Varicella Zoster DNA, PCR Tips

चिकन पॉक्स हो गया है तो परेशान ना हों, अपनाएं जल्दी ठीक होने के ये 8 टिप्स

General Physician, Bareilly
चिकन पॉक्स हो गया है तो परेशान ना हों, अपनाएं जल्दी ठीक होने के ये 8 टिप्स




चिकनपॉक्स एक आम और अत्यधिक फैलने वाला वायरल संक्रमण है।भारत में इसे चेचक और माता के नाम भी जाना जाता है। हालांकि इस बीमारी को लेकर कई भ्रांतियां समाज में फैली हुई हैं पर समय के साथ लोग इस बीमारी से लड़ने के सही तरीके प्रयोग में ला रहे हैं। इस बीमारी में खुजली और फ्लू जैसे लक्षण नज़र आते हैं। बचपन में चिकन पॉक्स से लड़ने के लिए वैक्सीन ज़रूर दी जाती है पर बावजूद इसके कई बार ये संक्रमण उन्हें अपनी चपेट में ले ही लेता है। ऐसा नहीं कि ये सिर्फ बच्चों तक ही सीमित है, कई बार बड़े भी इससे बच नहीं पाते। वैसे तो चिकनपॉक्स की कोई विशेष दवा नहीं है पर इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है।इसमें बुखार औऱ दर्द को कम करने के लिए चिकित्सक अकसर साधारण दवाएं देकर तकलीफ को कम करने का प्रयास करते हैं। चिकनपॉक्स का संक्रमण आम तौर पर कुछ हफ़्ते में ठीक हो जाता है, और फिर शरीर वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है। चिकनपॉक्स का मुख्य लक्षण बुखार और शरीर पर निकलने वाले दाने है जो फफोले के समान होते हैं और लाल घाव पैदा करते हैं। ये आपके पूरे शरीर में फैल जाते है।इन दानों में तेज़ खुजली और दर्द होता है। कई घरेलू उपचार ऐसे हैं जिनकी मदद से आप चिकनपॉक्स के लक्षणों को शांत कर सकते हैं।तो आइए जानते हैं चिकनपॉक्स के लक्षणों के घरेलू उपचार के बारे में-

1- दानों पर कैलामाइन लोशन लगाएं-

चिकनपॉक्स में पूरे शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं जो बाद में दानों और फफोलों का रूप ले लेते हैं। ये दाने बहुत कष्टदायक होते हैं। इनमें तेज़ खुजली होती है जिसकी वजह से हम इन्हें खुजलाना चाहते हैं।पर ऐसा करने से आपकी परेशानी बढ़ सकती है।इसलिए दानों के प्रभाव को शांत करने के लिए उनपर कैलामाइन लोशन खुजली लगाएं।ये खुजली को कम करने में मदद कर सकता है। इस लोशन में जिंक ऑक्साइड होता है औऱ त्वचा की जलन को मिटाने वाले गुण होते हैं। इसे लगाने के लिए खुजली वाली जगह पर एक साफ रूई से इस लोशन को अच्छी तरह फैला दें।हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि कि आंखों के ऊपर या उसके आसपास कैलामाइन लोशन का उपयोग नहीं करना चाहिए।

2- हाथों में सूती दस्ताने पहनें-

चिकनपॉक्स में होने वाली तेज़ खुजली कई बार आपके बर्दाश्त के बाहर हो जाती है।और आप खुजलाने के नुक्सान के बारे में जानकारी होने के बाद भी त्वचा को खुजला लेते हैं।ऐसा करने से फफोले जैसे दाने फूट जाते हैं औऱ जो संक्रमित हो सकते हैं। साथ ही उस जगह त्वचा पर दाग रह जाते हैं जो लम्बे समय तक ठीक नहीं होते। इसलिए ये सलाह दी जाती है कि पीड़ित व्यक्ति हाथों में सूती या किचन में इस्तेमाल होने वाले दस्ताने पहने रहे।खासकर रात को सोते समय इस टिप को ज़रूर आज़माएं। चाहें तो बच्चों के हाथ में मोज़े भी पहना सकते हैं।ध्यान रहे कि जिसे ये संक्रमण हुआ है उसके नाखून ठीक से कटे होने चाहिए जिससे खुजलाने पर ज्यादा खरोंच ना आएँ।

