अधिकांशतः अनियमित जीवनशैली तथा उठने-बैठने के गलत तरीकों के कारण नसों में ज्यादा दर्द होता है खासकर कमर से लेकर पैर की नसों तक। साइटिका एक ऐसा ही दर्द है। दरअसल साइटिका खुद में बीमारी नहीं बल्कि बीमारियों के लक्षण हैं। इसका इलाज बेड रेस्ट, व्यायाम और दवाइयां है, लेकिन कई मामलों में सर्जरी भी करनी पड़ जाती है। ऐसे लोग जो टेबल या कंप्यूटर पर घंटों बैठ कर काम करते हैं, उन्हें यह दर्द ज्यादा परेशान करता है। इससे उनकी नसों में तनाव उत्पन्न होता है। इसका प्रमुख लक्षण तब सामने आता है जब पीठ और पैर में दर्द होने लगे। यह दर्द ऐंठन या अकड़न के कारण भी हो सकता है।
जब नसों के फाइबर इससे प्रभावित होते हैं तो पैर की उँगलियों को हिलाना भी कठिन होता है। अपने पैरों को उठाने में भी तकलीफ होती है। यह रोग अगर गंभीर हो जाए तो खड़े रहना और चलना मुश्किल हो जाता है।
साइटिका के दर्द के बारें में किए गए शोधों से पता चला है कि इस दर्द के उपचार का सबसे उपयुक्त तरीका है व्यायाम। खासकर वे व्यायाम जिनमें शरीर को आगे की ओर खींचना होता है, क्योंकि इस प्रक्रिया द्वारा आप प्रभावित तंत्रिका जड़ों पर दबाव पड़ता है और आप राहत महसूस करते हैं। बहुत सारे पीठ के ऐसे व्यायाम हैं जिन्हें करने से आपको साइटिका के दर्द से राहत मिलेगी।
दर्द से निजात पाने के लिए बढ़ती उम्र में रीढ़ को लचीला बनाए रखने के लिए योग और व्यायाम का अभ्यास जरूरी है। साइटिका के दर्द से मुक्ति के प्रमुख योगासन है- भुजंगासन, मकरासन, मत्स्यासन, क्रीडासन, वायुमुद्रा और वज्रासन। वज्रासन एकमात्र ऐसा आसन हैं जिसमें आप अपनी रीढ़ की हड्डी के निजले हिस्से पर ध्यान आसानी से केन्द्रित कर सकते हैं। इसके अलावा इस समय इन बातों का भी ध्यान रखें-
1. अधिक दर्द के समय काम न करके आराम करें।
2. ऊँची एड़ी की चप्पल न पहने।
3. ज्यादा मुलायम गद्दों पर न सोएं।
4. गर्म पानी की थैली से सिकाई करें।
5. आगे झुकने से बचें।
6. कोई भारी सामान नहीं उठाएं।
7. वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करें।
नियमित फिजियोथेरेपी, सही मुद्रा में रहना, कसरत और सिंकाई सबकुछ डॉक्टर की देखरेख में होना चाहिए।
8. सियाटिका में होम्योपैथिकउपचार बेहद कारगर होता है
डॉक्टरों का मानना है कि अगर उपर्युक्त बातों पर ध्यान दिया जाए, तो छह से बारह हफ्तों में इस दर्द से पूर्णतः राहत मिल जाती हैं।
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण
अगर आपने अभी हाल हीं में बिना गर्भनिरोधक या बिना कन्डोम के सम्भोग किया है, तो आप गर्भवती हो सकती हैं. आपमें आने वाले कुछ बदलाव आपको यह बता देंगे कि गर्भ ठहरा है या नहीं. अगर आप अपनी इच्छा से गर्भवती हुई हैं, तो यह आपके लिए एक अच्छी खबर है. गर्भवती होने पर एक स्त्री के शरीर, मन और Mood में कई बदलाव आने लगते हैं. तो आइए जानते हैं क्या हैं, गर्भवती होने के लक्षण.
वैसे Period असमान्य अवस्था में भी बंद हो सकता है. लेकिन अगर आप पूरी तरह स्वस्थ्य हैं और आपका मासिक स्राव बंद हो गया है, तो यह आपके गर्भवती होने का एक लक्षण है.
