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How To Monitor Signs Of Illness In Dog

Ph. D - Medicine
Veterinarian, Mathura
Monitoring for signs of illness in your dog is crucial for detecting health issues early and seeking appropriate veterinary care. Here are some key areas to focus on when monitoring your dog's health:

Changes in appetite: monitor your dog's eating habits. Significant changes in appetite, such as a sudden loss of interest in food or excessive hunger, could indicate an underlying health problem.

Water intake: notice if your dog is drinking more or less water than usual. Increased thirst or decreased water intake can be signs of various health conditions.

Weight changes: regularly weigh your dog to track any significant weight gain or loss. Sudden and unexplained changes in weight can indicate health issues, such as metabolic disorders or gastrointestinal problems.

Behavior and activity level: pay attention to changes in your dog's behavior and activity level. If they become unusually lethargic, show a lack of interest in activities they previously enjoyed, or exhibit signs of distress or discomfort, it may indicate an underlying health problem.

Coat and skin condition: observe your dog's coat and skin regularly. Look for signs of excessive shedding, hair loss, dandruff, redness, swelling, rashes, or skin lesions. Changes in the coat or skin can be indications of allergies, infections, or other dermatological issues.

Digestive issues: monitor your dog's bowel movements for any abnormalities. Diarrhea, constipation, blood in the stool, or changes in the color or consistency of the stool can indicate gastrointestinal issues or dietary problems.

Urination: keep an eye on your dog's urination habits. Changes in frequency, volume, color, or odor of urine can be symptoms of urinary tract infections, kidney issues, or other urinary disorders.

Respiratory signs: watch for any abnormal respiratory signs, such as coughing, sneezing, wheezing, difficulty breathing, or nasal discharge. These signs can indicate respiratory infections, allergies, or other respiratory conditions.

Vomiting: occasional vomiting may not always be a cause for concern, but if your dog vomits frequently, vomits blood, or shows signs of distress after vomiting, it's essential to seek veterinary attention.

Oral health: regularly check your dog's mouth and teeth for signs of dental problems, such as bad breath, swollen gums, tartar buildup, or loose or missing teeth. Poor oral health can lead to various health issues if left untreated.

It's important to note that these signs can vary depending on the individual dog, breed, age, and underlying health conditions. If you notice any significant or persistent changes in your dog's health, it's best to consult with a veterinarian for a proper evaluation and guidance.

जानिये कंडोम से जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जो आपके लिए है बेहद जरूरी | Janiye condom se judi kuch aisi baten jo aapke liye hain behad jaruri in Hindi

BAMS
Sexologist, Faridabad
जानिये कंडोम से जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जो आपके लिए है बेहद जरूरी | Janiye condom se judi kuch aisi baten jo aapke liye h...


एड्स जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी होता है। कंडोम न सिर्फ इस खतरनाक बीमारी से बचाता है, जबकि अनचाहे गर्भ और यौन संक्रमणों से भी हमारी रक्षा करता है। इसलिए सरकार और डॉक्टर कंडोम के इस्तेमाल पर जोर देते रहते हैं। आज हम अपने इस लेख के माध्यम से आपको कंडोम के विषय में कुछ जरूरी टिप्स देंगे। हालांकि इसके पहले कंडोम के उपयोगिता जानना बेहद जरूरी है।

कंडोम का इस्तेमाल क्यों है जरूरी

दरअसल, कंडोम का इस्तेमाल असुरक्षित यौन संबंध के बचने के लिए किया जाता है। चूंकि असुरक्षित यौन संबंध से व्यक्ति की जान तक जा सकती है, इसलिए सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करना बेहद आवश्यक होता है। सुरक्षित सेक्स के लिए कंडोम का इस्तेमाल बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि कंडोम न सिर्फ एड्स से बचाता है। बल्कि ये अनचाहे गर्भ से भी बचाता है। कंडोम लगाकर सेक्स करने से पुरुष या महिला सेक्स के दौरान होने वाली बीमारियों से बचे रहते हैं।

कई बार कंडोम को लेकर काकी उलझने भी आती हैं। जैसे सेक्स के दौरान कंडोम का योनि में फंस जाना या फट जाना। इसलिए कंडोम का सही तरीके से इस्तेमाल करना बेहद जरूरी होता है। तो चलिए हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देते हैं जो कंडोम का सही से इस्तेमाल करने में आपकी मदद करेंगे।

कंडोम टिप्स

ये महत्वपूर्ण कंडोम टिप्स निम्नलिखित हैं-

यूरोपियन सीई मार्क या यूकेसीए मार्क वाले कंडोम का ही इस्तेमाल करें

कंडोम का पैकेट खरीदते समय यह जरूर देख लेना चाहिए कि पैकेट पर यूरोपियन सीई मार्क या यूकेसीए मार्क है या नहीं। दरअसल, कंडोम के पैकेट पर अंकित यह मार्क बताता है कि उस कंपनी के कंडोम का उच्च सुरक्षा मानकों पर परीक्षण किया गया है। कभी भी नोवेल्टी कंडोम का प्रयोग नहीं करना चाहिए, जबतक कि उन पर यूरोपियन सीई मार्क या यूकेसीए मार्क न हो।

कंडोम का ठीक तरह से करें इस्तेमाल

सेक्स के दौरान लिंग का योनि, मुंह या गुदा के बीच कोई संपर्क होने से पहले हमेशा कंडोम को ठीक से लगाना चाहिए। इसके साथ ही कंडोम के पैकेट को सही से और सावधानीपूर्वक खोलना चाहिए। इसके पैकेट को दांतों या नाखूनों से नहीं फाड़ना चाहिएक्योंकि ऐसा करने से कंडोम खराब हो सकता है और असुरक्षित हो सकता है। कंडोम को पहनते समय या उतारते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जैसे पहनते समय पहले कंडोम को खोलकर रैपर सावधानी से हटा देना चाहिए और सेक्स करने से पहले इसे सीधे लिंग पर लगा लेना चाहिए। इसके बाद कंडोम की नोक से चुटकी भर हवा निकाल दें और लिंग के नीचे तक पूरी तरह लगाना चाहिए। ऐसे ही कंडोम को हटाते समय उनके निचले हिस्से को पकड़ना चाहिए और बाहर निकालना चाहिए। इसे हटाकर सावधानी से कूड़ेदान में फेंक दें।

पैकेट की पैकेजिंग जरूर जांच लें

कंडोम का पैकेट खरीदते समय उनकी पैकेजिंग की जांच नहीं करना न भूलें। मतलब, यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि यह ठीक से पैक किया गया है और इसे कोई नुकसान नहीं हुआ है। यदि कंडोम खुला हुआ अन्सील्ड पड़ा है या उसमें कोई छेद हो, तो उसे नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि ऐसा कंडोम क्षतिग्रस्त हो सकता है और आपके लिए असुरक्षित हो सकता है।

नया सेक्स, नया कंडोम

कभी भी एक कंडोम का इस्तेमाल एक से ज्यादा बार सेक्स करने के लिए नहीं करना चाहिए। हर बार एक नए कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि एक से ज्यादा बार इस्तेमाल करने से कंडोम असुरक्षित हो सकता है।

30 मिनट का कंडोम नियम

एक कंडोम के इस्तेमाल की भी अपनी एक समय सीमा होती है। दरअसल, अगर आपका सेक्स सेशन लंबा है, तो 30 मिनट के बाद कंडोम बदल लेना चाहिए। इसकी वजह यह है कि सेक्स के दौरान उत्पन्न होने वाले घर्षण से कंडोम को कमजोर कर सकता है, जिससे इसके फटने या विफल होने की संभावना बढ़ जाती है।

एक समय में करे एक कंडोम का इस्तेमाल

सेक्स एक दौरान कभी दो कंडोम का इस्तेमाल एक साथ नहीं करना चाहिए, फिर चाहे वह 2 पुरुष कंडोम हों या एक महिला और एक पुरुष कंडोम। दरअसल, एक ही समय पर दो कंडोम का इस्तेमाल करने पर वे एक दूसरे के खिलाफ रगड़ेंगे, जिससे उनके बीच घर्षण उत्पन्न होगा, जो उन्हें कमजोर कर सकता है। इससे उनके फटने या असफल होने की संभावना अधिक हो जाती है।

