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Last Updated: Aug 28, 2020
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सामान्य डिलीवरी के लिए 9वें महीने में गर्भावस्था के व्यायाम - 9th Month Pregnancy Exercise For Normal Delivery In Hindi

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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सामान्य डिलीवरी के लिए 9वें महीने में गर्भावस्था के व्यायाम पर ध्यान देना जरूरी है. जब कोई महिला माँ बनने वाली होती है तो यह उसके लिए काफी ही खुशी व उत्साह का समय होता है. महिला गर्भवती होने के बाद अपने होने वाले बच्चे को लेकर काफी उत्साहित रहती है. हरेक महिला चाहती है कि उसका होने वाला बच्चा स्वस्थ पैदा हो. हरेक महिला बच्चे का जन्म सामान्य डेलीवरी यानि नॉर्मल डिलीवरी से ही चाहती है. ऐसा सोचने के बाद भी कई बार कई कारणों से महिला नॉर्मल डिलीवरी नहीं कर पाती हैं और उन्हें ऑपरेशन से डिलीवरी कराना पड़ता है.

पर नॉर्मल डिलीवरी ही अच्छा रहता है. नॉर्मल डिलीवरी में दर्द व पीड़ा कम होती है जबकि ऑपरेशन से डिलीवरी में बाद में काफी दिनों तक दर्द रहता है व कई माह तक आराम करना पड़ता है. रहन-सहन का खास ध्यान रखकर व कुछ व्यायाम करके नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ायी जा सकती है. आइये सामान्य डिलीवरी के लिए 9वें महीने में गर्भावस्था के व्यायाम के बारे में जानते हैं.

सामान्य डिलीवरी के लिए 9वें महीने में गर्भावस्था के व्यायाम - 9th Month Pregnancy Exercise For Normal Delivery in Hindi

