्फ नोड्स में जमा हो जाती हैं और सूजन या अन्य हॉजकिन के लिंफोमा लक्षण पैदा करती हैं।

हॉजकिन लिंफोमा से बचाव
चूंकि अभी हॉजकिन लिंफोमा के कारणों की सटीक जानकारी नहीं हो सकी है, इसलिए अभी तक इसके बचाव की भी ज्यादा जानकारी प्राप्त नहीं है। हालांकि अगर आपको आपके शरीर में हॉजकिन लिंफोमा के कोई लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए और इसके उपचार को लेकर विस्तार से चर्चा करना चाहिए। इसके साथ ही अगर आपके किसी रक्त संबंधी को पहले यह बीमारी हो चुकी है तो इस बात को भी डॉक्टर से बतानी चाहिए। इसके अलावा अगर आपको हॉजकिन लिंफोमा होने का डर है तो भी आपको डॉक्टर से मिलकर उपचार को लेकर चर्चा करनी चाहिए।

हॉजकिन लिंफोमा का परीक्षण
हॉजकिन लिंफोमा का इलाज करने से पहले डॉक्टर आपसे हॉजकिन लिंफोमा के लक्षणों पर चर्चा करेंगे, फिर निम्नलिखित प्रकार के परीक्षण करेंगे।

शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में पूछने के बाद शारीरिक परीक्षण कर सकता है। इस दौरान सूजी हुई लिम्फ नोड्स की जांच हो सकती है, जिसमें आपकी गर्दन, अंडरआर्म और ग्रोइन के साथ-साथ सूजी हुई प्लीहा या लीवर भी शामिल है। इस दौरान डॉक्टर लिम्फ नोड्स से एक ऊतक बाहर निकालते हैं और प्रयोगशाला में उसकी जांच करते हैं। इस जांच के दौरान डॉक्टर यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि इस सूजन की वजह कैंसर तो नहीं।

रक्त परीक्षण: डॉक्टर रक्त परिक्षण के माध्यम से भी आपके कैंसर के लक्षणों का पता लगाने की कोशिश करते हैं। इस जांच के माध्यम से डॉक्टर को लीवर, गुर्दे व अन्य अंगों के कार्य की जानकारी मिल जाती है।

इमेजिंग परीक्षण: शरीर के अन्य क्षेत्रों में हॉजकिन लिंफोमा के लक्षणों को देखने के लिए डॉक्टर इमेजिंग परीक्षण का उपयोग करते हैं। इस परीक्षण के दौरान एक्स-रे, सीटी और पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) शामिल हो सकते हैं।

बोन मैरो बायोप्सी: शरीर में हॉजकिन लिंफोमा के लक्षण दिखने पर डॉक्टर इस बात का पता लगाने की कोशिश करते हैं कि कहीं लिंफोमा ने आपकी बोन मैरो को अपनी चपेट में लेना शुरू तो नहीं कर दिया है। इसके लिए डॉक्टर सुई की माध्यम से आपके हिप बोन मैरो से एक नमूना प्राप्त करता है और सूक्षमदर्शी की मदद से उस नमूने की जांच करता है।

गैलियम स्कैन: इस परीक्षण को तब किया जाता है जब पूरे शरीर के जांच की आवश्यकता होती है। इस परीक्षण के दौरान डॉक्टर सुई के माध्यम से एक प्रकार के विशेष धातु रेडियोधर्मी गैलियम को आपके शरीर में इंजेक्ट कर देते हैं, जो कुछ दिनों में पूरे शरीर में फ़ैल जाता है। इसके बाद डॉक्टर एक विशेष कैमरे की मदद से आपके पूरे शरीर को देखते हैं और हॉजकिन लिंफोमा का परीक्षण करते हैं।