कंडोम को ठंडा रखें

कंडोम को हमेशा फ्रीज में या ठन्डे स्थान पर ही स्टोर करना चाहिए। दरअसल, कंडोम ऐसे मैटेरियल से बना होता है, जो गर्मी में खराब हो सकता है या नुकसान पहुँच सकता है। इसलिए उन्हें किसी ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करना चाहिए।

कंडोम की भी होती है एक्सपायरी डेट

कंडोम के पैकेट को खरीदने से पहले उसकी एक्सपोटरी डेट जरूर जांच लेनी चाहिए। क्योंकि कंडोम हमेशा के लिए नहीं रहता है। इसलिए उनकी भी एक्सपायरी डेट ख़त्म हो सकती है। एक्सपायर्ड कंडोम यौन संचारित रोगों (std) और गर्भधारण होने के जोखिम को बढ़ा सकता है, क्योंकि पुराने कंडोम कम प्रभावी होते हैं।

कंडोम के साथ लोशन या तेल का प्रयोग न करें

लेटेक्स, पॉलीसोप्रीन या लैम्बस्किन कंडोम के साथ बॉडी लोशन, मॉइस्चराइजर, मसाज ऑयल, बॉडी ऑयल, लिपस्टिक या किसी अन्य तेल आधारित उत्पाद (जैसे पेट्रोलियम जेली, या वैसलीन) का उपयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से कंडोम कमजोर हो सकता है, जिससे यह कम प्रभावी हो जाता है। विशेष रूप से गुदा मैथुन के लिए के-वाई जेली (फार्मेसियों से उपलब्ध) जैसे पानी आधारित स्नेहक का भरपूर उपयोग करें।

ओरल सेक्स और कंडोम

ओरल सेक्स के दौरान कंडोम (लैम्बस्किन कंडोम के अलावा) का उपयोग करना चाहिए। ऐसा करने से एचआईवी और सिफलिस सहित यौन-संचारित संक्रमणों (एसटीआई) का खतरा अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाता है, जो मुंह या गले को प्रभावित करते हैं। एसटीआई से जननांग दाद, गोनोरिया और क्लैमाइडिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इसके लिए आप अलग अलग फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग करने का प्रयास कर सकते हैं।

कंडोम को हमेशा कूड़ेदान में ही डालें

कंडोम का उपयोग करने के बाद उन्हें इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए और न ही टॉयलेट में फ्लश करना चाहिए। कंडोम का उपयोग करने के बाद उसे एक टिश्यू या कागज के टुकड़े में लपेटकर कूड़ेदान में डाल देना चाहिए।

ऑनलाइन कंडोम खरीदते समय जरूर ध्यान रखें

कभी भी ऑनलाइन कंडोम का आर्डर करने के लिए हमेशा प्रतिष्ठित वेबसाइट का चयन करना चाहिए। इसके अलावा यह सुनिश्चित करना भी बेहद जरूरी होता है कि आपके द्वारा खरीदे गए किसी भी कंडोम के पैकेट पर यूरोपीय सीई मार्क या यूकेसीए मार्क है और एक्सपायरी डेट ख़त्म तो नहीं हुई है।

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जानिये ओरल सेक्स के लिए कौन-कौन से हैं बेस्ट फ्लेवर्ड कंडोम

Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS), L.C.P.S, PhD ,D.P.S.M
Sexologist, Ahmednagar
जानिये ओरल सेक्स के लिए कौन-कौन से हैं बेस्ट फ्लेवर्ड कंडोम
सेक्स के पहले तरह-तरह की क्रियाएं की जाती हैं। इन क्रियाओं को फोर प्ले नाम से जाता है। यह फोर प्ले खुद की और पार्टनर की उत्तेजना बढ़ाने में अहम योगदान निभाता है। ओरल सेक्स भी इसी फोर प्ले का एक हिस्सा है। इस ओरल सेक्स को ब्लो जॉब के नाम से भी जाता जाता है। सेक्स के दौरान महिला और पुरुष दोनों के चरम सुख तक पहुँचने में ओरल सेक्स अहम भूमिका अदा करता है।

आज हम अपने इस लेख के माध्यम से ओरल सेक्स के लिए बेस्ट फ्लेवर्ड कंडोम और ल्यूब के विषय में जानकारी देंगे, जो आपको आपके पार्टनर के साथ किये जा रहे ओरल सेक्स को काफी रोमांचित बना देगा। हालांकि इसके पहले यह जान लेते हैं कि यह ओरल सेक्स होता क्या है और इसे कैसे किया जाता है।

क्या होता है ओरल सेक्स
ओरल सेक्स की शुरुआत ही ओरल से होती है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि सेक्स के दौरान चरमसुख तक पहुंचने जब मुख का इस्तेमाल किया जाता है, तो उसे ओरल सेक्स कहा जाता है। मतलब, सेक्स के दौरान अपने साथी के जननांगों या गुदा को उत्तेजित करने के लिए अपने मुंह, होंठ या जीभ का उपयोग करना ओरल सेक्स या मुख मैथुन कहलाता है। इसे ब्लो जॉब भी कहा जाता है।

इसके अलावा इसे गोइंग डाउन, गिविंग हेड, 69 पोज़ या रिमिंग नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इसे महिला और पुरुष दोनों ही अपने पार्टनर के साथ ओरल सेक्स कर सकते हैं। भारत में अभी तक भले ही यह वर्जित माना जाता रहा है लेकिन आज के समय के युवाओं में यह क्रिया काफी उपयोग में लाई जा रही है।

ओरल सेक्स के प्रकार
ओरल सेक्स को निम्नलिखित प्रकार में विभाजित किया गया है-

एक महिला की योनि, वॉल्वा और भगशेफ पर मुख मैथुन को कनिलिंगस (cunnilingus) कहा जाता है।
एक पुरुष (लिंग) पर मुख मैथुन को फ़ेलेटियो (fellatio) कहा जाता है,
अगर मुख मैथुन में गुदा शामिल है, तो इसे एनलिंगस (anilingus) कहा जाता है। आम भाषा में इसे रिमिंग के नाम से भी जाना जाता है।
ओरल सेक्स में कंडोम और डेंटल डैम का इस्तेमाल
बिना कंडोम के ओरल सेक्स करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। दरअसल, बिना कंडोम के ओरल सेक्स करना एसटीआई का कारण बन सकता है। इसके अलावा एचआईवी एड्स, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस और किसी भी होने वाले अन्य इंफेक्शन या वायरस का ख़तरा भी रहता है। इस वजह से युवा ओरल सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। इस ओरल सेक्स को रोमांचित और सुखमय बनाने के लिए बाजारों में आजकल कई फ्लेवर्ड के कंडोम मौजूद है। अतः आप अपने पार्टनर के पसंद के फ्लेवर का कंडोम भी ले सकते हैं।फ्लेवर्ड कंडोम उन लोगों के लिए भी बहुत अच्छा है जो स्वाद के कारण ओरल सेक्स से कतराते हैं। ओरल सेक्स के लिए पुरुष जहां कंडोम का यूज कर सकते हैं, वहीं महिलाएं डेंटल डैम का प्रयोग करते हैं।

क्यों किया जाता है फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल
दरअसल, सेक्स के दौरान फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल सिर्फ ओरल सेक्स को आनंदमय बनाने के लिए किया जाता है। दरअसल साधारण कंडोम से एक विशेष प्रकार की गंध आती है, जिसकी वजह से पार्टनरओरल सेक्स से कतराते हैं। इसी गंध को दूर करने के लिए फ्लेवर्ड कंडोम को बाजार में उतारा गया। फ्लेवर और कंडोम कलर को मैच कराने के लिए ज्यादातर निर्माता बहुत अधिक सिंथेटिक कलर्स का प्रयोग करते हैं।

चलिए अब आपको मार्केट में उपलब्ध उन बेस्ट फ्लेवर्ड कंडोम के बारे में बताते हैं जो ओरल सेक्स को ज्यादा आनंदमय बना सकते हैं।

