Glucose 6 Phosphate Dehydrogenase (G6PD Quantitative) Tips

टाइफाइड का आयुर्वेदिक उपचार

Dt. Radhika 93% (473 ratings)
MBBS, M.Sc - Dietitics / Nutrition
Dietitian/Nutritionist, Delhi
टाइफाइड का आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद में तमाम रोगों का इलाज उपलब्ध है. आयुर्वेद से इलाज का एक अतिरिक्त फायदा ये है कि इससे सफल इलाज होकर सेहत तो ठीक होता ही है साथ में कई और आवाश्यक तत्व हमें मिल जाते हैं. थायराइड को अपनाना बहुत ही आसान और तरीके बहुत सरल हैं. थायराइड के इलाज के भी कई तरीके आयुर्वेद और घरेलु उपचारों में बताया गया है. इन तरीकों के कई फायदे हैं. सबसे बड़ा फायदा है कि ये आसानी से उपलब्ध है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. तो आइए जानें कि थायराइड के उपचार के लिए कौन-कौन से आयुर्वेदिक तरीके उपलब्ध हैं-

  • मुलेठी: थायराइड में थकान का अनुभव जल्दी ही होने लगता है. इस थकान को दूर करने में मुलेठी बहुत कारगर है. इसमें थायराइड ग्रंथि को संतुलित करने वाला और थकान को उर्जा में बदलने वाला तत्व पाया जाता है. और इस प्रकार मुलेठी से थायराइड में आपको लाभ मिलता है.
  • जूस: थायराइड के मरीजों को कुछ फलों जैसे कि संतरा, अंगूर का रस, नारियल पानी, चुकंदर, अन्नानास, गाजर, सेब, पत्तागोभी आदि का जूस लगातार कुछ दिनों तक देने से उन्हें आराम मिलता है. यदि आप इन फलों को कच्चा खाना चाहें तो कच्चा भी खा सकते हैं.
  • साबुत धनिया: थायराइड के बीमारी में साबुत धनिया भी बहुत काम आता है. इसके लिए एक ग्लास पानी में दो चम्मच साबुत धनिया रात में भिगोकर रख दें. सुबह इसे मसलकर तब तक उबालें जब तक कि पानी एक चौथाई न रह जाए. इसके बाद थोड़ा ठंडा होने पर इसे खाली पेट पी लें. और फिर पानी में नमक डालकर गरारे करें. लगातार इस उपचार को करने से थायराइड से निजत मिल सकता है.
  • साबुत अनाज: बुत अनाज से बने खाद्य पदार्थों का सेवन भी आपको थायराइड से दूर रखने में आपकी मदद करता है. क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर, विटामिन्स और प्रोटीन आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. ये सभी मिलकर थायराइड को बढ़ने से रोकते हैं.
  • आटा: यराइड में राहत के लिए आटा भी काम आता है. इसके लिए 5 किलो आटे के साथ 1 किलो बाजरे का आटा और एक किलो जौ का आटा मिलाकर इससे बनी रोटियां खाने से आपको काफी हद तक थायराइड से निपटने में मदद मिलेगी.
  • गो-मूत्र: सुबह उठकर फ्रेश होने के बाद साफ़ कपड़े से गोमूत्र को छान लें. फिर इसे सुबह खली पेट लें. इसे लेने के डेढ़ घंटे तक आपको कुछ नहीं लेना है. इस दौरान ये ध्यान रखें कि आपको फास्ट फ़ूड और तैलीय भोजन से दूर रहना है. आप पायेंगे कि इससे भी थायराइड ठीक हो रहा है.
  • अदरक: सभी घरों में प्रयोग किया जाने वाला अदरक में मौजूद गुण आपको थायराइड से लड़ने में मदद करते हैं. अदरक में मैग्नीशियम और पोटैशियम ही वो तत्व हैं जो थायराइड से आपको मुक्ति दिलाते हैं. इसके आलावा अदरक में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी होता है जो कि थायराइड का प्रभाव कम करके उसे फंक्शनल बनाता है.