आपकी स्थिति के आधार पर अन्य परीक्षणों और प्रक्रियाओं का उपयोग किया जा सकता है।

हॉजकिन लिंफोमा के चरण
आपके शारीरिक परीक्षणों के आधार पर डॉक्टर हॉजकिन लिंफोमा का चरण निर्धारित करते हैं। यह चरण आपकी स्थिति की गंभीरता को समझने और उपचार के प्रकार का चयन करने में मदद करते हैं। हॉजकिन लिंफोमा के चरण को इंगित करने के लिए 1 से 4 की संख्या का उपयोग किया जाता है। संख्या जितनी छोटी होती है, उस कैंसर के ठीक होने की संभावना उल्टी ही अधिक होती है। एक उच्च संख्या का अर्थ है कि कैंसर अधिक उन्नत है।

हॉजकिन लिंफोमा का उपचार
हॉजकिन लिंफोमा का उपचार उसके चरण पर निर्भर करता है। यह उपचार निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है-

बायोलॉजिक थेरेपी: इस तरह के उपचार नशीली दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके माध्यम से शरीर में सूक्ष्मजीवों को डाला जाता है। ये सूक्ष्मजीव आपकी रक्षा प्रणाली को कैंसर की कोशिकाओं पर हमला करने के लिए उत्तेजित करती हैं।
एंटीबॉडी उपचार: इस उपचार के तरह सिंथेटिक एंटीबॉडी को शरीर में अंदर खून में डाला जाता है, जो कैंसर के प्रतिजनों से लड़ सके।
कीमोथेरेपी: इस तरह के उपचार के दौरान ऐसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है को कैंसर कोशिकाओं को मारने में आक्रामकता दिखाए।
रेडियोईमयूनोथेरेपी: इसमें उच्च-स्तरीय रेडियोएक्टिव (रेडियोधर्मी) खुराक दी जाती है, जो कैंसर की सभी कोशिकाओं को नष्ट कर सके।
रेडिऐशन थेरेपी: जब कैंसर शरीर में छोटी सी जगह को अपने चपेट में लिए होता है तो इस प्रकार के उपकार का प्रयोग किया जाता है।
स्टेरॉयड दवा: हॉजकिन लिंफोमा के इलाज के दौरान मरीज के शरीर में इंजेक्शन की मदद से स्टेरॉयड इंजेक्ट किया जाता है
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Non-Hodgkin Lymphoma - What Are The Risk Factors Of It?

MBBS, MS - General Surgery, DNB - Surgical Oncology
Oncologist, Lucknow
Non-Hodgkin Lymphoma - What Are The Risk Factors Of It?
Non Hodgkin Lymphoma is when the cells in your lymphatic system become cancerous. The lymphatic system is responsible for fighting off diseases which may attack your body. Initially, tumors develop from the lymphocytes in your body. Non-Hodgkin lymphoma is much more common than the other type of lymphoma which is Hodgkin lymphoma. There are various types of Non-Hodgkin lymphoma; the most common of which are diffuse large B-cell lymphoma and follicular lymphoma. Here is everything you need to know about Non-Hodgkin lymphoma.

Symptoms

1. Swollen lymph nodes
A swollen lymph node in the neck, underarm and armpit which comes about without any pain is a very common symptom of non-Hodgkin lymphoma.

2. Fever
When you have a sudden unexplained fever, it may be due to Non-Hodgkin lymphoma.

3. Night sweats
Night sweats are simply when you sweat excessively in the night.

4. Fatigue
Feeling extremely tired can be due to Non-Hodgkin lymphoma.

5. Weight loss
A sudden unexplained loss of weight is a very common symptom of non-Hodgkin lymphoma.

6. Itchiness
An itchy skin is a rather serious indicator of Non-Hodgkin lymphoma.

Causes

Just like other forms of cancer, it is not known what causes Non-Hodgkin lymphoma but there are factors which put you more at risk compared to others.

Risk factors

1. Immunosuppressive drugs
You are more likely to develop Non-Hodgkin lymphoma especially after taking immunosuppressive drugs after a major organ transplant.

2. Bacteria and viruses
Certain bacterial and viral infections cause Non-Hodgkin lymphoma including the HIV and Epstein-Barr virus as well as the Helicobacter pylori bacteria.