कॉकटेल फ्लेवर्ड कंडोम
ओरल सेक्स के लिए कॉकटेल क्लब प्रीमियम स्वाद वाले कंडोम एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। इस फ्लेवर के कंडोम पिना कोलाडा, टकीला सनराइज, और पैशन फ्रूट डाईक्विरी जैसे मज़ेदार स्वादों के साथ ओरल सेक्स का मजा लिया जा सकता है। ये कंडोम अच्छे हैं क्योंकि वे लेटेक्स नहीं हैं, इसलिए आपको वह रबर जैसा, लेटेक्स-वाई स्वाद नहीं मिलता है। हालांकि, इनका उपयोग केवल मौखिक रूप से ही करना चाहिए क्योंकि कुछ लोगों के वल्वा या गुदा संवेदनशील हो सकते हैं और जलन से ग्रस्त हो सकते हैं।

फ्रूटी फ्लेवर्ड कंडोम
फ्रूटी फ्लेवर्ड कंडोम लगभग हर कल्पनाशील स्वाद में आते हैं, ओरल सेक्स के दौरान आप इन कंडोम का इस्तेमाल करके वेनिला, चॉकलेट, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, केला, अंगूर, सेब और भी बहुत बहुत तरह के स्वाद पा सकते हैं। इन कंडोम का कलर फ्रूट्स के कलर के अनुसार ही होता है। उदाहरण के लिए आप समझ सकते हैं कि बनाना फ्लेवर के कंडोम का कलर पीला जबकि स्ट्रॉबेरी फ्लेवर्ड कंडोम का कलर लाल होगा। ओरल सेक्स के लिए आप के पार्टनर को जिस फ्रूट का स्वाद ज्यादा पसंद हो आप उस फ्लेवर का कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं।

स्पाइसी फ्लेवर्ड कंडोम
जिस तरह से स्पाइसी तड़का लगाकर आप अपने खाने को ज्यादा स्वादिष्ट बना सकते हैं। उसी प्रकार आप स्पाइसी फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल करके अपने सेक्स क्रिया को आनंदित कर सकते हैं। इसमें जिंजर, आचारी, बैंगन जैसे ढेरों स्पाइसी फ्लेवर के कंडोम बाजार में उपलब्ध हैं। अगर आपका पार्टनर स्पाइसी फ्लेवर पसंद करता है तो आप सेक्स के दौरान इसे इस्तेमाल में ला सकते हैं।

स्वीट फ्लेवर्ड कंडोम
इस समय मार्केट में स्वीट कंडोम भी बड़ी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। यह आपके पार्टनर को मीठा स्वाद का एहसास कराने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। चॉकलेट, वनीला, बटरस्कॉच, बबलगम, पान आदि स्वीट फ्लेवर्ड कॉन्डोम आपको ऑनलाइन भी मिल सकते हैं।

फ्लावरी फ्लेवर्ड कंडोम
फूलों की सुगंध लगभग पसंद होती है। फिर अगर आपकी सेक्स लाइफ भी फूलों के सुगंध से सुगन्धित हो उठे तो इसकी बात ही अगल होगी। अगर आप भी अपनी सेक्स लाइफ को फूलों के सुगंध से सुगन्धित करना चाहते हैं तो ओरल सेक्स के दौरान फ्लावरी फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आप अपने अंतरंग पलों को खुशबूदार बना सकते हैं। फ्लावरी कंडोम में जैस्मिन, रोज, लिली जैसे कई फूलों की फ्रेगनेंस मार्केट में उपलब्ध हैं।

कोला फ्लेवर्ड कंडोम
मार्केट में कोला कोला टेस्ट का कंडोम भी उपलब्ध है। इससे आप पार्टनर को ओरल सेक्स के दौरान कोला जैसी अनुभूति भी करा सकते हैं। इस तरह के कंडोम को ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं।

तो करें लुब्रिकेंट का प्रयोग
अगर आप ओरल सेक्स के दौरान फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं और अपने पार्टनर को आनंद का भी ध्यान रखना चाहते हैं तो आपके मार्केट में कई तरह के लुब्रिकेंट मौजूद हैं, जो आपकी सेक्स लाइफ को ज्यादा आनंदित बना सकते हैं। यह लुब्रिकेंट भी कई स्वाद में आते हैं। इसके आप साधार कंडोम के साथ इस्तेमाल करके के फ्लेवर्ड कंडोम का मजा ले सकते हैं। लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करने से पहले यह जरूर ध्यान देना होता है कि कहीं यह लुब्रिकेंट आयल बेस्ड तो नहीं है।

फ्लेवर्ड कंडोम के इस्तेमाल की वजह से होने वाली समस्याएं
वैसे तो फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल ओरल सेक्स को आनंदमय बनाते हैं लेकिन इससे समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, भले ही फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल पुरुषों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होता है लेकिन इससे महिलाओं को समस्या जरूर हो सकती है। दरअसल फ्लेवर्ड कंडोम के साथ ओरल सेक्स या इंटरकोर्स करने की वजह से महिलाओं को वजाइना में खुजली, जलन, सूजन या फिर गले में खराश आदि की समस्या हो सकती है।

कॉन्डोम को खरीदते और यूज करते समय ये कुछ बातें ध्यान रखें

कंडोम खरीदने से पहले उसके पैकेट पर एक्सपायरी चेक करना जरुरी होता है।
कंडोम के उपयोग के बाद उसे खुले रूप से फेंकने के बजाय टिशू या टॉयलेट पेपर में लपेटकर ही कचरे के डिब्बे में डालना चाहिए ।
पुरुष और महिलाओं दोनों को किसी भी कंडोम को सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल करना चाहिए।
कंडोम तभी पहने जब लिंग पूरी तरह से उत्तेजित हो।
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Best Flavoured Condoms and Lubes for Oral Sex

MBBS, MD - Social & Preventive Medicine / Community Medicine, Fellowship of European Union of Sexual Medicine, Fellowship In Diabetes, PhD in Clinical Sexology and Psychosexual counseling, Fellowship in Sexual Medicine and Reproductive Medicine, Fellowship in Cosmetology and Trichology
Sexologist, Chandrapur
Best Flavoured Condoms and Lubes for Oral Sex




For many couples, oral sex is an important part of their intimate time together. Having said that, it can be a bit unpleasant, awkward, or uncomfortable if you don t have the right protection. That s why flavoured condoms and lube were invented; not only do they make oral sex more enjoyable and thrilling, but they also offer added protection against stis or unwanted pregnancies.

When researching flavoured condoms and lubes for oral sex, it is imperative for one to consider the various factors that go into choosing the right product. Different brands offer various levels of protection and flavour, so it is essential to know what you are getting before making a purchase. To help make the selection process a little easier, here is a review of some of the most popular flavoured condoms and lubes available on the market.

What are the best options available on the market?

Each product has its own unique features, so it is important to read the labels thoroughly before making your selection. Some of the top brands include durex, trojan, and lifestyle, each offering unique levels of taste (or flavour) and protection. Durex offers a variety of flavours, including strawberry, banana, and mint, and also offers a unique combination of protection and pleasure with its unique dual action lubricant.

Trojan also offers a variety of flavours, including chocolate, vanilla, and mint, and provides enhanced sensitivity with its ultra-thin design. Apart from that, lifestyle offers a decent variety of flavours, such as cherry, grape, and cotton candy, and also provides a unique combination of protection and pleasure with its special lubricants.

When choosing flavoured condoms and lubes for oral sex, it is important to consider the various factors that go into selecting the right product. One must keep in mind that different brands and products offer distinct levels of protection and flavour, so it is absolutely important to do proper research and read the labels carefully before making a purchase. With a huge variety of flavours and lubricants available, you can definitely find the perfect product to suit your needs.

Furthermore, here s a look at some of the best flavoured condoms and lubes for oral sex:

Trojan pleasure pack

The trojan pleasure pack is an ideal choice for couples who are looking to spice up their bedroom activities. This pack includes five unique and delicious flavours of condoms, all made of premium latex for extra protection.

From the delicious strawberry and banana flavours to the tantalising mint and caramel, the pleasure pack offers a variety of options to choose from, allowing couples to explore and enjoy a range of exciting sensations. Each condom is lubricated to ensure maximum pleasure and comfort. With the trojan pleasure pack, couples can look forward to experiencing new heights of pleasure and intimacy.

Real feel by durex

Durex real feel condoms provide a revolutionary experience for users with a material that closely mimics the sensation of real skin. This advanced material allows users to enjoy all the pleasure of intimacy without having to worry about the mess that comes with it.