कुछ अन्य जड़ी-बूटी:
काला अखरोट, बाकोपा, निम्बी बाम, अश्वगंधा, इचिंसिया, मुलेठी, अदरक, गेहूं का ज्वारा आदि सभी जड़ी-बूटी थायराइड के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लेकिन इनके उपयोग से पहले आपको किसी आयुर्वेद के डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए.

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गुड़ खाने से फायदे

Dr. Rajesh D. Patidar 90% (340 ratings)
ND(Diploma in Naturopath), bachelor Of Science in Nursing, Certificate Course in Community Health, Certificate in Basic Course on Diabetes Management
Yoga & Naturopathy Specialist, Mehsana

*गुड़ खाने से 18 फायदे*
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1- गुड़ खाने से नहीं होती गैस की दिक्कत l

2- खाना खाने के बाद अक्सर मीठा खाने का मन करता हैं।
इसके लिए सबसे बेहतर हैकि आप गुड़ खाएं।गुड़ का सेवन करने से आप हेल्दी रह सकते हैं

3 - पाचन क्रिया को सही रखना

4 - गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉल्जिम ठीक करता है। रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है। इससे गैस की दिक्कत नहीं होती।जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा गुड़ ज़रुर खाएं.

5 - गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है।इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद है।खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत अधिक ज़रुर है.

6 - त्वचा के लिए, गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन दूर करता है, जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती है।

7 - गुड़ की तासीर गर्म है,इसलिए इसका सेवन जुकाम और कफ से आराम दिलाता है। जुकाम के दौरान अगर आप कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं तो चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

8 - एनर्जी के लिए - बुहत ज़्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है।गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता. दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खाएं।

9 - गुड़ शरीर के टेंपरेचर को नियंत्रित रखता है।इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।

10 - जोड़ों के दर्द में आराम-- रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे जोड़ों के दर्द की दिक्कत नहीं होगी।

11- गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।

12 - गुड़ और काले तिल के लड्डू खानेसे सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती है।

13 - जुकाम जम गया हो, तो गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी बनाकर खिलाएं।

14 - गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।

15 - भोजन के बाद गुड़ खा लेने से पेट में गैस नहीं बनती.

16 - पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।

17 - गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढती है।

18 - पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खानेसे श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।

अच्छी बातें, अच्छे लोगो, को अपने मित्रो, को अवश्य शेयर करे.

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आँवला

Dr. Vimal Kumar 92% (24 ratings)
Associate Bachelor in A A & H S, Diploma in Naturopathy & Yogic Science (DNYS)
Acupressurist, Muzaffarpur
आँवला

आंवला




आंवला के उपयोग -----

- आंवला मोतियाबिंद की परेशानी में फायदेमंद रहता है।

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- आंवला हमारी आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।

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- सुबह नाश्ते में आंवले का मुरब्बा खाने से आप स्वस्थ बने रह सकते हैं।

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- आंवला हमारे पाचन तन्त्र और हमारी किडनी को स्वस्थ रखता है।

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- आंवला अर्थराइटिस के दर्द को कम करने में भी सहायक होता है।

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- आंवला खाने से सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।

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- दिल को सेहतमंद रखने के लिए रोजा आंवला खाने की आदत डालें। इससे आपके दिल की मांसपेशियां मजबूत होंगी।

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- आंवला बालों को मजबूत बनाता है, इनकी जड़ों को मजबूत करता है और बालों का झडऩा भी काफी हद तक रोकता है।