शर्बत बनाये घर पर ।
ग्रीष्म ऋतु की उष्णता को नष्ट करने और बार-बार लगने वाली प्यास को शांत करने के लिए गुणकारी शर्बतों का ही सेवन किया जाना चाहिए। शर्बत बाजार से भी खरीदे जा सकते हैं और घर पर भी बनाए जा सकते हैं। इन शर्बतों में मुख्य रूप से अनार का शर्बत है। अनार पित्त प्रकोप, अरूचि, अतिसार, पेचिश, खांसी, नेत्रदास, छाती की जलन और व्याकुलता दूर करता है।
१. वेदाना अनार से शर्बत --
अनार खाने और उसका रस पीने से शरीर को बहुत शीतलता मिलती है। अनार का शर्बत ग्रीष्म ऋतु की उष्णता को नष्ट करके प्यास की उग्रता को भी शांत करता है। इससे थकावट का भी निवारण होता है। यह दीपन-पाचन भी होता है और पाचनक्रिया को तीव्र करता है।
इसके लिए एक किलो अनार के रस को देर तक आग पर पकाकर गाढ़ा़ बनाते हैं। जब आधा रस शेष रह जाता है, उसमें 500 ग्राम जल और 2 किलो चीनी मिलाकर आग पर पकाएं। जब शर्बत बन जाए, तो आग से उतार कर शीतल हो जाने पर कपडे़ से छानकर कांच की बोतलों में भर कर रखें। इस शर्बत में खाने वाला तरल गुलाबी रंग ओर अनार का ऐशन्स भी मिलाया जा सकता है। 30 से 50 ग्राम अनार के शर्बत में जल मिलाकर सेवन करने से शरीर को शीतलता मिलती है।
२. अनन्नास का शर्बत -
यह मूत्रल, कृमिघ्न और पित्तशामक है। इसके सेवन से रक्त विकार तथा सूर्य की गर्मी से उत्पन्न होने वाले दोष दूर होते हैं। यह लू लगने तथा अन्य गर्मी से उत्पन्न रोगों को मिटाता है। अनन्नास में पेप्सिन नामक पाचक तत्व होता है। अनन्नास के शर्बत से ग्रीष्म ऋतु में लू के प्रकोप से सुरक्षा होती हैं।
अनन्नास का शर्बत बनाने के लिए अनन्नास का रस 500 ग्राम मात्रा में लेकर एक किलो चीनी लेकर आग पर पकाएं। शराब बनाते समय अदरक का 200 ग्राम रस मिलाते हें। एक तार की चाशनी बनने पर शर्बत को आग से उतार कर ठण्डा होने पर 10 ग्राम पिसा हुआ काला नमक और काली मिर्च का 10 ग्राम चूर्ण मिलाकर छानकर बोतलों में भरकर रखें। इस शर्बत में 20 ग्राम साइट्रिक अम्ल मिलाने से शर्बत कई महीने तक फ्रिज में सुरक्षित रख सकते है।
३. फालसे के शर्बत -
पके फालसे पाक में मधुर, शीतल, पोष्टिक और हृदय के लिए उपयोगी होते है। पित्त, दाह, रक्त विकार, ज्वर, क्षय और वायु मिटाते है।
इस शर्बत से यकृत की उष्णता नष्ट होती है। ग्रीष्मऋतु में फालसे का शर्बत प्यास और उष्णता को शांत करता है। वमन और अतिसार को मिटाता है। फालसे का शर्बत स्वादिष्ट और शीतवीर्य होता है। मानसिक तनाव व शरीर की बैचेनी का निवारण करता है। इस शर्बत से मल व मूत्र का शोधन होता है।
फालसे का शर्बत बनाने के लिए फालसे का रस 500 ग्राम मात्रा में लेकर उसमें 500 ग्राम चीनी मिलाकर आग पर पकाएं।जब एक तार की चाशनी बन जाए, तो उसमें 10 ग्राम काला नमक और 10 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर, कपड़े से छानकर बोतलों में भरकर रखें। शर्बत में गुलाब या केवड़े का अर्क मिला देने से शर्बत की सुगन्ध अधिक बढ़ जाती है।फालसे का शर्बत मस्तिष्क व हृदय को शक्ति देता है। उदर शूल और पित्त की विकृत्ति भी नष्ट होती है। रक्तस्त्राव भी बंद होता है। फालसे के शर्बत से विटामिन ‘सी‘ ओर कैरोटिन भी मिलता है।
४.गुलाब का शर्बत--
गुलाब के फूल, लघु, मधुर, रोचक, मधुर विपाक, शीतवीर्य और हृदय को हितकारी होते है। यह मस्तिष्क दौर्बल्य को दूर करते हें।
