Post Coital Test (PCT) Tips

जानिये क्या होता है सर्वाइकल कैंसर और इससे बचाव के तरीके

MD (Radiation Oncology)
Oncologist, Hyderabad
जानिये क्या होता है सर्वाइकल कैंसर और इससे बचाव के तरीके
मानव शरीर में कई तरह की बीमारियां होने की संभावनाएं होती है। इनमें से कुछ तो इतनी खतरनाक होती हैं कि व्यक्ति की जान तक निकल जाती है। ऐसी ही एक घातक बीमारी है, कैंसर। वैसे तो यह कैंसर भी कई तरह के होते हैं और अलग अलग अंगों पर अपना प्रभाव डालते हैं। सर्वाइकल कैंसर भी ऐसा ही एक घातक कैंसर है, जो जानलेवा होता है। आज अपने इस लेख के माध्यम से हम आपको सर्वाइकल कैंसर से जुडी कई अहम जानकारी देंगे। सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि यह सर्वाइकल कैंसर होता क्या है।

क्या होता है सर्वाइकल कैंसर
दरअसल, कैंसर का नाम हमेशा शरीर के उस हिस्से के नाम पर रखा जाता है जहां से यह शुरू होता है, भले ही यह बाद में शरीर के अन्य अंगों में फैल गया हो। जब कैंसर सर्विक्स में शुरू होता है तो उसे सर्वाइकल कैंसर कहते हैं। यह महिलाओं को होने वाला एक विशेष प्रकार का कैंसर है, जो पीड़ित महिलाओं की मौत का कारण बन सकता है। यह गर्भाशय के सबसे निचले हिस्से में एक घातक ट्यूमर के रूप में उभरता है। इस कैंसर की शुरुआत गर्भाशय के निचले हिस्से से होती है लेकिन यह गर्भाशय ग्रीवा (गर्भाशय का मुख) से संपर्क करता है। यह कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि के कारण होता है, जो दूसरी कोशिकाओं को भी अपनी जद में ले लेता है। मानव पेपिलोमावायरस टीका (एचपीवी) की पहुंच की कमी के कारण ज्यादातर देशों में महिलाओं में मौत का एक आम कारण सर्वाइकल कैंसर ही है। यह कैंसर 30-45 वर्ष के बीच की महिलाओं को ज़्यादा होता है।

सर्वाइकल कैंसर होने के कारण
गर्भाशय ग्रीवा वाले किसी भी व्यक्ति को सर्वाइकल कैंसर का खतरा होता है। यह 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में सबसे अधिक होता है। कुछ प्रकार के मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के साथ लंबे समय तक चलने वाला संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है। एचपीवी एक सामान्य वायरस है जो सेक्स के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यौन रूप से सक्रिय कम से कम आधे लोगों को अपने जीवन में कभी न कभी एचपीवी होगा, लेकिन इनमें से कुछ महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होगा।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
वैसे तो शुरुआत में सर्वाइकल कैंसर के संकेत और लक्षण नहीं हो सकते हैं। लेकिन जब यह कैंसर उन्नत रूप ले लेता है तो इसके कारण योनि से रक्तस्राव या स्राव की समस्या देखने में मिल सकती है जो सामान्य नहीं है। इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों में दुर्गंधयुक्त योनि स्राव, संभोग के बाद रक्तस्राव, संभोग के दौरान दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द, मीनोपॉज के बाद भी योनि से रक्तस्राव, असामान्य योनि से रक्तस्राव, थकान, भूख में कमी, वजन कम होना, पेल्विक में दर्द शामिल है।

सर्वाइकल कैंसर की जांच
स्क्रीनिंग का अर्थ है किसी बीमारी के लक्षण दिखने से पहले उसकी जांच करना। ऐसा ही एक स्क्रीनिंग टेस्ट है पैप्स स्मीयर। इस टेस्ट में जब पैप स्मीयर असामान्य नजर आता है तो तो सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए एचपीवी जांच की जाती है। इस जांच में अगर कैंसर का संदेह होता है तो डॉक्टर कोलपोस्कोपी जांच के साथ बायोप्सी कराने की सलाह देते हैं।