3- नहाने के लिए बेकिंग सोडा -

चिकनपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को नहाने से ना रोके । इस बीमारी में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नहाने से शरीर की खुजली में भी आराम मिलती है। आप चाहे तो नहाने के पानी में बेकिंग सोडा मिला सकते हैं। यह खुजली मिटाने में बेहद कारगर है।एक बाल्टी गुनगुने पानी में एक कप बेकिंग सोडा मिलाएं। इससे संक्रमित व्यक्ति दिन में तीन बार तक स्नान कर सकता है।संक्रमण को सीमित रखने के लिए बीमार व्यक्ति को अलग कमरे में रखें और वहां ज्यादा लोगों को आने जाने की अनुमति ना दें।

4- नीम की पत्तियां है उपयोगी-

चिकनपॉक्स में नीम की पत्तियां बहुत काम आती हैं।अपने एंटी सेप्टिक गुणों के कारण ये संक्रमण को नियंत्रण में कर सकती हैं। ताज़ी नीम की पत्तियां लेकर संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर के आसपास रख दें जिससे वायु में मौजूद कीटाणु बेअसर हो जाएं।नीम की पत्तयों को उबालकर उस पानी को नहाने में प्रयोग करें। इस पानी से नहाने पर त्वचा शांत होगी और संक्रमण भी कम होगा। यही नहीं आप ताज़ी नीम की पत्तियों को पीसकर उसका लेप दानों पर लगा सकते हैं।इससे दाने तेज़ी से सूख जाते हैं। जब तक दानों पर पपड़ी पड़ कर झड़ ना जाए तब तक संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।

5- कैमोमाइल कंप्रेस का इस्तेमाल करें-

आपकी रसोई में मौजूद कैमोमाइल चाय भी चिकनपॉक्स में आपके काम आ सकती है। इस चाय में खुजली कम करने को गुण होते हैं। कैमोमाइल में एंटीसेप्टिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो काफी काम आ सकते हैं। इसे इस्तेमाल करने के लिए दो से तीन कैमोमाइल टी बैग्स को पानी में उबाल लें और ठंडा होने दें। इसे नहाने के पानी में मिला दें। फिर एक मुलायम सूती कपड़ा इसमें भिगेकर त्वचा के खुजली वाले क्षेत्रों पर लगाएं। कुछ देर इसे लगाने के बाद त्वचा को धीरे धीरे थपथपाते हुए सुखा लें।

6-बुखार पर नज़र रखें-

हमारा शरीर जब चिकनपॉक्स के संक्रमण से लड़ रहा होता है तो उसका तापमान बढ़ जाता है जो बुखार का कारण बनता है। शरीर के इस बढ़ते तापमान पर नज़र बनाए रहखना आवश्यक है।बुखार औऱ सिरदर्द के लिए अपने डॉक्टर की सलाह से दवाएं दें।इसके अलावा सूती कपड़ा पानी में भिगोकर पूरे को पोंछें जिससे शरीर के तापमान में गिरावट आएगी।चाहे तो बुखार को कम करने के लिए स्नान का विकल्प भी चुन सकते हैं।जिस कमरे में संक्रमित व्यक्ति हो वहां का तापमान कम रखें क्योंकि पसीना निकलने से खुजली भी बढ़ सकती है।

7-सादा खाना ही दें-

चिकन पॉक्स में शरीर पर दिखने वाले दाने और छाले मुंह के अंदर भी होते हैं।ये जीभ से लेकर गले तक फैल जाते हैं और संक्रमित व्यक्ति को खाने पीने में दिक्कत आ सकती है।ऐसे में कोशिश करें कि उन्हें ज्यादा तेल औऱ मसाले वाला खाना ना खिलाएं। खाने में बिना मसाले की मूंग की दाल,दलिया या खिचड़ी देना बेहतर होता है क्योंकि ये हल्का खाना पचाने में आसान होता है।ज्यादा नमक भी मुंह के छालों में परेशानी बढ़ा सकता है। इसलिए कम नमक का इस्तेमाल करें।

8- उचित डायट लें-

चेचक होने पर शरीर में डिहाईड्रेशन से होता है इसलिए ज़रूरी है कि बीमार व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाते रहें। पानी को उबाल कर ठंडा कर सेवन किया जाए तो बेहतर है। इसके अलावा नारियल पानी का भी भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। इससे शरीर को एनर्जी मिलेगी और पानी की कमा दूर होगी।यह नहीं नारियल पानी में भरपूर विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो शरीर के लिए उपयोगी है। इसका शीतल स्वभाव शरीर की जलन में भी आराम पहुंचाता है। जहां तक खाने की बात है तो हल्का आहार जैसे फल और हल्का अनाज ही खाएं। इस दौरान धनिया और गाजर का सूफ भी फायदेमंद हो सकता है। धनिया एक बेहतरीन ऑर्गैनिक कंपाउंड है जिसमें औषधीय गुण भी होते हैं। धनिया के पत्तों को गाजर के छोटे टुकड़ॆ के साथ उबालकर इन्हें ग्राइंड कर लें और फिर घर में मौजूद हर्ब्स डालकर इसका सेवन किया जा सकता है।