3. Pesticides
Research suggests that overexposure to the pesticides which kill weeds increases your likelihood of developing Non-Hodgkin lymphoma.

4. Age
Elder people are also more likely to suffer from Non-Hodgkin lymphoma.

Treatment

1. Chemotherapy
Chemotherapy comprises of administering drugs to kill the cancerous cells, either through injection or orally which kill cancer.

2. Radiation therapy
Radiation therapy deals with radiation which is directed at the parts of your body affected by cancer.

3. Medications to enhance the immune system
There are many medications which fight off cancer by boosting the immune system.
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Non-Hodgkin Lymphoma - Know The Signs!

MBBS, MD(General Medicine), Fellowship Hemato - Oncology (Hemat-Oncology), DM(Medical Oncology), DNB(Medical Oncology)
Oncologist, Howrah
Non-Hodgkin Lymphoma - Know The Signs!
Non Hodgkin Lymphoma is when the cells in your lymphatic system become cancerous. The lymphatic system is responsible for fighting off diseases, which may attack your body. Initially, tumors develop from the lymphocytes in your body. Non-Hodgkin lymphoma is much more common than the other type of lymphoma which is Hodgkin lymphoma. There are various types of Non-Hodgkin lymphoma; the most common of which are diffuse large B-cell lymphoma and follicular lymphoma. Here is everything you need to know about Non-Hodgkin lymphoma.

Symptoms
1. Swollen lymph nodes: A swollen lymph node in the neck, underarm and armpit which comes about without any pain is a very common symptom of Non-Hodgkin lymphoma.
2. Fever: When you have a sudden unexplained fever, it may be due to Non-Hodgkin lymphoma.
3. Night sweats: Night sweats are simply when you sweat excessively in the night.
4. Fatigue: Feeling extremely tired can be due to Non-Hodgkin lymphoma.
5. Weight loss: A sudden unexplained loss of weight is a very common symptom of Non-Hodgkin lymphoma.
6. Itchiness: An itchy skin is a rather serious indicator of Non-Hodgkin lymphoma.

Causes
Just like other forms of cancer, it is not known what causes Non-Hodgkin lymphoma, but there are factors, which put you more at risk compared to others.

Risk factors
1. Immunosuppressive drugs: You are most likely to develop Non-Hodgkin lymphoma, especially after taking immunosuppressive drugs after a major organ transplant.
2. Bacteria and viruses: Certain bacterial and viral infections cause Non-Hodgkin lymphoma including the HIV and Epstein-Barr virus as well as the Helicobacter pylori bacteria.
3. Pesticides: Research suggests that overexposure to the pesticides which kill weeds increases your likelihood of developing Non-Hodgkin lymphoma.
4. Age: Elder people are also more likely to suffer from Non-Hodgkin lymphoma.

Treatment
1. Chemotherapy: Chemotherapy comprises of administering drugs to kill the cancerous cells, either through injection or orally which kill cancer.
2. Radiation therapy: Radiation therapy deals with radiation which is directed at the parts of your body affected by cancer.
3. Medications to enhance the immune system: There are many medications which fight off cancer by boosting the immune system.
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Post-Transplant Lymphoproliferative Disorder (PTLD) - How To Diagnose It Correctly?

MBBS, MS - General Surgery, FRCS (edinburgh), MD - R & D, FRCS Intercollegiate
Liver Transplant Surgeon, Bangalore
Post-Transplant Lymphoproliferative Disorder (PTLD) - How To Diagnose It Correctly?
Post-Transplant Lymphoprolipherative Disorder (PTLD) is a condition or a reaction that happens post your liver transplantation or any kind of organ transplantation. There is a rapid increase in the immune cells or more precisely, the lymphoid cells in the body. These cells start increasing without any control. The seriousness of this growth can be harmless but sometimes, it can develop into lymph node cancer as well.

The major reason behind PTLD is the anti-rejection medicines that are taken by the patient to avoid rejection and attack by the immune system.