गुलाब का जल एक किलो और चीनी ढाई किलो आग पर पका कर रखें। आग में पकाते समय थोड़ा सा साइट्रिक अम्ल (नीबू का सत) भी मिला लें। इस शर्बत को छानकर खाने वाला गुलाबी तरल रंग भी मिलाया जा सकता है। गुलाब की सुगन्ध मिलाने से शर्बत अधिक सुगन्धित हो जाता हैं।
20 ग्राम से 50 ग्राम तक शर्बत जल मिलाकर दिन में कई बार सेवन कर सकते है। इस शर्बत से ग्रीष्म ऋतु में प्यास की अधिकता नष्ट होती है। शरीर की उष्णता नष्ट होने से पसीने कम आते है। शरीर की थकावट, ग्लानि, भ्रम, मन की अस्थिरता और मूत्र की जलन मिटती है। गुलाब का शर्बत सेवन करने से ग्रीष्मऋतु में नेत्रों की जलन ओर लालिमा नष्ट होती है।
पालक है सबसे अच्छा:
पालक है सबसे अच्छा:
खाने के स्वाद से लेकर जानलेवा बिमारियों तक सब ठीक करती है हल्दी*
हल्दी औषधीय गुणों का भंडार है तभी तो रसोईघर के साथ ही आयुर्वेद में भी इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है।हल्दी न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि यह आपको कई तरह बीमारियों से भी दूर रखने में मदद करती है। हल्दी जहां एक ओर खाने का स्वाद और रंग बढ़ा देती है, वहीं इसका उपयोग सौंदर्य वृद्धि और त्वचा की समस्याओं को दूर करने में भी किया जाता है। इसके अलावा हल्दी शरीर को स्वस्थ रखने में भी बहुत सहायक है। निरोग रहने के लिए हल्दी के कुछ बेमिसाल उपाय यहां हैं:-
* पाचन बनाए दुरुस्त
कई रिसर्च के मुताबिक हल्दी रोजाना खाने से पित्त ज्यादा बनता है. इससे खाना आराम से हजम होता है।
* डायबिटीज रखे कंट्रोल
बायोकेमिस्ट्री और बायोफिजिकल रिसर्च की स्टडी के अनुसार हल्दी के नियमित सेवन से ग्लूकोज का लेवल कम और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा टल सकता है।
* कैंसर से बचाव
हल्दी एक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट है जो कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं से लड़ता है।
* खून रखे साफ
हल्दी वाला पानी पीने से खून नहीं जमता और यह खून साफ करने में भी मददगार है।
* दिमाग बनाए स्वस्थ
अगर आप सुबह उठकर गरम पानी में हल्दी मिलाकर पीते हैं तो यह दिमाग के लिए बहुत अच्छा रहता है।
* शरीर की सूजन करे कम
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन की वजह से यह जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करने में दवाइयों से भी ज्यादा अच्छा काम करता है।
* बढ़ती उम्र थाम ले
हल्दी का पानी नियमित रूप से पीने से फ्री रैडिकल्स से लड़ने में सहायता मिलती है जिससे शरीर पर उम्र का असर धीरे-धीरे पड़ता है।
* शरीर को डिटॉक्स करने में मददगार
बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए गर्म पानी में नींबू, हल्दी पाउडर और शहद मिलाकर पिएं यह ड्रिंक शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकालने में बहुत मददगार है।
* करक्यूमिन रसायन करता है दवा का काम
हल्दी में करक्यूमिन नामक रसायन पाया जाता है जो दवा के रूप में काम करता है और यह शरीर की सूजन कम करने में सहायक होता है।
*1. सुबह उठ कर कैसा पानी पीना चाहिए*
उत्तर - हल्का गर्म
*2. पानी पीने का क्या तरीका होता है*
उत्तर - सिप सिप करके व नीचे बैठ कर
*3. खाना कितनी बार चबाना चाहिए*
उत्तर. - 32 बार