सर्वाइकल कैंसर से बचाव
वैसे तो सर्वाइकल कैंसर को रोकने का कोई गारंटीकृत तरीका नहीं है। हालांकि, कुछ तरीको को अपनाकर हम बहुत हद तक इस खतरनाक बीमारी के जोखिम को काम कर सकते हैं। ये तरीके निम्नलिखित हैं-

एचपीवी टीका
खुद को सर्वाइकल कैंसर की चपेट में आने से बचाने के लिए व्यक्ति को यदि संभव हो तो समय पर पेपिलोमावायरस (एचपीवी) टीका लगवा लेना चाहिए। इससे व्यक्ति सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को काफी कम कर सकता है। इस टीके को लगाने का समय 9 वर्ष की आयु से ही शुरू हो जाता है। हालांकि डॉक्टर्स 11 से 12 वर्ष की आयु के लोगों के लिए एचपीवी टीकाकरण की सलाह देते हैं। अगर उनके पहले यह टीका नहीं लगा है तो 26 वर्ष तक की आयु के सभी लोग एचपीवी टीका लगवा सकते हैं। 26 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए एचपीवी टीकाकरण की सिफारिश नहीं की जाती है।

हालांकि, 27 से 45 वर्ष की आयु के कुछ वयस्क जिन्हें पहले से टीका नहीं लगाया गया है, नए एचपीवी संक्रमणों के जोखिम और टीकाकरण के संभावित लाभों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करने के बाद एचपीवी टीका प्राप्त करने का निर्णय ले सकते हैं। चूंकि इस उम्र तक अधिकतर लोग एचवीपी के संपर्क में आ चुके होते हैं, इसलिए इस टीके का लाभ की संभावना कम हो जाती है। जो लोग 15 साल के पहले इस टीके का लाभ लेते हैं उन्हें टीके की दो खुराक दी जाती है, जबकि जो लोग 15 यह टीका लगवाते हैं उन्हें इस टीके की तीन खुराक लेनी पड़ती है।

नियमित स्क्रीनिंग टेस्ट
सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए व्यक्ति नियमित पैप परीक्षण कराना चाहिए। पैप टेस्ट को पैप स्मीयर टेस्ट भी कहा जाता है, जो प्रीकैंसर की तलाश करता है। इसके अलावा गर्भाशय ग्रीवा पर उन सेल परिवर्तन को भी तलाशता है, जिनका अगर समय पर सही इलाज न किया गया तो वे सर्वाइकल कैंसर का रूप ले सकते हैं। यह परिक्षण डॉक्टरों को किसी भी असामान्यता का पता लगाने में सक्षम बनाता है। 21 साल की उम्र पार कर लेने के बाद महिलाओं को हर तीन साल में कम से कम एक बार पैप टेस्ट करवाना चाहिए। एक बार जब आप 30 वर्ष के हो जाते हैं, तो डॉक्टर्स हर पांच साल में पैप स्मीयर की सलाह देते हैं।

इसके अलावा, संभोग के साथ किसी भी रक्तस्राव का मूल्यांकन स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाना चाहिए। इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए एचपीवी परीक्षण कराना भी जरूरी है। यह परिक्षण वायरस (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) की तलाश करता है जो इन कोशिकाओं में परिवर्तन का कारण बन सकता है। ये दोनों ही टेस्ट डॉक्टर के कार्यालय या क्लिनिक में किए जा सकते हैं। यदि आपकी आय कम है या आपके पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है, तो आप सीडीसी के राष्ट्रीय स्तन और सर्वाइकल कैंसर की प्रारंभिक जांच कार्यक्रम के माध्यम से नि:शुल्क या कम लागत वाली स्क्रीनिंग जांच प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं।

यौन संक्रमण से बचाने वाले विधियों का प्रयोग करना - डॉक्टर्स का कहना है कि उन व्यक्तियों में सर्वाइकल कैंसर के मुख्य कारण एचपीवी संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है, जो 18 वर्ष की आयु से पहले यौन रूप से सक्रिय हो जाती हैं और जिनके छह या अधिक यौन साथी होते हैं। कंडोम या डेंटल डैम जैसे जन्म नियंत्रण की बाधा विधि का उपयोग करना, एचपीवी संक्रमण से बचाने में मदद करता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक व्यक्ति अभी भी उन क्षेत्रों से एचपीवी प्राप्त कर सकता है जिन्हे कंडोम या डेंटल डैम कवर नहीं कर सकते हैं। जननांग त्वचा या गुदा के आसपास का क्षेत्र इसका एक उदाहरण है।