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हँसने के पाँच फायदे

Dr. Vimal Kumar 92% (24 ratings)
Associate Bachelor in A A & H S, Diploma in Naturopathy & Yogic Science (DNYS)
Acupressurist, Muzaffarpur
हँसने के पाँच फायदे
हँसने के पाँच फायदे
आज की भाग दौङ भरी जिंदगी, ऊपर से काम का प्रेशर हममे में से कई लोगों को तो याद भी न होगा कि पिछली बार कब खिलखिला कर हँसे थे। जबकी हँसना हम सभी के लिये अति महत्वपूर्ण है किन्तु हम उसे नजर अंदाज कर देते हैं। मित्रों हँसने से हमारी जिंदगी किस तरह स्वस्थ एवं खुशनुमा हो सकती है उसी के बारे में थोङी सी जानकारी शेयर करने की कोशिश कर रही हूँ , पसन्द आए तो हँसियेगा जरूर. तो आइये जानते हैं हंसने के पाँच फायदे:

1) हंसने से हद्रय की एक्सरसाइज हो जाती है। रक्त का संचार अच्छीतरह होता है। हँसने पर शरीर से एंडोर्फिन रसायन निकलता है, ये द्रव्य ह्रदय को मजबूत बनाता है। हँसने से हार्ट-अटैक की संभावना कम हो जाती है।

2) एक रिसर्च के अनुसार ऑक्सीजन की उपस्थिती में कैंसर कोशिका और कई प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया एवं वायरस नष्ट हो जाते हैं। ऑक्सीजन हमें हँसने से अधिक मात्रा में मिलती है और शरीर का प्रतिरक्षातंत्र भी मजबूत हो जाता है।
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कोलेस्ट्रोल कम ऐसे करें

Dr. Ashish Sharma 90% (498 ratings)
M.Sc - Psychology, PGDEMS, Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS)
Ayurveda, Delhi
कोलेस्ट्रोल कम ऐसे करें

कोलेस्ट्रोल, एक ऐसी समस्या है जो अब आम बनती जा रही है। कोलेस्ट्रोल कम करने का अर्थ है हृदय रोग का सही उपचार।, कोलेस्ट्रोल को कम करने के कुछ घरेलू उपचार यहाँ दिए जा रहे हैं-
- कच्ची लहसुन रोज सुबह खाली पेट खाने से कोलेस्ट्रोल कम होता है।
- रोज 50 ग्राम कच्चा ग्वारपाठा खाली पेट खाने से खून में कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है।
- अंकुरित दालें भी खानी आरंभ करें।
- सोयाबीन का तेल अवश्य प्रयोग करें यह भी उपचार है।
- लहसुन, प्याज, इसके रस उपयोगी हैं।
- नींबू, आंवला जैसे भी ठीक लगे, प्रतिदिन लें।
- शराब या कोई नशा मत करें, बचें।
- इसबगोल के बीजों का तेल आधा चम्मच दिन में दो बार।
- दूध पीते हैं तो उसमे जरा सी दालचीनी) डाल दो, कोलेस्ट्रोल कण्ट्रोल होगा।
- रात के समय धनिया के दो चम्मच एक गिलास पानी में भिगो दें। प्रात: हिलाकर पानी पी लें। धनिया भी चबाकर निगल जाएं
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थायरॉइड की गाइड लाइन

Dr. Ashish Sharma 90% (498 ratings)
M.Sc - Psychology, PGDEMS, Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS)
Ayurveda, Delhi
थायरॉइड की गाइड लाइन




गले में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि से संबंधित समस्या इन दिनों आम है। खासकर महिलाएं इसकी शिकार ज्यादा हैं। इससे निकलने वाले हॉर्मोन थायरॉक्सिन के सामान्य से कम या ज्यादा स्त्रावित होने पर कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। जैसे वजन का कम या ज्यादा होना, बालों का झड़ना, त्वचा का रूखापन, कभी कब्ज व कभी दस्त, त्वचा का ठंडा व गर्म रहना, भूख ज्यादा लगना या खत्म हो जाना आदि। अगर आप भी हाइपर या हाइपो थायरॉइडिज्म के शिकार हैं तो कुछ घरेलू नुस्खों और शारीरिक व्यायाम से इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं।