These condoms come in a range of flavours, including strawberry, banana, and bubblegum, so users can experience a variety of tastes and sensations. With durex real feel condoms, users can enjoy a unique sensory experience and still maintain a safe and secure level of protection.

Lifestyles skyn

Skyn condoms are designed for a superior experience. The revolutionary material used in their making is ultra-thin and feels like a second skin, allowing for maximum sensitivity and pleasure.

The variety of flavours allows you to experience all the pleasure without any of the mess. These condoms are also designed for ultimate comfort and protection, ensuring that you can enjoy an intimate experience without worrying about safety.

Kimono microthin

These condoms are an excellent choice for those seeking a truly realistic experience. The thin and strong construction of the condoms provides an incredibly natural feeling, making them a great option for those who are looking for a more intimate experience.

Furthermore, kimono microthin condoms come in a variety of delicious flavours, including cherry, grape, and chocolate, to ensure you find the perfect taste for your pleasure. With their thin and strong construction, kimono microthin condoms are sure to provide an intimate and realistic experience that you won't forget.

Trojan supra

Trojan supra condoms are crafted from advanced polyurethane material, offering an ultra-thin and natural sensation. Available in a selection of delicious flavours, including mint, grape, and cherry, these condoms provide a heightened experience for both partners.

What are the best options for lubes?

Lubricants are an essential part of oral sex that can make it more enjoyable and provide a smoother, more pleasurable experience. They reduce friction as well as add flavour and texture to the experience.

Sliquid swirl, kama sutra pleasure balm, and wet naturals are all great options for flavoured lubricants for oral sex, with a variety of flavours that can meet everyone s needs. Sliquid swirl offers cherry, strawberry, and passion fruit flavours, while kama sutra pleasure balm offers raspberry, vanilla, and mango, and wet naturals offers strawberry, coconut, and pina colada.

With these lubricants, you can find the perfect flavour to make your oral sex experience more enjoyable while also reducing friction and increasing pleasure.

Conclusion

When it comes to flavoured condoms and lube, it s important to do your research first. Different brands offer different levels of taste and protection, so it s always a good idea to know what you re getting before you finally shop. Speaking of, the brands and products listed above are some of the best flavoured condoms and lubes for oral sex, so you can experience all the pleasure without the mess.

We hope that this article on the best flavoured condoms and lubes for oral sex has been useful in assisting you in selecting the best options for your individual needs. Furthermore, if you have any additional queries or concerns, please do not hesitate to make them known in the comment section below. We are here to make sure you can find the right products for your oral sex needs, so do not hesitate to reach out for further assistance!
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Homeopathic Medicine for Lasting Longer in Bed

BHMS
Homeopathy Doctor, Delhi
Homeopathic Medicine for Lasting Longer in Bed




Homeopathy can be best defined as a type of alternative medicine that follows the" like cures like" principle. This simply means a substance that can cause symptoms in a healthy individual is utilized in small amounts to treat comparable symptoms in an ill person. Homeopathic remedies are typically derived from natural sources such as plants, minerals, and animal products and are highly diluted to minimize potential adverse effects.

Many people believe that homeopathic medicine can be effective for increasing sexual stamina and making you last longer in bed. The use of specific homeopathic remedies has been claimed to improve libido, increase sexual energy, and boost sexual endurance.

Having said that, there is limited scientific evidence that can support the claim that homeopathic medicine can be used to improve sexual health. Of course, more research is required to understand the potential risks and benefits of this practice.

One of the most popular homeopathic remedies for sexual health is lycopodium clavatum, a plant extract that is used to treat a variety of conditions, including sexual performance issues. This remedy is said to enhance sexual stamina and improve circulation, which can help with sexual arousal and orgasm.

Another popular remedy is agnus castus, which is derived from the chasteberry plant and is commonly used to treat low libido, infertility, and impotence. Some other homeopathic medicines that are said to make you last longer in bed are listed below:

Lycopodium

Homeopathic medicine lycopodium can be used to help increase endurance during sexual activity and help men last longer in bed. This medication has a long history of being used to support sexual wellness and enhance sexual performance.

It is derived from the clubmoss plant, an evergreen fern that produces spores. This natural remedy has been employed for centuries to aid in intimate activities.

Lycopodium can help to improve blood flow to the genital area, boost libido, and enhance overall sexual performance. It can also help to reduce anxiety and nervousness, which can be a cause of premature ejaculation in many cases. ;

Lycopodium can also help boost energy levels, allowing for longer sexual encounters. For best results, the medicine should be taken (in pill form) about 30 minutes before sexual activity.

For men seeking to enhance their sexual stamina and prolong their time in bed, this can be an excellent natural remedy that has been used for centuries. It is known to help boost libido and enhance sexual performance.

Overall, lycopodium can be a very beneficial supplement for those looking to enhance their sexual experience or rekindle their sex life. With regular use, it can help improve confidence in the bedroom and restore enjoyable sexual encounters.

Selenium metallicum

Homeopathic medicine selenium metallicum is a remedy used to address a wide range of symptoms related to sexual performance, including premature ejaculation and the inability to last longer in bed. This remedy is derived from the mineral selenium and is believed to work by calming the nervous system and decreasing anxiety.

It is thought that this calming effect can help with sexual performance by decreasing the stress and tension associated with intercourse, allowing for more control over the body and prolonged sexual pleasure. This remedy is also known to boost libido and help with erectile dysfunction, making sexual activity more pleasurable for both partners.

In addition to its calming effects, selenium metallicum is believed to help strengthen the reproductive organs, which can in turn increase sexual endurance and help men last longer in bed. This remedy can also improve overall energy levels, making it easier to enjoy sex for longer. Finally, selenium metallicum is thought to help increase sensitivity in the genital area, leading to longer periods of pleasure.

Overall, selenium metallicum is a homeopathic remedy that is thought to help men last longer in bed and boost their overall sexual performance. It is believed to work by calming the nervous system, increasing energy levels, and strengthening the reproductive organs.

Staphysagria

Homeopathic medicine staphysagria has been used for centuries to assist with sexual issues, such as premature ejaculation. It is a natural remedy that can help with the physical and emotional responses that are associated with premature ejaculation. The active ingredient in this medicine is derived from a plant known as delphinium staphisagria.

It is believed to offer relief from the emotional and physical symptoms of premature ejaculation. The active ingredient in the medicine is called delphinine, which is believed to help reduce the sensitivity of the genitals and promote relaxation. It is also thought to reduce anxiety and help increase feelings of control.

Staphysagria is typically taken in pill form, but it can also be taken as a tincture or mixed with a cup of tea. It is recommended to take staphysagria 30 minutes before engaging in sexual activity.

It is also important to note that it may take several days or even a few weeks of regular use before any effects are noticed. Apart from that, it is important to follow the recommended dosage when taking staphysagria and not exceed it.

Causticum

Homeopathic medicine causticum is a remedy used to help with issues related to sexual performance. It is used to help treat premature ejaculation, impotence, and other related conditions. It works by increasing the blood flow to the area, thereby increasing sensation, which can help men last longer in bed.

Causticum is derived from slaked lime, calcium sulfate, and potassium hydroxide in its natural state. In its marble form, it is not soluble in water. However, when heated, the marble decomposes, forming an acid that is released as a gas.

This is the process that leads to the formation of caustic. The active ingredients in this remedy are causticum alkaloids, which are thought to help reduce the sensitivity of the penis and decrease the intensity of orgasm, thus allowing men to last longer in bed.

The medicine is taken orally, essentially in the form of liquid drops or pills. It is important to consult with a homeopathic practitioner before taking any form of homeopathic medicine. The effects of causticum can be seen within a few weeks of taking the remedy, although it may take up to several months to see the desired results.

Conclusion

All things considered, homeopathic medicine can be a great option for those who are looking for natural ways to improve their performance in the bedroom. Homeopathic medicines are safe, natural, and can be used to help overcome premature ejaculation, improve libido, and increase sexual stamina.