धूम्रपान से बचे
धूम्रपान विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है, जिसमें सर्वाइकल कैंसर भी शामिल है। दरअसल, तम्बाकू के धुएँ में जहरीले पदार्थ होते हैं जो इम्युनिटी सिस्टम को कमजोर बना सकते हैं। ऐसे में इम्यून पॉवर के लिए कैंसर कोशिकाओं को मारना कठिन हो जाता है। इसके अलावा ये जहरीले पदार्थ कोशिका के डीएनए को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं या बदल सकते हैं, जिससे ट्यूमर विकसित होना शुरू हो जाता है। निष्क्रिय धूम्रपान और धूम्रपान करने वाले यौन साथी का सर्वाइकल कैंसर के जोखिम में योगदान हो सकता है। तम्बाकू में व्याप्त निकोटीन और अन्य पदार्थ वीर्य के माध्यम से गर्भाशय ग्रीवा में जा सकते हैं, जिससे इम्युनिटी सिस्टम और कैंसर से खुद को बचाने की शरीर की क्षमता प्रभावित होती है।

आहार
कई प्रकार के पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण आहार भी एचपीवी और सर्वाइकल कैंसर से बचा सकते हैं। निम्नलिखित आहार एचपीवी संक्रमण से बचाने में मदद कर सकते हैं:

फलों और सब्जियों में एंटीऑक्सिडेंट, जैसे विटामिन ए, सी और ई
पौधों के खाद्य पदार्थों और चाय में पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स, लाइकोपीन और सल्फोराफेन
फोलेट, कैल्शियम और विटामिन डी
नट और फलियां
कुछ पोषक तत्वों:

फोलेट, नियासिन, और विटामिन बी 6, सी, और के - का कम सेवन सर्वाइकल इंट्रापीथेलियल नियोप्लासिया (सीआईएन) के उच्च जोखिम से जुड़ा था।

CIN2 कोशिकाएं मध्यम असामान्य कोशिकाएं हैं जो गर्भाशय ग्रीवा की सतह पर मौजूद होती हैं। ये कोशिकाएं अभी कैंसरयुक्त नहीं हैं, लेकिन ये कैंसर बन सकती हैं।

इसके अलावा, शोध से पता चलता है कि लोगों को इससे बचना चाहिए:

उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) खाद्य पदार्थ
कम जीआई वाले खाद्य पदार्थों का सेवन सर्वाइकल कैंसर को रोकने में भूमिका निभा सकता है।

Tips To Prevent Cervical Cancer!

MBBS, MS - Obstetrics and Gynaecology, Fellowship in Gynae Oncology
Gynaecologist, Jaipur
Tips To Prevent Cervical Cancer!
Cervical cancer (a malignant tumor of the cervix, the lowermost part of the uterus) is one of the most preventable types of cancer. Because of the Pap smear test, the number of cervical cancer cases has actually dropped over the past 20 years. However, many women still develop cervical cancer.

While some cases of cervical cancer cannot be prevented, there are many things a woman can do to reduce her risk of developing cervical cancer.

Reduce Your Risk of Cervical Cancer:

Get a regular Pap smear - A Pap smear can be the greatest defense against cervical cancer. It can detect cervical changes early on before they have a chance to turn into cancer.

Limit the number of sexual partners you have - Studies have shown that women who have many sexual partners increase their risk for cervical cancer. You also increase your risk of developing HPV, which has been shown to lead to cervical cancer.

Quit smoking or avoid secondhand smoke - Smoking cigarettes increases your risk of developing many cancers, including cervical cancer.

If you are sexually active, use a condom - Having unprotected sex puts you at risk for HIV and other sexually transmitted infections (STIs), which can increase your risk factor for developing cervical cancer.
Follow up on abnormal Pap smears - If you have had an abnormal Pap smear, it is important to follow up with regular Pap smears or colposcopies, and whatever else your doctor has recommended for you. If you have been treated for cervical dysplasia, you still need to follow up with Pap smears or colposcopies.