फलों में केला, सेब खरबूज़ा आदि का सेवन कर सकते हैं। सूजी से बनी चीज़ें भी दी जा सकती हैं। उबली हुई सब्जियों का सेवन करने की कोशिश करें। गाजर, शकरकंद, फलियां, आलू और गोभी लिए जा सकते हैं। दही का सेवन भी त्वचा को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। इसमें कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स भी होते हैं। इसलिए दिन भर दही का सेवन करने की कोशिश करें। ;
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Chicken Pox - How To Cope It?

MD - Community Medicine, MBBS
General Physician, Dehradun
Chicken Pox - How To Cope It?
Chicken Pox is an extremely infectious viral disease that leads to itchy blister-like formations (rashes) on the skin. It can also be accompanied by mild fever and a general loss of appetite. The pathogen responsible for this disease is the Varicella-Zoster virus. It usually affects children under the age of 15, but it can affect an adult too and in such a case, the symptoms are usually more severe. Vaccination is generally recommended in order to prevent the occurrence of this disease.

Tips to manage the Symptoms

To tackle symptoms such as high fever, paracetamol is generally administered.
Calamine lotion might be applied on to the rashes to manage the severe itching. Emollient (soothing) creams can also be applied to ease the effects of the rash.
An antihistamine (eases out the itch and also makes one feel a bit drowsy) can also be administered if the itch happens to cause extreme discomfort.
You should trim your fingernails to prevent any deep accidental scratches as that will only worsen the symptoms.
The patient s clothes and his immediate surroundings must be properly disinfected.
The fabric should be strictly limited to cotton so the infected person doesn t feel overly hot or cold. Cotton is comfortable wear as well.
Drink sufficient water to keep yourself hydrated and flush out the toxins from the body.
The diet should be kept simple and absolutely non-spicy. Mild stews are a good option. Plain chicken soup works fine as well.
A medication called acyclovir is sometimes administered as it can help pacify the effects of the virus to an extent; if taken within 24 hours of the onset of the rashes.
Limit alcohol consumption and quit smoking. Try and turn a new leaf with respect to your lifestyle. A healthy lifestyle devoid of such unhealthy habits can strengthen your immune system. A strong well-functioning immune system goes a long way in preventing diseases of different kinds.
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Shingles and Herpes - How Can Homeopathy Help?

BHMS
Homeopathy Doctor, Pune
Shingles and Herpes - How Can Homeopathy Help?
Virus, the bad ones, in particular, can have serious effects on the body, which a person would not like to have, in any case. This is surely true when the case of herpes zoster is being talked about. This form of herpes is commonly known as shingles. But what if there was a proper solution to this issue? When a person has blisters forming and causing a rash in a limited area, shingles is likely to be the cause of the same.

What is interesting to know too many people is the fact that the virus, which is responsible for shingles or herpes zoster is the same one which is the cause for chickenpox! This virus is never cleared out even when the symptoms of chickenpox have long left the body of the person who had it. As a matter of fact, in some cases, it does reappear and affects the body again except this time in the form of shingles. However, doctors do not know why this occurs. Is that not weird?

Most people who have the bad luck of dealing with shingles are over sixty years of age. While knowing all this is quite beneficial, what about the treatment of shingles?

When it comes to the homoeopathic treatment of shingles, there is a range of options, which can be made use of. That being said, it is of the highest importance to keep in mind the fact that medicine should only be taken as per the prescription of a trained professional in homoeopathic medicine. This is especially true as homoeopathic treatment is very subjective and under the wrong course of medication, the result is not likely to be desirable!

Arsenicum album is one of the most popular medicines from the homoeopathic field. In most of the cases, where it is ideally used, the patient is undergoing pain with a burning sensation on the affected area of the skin. When a rash begins to form, there is normally some tingling in the skin in the run-up to it.

Homoeopathic treatment is so good that there is medicine to nip the problem in the bud before it has the chance to cause the affected person a whole deal of anguish. Aconite is the medicine, in this case.

Hepar sulphur and Rhus Toxicodendron are also used often over the course of treatment. The former is useful especially for people with unhealthy skin while the latter is commonly used for herpes of the face and around the joints.
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Chicken Pox - How To Administer It?