खाने के लिए

सिघांड़ा : यह कैल्शियम से लेकर आयोडीन तक की कमी को पूरा करता है और थॉयरॉक्सिन को नियंत्रित करता है। इसे चटनी, ज्यूस, सेककर, अचार, सब्जी, रोटी, खीर, हलवा, कच्चा व सिका हुआ आदि किसी भी रूप में खाया जा सकता है।

अनानास : गले के रोगों में अनानास का प्रयोग बहुत अच्छा रहता है। इसका प्रयोग चटनी, मुरब्बा, सलाद, ज्यूस, रायता के रूप में किया जाता हैै। इस बीमारी में आई सूजन को भी यह मिटाने में मदद करता है।

प्याज : गले का जमा कफ निकालने से लेकर खांसी, जुकाम, गला बैठना जैसे रोगों में प्याज की सब्जी, सलाद का प्रयोग लाभकारी है।
कमलककड़ी और कमल गट्टा : कमल की लकड़ी और बीज कैल्शियम और आयोडीन का प्रचुर स्त्रोत हैं।

गले की क्रियाएं

गर्दन को सांस छोड़ते हुए नीचे लाना, सांस लेकर पीछे ले जाना और इसी तरह दाईं और बाईं तरफ लाकर गोल-गोल घुमाना।
उज्जयी प्राणायाम : जीभ को अंदर से मोड़कर तालू पर लगाएं और गले को आवाज प्रभाव देते हुए नाक से सांस खीचें। ऎसा पांच से 10 बार करें।

योगासन

सर्वांगासन : सर्वांगासन थायरॉइड क्रिया के लिए बहुत लाभकारी है। जमीन पर पीठ केवल लेटकर दोनों पैरों को ऊपर उठाकर कुछ समय के लिए रोकना है।

सिंहासन : कागासन स्थिति में बैठ कर सिंह की तरह दहाड़ करके आवाज करें।

गले की लपेट

गले पर हल्का सा तेल लगाकर गीला कपड़ा बांधें और उसके ऊपर मफलर या कोई ऊनी कपड़ा बांधें।
परहेज : इस बीमारी में सोयाबीन ओर केला का सेवन निषेध है।
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केले के उपयोग :

Dr. Ashish Sharma 90% (498 ratings)
M.Sc - Psychology, PGDEMS, Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS)
Ayurveda, Delhi
केले के उपयोग :