*4. पेट भर कर खाना कब खाना चाहिए*
उत्तर. - सुबह
*5. सुबह का नाश्ता कब तक खा लेना चाहिए*
उत्तर. - सूरज निकलने के ढाई घण्टे तक
*6. सुबह खाने के साथ क्या पीना चाहिए*
उत्तर. - जूस
*7. दोपहर को खाने के साथ क्या पीना चाहिए*
उत्तर. - लस्सी / छाछ
*8. रात को खाने के साथ क्या पीना चाहिए*
उत्तर. - दूध
*9. खट्टे फल किस समय नही खाने चाहिए*
उत्तर. - रात को
*10. आईसक्रीम कब खानी चाहिए*
उत्तर. - कभी नही
*11. फ्रिज़ से निकाली हुई चीज कितनी देर बाद*
*खानी चाहिए*
उत्तर. - 1 घण्टे बाद
*12. क्या कोल्ड ड्रिंक पीना चाहिए*
उत्तर. - नहीं
*13. बना हुआ खाना कितनी देर बाद तक खा*
*लेना चाहिए*
उत्तर. - 40 मिनट
*14. रात को कितना खाना खाना चाहिए*
उत्तर. - न के बराबर
*15. रात का खाना किस समय कर लेना चाहिए*
उत्तर. - सूरज छिपने से पहले
*16. पानी खाना खाने से कितने समय पहले*
*पी सकते हैं*
उत्तर. - 48 मिनट
*17. क्या रात को लस्सी पी सकते हैं*
उत्तर. - नही
*18. सुबह खाने के बाद क्या करना चाहिए*
उत्तर. - काम
*19. दोपहर को खाना खाने के बाद क्या करना*
*चाहिए*
उत्तर. - आराम
*20. रात को खाना खाने के बाद क्या करना*
*चाहिए*
उत्तर. - 500 कदम चलना चाहिए
*21. खाना खाने के बाद हमेशा क्या करना*
चाहिए
उत्तर. - वज्रासन
*22. खाना खाने के बाद वज्रासन कितनी देर*
*करना चाहिए.*
उत्तर. - 5 -10 मिनट
*23. सुबह उठ कर आखों मे क्या डालना चाहिए*
उत्तर. - मुंह की लार
*24. रात को किस समय तक सो जाना चाहिए*
उत्तर. - 9 - 10 बजे तक
*25. तीन जहर के नाम बताओ*
उत्तर.- चीनी, मैदा, सफेद नमक
*26. दोपहर को सब्जी मे क्या डाल कर खाना*
*चाहिए*
उत्तर. - अजवायन
*27. क्या रात को सलाद खानी चाहिए*
उत्तर. - नहीं
*28. खाना हमेशा कैसे खाना चाहिए*
उत्तर. - नीचे बैठकर व खूब चबाकर
*29. चाय कब पीनी चाहिए*
उत्तर. - कभी नहीं
*30. दूध मे क्या डाल कर पीना चाहिए*
उत्तर. - हल्दी
*31. दूध में हल्दी डालकर क्यों पीनी चाहिए*
उत्तर. - कैंसर ना हो इसलिए
*32. कौन सी चिकित्सा पद्धति ठीक है*
उत्तर. - आयुर्वेद
*33. सोने के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए*
उत्तर. - अक्टूबर से मार्च (सर्दियों मे)
*34. ताम्बे के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए*
उत्तर. - जून से सितम्बर(वर्षा ऋतु)
*35. मिट्टी के घड़े का पानी कब पीना चाहिए*
उत्तर. - मार्च से जून (गर्मियों में)
*36. सुबह का पानी कितना पीना चाहिए*
उत्तर. - कम से कम 2 - 3 गिलास
*37. सुबह कब उठना चाहिए*
उत्तर. - सूरज निकलने से डेढ़ घण्टा पहल
*38.इस मैसेज को कितने ग्रुप में भेजना चाहिए ।
उत्तर. सभी ग्रुप में,वह भी जरूर से जरूर।
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नमक के महत्वपूर्ण उपयोग।
वास्तुशास्त्र में नमक को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। नमक के अलग-अलग इस्तेमाल से घर से नकारातमक ऊर्जा निकल जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मानसिक शांति, सेहत, सुख-समृद्धि और पैसे के मामले में नमक की भूमिका अहम है। वास्तु के अनुसार यदि नमक का सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए, तो एक चुटकी नमक ही काफी है दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए.।
➖एक चुटकी नमक का कमाल.
