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Last Updated: Jun 15, 2023
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चाहिए 9वें महीने में नॉर्मल डिलीवरी तो अपनाएं 10 आसान युक्तियां

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Dr. Puja KumariGynaecologist • 17 Years Exp.MBBS, MS
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किसी भी महिला के लिए मां बनना उसके जीवन का सबसे बड़ा परिवर्तन होता है।मां बनने के साथ ही उसके जीवन की धुरी वो बच्चा बन जाता है।गर्भावस्था से लेकर बच्चे को जन्म देने तक का सफर एक मां को हमेशा य़ाद रहता है। हर मां चाहती है कि उसकी गर्भावस्था का समय सरल हो औऱ डिलिवरी नार्मल तरीके से हो जाए।पर आजकल नार्मल डिलिवरी कम ही होती हैं। अधिकतर महिलाओं को किसी ना किसी कारणवश सर्जरी की ज़रूरत पड़ जाती है। समय के साथ, कई महिलाओं ने विभिन्न कारणों से सामान्य प्रसव की तुलना में सी-सेक्शन को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है।प्राकृतिक तौर पर हर महिला के शरीर की बनावट ऐसी होती है कि वह सामान्य प्रक्रिया से बच्चे को जन्म दे सकती है। पर कई बार शरीर की कोई समस्या या लेबर रूम में आने वाली कुछ परिस्थितियां इसमें रुकावट डाल देती हैं। यह सर्वविदित है कि प्राकृतिक प्रसव के बाद मां जल्दी ठीक हो जाती है और यह उसके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। बदलते समय के साथ एख बार फिर मांएं  सामान्य प्रसव के प्राथमिकता दे रही हैं। वो जानना चाहती हैं कि ऐसा क्या करें जिससे वो सामान्य रूप से बच्चे को जन्म दे सकें। दरअसल गर्भावस्था के दौरान अगर महिला अपनी सेहत का सही ख्याल रखे तो नॉर्मल डिलीवरी संभव है। गर्भावस्था के दौरान सही आहार और सही व्यायाम प्राकृतिक प्रसव या सामान्य प्रसव सुनिश्चित करने में मदद करते हैं। तो आज हम आपको बताएंगे कि किन बातों का ध्यान रखने से आपके सामान्य प्रसव की संभावनाएं बढ़ जाती है।

 1. नियमित व्यायाम करें

गर्भावस्था के दौरान खुद को सक्रिय रखना मां के लिए लाभदायक होता है। गर्भावस्था में खुद को बीमार समझकर बिस्तर पकड़ लेना बिलकुल भी ठीक नहीं है। जितना अधिक हो सके खुद को सक्रिय रखें। कोशिश करें कि चिकित्सक के परामर्श से हल्के फुल्के व्यायाम करती रहें। गर्भावस्था के दौरान, व्यायाम न केवल अच्छी सहनशक्ति बनाने में मदद करता है बल्कि आपको सक्रिय भी रखता है। नियमित व्यायाम शरीर की मांसपेशियों को प्रसव पीड़ा के तनाव से निपटने में मदद कर सकता है। ऐसे कई व्यायाम हैं जो आपक उन मांसपेशियों को मज़बूत करते हैं जिनकी आवश्यकता आपको जन्म देते वक्त पड़ती है। ध्यान रखें कि व्यायाम ठीक ढंग से करें।हो सके तो किसी विशेषज्ञ की देखरेख में व्यायाम करें  क्योंकि गलत तरीके से किया गया व्यायाम माँ और बच्चे दोनों को नुकसान पहुँचा सकता है।

2. सम्पूर्ण आहार लें

एक सम्पूर्ण आहार शरीर की हर समस्या को दूर कर सकता है। विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान, एक स्वस्थ आहार न केवल माँ के लिए बल्कि अजन्मे बच्चे के स्वास्थ और विकास के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। सही पोषण आपको शारीरिक तौर पर मजबूत बनाता है जिससे आप आसानी से और आराम से नार्मल डिलिवरी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो जाती हैं। खाने में हरी ताजी सब्जियों और फलों का भरपूर सेवन करें। खूब सारे तरल पदार्थ और पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें। बाहर का जंक फूड ना खाएं।ज्यादा वज़न बढ़ाने नाली चीज़ों का सेवन ना करें  क्योंकि अधिक वजन बढ़ने से सामान्य प्रसव होने की संभावना में बाधा आ सकती है।

3. भरपूर नींद है ज़रूरी

एक गर्भवती महिला को 8-10 घंटे की चैन की नींद जरूर लेनी चाहिए। बच्चे के सम्पूर्ण विकास के लिए नींद बहुत आवश्य़क है। पूरी नींद लेने से मां का मन भी शांत रहता है। अच्छी नींद उस सारी थकान को दूर करने में मदद करती है जो माँ को पूरे दिन होती है। सोने से दो घंटे पहले चाय या कॉफी जैसे कैफीन युक्त उत्पादों से बचें, जो बिना किसी बाधा के नींद लेने में मदद करता है। अगर आपकी नींद की क्वालिटी अच्छी होगी तो आपका शरीर और दिमाग सामान्य प्रसव के लिए खुद को तैयार कर पाएगा।

