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Last Updated: Jul 13, 2024
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हाथों या पैरों में जलन, दर्द या झुनझुनी से हैं परेशान, जानें 11 वजहें

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Dr. Hitesh Kumar GargNeurologist • 22 Years Exp.MBBS, MD (Gen Med), DM - Neurology
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कई बार एक ही स्थिति में ज्यादा देर बैठने या लेटने से हमारे हाथों और पैरों में झुनझुनी का एहसास होता है। यह झुनझुनी कुछ देर तक ही रहती है। इस सनसनी को पेरेस्टेसिया के रूप में भी देखा जाता है। इसमें आपको चुभन, जलन, या सुई चुभने जैसा महसूस होता है।झुनझुनी के अलावा आपके हाथों और पैरों में या उसके आसपास सुन्न होने का एहसास, दर्द या कमजोरी भी लग सकती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।सामान्य तौर पर शरीर में किसी तरह का दबाव, आघात, या नसों को नुकसान झुनझुनी पैदा कर सकता है। तो आइए जानते हैं कि किन वजहों से आपको हाथ पैरों में झुनझुनी की समस्या हो सकती है।

1. मधुमेह

उच्च रक्त शर्करा के कारण होने वाली तंत्रिका क्षति हाथ और पैरों के सुन्न होने या झुनझुनी का सबसे आम कारण है। कई बार मधुमेह को लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने से ये समस्या आ सकती है। मधुमेह के लक्षणों अधिक प्यास लगना, बहुत अधिक पेशाब होना या आपकी सांसों से फल की गंध आना शामिल हैं। डायबिटीज़ में नसों को नुकसान पहुंचाने के अलावा, यह नसों को आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं को भी नुकसान पहुंचा सकता है। जब नसों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है, तो वे ठीक से काम नहीं कर सकती हैं। इसलिए यदि आपके हाथ पैरों में सनसनी हो रही हो तो चिकित्सक से परामर्श लें। आपको मधुमेह है या नहीं इसके लिए रक्त का परीक्षण कराने की आवश्यकता होती है। यदि झुनझुनी मधुमेह की वजह से है तो चिकित्सक इसके रोकने या धीमा करने का उपाय बता सकते हैं।

2. नसों पर दबाव

जब नसों के आसपास के ऊतकों से तंत्रिका पर बहुत अधिक दबाव होता है, तो आपको नस में दर्द हो सकता है। ये चोट लगने के कारण संभव है। दबी हुई नस शरीर के कई क्षेत्रों में हो सकती है और हाथों या पैरों को प्रभावित कर सकती है, जिससे झुनझुनी, सुन्नता या दर्द हो सकता है। आपकी रीढ़ में कहीं पर किसी तरह की विकृति पैरों से नीचे की ओर जाने वाली नसों पर दबाव डाल सकती है, जिससे पैर सुन्न हो जाते हैं या झुनझुनी हो जाती है। इसके अलावा हाथों की कलाइयों में कहीं दबाव के कारण हाथ सुन्न हो जाते हैं। डॉक्टर इसे कार्पल टनल सिंड्रोम कहते हैं। कुछ मामलों में, समस्या को ठीक करने के लिए आपको सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

3. गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान पूरे शरीर में होने वाली सूजन आपकी कुछ नसों पर दबाव डाल सकती है। इस वजह से आपको अपने हाथों और पैरों में झुनझुनी महसूस हो सकती है। आपका बढ़ता हुआ बच्चा और गर्भावस्था के साथ आने वाले अतिरिक्त तरल पदार्थ आपके शरीर की नसों पर दबाव डाल सकते हैं। यह आपके  हाथ और पैरों में सुन्नता और चुभन का कारण बनते है। खिंची हुई त्वचा आपके पेट को सुन्न महसूस करा सकती है। गर्भावस्था के बाद ये लक्षण आमतौर खुद ही गायब हो जाते हैं।

4. ऑटोइम्यून रोग

कई बार हाथ पैरों में झुनझुनाहट का कराण ऑटोइम्यून रोग भी हो सकता है।इनमें ल्यूपस और रुमेटीइड गठिया जैसे रोग शामिल होते हैं। वैसे तो शरीर का इम्यून सिस्टम आपको रोगों से बचाने के लिए होता है पर इसमें खुद आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली ही आपके शरीर के अंगों पर हमला करने लगती है। इसमें आपकी नसें भी शामिल हैं। ये किसी तरह के संक्रमण के कारण शुरु हो सकता है और तेज़ी से स्वास्थ्य खराब कर सकता है।

5. हाइपोथायरायड

हाइपोथायरायडिज्म तब होता है जब आपका थायराइड पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करता है। हालांकि असामान्य रूप से गंभीर हाइपोथायरायडिज्म जिसका इलाज नहीं किया गया है वो कई बार नसों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे झुनझुनी या सुन्नता हो सकती है। एक अंडरएक्टिव थायराइड आपके हाथों और पैरों में दर्द, जलन भी पैदा कर सकता है।इसे नियंत्रित करने के लिए थायराइड की दवा, व्यायाम और आदर्श वजन इन लक्षणों में मदद कर सकता है।