Get the HPV vaccine - If you are under 27, you may be eligible to receive the HPV vaccine, which prevents high-risk strains of HPV in women. The vaccine is most effective when given to young women before they become sexually active.
Again, cervical cancer prevention should be a top priority for all women. Small lifestyle adjustments, combined with regular medical care, can go a long way in preventing cervical cancer.
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Cervical Cancer

MBBS, DGO - Gynecology & Obstetrics, FMAS & DMAS
Gynaecologist, Delhi
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Cervical cancer occurs when the cells of the cervix grow abnormally and invade other tissues and organs of the body. Cervical cancer is slow-growing, so its progression through precancerous changes provides opportunities for prevention, early detection, and treatment.
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STD - Know Forms Of It!

DNB - Obstetrics & Gynecology, MBBS
Gynaecologist, Pune
STD - Know Forms Of It!
Sexually transmitted diseases can often be shortened to STDs. STDs often do not show any symptoms. It is possible that you may have had a disease such as chlamydia and not even known you had it. However, it is crucial that you get yourself tested as soon as possible so that the sexually transmitted disease can be treated in the best way possible. Since there are many sexually transmitted diseases and they all have different symptoms and treatment, here are the symptoms and treatment for the most common ones:

HPV

HPV stands for human pappilovirus and it may display no symptoms whatsoever that you have the disease. However, when you do get symptoms, you will get symptoms such as genital warts, infection of the throat and mouth as well as cervical cancer, penile cancer and various other cancers. The treatment for HPV is to take a vaccine; as if you have not been vaccinated, it is hard to cure.

Chlamydia

Chlamydia is a common sexually transmitted disease, however, only 25% of women and about 50% of men show any symptoms of it whatsoever. However, the most common symptoms when they do appear is a discharge from the vagina or penis which is not regular and it may even cause a painful or burning sensation. Since this is a bacterial disease, it can pretty easily be treated with antibiotics.

Gonorrhea

Gonorrhea is yet another common sexually transmitted disease. It usually occurs along with chlamydia. The symptoms and treatment for gonorrhea are also extremely similar to chlamydia.

Syphilis

Syphilis is another common sexually transmitted disease. However, it is a little hard to treat because the symptoms appear in stages. In the first stage, there is only one main bump on the body. This bump may look like a cut, a sore or even an ingrown hair. In the second stage, this bump becomes a rash which goes all over your body and it may develop sores in your mouth, vagina or anus. Symptoms usually completely disappear in the third stage. However, if there is a fourth stage then brain or organ damage may occur. Antibiotics are used to treat syphilis as well.
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Importance Of Regular Pap Smear Test!

MBBS, Diploma in Gynecology and Obstetrics
Gynaecologist, Ghaziabad
Importance Of Regular Pap Smear Test!
Regular pap tests i.e., tests that look for any signs of cervical cancer should be conducted regularly so that it can be detected at its initial stage and can be treated accordingly.
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Colposcopy - Know More About It!

MBBS, MD - Obstetrtics & Gynaecology, Certification in IVF & Infertility, Fellowship in Advanced Laparoscopy
Gynaecologist, Mohali
Colposcopy - Know More About It!
The physical constitution of a woman s body is complex and must be subject to regular medical check-ups. The reproductive system in women is especially sensitive to many factors. Colposcopy is a surgical procedure that entails an examination of the vulva, vagina, and cervix by using a tool known as the colposcope. This process is performed if unusual results are detected in Pap smear test.

The Pap smear is a medical screening test that helps identify abnormal cervical cells. The doctor uses the bright light that emanates from the colposcope to see the cervix more clearly under optical magnification. In case irregular areas are spotted during the Pap smear test, a tissue sample is retrieved from the cervix and then sent for biopsy.

What is the purpose of colposcopy?
Colposcopy is performed if a woman starts bleeding profusely right after engaging in sexual intercourse. The medical procedure enables doctors to identify abnormal growth in the reproductive system of a woman; such growth may be visible in the vulva, vagina, or in the woman s cervix.

Cervical cancer can be identified with the help of a surgical procedure like colposcopy. The procedure can be used to locate ailments in the uterine cervix. These abnormalities may include genital warts or excessive inflammation of the cervix. The latter is known as cervicitis.

How is Colposcopy Performed?
The first step of the colposcopy procedure requires the patient to lie down with the feet placed in stirrups, similar to how a patient would have to lie down when undergoing any Pap smear test or a pelvic exam. A speculum is placed on the patient s vagina, and the colposcope shall be positioned some inches away from the vulva. The insertion of the speculum can generate some discomfort, but the pain does not last long.

