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चिकनपॉक्स एक आम और अत्यधिक फैलने वाला वायरल संक्रमण है।भारत में इसे चेचक और माता के नाम भी जाना जाता है। हालांकि इस बीमारी को लेकर कई भ्रांतियां समाज में फैली हुई हैं पर समय के साथ लोग इस बीमारी से लड़ने के सही तरीके प्रयोग में ला रहे हैं। इस बीमारी में खुजली और फ्लू जैसे लक्षण नज़र आते हैं। बचपन में चिकन पॉक्स से लड़ने के लिए वैक्सीन ज़रूर दी जाती है पर बावजूद इसके कई बार ये संक्रमण उन्हें अपनी चपेट में ले ही लेता है। ऐसा नहीं कि ये सिर्फ बच्चों तक ही सीमित है, कई बार बड़े भी इससे बच नहीं पाते। वैसे तो चिकनपॉक्स की कोई विशेष दवा नहीं है पर इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है।इसमें बुखार औऱ दर्द को कम करने के लिए चिकित्सक अकसर साधारण दवाएं देकर तकलीफ को कम करने का प्रयास करते हैं। चिकनपॉक्स का संक्रमण आम तौर पर कुछ हफ़्ते में ठीक हो जाता है, और फिर शरीर वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है। चिकनपॉक्स का मुख्य लक्षण बुखार और शरीर पर निकलने वाले दाने है जो फफोले के समान होते हैं और लाल घाव पैदा करते हैं। ये आपके पूरे शरीर में फैल जाते है।इन दानों में तेज़ खुजली और दर्द होता है। कई घरेलू उपचार ऐसे हैं जिनकी मदद से आप चिकनपॉक्स के लक्षणों को शांत कर सकते हैं।तो आइए जानते हैं चिकनपॉक्स के लक्षणों के घरेलू उपचार के बारे में-
1- दानों पर कैलामाइन लोशन लगाएं-
चिकनपॉक्स में पूरे शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं जो बाद में दानों और फफोलों का रूप ले लेते हैं। ये दाने बहुत कष्टदायक होते हैं। इनमें तेज़ खुजली होती है जिसकी वजह से हम इन्हें खुजलाना चाहते हैं।पर ऐसा करने से आपकी परेशानी बढ़ सकती है।इसलिए दानों के प्रभाव को शांत करने के लिए उनपर कैलामाइन लोशन खुजली लगाएं।ये खुजली को कम करने में मदद कर सकता है। इस लोशन में जिंक ऑक्साइड होता है औऱ त्वचा की जलन को मिटाने वाले गुण होते हैं। इसे लगाने के लिए खुजली वाली जगह पर एक साफ रूई से इस लोशन को अच्छी तरह फैला दें।हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि कि आंखों के ऊपर या उसके आसपास कैलामाइन लोशन का उपयोग नहीं करना चाहिए।
2- हाथों में सूती दस्ताने पहनें-
चिकनपॉक्स में होने वाली तेज़ खुजली कई बार आपके बर्दाश्त के बाहर हो जाती है।और आप खुजलाने के नुक्सान के बारे में जानकारी होने के बाद भी त्वचा को खुजला लेते हैं।ऐसा करने से फफोले जैसे दाने फूट जाते हैं औऱ जो संक्रमित हो सकते हैं। साथ ही उस जगह त्वचा पर दाग रह जाते हैं जो लम्बे समय तक ठीक नहीं होते। इसलिए ये सलाह दी जाती है कि पीड़ित व्यक्ति हाथों में सूती या किचन में इस्तेमाल होने वाले दस्ताने पहने रहे।खासकर रात को सोते समय इस टिप को ज़रूर आज़माएं। चाहें तो बच्चों के हाथ में मोज़े भी पहना सकते हैं।ध्यान रहे कि जिसे ये संक्रमण हुआ है उसके नाखून ठीक से कटे होने चाहिए जिससे खुजलाने पर ज्यादा खरोंच ना आएँ।
3- नहाने के लिए बेकिंग सोडा -
चिकनपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को नहाने से ना रोके । इस बीमारी में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नहाने से शरीर की खुजली में भी आराम मिलती है। आप चाहे तो नहाने के पानी में बेकिंग सोडा मिला सकते हैं। यह खुजली मिटाने में बेहद कारगर है।एक बाल्टी गुनगुने पानी में एक कप बेकिंग सोडा मिलाएं। इससे संक्रमित व्यक्ति दिन में तीन बार तक स्नान कर सकता है।संक्रमण को सीमित रखने के लिए बीमार व्यक्ति को अलग कमरे में रखें और वहां ज्यादा लोगों को आने जाने की अनुमति ना दें।
4- नीम की पत्तियां है उपयोगी-