MBBS, MD - General Medicine
General Physician, Pune
Chicken Pox - How To Administer It?
Chicken Pox is an extremely infectious viral disease that leads to itchy blister-like formations (rashes) on the skin. It can also be accompanied by mild fever and a general loss of appetite. The pathogen responsible for this disease is the Varicella-Zoster virus. It usually affects children under the age of 15, but it can affect an adult too and in such a case, the symptoms are usually more severe. Vaccination is generally recommended in order to prevent the occurrence of this disease.

Tips to manage the Symptoms

To tackle symptoms such as high fever, paracetamol is generally administered.
Calamine lotion might be applied on to the rashes to manage the severe itching. Emollient (soothing) creams can also be applied to ease the effects of the rash.
An antihistamine (eases out the itch and also makes one feel a bit drowsy) can also be administered if the itch happens to cause extreme discomfort.
You should trim your fingernails to prevent any deep accidental scratches as that will only worsen the symptoms.
The patient s clothes and his immediate surroundings must be properly disinfected.
The fabric should be strictly limited to cotton so the infected person doesn t feel overly hot or cold. Cotton is comfortable wear as well.
Drink sufficient water to keep yourself hydrated and flush out the toxins from the body.
The diet should be kept simple and absolutely non-spicy. Mild stews are a good option. Plain chicken soup works fine as well.
A medication called acyclovir is sometimes administered as it can help pacify the effects of the virus to an extent; if taken within 24 hours of the onset of the rashes.
Limit alcohol consumption and quit smoking. Try and turn a new leaf with respect to your lifestyle. A healthy lifestyle devoid of such unhealthy habits can strengthen your immune system. A strong well-functioning immune system goes a long way in preventing diseases of different kinds.
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Chicken Pox - How Can Homeopathy Get Rid Of It?

BHMS NATIONAL HOMOEOPATHIC MEDICAL COLLEGE LUCNOW
Homeopathy Doctor, Lucknow
Chicken Pox - How Can Homeopathy Get Rid Of It?
One of the most pervasively contagious diseases known to affect our lives, chickenpox affects almost every 9 out of 10 children. Even adults suffer from this disease occasionally. Caused by a special breed of the herpes virus, chickenpox manifests itself on the infected person in the form of reddish blisters all over the body. Moderate fever, loss of appetite, fatigue, weakness are some of the most common symptoms of chickenpox. A general feeling of malaise prevails in the course of the disease.

It is recommended that the infected person is kept in isolation for a span of seven days. While recuperation usually happens in the natural process, it is time sustaining. One also has to partake numerous antiviral drugs and paracetamols to abate the symptoms of chickenpox. One of the most prominent side effects is an acute weakness. Thus, as an alternative therapy, one may approach homeopathic remedies. These not only heal in the most natural way, but also avert all kinds of possible side effects. Homeopathy helps in rebuilding the body s immunity system for a speedier recovery.

Some of the most reliable remedies are listed as follows.

Aconitum: This largely helps in keeping the body hydrated and therefore keeps the signs of weaknesses at bay. It also keeps the temperature fluctuations in control.
Antimonium Crud: Antimonium Crud reduces the skin irritability and itchy pustules which are symptomatic of chicken pox. It also relieves the patient of white disposition on the tongue and thus helps in gaining back the appetite. However, the patient must be at rest throughout for Antimonium Crud to work effectively.
Apis: Certain bouts of chicken pox leave an unhealthy stench on the patient s body. Apis helps in bettering it. It also soothes the sting that one might have to endure from the scabs of chicken pox.
Belladonna: Certain chronic forms of chicken pox result in hot flushes, headaches and sleeplessness. Belladonna helps in curing all such symptoms and palliating all such sufferings during chicken pox.
Rhus Tox: One of the reliable remedies for the extreme itching sensation that affects the patient suffering from chicken pox, Rhus Tox is extremely beneficial for regaining body strength also.
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Know How Homeopathy Can Cure Chicken Pox!

BHMS
Homeopathy Doctor, Raipur
Know How Homeopathy Can Cure Chicken Pox!
Exanthematous illness is a typical event in youth. Despite the fact that it will probably happen at a youthful age, it can still happen even in adulthood. These exanthematous issues like chicken pox create rashes that tingle and are regularly joined by fever. Chickenpox is additionally one such malady.