The vagina and the cervix are swabbed with vinegar and cotton to clear any mucus and to highlight any abnormal cells. The colposcope does not physically touch the person. The doctor may proceed to take photographs of areas that might appear suspicious to him. He may also extract a tissue sample from the cervix and send this to a laboratory for biopsy.

The doctor applies a solution to the patient after the biopsy has been executed. This action helps to control the bleeding that may occur after the colposcopy. The solution is known as Monsel s Solution, and it generates a dark discharge following the procedure. The discharge may occur for a few days.

Colposcopy is an effective procedure that identifies abnormal growth in cervical cells. While there are no risks associated with this procedure as such, it is common for patients to experience bleeding and even fever for a few days after the surgery.
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Detailed Knowledge About Cervical Cancer & Its Treatment!

MBBS, MS - Obstetrics and Gynaecology, Fellowship in Gynae Oncology
Gynaecologist, Jaipur
Detailed Knowledge About Cervical Cancer & Its Treatment!
Cervical cancer is a form of cancer which occurs in the cervix or the lower part of the uterus in women, which opens up into the vagina. It's different from the other cancers that occur in other parts of the uterus and has a high rate of being cured if detected early.

Causes of Cervical Cancer: Cervical cancer is usually caused when abnormal cells present in the cervix, get out of control. Usually, major cases of cervical cancer are caused by a virus known as human papillomavirus or HPV. This virus gets transmitted from one person to another by sexual means or sexual contact. Abnormal changes in the cervix cells lead to cervical cancer. Usually, cell changes occur in the transformation zone in the cervix as the cells tend to change constantly, thereby leading to cancer.

Symptoms:

Abnormal vaginal bleeding between menstrual phases, after menopause or after having sex.
Pain is experienced during sex.
Abnormal vaginal discharge is produced.
Abnormal changes in the menstrual cycle.
Anemia due to abnormal bleeding from the vagina.
Recurring pain in the pelvis, back or leg.
Several urinary problems due to the blockage of the uterus.
Urine or stool leakage into the vagina.
Loss of weight.
How it can be diagnosed?
A routine screening test should be undertaken to observe any abnormal cell changes in the cervix and also for the screening for cervical cancer. Taking regular Pap smear test is recommended to detect abnormal cell changes so that cervical cancer can be prevented before hand. Other diagnostic tests include Colposcopy and cervical biopsy to determine the presence of abnormal cells in the cervix, Endocervical biopsy and Cone biopsy.

Treatment options available:
Cervical cancer can be treated when detected at an early stage. The type of treatment depends on the stage and type of cervical cancer. The most common treatment methods are as follows:

Surgery can be undertaken for the removal of cancer. Several types of surgeries exist and the ideal one depends on the location and severity of cervical cancer.
Radiation therapy involves the use of high dosage X-rays and implants within the vaginal cavity. This kills the cancer cells and is used in some specific stages of cervical cancer. This therapy is often used alongside surgery.
Chemo-radiation is a combination of radiation therapy and chemotherapy. This procedure can be used at various stages of cervical cancer.
Chemotherapy involves using medicines for killing cancer cells. It is used in advanced stages of cervical cancer.
Pelvic cancer is caused by abnormal cell changes in the pelvis. It is a common kind of cancer and can cause negative effects on health. Proper diagnosis and treatment are essential for treating pelvic cancer.
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Pap Smear Test - When Is It Required?

MS - Obstetrics and Gynaecology, Diploma in Advanced Gynaec Laparoscopic Surgery
Gynaecologist, Bangalore
Pap Smear Test - When Is It Required?
Regular preventive check ups are a must for being healthy and if you wait too long between check ups, it may become too late to detect a problem. Cervical cancer screening is especially important for women via a pap smear test, as it's the best way to detect cancer.

A Pap test is done to screen any changes in the cells of the cervix, including cervical cancer or conditions that may develop into cancer. Doctors recommend that Pap smear testing should begin at the age of 21 for women, and should be done every 3-5 years for women between the ages of 21 to 65 years.

For women between ages 30 - 65 years, the test can be done once in five years, if it is combined with testing for HPV. A doctor may recommend frequent Pap smear tests if a person is diagnosed with cervical cancer, HIV infection or a weak immune system caused due to organ transplant or chemotherapy.