Types of Post-Transplant Lymphoprolipherative Disorder (PTLD)

Early lesions: This will go away by itself, if the dose of anti-rejection medicine is reduced.
Polymorphic PTLD: This is a mixture of different kinds of lymphoid cells.
Monomorphic PTLD: This is the most common type of PTLD found in many people who have undergone a liver transplantation. This has just one type of lymphoid cell.
Hodgkin Lymphoma: This is a very rare kind of PTLD.
Diagnosis of Post-Transplant Lymphoprolipherative Disorder (PTLD)

Small and painless lump under the armpit, groin, or neck area
Night sweats
High fever
Excessive weight loss
Low appetite
Unwell feeling
Usually, it is not at all easy to diagnose PTLD. The lump may grow so deep inside the body that it can be hard to see or feel it from outside. Apart from the lump, others are general symptoms and they can be a reason for any kind of infection in the body post transplantation. It can be a reaction to any new medicine taken by you or a reaction to rejection. Early diagnosis can help you in increasing the chances of a successful treatment. A biopsy is also a good way to detect PTLD, where a small piece of the liver is taken and tested under a microscope to detect PTLD.

Management of Post-Transplant Lymphoprolipherative Disorder (PTLD)
Your liver transplant surgeon is going to work closely with the lymphoma doctor in order to provide the best treatment for you. For early lesions or Polymorphic PTLD, reduction of the anti-rejection dose can give you better results. Your immune system will restore back and will destroy all the abnormal cells in the body. But it has to be done slowly so that it does not cause organ rejection again. If reduction of anti-rejection medicine is not possible or if reduction causes any kind of harm, then other treatment methods like antibody medicine such as Rituximab, or chemotherapy regimen or radiotherapy may be used.
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Risk Factors Associated With Non-Hodgkin Lymphoma!

MD - Radiothrapy, MBBS
Oncologist, Pune
Risk Factors Associated With Non-Hodgkin Lymphoma!
Non Hodgkin Lymphoma is when the cells in your lymphatic system become cancerous. The lymphatic system is responsible for fighting off diseases, which may attack your body. Initially, tumors develop from the lymphocytes in your body. Non-Hodgkin lymphoma is much more common than the other type of lymphoma which is Hodgkin lymphoma. There are various types of Non-Hodgkin lymphoma; the most common of which are diffuse large B-cell lymphoma and follicular lymphoma. Here is everything you need to know about Non-Hodgkin lymphoma.

Symptoms
1. Swollen lymph nodes: A swollen lymph node in the neck, underarm and armpit which comes about without any pain is a very common symptom of Non-Hodgkin lymphoma.
2. Fever: When you have a sudden unexplained fever, it may be due to Non-Hodgkin lymphoma.
3. Night sweats: Night sweats are simply when you sweat excessively in the night.
4. Fatigue: Feeling extremely tired can be due to Non-Hodgkin lymphoma.
5. Weight loss: A sudden unexplained loss of weight is a very common symptom of Non-Hodgkin lymphoma.
6. Itchiness: An itchy skin is a rather serious indicator of Non-Hodgkin lymphoma.

Causes
Just like other forms of cancer, it is not known what causes Non-Hodgkin lymphoma, but there are factors, which put you more at risk compared to others.

Risk factors
1. Immunosuppressive drugs: You are most likely to develop Non-Hodgkin lymphoma, especially after taking immunosuppressive drugs after a major organ transplant.
2. Bacteria and viruses: Certain bacterial and viral infections cause Non-Hodgkin lymphoma including the HIV and Epstein-Barr virus as well as the Helicobacter pylori bacteria.
3. Pesticides: Research suggests that overexposure to the pesticides which kill weeds increases your likelihood of developing Non-Hodgkin lymphoma.
4. Age: Elder people are also more likely to suffer from Non-Hodgkin lymphoma.

Treatment
1. Chemotherapy: Chemotherapy comprises of administering drugs to kill the cancerous cells, either through injection or orally which kill cancer.
2. Radiation therapy: Radiation therapy deals with radiation which is directed at the parts of your body affected by cancer.
3. Medications to enhance the immune system: There are many medications which fight off cancer by boosting the immune system.
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