* पके केले को मंद आंच में पकाकर नमक,काली मिर्च मिलाकर दमा के रोगी को खिलाने से लाभ होता है।
* जिन स्त्रियों को श्वेत प्रदर की शिकायत हो,उन्हें पका हुआ एक केला पांच ग्राम घी के साथ कुछ दिन सेवन करने से लाभ होता है।
* बार-बार पेशाब लग रही हो तो बार-बार केला खाना चाहिए।
* टायफायड बुखार उतरने के बाद छोटी इलायची के चूर्ण के साथ रोगी को पका केला खिलाना चाहिए। इससे बुखार से आई दुर्बलता दूर हो जाती है।
* पीलिया रोग में रोगी को कम से कम चार पके केले नित्य खाने चाहिए तथा कच्चे केले की सब्जी का सेवन भी करना चाहिए।
* पेट में जलन हो तो पका केला खाएं।
* आधा कप गाय के दही में एक केला तथा छोटी इलायची का चूर्ण मिलाकर दिन में दो-तीन बार चाटने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
*पका केला शहद के साथ प्रातःकाल सेवन करने से हृदय बलवान बनता है,दिल की धड़कन तथा दिल के दर्द में लाभ होता है।
* पके केले के लगातार सेवन से सूखी खांसी,गले की खराश तथा गुर्दों की कमज़ोरी दूर हो जाती है।
* पका केला कृमिनाशक है। इसके सेवन से रक्त की खराबी दूर होकर त्वचा के रोग नष्ट हो जाते हैं।
* दाद,खाज,खुजली में पके केले में नींबू का रस मिलाकर मरहम बनाकर लगाएं।
* जलने पर पके केले का गूदा मरहम की तरह लगाने से जलन शांत होगी तथा फफोले नहीं पड़ेंगे।
* पके केले के गूदे में आटा मिलाकर पानी के साथ गूंथ लें। इसे गरम करके सूजन वाले हिस्से पर बांधने से सूजन दूर हो जाएगी।
* चोट पर केले का छिलका बांधने से आराम मिलता है। घाव पर केले का पानी लगाकर पट्टी बांधने से घाव जल्दी भर जाता है।
* जो बच्चा मिट्टी खाता हो,उसे पांच ग्राम शहद के साथ एक केला प्रतिदिन खिलाएँ। इससे पेट की मिट्टी बाहर आ जाएगी तथा बच्चे की मिट्टी खाने की आदत छूट जाएगी।
* बच्चा कांच की गोली,सिक्का आदि निगल जाए,तो उसे केला खिलाना चाहिए।
* केले को दिन में ही खाना चाहिए क्योंकि गरमी में यह जल्दी पचता है। रात में खाया केला जल्दी हजम नहीं होता।
* खाली पेट केला नहीं खाना चाहिए। खाने के बाद या भोजन के साथ ही इसे खाएं।
* केला खाकर पानी न पिएं बल्कि दूध या छोटी इलायची खाने से केला जल्दी हज़म हो जाएगा
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How To Be Fit & Active?

Dt. Ritika Dua 90% (203 ratings)
BSc-Diet & Nutrition, M.Sc-Diet & Nutrition
Dietitian/Nutritionist, Delhi
How To Be Fit & Active?

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बाजरा

Dt. Archna Gupta 90% (989 ratings)
PG Diploma in Nutrition & Dietetics, M.Sc.in Food & Nutrition
Dietitian/Nutritionist, Ghaziabad

बाजरा 

  • बाजरा खाइये, हड्डियों के रोग नई होंगे .
  • बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उसमे गुड़ भी है
  • बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाला रोग ऑस्टिओपोरोसिस और खून की कमी यानि अनीमीआ नहीं होता
  • बाजरे लिवर से सम्बंधित रोगो को भी काम करता है
  • गेहू और चावल के मुकाबले बाजरे में ऊर्जा कई गुना है
  • बाजरे में भरपूर कैल्शियम होता यही और जो हड्डियों के लिए रामबाण औषधि है, उधर आयरन भी बाजरे में इतना अधिक होता है की खून की कमी से होने वाले रोग नहीं होते सकते

खासतौर पैर गैभवति महिलाओ को  कैल्शियम की गोलिया खाने के स्थान पैर रोज बाजरे की दो रोटी खाना चाहिए

  • वरिष्ट चिकित्साधिकारी मेजर डॉ. बी. पी. सिंह के सेना ने सिक्किम में तैनाती के दौरान जब गर्भवती महिलाओँ को कैल्शियम और आयरन की जगह बाजरे की रोटी और खिचड़ी दी जाती थी इससे उनके बचो को जन्म से लेकर पांच साल की उम्रतक केल्सिक्म  और आयरन की कमी से होने वाले रोग नहीं होते
  • इतना ही नई बाजरे का सेवन करने वाली महिलाओ में प्रसव पीड़ा में असामान्य पीड़ा के मामले भी न के बराबर पाए गए
  • डॉक्टर तो बाजरे के गुणों से इतने प्रभावित है की ऐसे अनाजों में वज्र की उपाधि देने में जुट गए है
  • बाजरे का किसी भी रूप में सेवन लाभकारी है
  • उच्च रक्तचाप , ह्रदय की कमजोरी , अस्थमा से ग्रस्त लोगो तथा दूध पिलाने वाली माताओ में दूध की कमी के लिए यह टॉनिक का कार्य करता है
  • यदि बाजरे का नियमित रूप से सेवन किया जाय तो यह कुपोषण, क्षरण सम्बन्धी रोग और असमय वृद्ध होने की प्रक्रियाओ को दूर करता है
  • रागी की खपत से शरीर प्राकृतिक रूप से शांत होता है यह एंग्जायटी, डिप्रेशन और नींद आने की बीमारियों में फायदेमंद होता है
  • यह माइग्रेन के लिए भी लाभदायक है
  • इसमें लेसिथिन और मिथियोनिन नामक एमिनो अम्ल होते है जो अतिरिक्त वसा को हटा कर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा  को काम करते है
  • बाजरे में उपस्थित रसायन पाचन की प्रक्रिया को धीमा करते है
  • डायबिटीज़ में यह रक्त में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायक होता है