Homeopathic medicines can be used alone or in combination with other therapies to help provide lasting solutions to common issues related to sexual performance. They can be a great addition to any sexual health routine. In fact, for those who are looking for a safe, natural way to last longer in bed, homeopathic medicine may be the right choice.
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Frostbite: Symptoms, Stages and Prevention

General Physician, Sonipat
Frostbite: Symptoms, Stages and Prevention




When there is freezing of skin due to the environment, there is injury, due to freezing, of the skin and the underlying tissues is called frostbite. There are stages of frostbite. Earliest stage is known as frostnip in which there is no permanent damage to tissue and layers of skin. ;

There are few symptoms like cold skin and itching feeling. After sometime symptoms are followed by numbness to inflammation and discoloration of skin. At late stage of frostbite the symptoms are skin harding, or skin turn to waxy like structure.

When the environment is cold and windy, skin can be affected with frostbite. Anywhere in the body, frostbite can take place. Frostbite is like it can affect the body even when you are wearing clothes.

You will not recognize it until it is compared to other skin textures. The best way to avoid frostbite is to warm yourself but frostbite can cause you to have medical attention. It damages skin, tissue and also bone.

Symptoms:

Frostbite have many sign and symptoms, they are:



When frostnips attack you, there will be a feeling of cold cold skin and a prickling feeling in the skin.


There will be slight numbness in the hands and feet.


There are color stages when frostbite attacks you, the change in color of skin are in stages: red, white, bluish-white, grayish-yellow, purplish, brown or at last ashen. This color shows the severity of frostbite on the body.


At the last stage there will be areas that look like hard or there will be waxy-looking skin.


Due to stiffness of muscle and joint because of cold can cause us to be clumsy. ;


When there is a severe case, rewarming can cause you to blister on the surface of the skin.



The external part like my fingers, toes, nose, ears, cheeks and chin suffers from frostnip or later frostbite. Due to the cold your hands and feet get numb and if there is no change in color, you cannot recognize you have suffered from frostbite. People who have black or brown skin color their frostbite is not recognized.

Frostbite is in several stages. They are:



Frostnip: first comes frostnip. It is considered a mild form of frostbite and it is an early stage of frostbite. When frostnip is continued there will be numbness in the area of frostnip. If you warm the area, the skin structure changes causing pain and tingling in the skin of the affected area. Frostnip affects skin mildly, so there is no permanent damage to skin. ;


Superficial frostbite: superficial frostbite is the second stage of frostbite. This frostbite has the capacity to change the color of the skin. When there is color change in the skin it is followed by a slight rise in temperature of skin slightly. Many people rewarm the affected area at this stage, the area will be visible like a mottle. And fully warming the skin starts to burn and there will be swelling in the affected area. After a few hours of rewarming there will be blisters on the affected area.


Deep (severe) frostbite: it is the last stage of frostbite. At this stage, it affects all layers of skin as well as the tissues and bone of the affected area. The affected area will change its color to brown or ash color. The skin loses all the sensation like pain, tickling, cold, warmth or even any type of heat. The affected areas of the joint and muscles will not have any movement. There will be blisters all over and look like it has died due to skin color.



When to see a doctor?

If you experience the following symptoms you must go to doctor:



When frostnips attack you, there will be a feeling of cold cold skin and a prickling feeling in the skin.


There will be slight numbness in the hands and feet.


There are color stages when frostbite attacks you, the change in color of skin are in stages: red, white, bluish-white, grayish-yellow, purplish, brown or at last ashen. This color shows the severity of frostbite on the body.


At the last stage there will be areas that look like hard or there will be waxy-looking skin.


Due to stiffness of muscle and joint because of cold can cause us to be clumsy. ;


When there is a severe case, rewarming can cause you to blister on the surface of the skin.



Prevention:

There are few tips for preventing the frostbite:



We should let ourselves out for more time in windy and cold, wet winters. Please listen to the news to know about the weather forecast. Your skin can catch frostbite within a few minutes of exposure to cold weather.


We should dress warm and loose. And wear it in different layers to capture the air to insulate the body. The air which gets trapped inside acts as an insulation from outside cold and cold air. We should cover ourselves with waterproof and windproof cloth, so that it will protect us from cold and wind and snow. Always change the wet cloth like gloves and undergarments.


We should wear hats or woolen headbands to cover our ears. An open head can feel cold easily so we should cover it with the best woolen cloth and use headwear frequently, this will keep you warm.


Always wear socks in the feet and mitten in the hand. Mittens are made from woolen cloth that keeps you warm rather than wearing gloves. When you go in windy weather, wear gloves in your hands.


Keepyouself warm by eating warm food and drink. Eat food which gives you more energy to insulate. And produce more heat. Avoid cold foods and drink this can give you cold.



Conclusion:

Frostbite is not serious at benign. But later they can affect you badly. They can cause permanent damage to the body. Keep yourselves warm and keep yourself away from the cold. If you have symptoms of frostbite please refer to a doctor for treatment.
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Male masturbation: Tips for Solo Play

MBBS
Sexologist, Panchkula
Male masturbation: Tips for Solo Play


Masturbation is also called a practice of self pleasure. It is the most common practice in men. About 95% of men in the world practice this act of self pleasure called masturbation. When we try anything often we get bored from it, same as with masturbation. When we use the same method or solo practice we get bored of it. So we need to understand it for a more satisfying result.

When you are at home or idle, taking biological chemical demands there are sexual thoughts of repeating what you have experienced earlier. You feel horny and you masturbate. All men do it. Old fashioned men do it with hands, new ones do with sex toys or hands. You can spend a loving time with yourself which has few benefits. It's always good to have a partner but solotime can help to experiment with less performance pressure to learn new and good ways. You go beyond masturbation with your penis and experiments with masturbation can result in better sex and bonding.



Is masturbation good for health?

Masturbation is a healthy act if done in a controlled way, however doing something many times is bad for the body. It is a way to know yourself more physically as well as discover your fantasies that make you feel good. Apart from sexual pleasure there are many benefits in masturbation to the body. When masturbation is taken on moral ground, it may sound wrong, however it has many health benefits, which may aid masturbating you easily and without pressure:



Masturbation lowers your stress levels in the body: doing masturbation in a private place releases stress and anxiety. When masturbating the self is forgotten and the whole body gets excited and after orgasm it relaxes down which helps the men who are stressed, they feel relaxed.


Masturbation is best for penis health as it increases blood in the veins and capillaries of penis. This provides blood which maintains the health of penis, as it is the area of opening where infection can occur.


Masturbation is the safest sex like experience we can have: in this we can avoid sex diseases like sti, hiv etc. Here you can enjoy without any risk. In this you can't get pregnant by any chance.


As masturbation releases dopamine and serotonin: these are pain relievers and stress relievers which help during stress or if the mood is not right.



Tips for solo masturbation:

1) set the mood

Masturbation is, always for men, a quickie either in a room or in a bathroom due to fear somebody will see us. But men can plan for more time with themselves and set up room for more satisfying or having more quality time. You can make masturbation more satisfying by following some steps like:



We can turn down the lights in the room.


We can play some good and erotic music inside the room.


We can try some dirty talk to ourselves and tease ourselves.


Do not get scared and be relaxed. ;



2) position:

We always try on one position and stick to it for a long period of time. We should try many exciting positions. We all try masturbating while standing and leaning ourselves to the counter or wall but we can try pushing your hip to the wall wall. We can try by lying down and applying force to bed. We can try by sitting on a bed or chair. There are different positions which sensate differently and make you more satisfied.

3) different stroking

We can use both hands while masturbating. We always masturbate by moving our hands up and down in a motion, it leads to orgasm to mostly all men with a penis. There are many movements or stroke should be applied for more satisfy experience or orgasm. We should experiment yourself like:

1) we can masturbate by moving penis clockwise or anticlockwise. ;

2) we can rub it with our palm and tickle the forehead of penis.

3) we can try holding tight grip and move your hip forward and backward.

There are many types of stroke in which you can find which sensate you more or gives you pleasure more.

4) prostate

We have a prostate which is called as male g-spot. This can, when tickled, give you the body feel of sex. If you have tried it, do it now. We can use one finger to rub the outside and inside of anal opening slowly. Then insert to massage your prostate slowly. Now increase the motion and speed to feel more until you're ready to finish it off. If you can't use the finger to feel your prostate, we can use toys to do so. Please use it for more pleasure.

5) we always watch porn to have sexual pleasure. But we can use many methods to do so like listening to audio books, reading magazines.

Conclusion:

Masturbation is a healthy practice which can be done by everybody. We should keep in mind that in doing so we should not harm ourselves. If you have any problem related to masturbation please refer to a doctor immediately.