What is chickenpox?
Chickenpox is a viral disease that causes rash throughout the body. Chickenpox is extremely infectious. This implies it spreads quick starting with one individual then onto the next. It is likewise called Varicella since it is brought about by the Varicella Zoster Virus. As a reaction to this virus, the body's barrier system produces antibodies against the virus. These antibodies stay in the human body and give long lasting insurance against the virus. Hence one is probably not going to have it again in one's lifetime however this is not outlandish.

Typically chickenpox happens in adolescence and is less inclined to happen in adults however it is more extreme in adults than in children. A large portion of the instances of chickenpox happens in children beneath the age of 10. In children, the ailment is typically gentle. In case the invulnerability of the youngster is low, the side effects can be extreme.

Indications of Chickenpox-
The early indication of chickenpox is the same as some other viral illness. There is watery release from the nose. Disquietude or a sentiment uneasiness is there. Body aches are available. Queasiness and cerebral pain may likewise be available. Fever happens and for the most part, begins a day or so before the trademark skin side effects show up.

Homeopathic treatment of chickenpox and preventive homeopathic medicines-
There are numerous homeopathic remedies which can help in the treatment of chickenpox. As specified before, this is viral contamination and allopathic medicines are not really ready to treat this. Homeopathic medicines are extremely viable in the treatment of chickenpox simply like they are successful in the treatment of other viral infections. Another little known actuality is that homeopathic medicines are additionally great prophylactics. This implies they can keep you from contracting chickenpox.
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चेचक का घरेलू उपचार - Chechak Ka Gharelu Upchar in Hindi

BAMS
Ayurvedic Doctor, Lakhimpur Kheri
चेचक का घरेलू उपचार - Chechak Ka Gharelu Upchar in Hindi
चिकन पॉक्स को चेचक या छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है. यह एक वायरल बिमारी है जो एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फैलता है. यह वरिसोला ज़ोस्टर नामक वायरस के इन्फेक्शन से होता है. यह रोग हवा के माध्यम से या लार, कफ और संक्रमित व्यक्ति के दानों से निकलने वाले फ्लूइड के संपर्क में आने से फैलता है. जब तक चेचक के दाने सूख नहीं जाते है तब तक संक्रमित व्यक्ति द्वारा इन्फेक्शन फ़ैल सकता है. आमतौर पर वायरस के काॅंटेक्ट में आने के बाद लक्षणों को विकसित होने में लगभग 10-21 दिन लगते हैं. चेचक के प्रमुख लक्षणों में पूरे शरीर में खुजली, लाल चकत्ते या दाने होना शामिल हैं. इसके अन्य लक्षणों में बुखार, थकान, भूख न लगना और मांसपेशियों का दर्द आदि हैं. ज्यादातर लोगों को चेचक से बचाव के लिए टीका लगाया जाता है. यह नवजात शिशुओं में होने वाला एक सामान्य रोग है. यह गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में भी अधिक तेज़ी से फैलता है.

आमतौर पर चेचक के लक्षण दो हफ़्तों में कम या ठीक हो जाते हैं. आप कुछ घरेलू ट्रीटमेंट की मदद से इन लक्षणों को कम करने और खुजली से राहत प्राप्त कर सकते हैं. इसे ट्रीटमेंट द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वायरस का कोर्स समय से पहले खत्म नहीं होती है . उदाहरण के तौर पर खांसी, जुकाम आदि.

चेचक के दानों में होने वाली खुजली और निशान से राहत पाने के कुछ घरेलु उपचार इस प्रकार हैं
1. जई का आटा
चेचक होने पर बॉडी में बहुत तेज खुजली होती है. खुजली से बचने के लिए जई के आटे को पानी में मिलाकर स्नान करना चाहिए. इसे इस्तेमाल करने के लिए 2 लीटर पानी में 2 कप जई का आटा मिलाकर लगभग 15 मिनट तक उबालें, फिर पके आटे को एक कॉटन के बैग में अच्छी तरह से बांधकर बॉथ टब में डालकर बच्चे को नहलाएं.
आधा कप भूरे सिरके को भी पानी में डालकर नहाने से शरीर में हो रही खुजली से निजात पायी जा सकती है.

2. हर्बल चाय
आप कैमोमाइल, तुलसी, मैरीगोल्ड और लेमन बाम जैसी औषधिय जड़ी-बूटियों से बनी हर्बल चाय का सेवन भी कर सकते हैं. इनमे से किसी भी एक जड़ी-बूटी की 1 चमच मात्रा को एक कप उबलते पानी में मिलाएं. इसे कुछ मिनट के लिए खौलने दें और फिर छान लें. इसमें थोड़ी सी दालचीनी, शहद और नींबू का रस मिलाएं और इसके बाद चाय का आनंद ले. इसके बेहतर परिणाम के लिए हर्बल चाय दिन में 2-3 बार ज़रूर पिएं.