चिकनपॉक्स में नीम की पत्तियां बहुत काम आती हैं।अपने एंटी सेप्टिक गुणों के कारण ये संक्रमण को नियंत्रण में कर सकती हैं। ताज़ी नीम की पत्तियां लेकर संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर के आसपास रख दें जिससे वायु में मौजूद कीटाणु बेअसर हो जाएं।नीम की पत्तयों को उबालकर उस पानी को नहाने में प्रयोग करें। इस पानी से नहाने पर त्वचा शांत होगी और संक्रमण भी कम होगा। यही नहीं आप ताज़ी नीम की पत्तियों को पीसकर उसका लेप दानों पर लगा सकते हैं।इससे दाने तेज़ी से सूख जाते हैं। जब तक दानों पर पपड़ी पड़ कर झड़ ना जाए तब तक संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।
5- कैमोमाइल कंप्रेस का इस्तेमाल करें-
आपकी रसोई में मौजूद कैमोमाइल चाय भी चिकनपॉक्स में आपके काम आ सकती है। इस चाय में खुजली कम करने को गुण होते हैं। कैमोमाइल में एंटीसेप्टिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो काफी काम आ सकते हैं। इसे इस्तेमाल करने के लिए दो से तीन कैमोमाइल टी बैग्स को पानी में उबाल लें और ठंडा होने दें। इसे नहाने के पानी में मिला दें। फिर एक मुलायम सूती कपड़ा इसमें भिगेकर त्वचा के खुजली वाले क्षेत्रों पर लगाएं। कुछ देर इसे लगाने के बाद त्वचा को धीरे धीरे थपथपाते हुए सुखा लें।
6-बुखार पर नज़र रखें-
हमारा शरीर जब चिकनपॉक्स के संक्रमण से लड़ रहा होता है तो उसका तापमान बढ़ जाता है जो बुखार का कारण बनता है। शरीर के इस बढ़ते तापमान पर नज़र बनाए रहखना आवश्यक है।बुखार औऱ सिरदर्द के लिए अपने डॉक्टर की सलाह से दवाएं दें।इसके अलावा सूती कपड़ा पानी में भिगोकर पूरे को पोंछें जिससे शरीर के तापमान में गिरावट आएगी।चाहे तो बुखार को कम करने के लिए स्नान का विकल्प भी चुन सकते हैं।जिस कमरे में संक्रमित व्यक्ति हो वहां का तापमान कम रखें क्योंकि पसीना निकलने से खुजली भी बढ़ सकती है।
7-सादा खाना ही दें-
चिकन पॉक्स में शरीर पर दिखने वाले दाने और छाले मुंह के अंदर भी होते हैं।ये जीभ से लेकर गले तक फैल जाते हैं और संक्रमित व्यक्ति को खाने पीने में दिक्कत आ सकती है।ऐसे में कोशिश करें कि उन्हें ज्यादा तेल औऱ मसाले वाला खाना ना खिलाएं। खाने में बिना मसाले की मूंग की दाल,दलिया या खिचड़ी देना बेहतर होता है क्योंकि ये हल्का खाना पचाने में आसान होता है।ज्यादा नमक भी मुंह के छालों में परेशानी बढ़ा सकता है। इसलिए कम नमक का इस्तेमाल करें।
8- उचित डायट लें-
चेचक होने पर शरीर में डिहाईड्रेशन से होता है इसलिए ज़रूरी है कि बीमार व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाते रहें। पानी को उबाल कर ठंडा कर सेवन किया जाए तो बेहतर है। इसके अलावा नारियल पानी का भी भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। इससे शरीर को एनर्जी मिलेगी और पानी की कमा दूर होगी।यह नहीं नारियल पानी में भरपूर विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो शरीर के लिए उपयोगी है। इसका शीतल स्वभाव शरीर की जलन में भी आराम पहुंचाता है। जहां तक खाने की बात है तो हल्का आहार जैसे फल और हल्का अनाज ही खाएं। इस दौरान धनिया और गाजर का सूफ भी फायदेमंद हो सकता है। धनिया एक बेहतरीन ऑर्गैनिक कंपाउंड है जिसमें औषधीय गुण भी होते हैं। धनिया के पत्तों को गाजर के छोटे टुकड़ॆ के साथ उबालकर इन्हें ग्राइंड कर लें और फिर घर में मौजूद हर्ब्स डालकर इसका सेवन किया जा सकता है।
फलों में केला, सेब खरबूज़ा आदि का सेवन कर सकते हैं। सूजी से बनी चीज़ें भी दी जा सकती हैं। उबली हुई सब्जियों का सेवन करने की कोशिश करें। गाजर, शकरकंद, फलियां, आलू और गोभी लिए जा सकते हैं। दही का सेवन भी त्वचा को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। इसमें कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स भी होते हैं। इसलिए दिन भर दही का सेवन करने की कोशिश करें। ;