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Ways to find out G-Spot in women

BHMS, Ph.D Micro
Sexologist, Bikaner
Ways to find out G-Spot in women




There's a lot of talk about the elusive" g-spot" but for many people, it's a mystery where to even begin looking for it (or if it exists at all for them and their partner). If this is something you are also curious about, you will be glad to know that our sex counselors and experts have put together some information and tricks to help guide you to the mysterious pleasure zone.

With step-by-step instructions, this article will explain which methods work best in the bedroom so that you can start enjoying the benefits of hitting the g-spot during sex. Here are some must-read information and tips to help you on your quest:

How can" g-spot" be best defined?

The g-spot is an area located in the vagina that is responsible for sexual arousal, according to many sex experts. It is named after Dr. Ernst grafenberg, a german-born american gynecologist who was one of the first people to recognize and describe this sensitive area in medical literature. ;

In other words, the" g-spot" is an area located inside the vagina that, when stimulated, can bring about pleasurable sensations for some women during sexual activity. So, it can be a hotspot for many ladies out there!

Dr. Grafenberg first wrote about" an erotic zone" in 1950. He claimed that this zone could be found on the front wall of the vagina along the path of the urethra. He also added that this area could be stimulated to produce pleasurable sensations during sex.

However, it wasn't until the 1980s that other researchers named the area after Dr. Grafenberg, shortening it to the" g-spot" around this time, the g-spot became popularized across the world. In short, the g-spot is an area (or a part) of the vagina that is typically more sensitive than the surrounding tissue.

Where is the g-spot precisely located?

The g-spot is a controversial and much-debated topic in the world of sexual health. Some say it exists, while others maintain that it's a myth. The jury is still out on this one, but if you're curious to explore the possibility of finding this elusive spot, here's what you need to know about its location:

The g-spot is said to be located just a few centimeters along the vagina's inner front wall, or on the top wall if a woman is lying down on her back. According to Dr. Jennifer berman (md), who is an expert and renowned american urologist, the g-spot is located a few inches up and about a third of the way into the vagina, although it can vary depending on the person.

Long story short, the g-spot is located differently for different people. For some, it may be higher up, while others may find it closer to the vaginal opening. That being said, not every woman can reach a g-spot orgasm.

This elusive area can be difficult to find for some women. So, if you are also facing a lot of trouble or difficulty finding yours, just don't worry! it's quite normal, and there is no need for you to feel discouraged. In fact, you should just keep exploring and experimenting with different techniques until you finally get there!

How can you find your (or your partner s) g-spot?

In order to find your g-spot with the help of your fingers, you must begin by exploring the upper, inner wall of your vagina. You should be able to feel a small, round area of tissue that is in some way different from the rest of the vaginal wall. Facing your palm up, insert your index finger into the vagina and move it in a beckoning" come here" motion.

The g-spot is usually located about a couple of (or maybe a few more) inches inside a woman's vaginal opening or on the front wall of her vagina. It generally feels a bit rougher (or harder) than the rest of the vagina, kind of like an orange peel. Sometimes it can be pulled back into the fold, so you might have to fish around a bit to find it.

If you're trying to find your g-spot, you may feel a sudden urge to urinate. This is perfectly normal, as the g-spot is located very close to your urethra. Try not to panic just enjoy the sensations!

If you're still having trouble finding your g-spot, a great way to help stimulate it is by using a sex toy that is angled upward and designed for the same purpose. This will make sure that you hit the right spot.

Furthermore, many women report intensely pleasurable sensations when their g-spot is touched during sex, whereas some may feel no sensations at all. So if you're curious about exploring your own" g-spot" talk to your partner and experiment with different types of touch to see what feels good for you!

What are the ideal sex positions for stimulating (or hitting) the g-spot?

In order to hit or stimulate your partner's g-spot during penetrative sex, you must choose a position that points your penis toward the upper front wall of her vagina. Here are some basic sex positions that can give you a great start:



Cowgirl: the female partner straddles her man who is penetrating her and faces him while he lies on his back. The partner on top in this position is able to change the angle and pressure to better stimulate their partner's g-spot. That said, a 45-degree angle is an excellent position to start!


Doggy style: it's a popular and most-loved sex position where the male partner penetrates his woman's vagina from behind. The woman can either lie down on her stomach or prop her knees on pillows to adjust until she feels g-spot stimulation.



As a beginner or someone who has just started, you may find it difficult to locate or stimulate the g-spot. However, don't get discouraged if you don't succeed at first. With a little more practice, you will also be able to find it and have a great time in bed.

Conclusion:

According to many sex experts around the globe, g-spot stimulation is a great way to get your partner more excited and have a more intense orgasm. And we don't have a good reason not to believe them!

Furthermore, we hope this blog was able to educate you on the g-spot, and we encourage you to continue doing research on this topic. If you have any further questions or would like to learn more about the g-spot, we would be happy to assist you. Just feel free to get in touch with us!

महिलाओं में जी स्पॉट ढूंढने का तरीका

MBBS
Sexologist, Panchkula
महिलाओं में जी स्पॉट ढूंढने का तरीका
किसी भी जोड़े के बीच अच्छा सेक्स बहुत महत्वपूर्ण होता है। ये तभी हो सकता है जब महिला और पुरुष दोनों अपनी सेक्सुअल लाइफ से संतुष्ट हों। हालांकि अकसर महिलाओं का ऑर्गैज़्म से वचित रह जाने की शिकायत करना आम समस्या है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर आपने महिलाओं का जी स्पॉट खोज लिया तो आपकी सेक्स लाइफ कई गुना बेहतर बन सकती है। हालांकि जी स्पॉट कहां है और कैसे खोजा जाए इसे लेकर लोगों के मन में बहुत से सवाल बने रहते हैं।

इस सवाल ने एक नहीं लाखों दंपत्ति को लंबे समय से परेशान कर रखा है। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि जी स्पॉट को ढ़ंढना कहां से शुरू करें तो यह लेख आपकी मदद कर सकता है। यह लेख आपको रास्ता दिखाने के लिए कुछ सुझाव दे सकता है।

जी-स्पॉट है क्या ?
जी-स्पॉट कोई नई खोज नहीं है। इसका ज़िक्र पहली बार 1940 के दशक में जर्मन स्त्री रोग विशेषज्ञ अर्न्स्ट ग्रेफेनबर्ग (इसलिए "जी") द्वारा किया गया था।

1982 में सेक्स शोधकर्ता बेवर्ली व्हिपल की सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब द जी स्पॉट: एंड अदर डिस्कवरीज अबाउट ह्यूमन सेक्सुअलिटी (होल्ट पेपरबैक) के प्रकाशन के साथ "मैजिक बटन" लोकप्रिय हो गया।

अब सवाल यह है कि क्या यह वास्तव में मौजूद है या नहीं। दरअसल हर महिला की योनि एक जैसी नहीं होती है। उनकी योनि में मौजूद अत्यधिक संवेदनशील नर्व के बंडल अलग-अलग जगहों पर हो सकते हैं।

जी-स्पॉट की जगह निश्चित होने पर संशय
यही कारण है कि कुछ महिलाएं एक निश्चित तकनीक या स्थिति के लिए अच्छी प्रतिक्रिया देती हैं और अन्य नहीं। वास्तव में, जी-स्पॉट एक स्थान के बजाय एक क्षेत्र से अधिक हो सकता है जो कि हर महिला में अलग हो सकता है।

इटली के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में जी-स्पॉट का शारीरिक प्रमाण मिलने का दावा किया गया है। इन शोधों में योनि का अल्ट्रासाउंड कर योनि और मूत्रमार्ग के बीच मोटा ऊतक पाया गया। ये माना गया कि यहीं पर जी स्पॉट स्थित है।

शोध में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि कुछ महिलाओं में जी-स्पॉट होता है और अन्य में नहीं। पर इस बात से सभी सहमत हैं कि जी-स्पॉट चरम आनंद को और भी अधिक आकर्षक बनाता है।

कैसे खोजें जी-स्पॉट?
ये एक सवाल अधिकतर लोगों के मन में होता है कि जी स्पॉट के आखिर खोजें कैसे। कुछ तरीके हैं जिनसे इसे ढूंढने में आसानी हो सकती है। आइए जानते हैं ऐसे तरीके को -