3. लैवेंडर तेल
चिकन पॉक्स के पड़ने वाले दागों से छुटकारा दिलाने में लैवेंडर का तेल बहुत असरदार होता है. लैवेंडर के तेल को बादाम के तेल या नारियल तेल के साथ मिलाकर प्रभावित हिस्सों पर लगाएं. इस नुस्खे को दिन में दो बार दोहरायें, जिससे की आपको बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके. वैकल्पिक रूप से, लैवेंडर और कैमोमाइल ऑयल की कुछ ड्रॉप्स गर्म पानी में डालें और इस पानी में लगभग 10 मिनट तक नहाएं.

4. नीम के पत्तों से
नीम को मार्गोसा के नाम से भी जाना जाता है. यह चेचक के इलाज के लिए उपयोग की जाती है क्योंकि इसमें एंटीवायरल गुण होते हैं. एक मुठी नीम की पत्तियां पीस कर उसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं. नहाने के पानी में नीम की पत्तियों का उपयोग भी प्रभावकारी होता है. भारतीय बकाइन भी चिकन पॉक्स के ट्रीटमेंट में प्रभावी है.

5. गाजर और धनिया का सूप
गाजर और धनिया से बना सूप चिकन पॉक्स के उपचार में बेहद फायदेमंद है. यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से संपन्न है जो चिकित्सा प्रक्रिया में सहायता करते हैं. 100 ग्राम गाजर और 60 ग्राम या आधा कप धनिया काट लीजिये. दो या एक चौथाई कप पानी में उबालिये और तब तक उबालिये जब तक आधा पानी वाष्पित न हो जाये. लगभग एक महीने तक इस सूप को दिन में एक बार पियें. आप ताकत बढ़ाने के लिए उबली गाजर और धनिया की पत्तियों का सेवन भी कर सकते हैं.

6. दलिया का स्नान
चेचक होने पर खुजली के लिए दलिया का स्नान एक सफल घरेलू उपचार है. दो कप दलिया को पाउडर के रूप में पीस लें. दलिया के पाउडर को दो लीटर गुनगुने पानी में डालें. 15 से 20 मिनट के लिए दलिया पाउडर को नहाने के पानी में भीगने दें. अब इस पानी से स्नान करें.

7. ब्राउन सिरके
चिकन पॉक्स के उपचार के लिए ब्राउन सिरका सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है. यह त्वचा की जलन और चिकन पॉक्स के दानों को ठीक करने में मदद करता है. साथ ही दानों के दाग पड़ने से भी बचाव करता है. आधा कप ब्राउन सिरका गुनगुने पानी में मिलायें और लगभग 10 से 15 मिनट तक इस पानी से स्नान करें.

8. बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा चिकन पॉक्स की खुजली और जलन को प्रबंधित करने में मदद करता है. एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलायें. इस मिश्रण को रुई या साफ़ मुलायम कपड़े की सहायता से बॉडी के प्रभावित हिस्सों पर लगाएं और सूखने दें. वैकल्पिक रूप से, अपने नहाने के पानी में आधा या एक कप बेकिंग सोडा मिलाएं और उससे स्नान करें.

9. शहद
शहद, चिकन पॉक्स में होने वाली खुजली से राहत प्रदान करता है और चिकन पॉक्स के दानों को भी ठीक करने में मदद करता है. अच्छी गुणवत्ता वाला शुद्ध शहद लें और इसे प्रभावित क्षेत्र पर इस्तेमाल करें. इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार दोहरायें जब तक निशान न चले जायें.

अन्य तरीके-

हरी मटर को पानी में पकाइए, इसके पानी को शरीर में लगाइए, इससे चिकन पाक्स के लाल चकत्ते समाप्त होते हैं.
शरीर में खुजली होने पर शरीर में लगाने वाला कोई भी पावडर लगाइए. अपने नाखून से चकत्तों को हटाने की कोशिश मत कीजिए, इससे यह फैलता है.
लाल चकत्तों पर शहद लगाइए. शहद लगाने से चकत्ते समाप्त होते हैं. शहद लाल चकत्तों को हटाने का सबसे कारगर घरेलू नुस्खा है.
चिकन पाक्स के समय खान-पान का उचित ध्यान रखें. मसालेदार और ऑयली खाना खाने से बचें.
चिकनपॉक् स होने पर विटामिन ई का तेल लगायें. इससे जल् द आराम मिलता है.
बाथ टब में ठंडा पानी लें और उसमें अदरक डालकर तीस मिनट तक छोड़ दें. उसके बाद इस पानी में बैठ जाएं. इससे चिकनपॉक् स की खुजली में आराम मिलता है.
चिकनपॉक् स के किसी मरीज को कभी एस्प्रिन नहीं देनी चाहिए. इससे उसकी हालत खराब हो सकती है. और चिकनपॉक् स में बुखार होने पर बिना डॉक् टरी सलाह के कोई दवा न दें. चिकन पाक्स होने पर बाहर और भीड वाली जगह पर जाने से परहेज करें. हो सके तो इस दौरान लोगों से दूर रहें.
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Why Vaccination Is Required Against Chicken Pox?