When can you discontinue Pap smear Tests?
If you are sexually active, doctors may ask you to continue your Pap smear tests even after the age of 65. Women can discontinue Pap smear tests after getting a total hysterectomy. However, some women may still have to undergo the test if they have had the surgery for cervical or uterine cancers or if you are a high-risk patient with HIV or have a weakened immune system. In these cases, women will have to continue getting Pap smear tests. Even if you stop getting Pap smear tests, it's advisable to keep getting regular pelvic tests.

What symptoms to watch out for between Pap smear tests?

Pain is not an early warning sign of the disease, and not all people experience pain while suffering from cancer of the cervix. The symptoms to watch out for are abnormal bleeding in the cervix, which is one of the most common symptoms of cancer in the cervix. If you get bleeding between your regular menstrual periods and after sexual intercourse that it is another sign that you should get a Pap smear done to check for cancer in the cervix.
Abnormal vaginal discharge is another symptom of cancer of the cervix. You must get these symptoms checked from your doctor via a Pap smear test.
It is advisable to discuss with your doctor and decide how frequently you need to decide what's best for you based on different risk factors.
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Importance Of Regular PAP Smear Test!

MBBS, Diploma in Gynecology and Obstetrics
Gynaecologist, Ghaziabad
Regular pap tests i.e., Tests which look for any signs of cervical cancer should be conducted regularly so that it can be detected at its initial stage and can be treated accordingly.

Cervical Cancer - How To Detect It?

MBBS, MD - Obstetrics & Gynaecology, Post Graduate Diploma in Ultrasonography
Gynaecologist, Noida
Cervical Cancer - How To Detect It?
What is Cervical Cancer?

Cancer is a disease in which cells in the body grow out of control. When these abnormal cells are present in the cervix, it is called cervical cancer, or cancer of the cervix.

Screening Prevents Cervical Cancer and Saves Lives:

The Pap test can find abnormal cells in the cervix. These cells may, over time, turn into cancer. This could take several years to happen. If the results of a Pap test show there are abnormal cells that could become cancerous, a woman can be treated. In most cases, this treatment prevents cervical cancer from developing.

Pap tests can also find cervical cancer early. When it is found early, the chance of being cured is very high. The most important thing you can do to avoid getting cervical cancer is to have regular Pap tests.

Any woman who has a cervix can get cervical cancer, especially if she or her sexual partner has had sex with several other partners. Most often, cervical cancer develops in women aged 40 or older. Abnormal cells in the cervix and cervical cancer don t always cause symptoms, especially at first. That s why getting tested for cervical cancer is important, even if there are no symptoms.

What is the Pap Test?

The Pap test, also called the Pap smear, is a cervical cancer screening test. It is not used to detect other kinds of cancer. It is done in a doctor s office or a clinic.

During the test, the doctor or nurse uses a plastic or metal instrument, called a speculum, to widen the vagina. This helps to examine the vagina and the cervix, and collect a few cells from the cervix. These cells are placed on a slide and sent to a laboratory to be checked for abnormal cells.

Who Should Have a Pap Test?

Doctors recommend that women begin having regular Pap tests and pelvic exams at age 21, or within three years of the first time they have sexual intercourse whichever happens first. After a woman has a Pap test each year for three years in a row, and test results show there are no problems, she can then get the Pap test once every 2-3 years.

Who Does Not Need to be Tested?

The only women who do not need regular Pap tests are:

Those over age 65 who have had regular Pap tests with normal results
Women who do not have a cervix. This includes women whose cervix was removed as part of an operation to remove the uterus. (The surgery is called a hysterectomy.) However, a small number of women who have had this operation still have a cervix and should continue having regular Pap tests. If you re not sure whether you have a cervix, speak to your doctor about it.
How Do I Prepare for the Pap Test?

To prepare for the Pap test, doctors recommend that for two days before the test you should avoid:

Douching
Using tampons
Having sexual intercourse
Using birth control foams, creams, or jellies or vaginal medications or creams
Try to schedule your Pap test for a time when you are not having your menstrual period.

When Will I Get the Results?

It can take up to three weeks to receive Pap test results. Most results are normal. There are many reasons that Pap test results can be abnormal, and usually, it does not mean you have cancer.
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