जानकार मानते हैं कि सबसे महत्वपूर्ण है कि धैर्य से काम लिया जाए।
जी स्पॉट की खोज के लिए आवश्यक है कि महिला पहले पूरी तरह से उत्तेजित हो। उत्तेजना के कारण जी-स्पॉट सूज जाता है।
अब योनि में अपनी या अपने साथी की एक उंगली डालें।
इसे योनि की ऊपरी दीवार पर फेरें। संयम के साथ ऐसे क्षेत्र की तलाश करें जो अंदर के बाकी ऊतकों से अलग महसूस हो।
छूने पर शायद यह अधिक आनंददायक होता है।
यदि आपको कोई ऐसा स्थान मिलता है जो आशाजनक लगता है, तो उस क्षेत्र पर उंगलियों को मोड़कर लगातार उत्तेजित करें।
कई महिलाओं के लिए, जी-स्पॉट योनि के द्वार और सर्विक्स के बीच होता है।
यदि आपको ये छूने से नहीं मिल रहा है तो तो योनि के द्वार या सर्विक्स के करीब इसे महसूस करने की कोशिश करें।
जानकार कहते हैं कि कई महिलाएं जी-स्पॉट उत्तेजना के दौरान पेशाब करने की इच्छा महसूस कर सकती हैं। क्योंकि यह एक तेज़ सनसनी को ट्रिगर करता है, जैसे उन्हें पेशाब लगा हो।
इसलिए ये सलाह दी जाती है कि जी स्पॉट खोजने से पहले पेशाब कर लें। एक बार जब जी-स्पॉट सूजन के बिंदु पर उत्तेजित हो जाता है, तो पेशाब की भावना आमतौर पर कम हो जाती है।
जी स्पॉट को उत्तेजित करने के लिए सेक्स पोज़ीशन
आप जी-स्पॉट को संभोग के दौरान भी खोज सकते हैं। इसके लिए कई पोजीशन आदर्श हैं:

वूमन ऑन टॉप
अगर आपकी महिला साथी सेक्स के दौरान आपके ऊपर होती है तो यह उस कोण के साथ प्रयोग करने की अनुमति देता है जो जी स्पॉट को उत्तेजित करने के लिए सबसे अच्छा काम करता है।शीर्ष पर रहते हुए थोड़ा पीछे झुकना ऊपरी योनि की दीवार को निशाना बनाता है जिससे जी स्पॉट को स्पर्श किया जा सकता है।

डॉगी स्टाइल (पीछे की ओर से संभोग)
जानकार मानते हैं कि यह सेक्स पोज़ीशन विशेष रूप से अच्छी तरह से काम करती है। इसमें महिला को अपनी कोहनी पर आराम करके अपने शरीर को घुटनों पर लाना होता है। फिर पुरुष महिला के पीछे की तरफ से संभोग कर सकता है।

मिशनरी पोज़ीशन
जी-स्पॉट उत्तेजना को आपके साथी के लिंग के आसपास आपकी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को सिकोड़ कर बढ़ाया जा सकता है। यह पुरुष की उत्तेजना को भी बढ़ाता है।

इस पोज़ीशन में जोड़े अपने शरीर को एक ऐसे एंगल पर झुका सकते हैं ताकि उनकी पेल्विस की हड्डियाँ एक ही दिशा में हों। साथ ही जी-स्पॉट उत्तेजना प्रदान करने के लिए लिंग सही कोण पर हो।

जोड़ों को एक हल्की रॉकिंग गति बनाए रखनी चाहिए। कोइटल-अलाइनमेंट तकनीक कहलाने वाली यह स्थिति क्लिटोरल उत्तेजना भी प्रदान करती है।

सेक्स टॉयज भी हो सकते हैं अहम
विशेषज्ञ महिलाओं को जी-स्पॉट उत्तेजना के लिए डिज़ाइन किए गए सेक्स टॉयज़ का प्रयोग करने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं। वे आम तौर पर ऊपरी योनि की दीवार को लक्षित करने के लिए विशेष एंगल पर मुड़े होते हैं।

ये सेक्स टॉयज़ विभिन्न सामग्रियों से बने होते हैं, जैसे कि नरम सिलिकॉन, प्लास्टिक या कांच । हालांकि यह समझना ज़रूरी है कि जो तरीका दूसरों के लिए कारगर हो सकता है वो आपके लिए भी कारगर हो ऐसा ज़रूरी नहीं।

सेक्स में संभव नहीं वन साइज फिट्स आल
जानकार मानते हैं कि सेक्स में संतुष्टि हर व्यक्ति के लिए एक अलग तरह का अनुभव है। कोई दंपत्ति एक तरह से सेक्स में चरमसुख प्राप्त करती है तो जरुरी नहीं यह आपके लिए भी प्रभावी हो।

अंग्रेजी की कहावत वन साइज फिट्स आल सेक्स में बिलकिल लागू नहीं होती है। इसलिए सेक्स के दौरान अपने साथी और अपने आप को सहज महसूस कराना ही आनंद की पहली शर्त है।

तो आप अपने यौन जीवन का आनंद लें। इस बात की चिंता को मन से निकाल कर कि आप जी स्पॉट ढूंढने में सफल हुए हैं, या नहीं।
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शीघ्रपतन से छुटकारा पाने की होम्योपैथिक दवा

BHMS
Homeopathy Doctor, Gopalganj
शीघ्रपतन से छुटकारा पाने की होम्योपैथिक दवा
क्या होता है शीघ्रपतन?
यौन स्वास्थ्य हमारे खुशहाल जीवन का एक अभिन्न अंग है। बढ़ती उम्र के साथ भी, अच्छे और लंबे समय तक सेक्स की इच्छा इस बात का संकेत है कि आप पूरी तरह स्वस्थ हैं।

कई बार पुरुष शीघ्रपतन की समस्या के कारण अपनी सेक्स लाइफ का पूरी तरह आनंद नहीं ले पाते। इस कारण ना सिर्फ वो खुद बल्कि उनकी साथी भी निराशा का अनुभव कर सकती है।

शीघ्रपतन एक ऐसी स्थिति है जिसमें अनैच्छिक स्खलन होता है। यह अधिकांश मामलों में पुरुषों को प्रभावित करता है। पर ये भी सच्चाई है कि पुरुष इस बारे में किसी से बात करने या चिकित्सक से सलाह लेने में हिचकिचाते हैं। यही कारण है कि स्थिति अनुपचारित बनी रहती है।

सारांश- शीघ्रपतन एक ऐसी स्थिति है जिसमें अनैच्छिक स्खलन होता है। यह अधिकांश मामलों में पुरुषों को प्रभावित करता है।

शीघ्रपतन का क्या कारण होता है?
शीघ्रपतन या प्री मैच्योर इजैकुलेश (पीई) निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:

अधिक चिंता, तनाव और अवसाद के कारण
साथी के साथ मतभेद के कारण
कम यौन गतिविधि के कारण
मादक द्रव्यों का सेवन (शराब, ड्रग्स, धूम्रपान) करने के कारण
हार्मोनल असंतुलन (हाइपरथायरायडिज्म) के कारण
बायोजेनिक कारण- लिंग की अतिसंवेदनशीलता, अतिउत्तेजना, अतिउत्तेजक स्खलन प्रतिवर्त।
प्रोस्टेट की पुरानी सूजन।
शीघ्रपतन के कारण और लक्षण, चाहे वह उम्र के शुरुआती पड़ाव में हो या देर से, नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। पुरुष यौन स्वास्थ्य की आमतौर पर उपेक्षा की जाती है, जो कि ठीक नहीं है।

सारांश- शीघ्र पतन के कारणो में चिंता, तनाव और अवसाद, कम यौन गतिविधि, ड्रग्स, हार्मोन असंतुलन समेत कई चिकित्सकीय अवस्था हो सकती है।

विशेषज्ञ की मदद लें
शीघ्रपतन की समस्या जूझ रहे पुरुषों को जानकार सबसे पहले डॉक्टर से मदद लेन की सलाह देते हैं। यही किसी भी उपचार को शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका है। विशेषज्ञ ही आपको उपचार के उपलब्ध विकल्प और आपके लिए सबसे उपयुक्त व्यवस्था के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