MBBS, MD - General Medicine
General Physician, Lucknow
Why Vaccination Is Required Against Chicken Pox?
Chickenpox or varicella is a type of viral infection that causes itchy rashes accompanied by tiny fluid-filled blisters. It is highly communicable to those who have not experienced this disease earlier or have not been immunized against it through vaccination.

The vaccine against chicken pox is a shot protecting anyone, who has already contracted the disease. It is known as the varicella vaccine since chicken pox is triggered by the virus called varicella-zoster. The vaccine is prepared from a living but weakened virus.

Why would you require a chickenpox virus?

The risk behind the condition aggravating into something life-threatening is high among adults, infants and people possessing a weak immunity system as they are prone to developing serious complications as well. There is no way you can predict who would be the next prey.
The illness is extremely contagious and can get transmitted either through the air while coughing or sneezing or by direct contact especially with the fluid present in the chicken pox blisters. For this reason, you need to stay segregated until and unless all your blisters have dried up or crusted over. The illness may induce itchy rashes all over your body along with fussiness, cough and headaches.
The vaccine is recommended for all adults and adolescents who have not been infected by chicken pox ever earlier. A vaccine called MMRV offers combined protection against varicella, rubella, mumps and measles.
The vaccine has to be administered in two shots. However, the medicines are not devoid of mild side effects, for instance, swelling in the region where you have been injected alongside mild rashes.
Who should not opt for the vaccine?

Pregnant women since the effect of the vaccine on your fetus are yet to be unravelled
People who are allergic to neomycin and gelatin ( a gelatin-free varicella vaccine is actually available)
People suffering from diseases caused due to a weak immunity system or taking a high dosage of steroids
Cancer patients who have to be treated with chemotherapy, drugs and X-rays
People who have had a blood transfusion in about five months before receiving the shot.
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चिकेन पॉक्स के लक्षण - Chicken Pox Ke Lakshan!

Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS)
Ayurvedic Doctor, Lakhimpur Kheri
चिकेन पॉक्स के लक्षण - Chicken Pox Ke Lakshan!
चिकेन पॉक्स एक समय में महामारी के रूप में जाना जाता था. लेकिन अब तो इसका शत-प्रतिशत इलाज उपलब्ध है. ये वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस के कारण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. इससे बीमारी से आपके त्वचा पर छाले या फफोले जैसे रैशेस, थकान, खुजली और बुखार होता है. यह रैशेज़ सबसे पहले पीठ, पेट और चेहरे पर पहले दिखाई देता है और फिर पूरे शरीर में फैल जाता है. चिकेन पॉक्स ज्यादातर बच्चों, वयस्कों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में फैल सकता है. चिकेन पॉक्स से खुद को बचाने का सबसे बेहतर विकल्प चिकेन पॉक्स वैक्सीन प्राप्त करना है. इस बीमारी से ठीक होने में लगभग 2 सप्ताह लग सकते है. यह वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस ज्यादातर नेजल ड्रॉप्स या संक्रमित व्यक्ति के त्वचा के घावों या रैशेज़ के डायरेक्ट कॉन्टैक्ट से फैलता है. स्वस्थ बच्चों में चिकेन पॉक्स के लिए किसी प्रकार के चिकित्सा निदान की जरुरत नहीं होती है. यह बीमारी स्वतः ही ठीक हो जाती है. आइए इस लेख में हमलोग चिकेन पॉक्स के लक्षणों पर एक नजर डालें.