यदि आप आए दिन बीमार रहते हैं। घर में परिवार के सदस्यों के बीच आए दिन झगड़े होते हैं। हर तरफ नकारात्मकता नजर आती है, तो नमक वाले पानी से पूरे घर में पोंछा लगाएं। बस पोंछे वाले पानी में एक चुटकी काला नमक मिलाएं, फिर देखें इसका कमाल। कुछ दिनों में इसका असर देखने को मिल जाएगा। यदि हर दिन संभव ने हो, तो मंगलवार को जरूर नमक को पोंछा लगाएं। इस उपाय से न सिर्फ घर की नकारात्मकता दूर होगी, घर में सकारात्मक एनर्जी आएगी। परविार के सदस्य बीमार भी नहीं पड़ते हैं। सौभाग्य के दरवाजे खुलेंगे।
➖किसमें रखें नमक.➖
आप जरा अपने घर में यह देखिए कि जिस बर्तन मतें नमक रखा जा रहा है, वह किस चीज से बना है। स्टील यानी लोहे से बने बर्तन में नमक कभी नहीं रखना चाहिए। वास्तु में ऐसी मान्यता है कि नमक को हमेशा कांच के जार में भरकर रखना चाहिए। साथ ही इसमें एक लौंग डाल दें, तो फिर सोने पे सुहागा. इससे घर में सुख-समृद्धि तो रहती ही है। पैसों की भी कभी कमी महसूस नहीं होती। धन का फ्लो बना रहता है।
➖नमक मानसिक शांति भी देता है.➖
यदि आपका मन हर बेचैन रहता है। न तो घर में मन लगता, न बाहर, ना ही ऑफिस में.आप लाख कोशिश करते हैं, फिर मानसिक शांति नहीं मिल रही होती है। ऐसी समस्या से निजात पाने के लिए नमक का उपाय रामबाण का काम करता है। इस उपाय में भी एक चुटकी नमक कमाल करता है। जी हां, नहाते समय समय पानी में एक चुटकी नमक मिला लें और उससे स्नान करें। वास्तु विशेषज्ञों की मानें, तो ऐसा करने से मानसिक बेचैनी कम हो जाती है। तन-मन हमेशा तरोताजा रहता है। आलस्य से छुटकारा मिल जाता है।
➖डॉक्टर है नमक.
यदि घर में कोई लंबे समय से बीमार चल रहा हो, तो उसके बिस्तर के पास कांच की बोतल में नमक भरकर रखें और हर महीने इसे बदल दें। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, ऐसा करने से बीमार व्यक्ति की सेहत में काफी सुधार आ सकता है। यह उपाय तब तक करते रहें, जब तक वह व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ ने हो जाए।
➖पहाड़ी नमक का कमाल.➖
कौन व्यक्ति नहीं चाहेगा कि उसके घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहे, लेकिन हम देखते हैं कि व्यक्ति हर तरह से सम्पन्न होता है, लेकिन बावजूद इसके उसके घर में सुख आ अभाव रहता है। शांति भंग हो जाती है। असल में वास्तुदोष होने से घर में नकारात्मकता प्रवेश होता है और व्यक्ति परेशान रहता है। इससे छुटकारा पाने के लिए या वास्तुदोष खत्म करने के लिए इसमें एक नमक का उपाय बहुत कारगर साबित हो सकता है। बाजार में पहाड़ी नमक भी मिलता है। इसे लाकर अपने घर के एक कोने में रख दें। आप कुछ ही में महसूस करेंगे कि घर की सारी नकारात्मकत एनर्जी दूर हो जाएगी। परिवार के लोग खुश रहने लगेंगे। घर में सुख-शांति फैल जाएगी।
➖नमक को लेकर ये दो सावधानियां.➖
प्राचीन मान्यता है कि यदि आप नमक सीधे किसी के हथेली में रखकर देते हैं, तो इससे उस व्यक्ति के साथ आपका झगड़ा हो सकता है। इसलिए इस बात को हमेशा ध्यान रखें कि नमक कभी किसी को हाथ में न दें, बल्कि चम्मच से बर्तन के जरिए दें। इसके अलावा नमक को कभी जमीन में न गिरने दें। नमक को कभी बेकार भी मत होने दें।
सम्भोग या सेक्स कैसे आपके अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ा है और क्या है इसके स्वास्थ्य लाभ