सामान्य डिलीवरी के लिए 9वें महीने में गर्भावस्था के व्यायाम

  1. स्वीमिंग: - गर्भावस्था के दौरान स्वीमिंग करने को काफी सुरक्षित व्यायाम माना गया है. यह किसी भी प्रकार से होने वाले बच्चे व माँ के लिए नुकसानदायक नहीं होता है. अतः गर्भावस्था के दौरान नियमित स्वीमिंग की जा सकती है. पर ख्याल रखना चाहिए कि यदि महिला पहली बार स्वीमिंग कर रही है तो इसे करने से पहले उसे अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह ले लेनी चाहिए. गर्भावस्था में होने वाला शारीरिक बदलाव के लिए स्वीमिंग काफी फायदेमंद रहता है. यह हृदय व फेफड़े की कार्यक्षमता को बढ़ाती है व इससे शरीर में रक्त का संचरण अच्छी तरह होता है. नियमित रूप से स्वीमिंग करने से मांसपेशियों की क्षमता व शरीर की सहनशीलता बढ़ती है जिससे प्रसव के दौरान दर्द सहन कर पाने की क्षमता बढ़ती है. नियमित स्वीमिंग से थकान दूर होती है व नींद भी अच्छी आती है.
  2. किगल एक्सरसाइज: - किगल एक्सरसाइज या किगल व्यायाम नियमित रूप से करने से शरीर की मांसपेशियाँ मजबूत होती है. इससे पेल्विक एरिया की मसल्स मजबूत होती है व यहाँ रक्त का प्रवाह में वृद्धि होती है. इसके अलावा इस एक्सरसाइज से पेल्विक एरिया में संवेदनशीलता में तेजी आती है. जिन महिलाओं को यूटीआई (यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन) रहती हैं उनके लिए यह एक्सरसाइज बहुत ही फायदेमंद होती है. यह यूरिन के फ्लो को रोकने में भी मददगार होती है. इस एक्सरसाइज को कम से कम 10 से 15 बार करना चाहिए और हरेक बार कम से कम 15 सेकंड तक किगल की अवस्था बनाये रखना चाहिए. इस एक्सरसाइज को करने से महिलाओं की मांसपेशियाँ डिलीवरी के लिए तैयार हो जाती हैं. अतः यह एक्सरसाइज सामान्य डिलीवरी के लिए काफी फायदेमंद है.
  3. स्ट्रेचिंग: - स्ट्रेचिंग करने से शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी यानि लचीलापन आता है जिससे प्रसव के दौरान दर्द कम होता है. इसके अलावा स्ट्रेचिंग से हर प्रकार का तनाव मुक्त रहने में काफी सहायता मिलती है. अतः गर्भावस्था में स्ट्रेचिंग काफी महत्वपूर्ण होता है. स्ट्रेचिंग की कोई भी क्रिया को कम से कम 10 से 30 सेकंड तक बनाये रखना चाहिए. पर स्ट्रेचिंग करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि स्ट्रेचिंग करने के दौरान धीरे-धीरे शरीर पर दबाव बनाना चाहिए. यदि स्ट्रेचिंग करने के दौरान शरीर पर ज्यादा दबाव बन रहा हो या ज्यादा दर्द हो रहा हो तो यह क्रिया वहीं छोड़ देना चाहिए व किसी भी क्रिया को जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए.
  4. वाकिंग: - गर्भावस्था में टहलना यानि वाकिंग करना बहुत ही अच्छा व्यायाम माना गया है. पर ख्याल रखना चाहिए कि यह क्रिया सामान्य गति से किया जाना चाहिए तथा तेज गति से यह बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए. गर्भावस्था में बहुत तेज गति से भागकर किया जाने वाला वाकिंग फायदा पहुंचाने के जगह पर नुकसान पहुंचा सकते हैं. वॉक करने से शरीर चुस्त रहता है व शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है.
  5. वाल पुश अप: - गर्भावस्था के दौरान की जाने वाले व्यायाम में वाल पुश अप भी काफी फायदेमंद व्यायाम है. इस व्यायाम को करने के लिए दीवार के तरफ मुंह करके खड़ा हो जाना चाहिए फिर अपने पैरों को आरामदायक अवस्था में रखकर अपने दोनों हथेलियों को दीवार पर टीका देना चाहिए. फिर अपने शरीर को दीवार के पास ले जाकर धीरे-धीरे ऊपर की ओर धक्का देना चाहिए. इसमें ख्याल रखना चाहिए कि पीठ एकदम सीधा रहना चाहिए. यह एक्सरसाइज 5-6 बार करनी चाहिए. नॉर्मल डिलीवरी के लिए यह एक हेल्दी एक्सरसाइज है.
  6. लेग लिफ्टिंग: - लेग लिफ्टिंग का एक्सरसाइज करने के लिए पीठ के बल लेट जाना चाहिए फिर अपने पैरों को सीधा ऊपर की ओर उठाना चाहिए. इस एक्सरसाइज से पेट व पीठ दोनों के मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं. 10-12 बार यह एक्सरसाइज करनी चाहिए. इस एक्सरसाइज से गर्भावस्था में काफी फायदा होता है.
  7. फिटनेस बॉल के साथ स्क्वाट: - इस एक्सरसाइज से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है व इससे गर्भावस्था में होने वाला बैक पैन भी समाप्त होता है. अतः गर्भावस्था में यह एक्सरसाइज किया जाना उचित रहता है. इस एक्सरसाइज को करने के लिए दीवार के बल खड़े होकर दीवार व अपने पीठ के बीच फिटनेस बॉल लगा लेना चाहिए. अब अपने शरीर को धीरे-धीरे नीचे लाना चाहिए फिर शरीर को धीरे-धीरे ऊपर ले जाना चाहिए. ऐसा कम से कम 10 बार करना चाहिए.

नोट: -
गर्भावस्था में कोई भी व्यायाम करने में ज्यादा दबाव या ज्यादा दर्द हो तो वह व्यायाम नहीं करना चाहिए. कोई भी व्यायाम जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा अकेले में कोई व्यायाम नहीं करना चाहिए तथा अपने चिकित्सक से सलाह लेकर उनके निर्देसानुसार ही उचित व्यायाम करना चाहिए.

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