4. सही साँस लेने की तकनीक का अभ्यास करें

प्रसव की प्रक्रिया के दौरान मां को सांस लेने की ऐसी तकनीक आनी चाहिए जिससे वो खुद को शांत और सुदृढ़ रख सके। प्रसव के दौरान महिला को समय-समय पर अपनी सांस रोककर रखने की आवश्यकता भी हो सकती है। इसलिए  ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ यानी सांस लेने के व्यायाम शुरू करना बेहतर है। बच्चे के विकास को बढ़ाने के लिए उचित और पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति भी बहुत महत्वपूर्ण है।ऐसे में नियमित रूप से ध्यान लगाने और गहरी साँस लेने के व्यायाम का अभ्यास करने से आप सही साँस लेने की तकनीक सीख सकते हैं जो आपको सामान्य प्रसव के दौरान मदद करती है।

5. भरपूर पानी पीएं

पानी की शरीर की हर गतिविधि में बहुत मह्तवपूर्ण भूमिका होती है। खासकर गर्भावस्था के दौरान भरपूर पानी पीना ज़रूरी है। सुनिश्चित करें कि रोजाना कम से कम 8 -10 गिलास पानी पिएं। यह आपके युरिनरी ट्रैक के संक्रमण को रोकने में मदद करता है जिसका खतरा गर्भवती महिलाओं में अधिक होता है। शरीर में पर्याप्त पानी होने से गर्भावस्था के दौरान निर्जलीकरण और सूजन से भी बचाव होता है।

6. प्रसव के दर्द से डरें नहीं

नॉर्मल डिलीवरी में होने वाले दर्द का डर मन में ना पालें। गर्भावस्था का आपको जो अनमोल सौगात देता है वो किसी भी दर्द को झेलने की शक्ति दे देता है। अपने बच्चे के बारे में सोचें और मजबूत महसूस करें। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप खुश रहें, जब आप खुश होते हैं, तो फील-गुड हार्मोन रिलीज होता है जो आपको उत्साहित रखता है और  चिंता की भावना को खत्म करता है। अपनी गर्भावस्था के समय को  विशेष समझें और खुद को भी महत्वपूर्ण समझें। गर्भावस्था से लेकर प्रसव और मातृत्व तक की अपनी यात्रा के हर पल का आनंद लें।

 7. तनाव से रहें दूर

गर्भावस्था में तनाव के कारण आपको समय से पहले प्रसव की तरफ धकेल सकता है।समय से पहले प्रसव की मतलब है शिशु का वजन जन्म के समय औसत से कम हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान अपने तनाव को प्रबंधित करने से आपको स्वस्थ रहने और प्रसव के दौरान बेहतर परिणाम प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। उन नकारात्मक स्थितियों से बचने की कोशिश करें जो आपको असहज करती हैं, और ऐसे लोगों के साथ संगति रखें जो मिलनसार और दयालु हों। आप शांत और सकारात्मक रहने के लिए ध्यान या योग पर भी विचार कर सकते हैं। आप तनाव से पूरी तरह से बचने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, लेकिन आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप इसे दबाने के बजाय सकारात्मक तरीके से निपटें।

 8. मैटरनिटी क्लासेज़ लें

गर्भावस्था के दौरान आर खुद को किसी ऐसी क्लासेज़ में भर्ती करवा सकती हैं जहां आपको प्रसव के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। प्रसवपूर्व कक्षाएं गर्भवती या गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान होने वाली समस्याओं और उनसे निपटने के तरीके के बारे में जागरूक करने में मदद करती हैं। इनके साथ ही आसान, कम कष्टदायक और शीघ्र प्रसव कराने के लिए कुछ व्यायाम सिखाए जाते हैं। इसलिए स्पष्ट मानसिकता के साथ प्रसव का सामना करने के लिए सामान्य प्रसव प्रक्रिया के बारे में खुद को अच्छी तरह से शिक्षित करें।

 9. सपोर्ट सिस्टम बनाएं

सामान्य प्रसव के लिए अगर आप एक सपोर्ट सिस्टम बनाएंगी तो आपको काफी मदद मिलेगी।आपका जीवनसाथी और आप एक टीम हैं।आप अगर सामान्य प्रसव को चुन रही हैं तो इसके बारे में आप दोनों को जागरुक होना चाहिए।लेबर रूम में अपने साथ रहने के लिए ऐसे किसी व्यक्ति को चुनें जो सामान्य प्रसव के बारे में आपके निर्णय का समर्थन करते हैं। वो व्यक्ति आपके पति,आपकी मां,या आपकी कोई सहेली भी हो सकती है। आप दोनों के बीच का तालमेल प्रसव की प्रक्रिया को आसान बना सकता है।

10. अपना पोश्चर सही रखें

यदि आप सामान्य प्रसव चाहती हैं तो अपने शरीर का पोश्चर सही रखें ताकि शिशु आसानी से सरक सके। लंबे समय तक खड़े रहना और बैठना, अजीब स्थिति में सोना और ऊँची एड़ी और तंग बेल्ट पहनना आपके प्रसव के प्लान में बदलाव कर सकता है।अपनी पीठ को उचित सहारा देकर बैठें। गर्भावस्था के दौरान आपकी रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा, और आपके शरीर को गलत तरीके से संभालने से दर्द  बढ़ सकता है।पैरों को मोड़कर या फैलाकर बैठें क्योंकि उन्हें बहुत देर तक लटकाने से सूजन हो सकती है।बैठते समय या चीजों को उठाने के लिए झुकते समय कमर से झुकें नहीं।धीरे से बैठकर नीचे रखी चीज़ उठाएं। सीढ़ियों से चढ़ने ये उतरने में जल्दबाज़ी ना करें ।इससे आपके फिसलने का खतरा हो सकता है।

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