6. विटामिन की कमी

शरीर में विटामिन बी या ई की कमी आपकी नसों और आपके शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित कर सकती है। ये सम्पूर्ण पौष्टिक आहार ना लेने के कारण हो सकता है। ये तब भी हो सकता है जब शरीर विटामिन को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता है।

कुछ विटामिन आपकी नसों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। जैसे विटामिन बी 12। कोशिकाओं को ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए विटामिन बी12 की आवश्यकता होती है। यह मांस, डेयरी और अंडे जैसे पशु उत्पादों में पाया जाता है। शाकाहारीलोगों को B12 के पूरक की आवश्यकता हो सकती है। आहार में विटामिन बी12 की कमी से आपके हाथों या पैरों में झुनझुनी हो सकती है।

इसके अलावा विटामिन बी 1, जिसे थायमिन भी कहा जाता है, ये न्यूरोलॉजिकल आवेगों और न्यूरॉन की मरम्मत में भूमिका निभाता है।इसके स्त्रोत मांस, फलियां, साबुत अनाज और नट्स हैं। रिफाइंड अनाज खाने वालों में बी 1 की कमी का अनुभव होने की अधिक संभावना हो सकती है। इससे हाथों और पैरों में दर्द या झुनझुनी हो सकती है।

विटामिन ई भी आपके लिए बूहुत महत्वपूर्ण है। आपके शरीर में विटामिन ई की कमी के लक्षणों में हाथों या पैरों में झुनझुनी और समन्वय में कठिनाई शामिल है। मेवे, बीज, वनस्पति तेल और पत्तेदार साग विटामिन ई के अच्छे स्रोत हैं।

फोलेट की कमी से भी हाथों और पैरों में दर्द या झुनझुनी हो सकती है। जानकारों का मानना है कि 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों पर इसका अधिक प्रभाव हो सकता है। फोलेट के स्रोतों में गहरे रंग के पत्तेदार साग, साबुत अनाज, बीन्स, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, यकृत और समुद्री भोजन शामिल हैं।

7. दवाओं के साइड इफेक्ट

तंत्रिका संबंधी समस्याएं अक्सर कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण भी हो सकती हैं। कैंसर (कीमोथेरेपी), एचआईवी या एड्स, उच्च रक्तचाप, तपेदिक और कुछ संक्रमणों के लिए दी जाने वाली अधिक पावर की दवाएं आपके हाथों और पैरों में कमजोरी या सुन्नता पैदा कर सकती हैं। यह पता लगाने के लिए के लिए कि क्या ये आपकी दवा के कारण हो रहा है आपको  अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे दवाओं में कुछ बदलाव कर सकते हैं जिससे आपकी समस्या कम या खत्म हो सकती है।

8. संक्रमण

कई वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण आपकी नसों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और आपके हाथों और पैरों में सुन्न या चुभने वाला दर्द हो सकता है। इनमें से कुछ वायरस एचआईवी, लाइम रोग, दाद, एपस्टीन-बार, हेपेटाइटिस बी और सी, वेस्ट नाइल, साइटोमेगालोवायरस हैं। अगर आपके शरीर में ऐसा कोई संक्रमण है तो आप डॉक्टर से परामर्श लें ताकि आपके लक्षण दूर हो सकें।

9. किडनी रोग

आपके गुर्दे आपके रक्त में विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाते हैं। जब आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही होती है, तो आपके शरीर में तरल पदार्थ और अपशिष्ट पदार्थ जमा हो सकते हैं, जो तंत्रिकाओं को क्षति पहुँचा सकते हैं। इसलिए जब आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही होती है, तो आपके हाथ और पैर में झुनझुनी हो सकती है। गुर्दे की विफलता के दो सबसे आम कारण मधुमेह और उच्च रक्तचाप हैं।

10. आनुवंशिक विकार

चारकोट-मैरी-टूथ रोग और वंशानुगत न्यूरोपैथी दबाव पक्षाघात (HNPP) दो आनुवंशिक विकार हैं जो आपके हाथों और पैरों में सुन्नता का कारण बनते हैं। चारकोट-मैरी-टूथ रोग आपकी मांसपेशियों को खराब कर देता है। इसके लक्षणों को कम करने के लिए आपको चिकित्सा या विशेष सहायता की आवश्यकता हो सकती है। एचएनपीपी आपकी नसों को प्रभावित करता है जिससे आपके हाथों और पैरों में सुन्नता और कमजोरी की आशंका बढ़ जाती है।

11. शराब का सेवन

अत्यधिक और लम्बे समय तक शराब का सेवन आपकी नसों और ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है।अधिक शराब पीने से आपके शरीर में विटामिन बी12 और फोलेट की कमी हो सकती है। इसके कारण आपकी नसों पर प्रभाव पड़ता है और वे ठीक से काम नहीं कर पातीं। इससे आपके पैरों और हाथों में संवेदना का नुकसान हो सकता है। यदि आप शराब पीना बंद कर देते हैं, तो इस समस्या में कमी आ सकती है।

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