क्या अपने रंगत में सुधार चाहते है , या अपने मनोदशा को boost करना चाहते है या कैंसर होने की संभावना हो कम करना या हृदय को स्वस्थ रखना चाहते या अन्य बीमारियों से अपना बचाव करना चाहते है तो इसके लिए कोई जादू की गोली नहीं है बल्कि इसका जवाब आपके बिस्तर और चादर के बीच में है | छोटा और प्यारा सम्भोग आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य को आश्चर्यजनक तरीको से सुधारता है
1.) प्रतिरक्षा शक्ति में सुधार (Improved Immunity)
शोध में पाया गया है कि जो लोग सप्ताह में एक या दो बार सम्भोग क्रिया करते है , उनके शरीर में एंटीबाडी , इम्मुनोग्लोबुलिन A ( lgA ) की मात्रा, 30% अधिक होती है उन लोगो की तुलना में , जो कम सेक्स करते है और lgA हमारे शरीर का प्रथम रक्षक है और यह हमारे शरीर में प्रवेश करने के टाइम पर समय ही , हमारे शरीर पर हमला करने वाले सूक्ष्म जीवो ( वायरस, बैक्टीरिया ) से लड़ता है|
2.) स्वस्थ दिल ( Heart health )
पुरुष जो संभोग नियमित रूप से करते है , उनमे 45 % कम संभावना होती है दिल की बिमारी होने के , वनिस्पत उन लोगो के जो महीने में एक बार या उससे भी कम सम्भोग करते है | सेक्सुअल क्रिया केवल हमारे हृदय को वही फायदा देता है जो फायदा व्यायाम करने से होता है और साथ ही साथ एस्ट्रोजन ( महिलाओ में ) और टेस्टोस्टेरोन ( पुरुषो में ) के स्तर को संतुलित रखता है जो हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है |
3.) स्वस्थ शुक्राणु का निर्माण
विभिन्न शोधो में यह पाया गया है जो पुरुष नियमित सेक्स या सम्भोग करते है , स्खलन के समय ज्यादा सीमेन , ज्यादा शुक्राणु और ज्यादा स्वस्थ शुक्राणु को स्खलित करते है, उन पुरुषो की तुलना में जो नियमित सेक्स नहीं करते है| यह महिलाओ के लिए अच्छी खबर है कि ऐसा सीमेन अवसाद ( depression ) से लड़ने में , हमारी ऊर्जा को बदने में और अच्छे से प्रसव में मदद करता है अगर आप गर्भवती है
4.) तनाव में कमी
शोध में पता चला है कि जो लोग 2 सप्ताह में एक बार भी सेक्स करते है, वो लोग तनाव पूर्ण स्तिथियों को ज्यादा अच्छे ढंग से मैनेज करते है
5.) सर दर्द और ऐठन में राहत
अगर आपको सर दर्द या मासिक धर्म के कारण ऐठन हो रही है, उस समय किस करना बहुत लाभकारी है | चुम्बन के कारण एन्दोर्फिंस नाम का रासायनिक तत्व रिलीज़ होता है जो मॉर्फिन जैसी मादक दवाई से भी अधिक पावरफुल होती है|
6.) अच्छी नींद
सेक्स करने के बाद, आराम को बढावा देने वाला हॉर्मोन प्रोलाक्टिन मुक्त होता है जो आपको अच्छी नींद में ले जाने में सहायता करता है| लव हॉर्मोन ऑक्सीटोसिन मुक्त होता अगर आपको ओर्गास्म की प्राप्ति होती है और यह भी अच्छी नींद में मदद करता है
7.) शारीरिक फिटनेस
सेक्स एक कार्डियो एक्सरसाइज है और सेक्स के दौरान आप 85 से 120 कैलोरी तक बर्न कर सकते है | असल में हृदय रोग विशेषज्ञों सेक्सुअल एक्टिविटी को ट्रेडमिल पर किये जाने वाले वर्कआउट के सामन मानते है और सेक्स के दौरान आपके एब्स और पीठ, जांघे और बट की मांसपेशियों को अच्छा वर्कआउट मिलता है | शोध से यह भी पता चला है कि सम्भोग के दौरान पुरुष 4 कैलोरी और महिला 3 कैलोरी प्रति मिनट burn करती है|
8.) प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) से बचाव
रिसर्च में यह पाया गया है कि जो पुरुष महीने में कम से कम 21 बार स्खलित होते है उनमे प्रोस्टेट कैंसर की संभावना कम होती है
लाइब्रेट से अपडेट: तनाव और व्यस्त जीवन शैली के कारण, यौन आनंद कई लोगों के लिए एक सपना बन गया है। अपने यौन जीवन को जीवित रखने और किक करने के लिए, लाइब्रेट के गुडकार्ट से इन यौन कल्याण उत्पादों को खरीदें.