आपको सिर्फ बिना किसी झिझक के अपने लक्षणों के बारे में खुलकर चिकित्सक को बताना है।

सारांश शीघ्रपतन का इलाज करने के लिए सबसे पहले आप झिझक को छोड़ें। आपको खुलकर विशेषज्ञ को स्थिति बतानी होगी और उसके निर्देश मानने होंगे।

कैसे होती है शीघ्रपतन की डायगनोसिस
आपके इलाज की शुरुआत आपके सकारात्मक रवैये से होती है। पीई का इलाज करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन कई उपचार विधियों और संयोजन उपचारों ने बहुत अच्छा काम किया है।

पीई के लिए नैदानिक निदान निम्नलिखित बिंदुओं पर आधारित होगा-

स्खलन का समय
स्खलन नियंत्रण
सेक्स की शुरुआत और अवधि
पति पत्नी के रिश्ते में कोई समस्या
चिकित्सा का इतिहास
सारांश- होम्योपैथिक विधि में शीघ्रपतन का प्रभावी इलाज है। इसमें डायगनोसिस कई बिंदुओं पर आधारित है।
होम्योपैथी में है प्राथमिक और प्रभावी उपचार
निम्नलिखित होम्योपैथी की दवाएं शीघ्रपतन की समस्या में आपके काम आ सकती हैं।

एग्नस कास्टस
यह दवा आपके लिए मददगार हो सकती है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से कारगर है जोन लोगों द्वारा कई वर्षों तक तीव्र और लगातार यौन क्रिया करने के बाद अचानक नपुंसकता की समस्या विकसित होती है।

इसके अलावा जिन्हें जननांगों में ठंडक महसूस होती है उनके लिए एग्नस कास्टस ही एक अचूक उपाय है। जिन लोगों को अपने स्वास्थ्य और क्षमताओं के नुकसान के बारे में बहुत चिंता रहती है, और उन्हें याददाश्त और एकाग्रता की समस्या हो सकती है, उन्हें अकसर इस उपाय की आवश्यकता होती है।

कैलेडियम
यह उपाय उन पुरुषों के लिए मददगार हो सकता है जिनका लिंग यौन रुचि होने के बावजूद बिलकुल भी स्तंभन की स्थिति में ना आते हों। इन लोगों को सोते समय बिना इरेक्शन के ही इजैकुलेशन हो सकता है।

ऐसा ज़रूरी नहीं कि ये स्थिति सेक्स संबंधी सपनों के कारण होती हो। जिस व्यक्ति को इस उपाय की आवश्यकता होती है, उसे अक्सर तम्बाकू खाने की लालसा होती है।

लाइकोपोडियुम
जिन्हें चिंता के कारण इरेक्शन की समस्या हो सकती है, और याददाश्त कमजोर होने की भी समस्या होती है,उनके लिए यह दवा काम की हो सकती है। ऐसे लोगों में अक्सर आत्मविश्वास की कमी होती है।

जिन लोगों को इस उपाय की आवश्यकता होती है, उन्हें अक्सर गैस और सूजन के साथ पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं, और उनमें दोपहर और शाम को ऊर्जा की कमी होती है।

सेलेनियम मेटालिकम
यह दवा अक्सर उन पुरुषों के लिए मददगार होती है जिनकी यौन क्षमता कम हो जाती है, खासकर अगर समस्या बुखार या थकावट वाली बीमारी के बाद शुरू होती है।

व्यक्ति कमजोर और थका हुआ महसूस करता है, लेकिन सेक्स में रुचि आमतौर पर बनी रहती है। असामान्य रूप से बालों का झड़ना भी सेलेनियम की आवश्यकता का सुझाव दे सकता है।

अर्जेंटीना नाइट्रिकम
यह दवा उस स्थिति में मददगार हो सकती है जब संभोग का प्रयास करते समय पुरुष का इरेक्शन विफल हो जाता है, खासकर उन मामलों में जब समस्या के बारे में सोचने से स्थिति और भी बदतर हो जाती है।

जिन लोगों को इस उपाय की आवश्यकता होती है वे अक्सर घबराए हुए और कल्पनाशील होते हैं। होम्योपैथी के जानकार मानते हैं कि ऐसे व्यक्तियों को अर्जेंटीना नाइट्रिकम की आवश्यकता होती है,जो आमतौर पर गर्म खून वाले होते हैं, और जिनमें मिठाई और नमक दोनों की लालसा होती है।

कास्टिकम
अगर सेक्स के दौरान शारीरिक आनंद कम हो गया हो और यौन इच्छा कम हो गई हो तो यह दवा आपके लिए बहुत उपयोगी है। ऐसे व्यक्ति जो थका हुआ और कमजोर महसूस करते हैं, और स्मृति हानि का अनुभव कर सकते हैं उन्हे इससे लाभ हो सकता है।

ऐसे लोगों में अकसर सेक्स के दौरान चीजों की जांच करने की अनिवार्य आवश्यकता महसूस होती है जैसे दरवाजे ठीक से बंद हैं या नहीं आदि। प्रोस्टेट की समस्याएं नपुंसकता से जुड़ी हो सकती हैं, और व्यक्ति के खांसने या छींकने पर पेशाब निकल सकता है .

स्टैफीसागरिया
गहरी भावनाओं वाले, शांत पुरुष इस दवा के पात्र हो सकते हैं। नपुंसकता की समस्या अक्सर शर्मिंदगी से होती है। जिन लोगों को इस उपाय की आवश्यकता होती है, उनका अक्सर भावनात्मक दमन और बहुत संवेदनशील भावनाओं का इतिहास होता है।

सामान्य कमजोरी के साथ शीघ्रपतन के इलाज के लिए सबसे प्रभावी दवा के रूप में स्टैफिसैग्रिया का उपयोग किया जाता है।

फॉस्फोरिकम एसिडम
फॉस्फोरिकम एसिडम तब अच्छी तरह से काम करता है जब अंडकोष में हल्की सूजन और कम सेक्स ड्राइव के साथ शीघ्रपतन देखा जाता है।

एवेना सैटिवा
नपुंसकता के साथ शीघ्रपतन होने पर एवेना सैटिवा का उपयोग किया जाता है।

सारांश शीघ्रपतन के लिए होम्योपैथिक में कई तरह के प्राथमिक और दीर्घकालिक इलाज है। कौन से दवा किसे लेनी यह लोगों को दूसरे लक्षणों और प्रवृति पर भी निर्भर करता है।

होम्योपैथी के नहीं है साइड इफेक्ट्स
कभी-कभी शीघ्रपतन की समस्या इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बाद होती है। ऐसे में पहले इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज करवाने की आवश्यकता हो सकती है।
होम्योपैथी कम से कम साइड-इफेक्ट्स के साथ उपचार प्रदान करती है। हालाँकि, होम्योपैथी दवाओं की कुछ सीमाएँ हैं जिन्हें आपको अवश्य जानना चाहिए:
पोषक तत्वों की कमी के कारण उत्पन्न स्थिति पर यह काम नहीं करता है।
रोगी अनुपालन आवश्यक है क्योंकि वे कार्य करने में अधिक समय लेते हैं।
कुछ लोगों पर होम्योपैथिक दवाओं का कोई असर नहीं होता है।
एलोपैथिक दवा के साथ इंटरेक्शन होम्योपैथी के प्रभाव को कम कर सकता है।
होम्योपैथी रोग को ठीक करने में अप्रभावी है जिसे जीवनशैली में बदलाव अपनाकर ठीक किया जा सकता है।
यह अक्सर इसके शुरुआती लक्षणों को ठीक करते हुए मुख्य बीमारी के इलाज में देरी करता है, जो बाद में विकराल रूप ले सकती है।
निष्कर्ष
शीघ्रपतन एक ऐसी स्थिति है जिसमें अनैच्छिक स्खलन होता है। यह अधिकांश मामलों में पुरुषों को प्रभावित करता है। इसके कारण चिंता, से लेकर हार्मोन असंतुलन और चिकित्सकीय अवस्था हो सकते है। शीघ्रपतन के लिए होम्योपैथिक में कई तरह के प्राथमिक और दीर्घकालिक इलाज है। होम्योपैथिक में शीघ्रपतन की दवाओं के कोई साइडइफेक्ट नहीं होते हैं।
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