चिकेन पॉक्स के लक्षण-
चिकेन पॉक्स संक्रमण वायरस के कॉन्टैक्ट में आने के 10 से 21 दिन बाद होता है. इसके लक्षण 5 से 10 दिनों तक रह सकता है. यदि आपके त्वचा पर दाने हो रहे है तो यह चिकेन पॉक्स होने का संकेत हो सकता हैं. चिकेन पॉक्स वायरस नवजात बच्चे या 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है. इसके अन्य लक्षण जो रैशेस होने से एक से दो दिन पहले हो सकते हैं, वो इस प्रकार हैं:

इसके शुरुआती लक्षणों में आपको तेज बुखार बुखार हो सकता है जो 7 से 10 दिनों तक रह सकता है. यह बुखार 102 डिग्री सेल्सियस से 104 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है.
इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में से एक जोड़ो में दर्द होना है. यह दर्द इतना तेज होता है की आपको हाथ-पैर का मूवमेंट करने में भी परेशानी होती है. कई बाद दर्द के साथ सूजन भी हो सकता है. यह दर्द कुछ दिनों तक रहता है फिर संक्रमण के आने के साथ स्वतः ही ठीक हो जाते है.
इसके अलावा त्वचा पर चकत्ते या रैशेज़ पड़ सकते हैं जो हफ्ते से 10 दिन तक रह सकते है. यह रैशेज़ दाने, छाले या फिर खुजली वाले घाव के रूप में हो सकते है. यह मुख्य रूप से चेहरे, हथेली या फिर जांघों पर दिखाई दे सकते है.
इसके अन्य लक्षणों में मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द, सिरदर्द, चक्कर आना और उल्टी की इच्छा हो सकती है. अगर यह लक्षण नजर आते है तो सबसे पहले अपना ब्लड टेस्ट करवाएं और उचित उपचार करें.

चिकेन पॉक्स का उपचार-
जब चिकेन पॉक्स निकलती है तो यह बहुत संक्रामक हो सकता है. यह प्रभावित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत आसानी से फैल सकता है. यदि आपको चिकेन पॉक्स का टीका कभी नहीं लगवाया है, तो आपको चिकेन पॉक्स होने का जोखिम अधिक हो सकता है. इसलिए, चिकेन पॉक्स वायरस से बचने के लिए टीका प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. यह टीका 1 वर्ष की आयु के सभी स्वस्थ बच्चों और जिनको यह अबतक नहीं हुआ हो या उन लोगों के लिए जिन्हे याद नहीं कि बचपन में टीका लिया था या नहीं. इस बीमारी से पीड़ित पीड़ित होने पर आराम करना सबसे ज्यादा जरुरी होता है. जितना ज्यादा हो सके घर पर रहें. इसके अलावा डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पानी का अधिक सेवन करें. ऑयली और स्पाइसी खाने से परहेज करें.
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How Can Homeopathy Help You Counter Winter Ailments?

B.H.M.S ( Mumbai) (Silver Medalist), Certificate In Gyn and Obstetric
Homeopathy Doctor, Noida
How Can Homeopathy Help You Counter Winter Ailments?
The cold days are here again, which means it is time to get those warm woollen clothes and jackets out of your closet. Winters are generally dry lack of moisture in the air allows various illness-causing bacteria and virus to thrive. And if your immune system is weak, your body becomes vulnerable.

Here are some of the most common ailments that follow in winter-

Cold and flu - A viral infection of the throat and nose
A sore throat - Pain and itchiness in the throat that worsens when you swallow
Asthma - When your airways become narrow and inflamed, making it difficult for you to breathe
Tonsillitis - When the oval-shaped tissues at the back of your throat become inflamed due to a bacterial/viral infection
Acute ear infection - Excessive cold can lead to accumulation of moisture in the ear, which in turn causes an acute ear infection
Chickenpox - An extremely contagious viral infection that spreads through the air, and is characterized by blister-like patches on the skin

How can homoeopathy help counter winter ailments?

Instead of relying on conventional medications, which have serious side effects, you can go for Homeopathy treatment. It is safer and more efficient.

Homoeopathy treatment is based on a paradoxical theory. This means it believes that a substance that triggers a set of symptoms is also capable of curing them. The same substance if administered in a diluted form allows the body to develop the necessary defence mechanism to fight off the illness.

Common cold flu, throat infection etc. occur when your immune system fails to fight back the bacteria/virus that is causing the problem. This occurs due to a weak immune system. Homoeopathy works to improve and boost immunity, so you do not encounter any of the above-stated ailments in winter.

As stated earlier, medications and drugs used in traditional treatment methods often have adverse effects on the body. Homoeopathy, on the contrary, uses natural ingredients and substances from plant and animal bodies. This is why they are free from side effects.

Winters are the time for relaxation, laughter and celebration. However, falling sick during the peak season can force your plans to take a back seat. Therefore, precaution and seeking homoeopathy treatment at the earliest is the best way to counter winter ailments.
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