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इशारों को समझना जरुरी

Dr. B K Kashyap 89% (126 ratings)
Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS)
Sexologist, Allahabad
इशारों को समझना जरुरी

ये यूनिवर्सली अक्सेप्टेड सच है कि महिलाओं को समझना मुश्किल है। महिलाएं जो वैसे तो हमेशा बातें करती रहती हैं, लेकिन जब अपनी भावनाएं और इनर फ़ीलिंग व्यक्त करने की बात होती है तो शब्दों से की जगह नॉन वर्बल कम्यूनिकेशन यानी इशारों का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में मर्दों के लिए इस मिस्ट्री को समझना कई बार मुश्किल हो जाता है। ऐसे में महिलाओं की बॉडी लैंग्वेज के कुछ साइन को जानना जरुरी है जो ये बताते हैं कि इस वक्त वो मूड में हैं और सेक्स के लिए तैयार हैं। 

1. बांहों के इशारे- अगर अपने पार्टनर को आगोश में लेने की बजाए महिलाएं अपनी बांहों को अपने शरीर के बिल्कुल करीब रख लेती हैं, तो मर्दों को समझना चाहिए कि उनकी पार्टनर के मन में कुछ चल रहा है। इसके अलावा अगर महिलाओं का हाथ उनके सिर पर, आपके सिर पर या आपके चेस्ट पर है तो ये भी इस बात का संकेत है कि वो आपके साथ कंफ़र्टेबल महसूस कर रही है और खुद को रोकना नहीं चाहती। 

2. तेज़ी से सांस लेना- इस इशारे का बनावटी होना मुश्किल है। क्योंकि जब शरीर उत्तेजित होता है तो सांसे अपने आप तेज़ होने लगती हैं। जब शरीर ऑर्गेज़म के लिए तैयार हो रहा है तो दिल की धड़कन तेज हो जाती है और शरीर में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ने से सांसे तेज़ हो जाती हैं। ये भी इस बात का संकेत है कि वो आपके प्यार के लिए तैयार है। 

3. पार्टनर के करीब आना- जब आपकी पार्टनर आपको प्यार से अपने आगोश में लेने की कोशिश करे और नजदीकियां बढ़ाए तो ये भी इस बात का संकेत है कि वो आपको इन्वाइट कर रही है। इसके अलावा अपने पंजों को मोड़ना भी एक अच्छा संकेत है। 

4. तालमेल बिठाना- अच्छे सेक्स का एक सीक्रिट ये भी है कि ये बेहद समकालिक यानी सिंक्रनाइज़्ड होता है। इसलिए अगर आपकी पार्टनर आपके मूव्स को मैच कर रही हैं और आपके साथ तालमेल बिठा रही हैं तो आगे बढ़ने के लिए इससे बेहतर और कोई समय नहीं हो सकता। 

हालांकि ये जरुरी नहीं कि ये सभी बातें सभी महिलाओं पर लागू हो। हर इंसान एक दूसरे से अलग होता है। जरुरत सिर्फ इस बात की है कि अपने पार्टनर पर ध्यान दें और उनकी बॉडी लैंग्वेज को समझें।