क्रैश डाइट से आपके शरीर पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानें
कम समय में वज़न कम करने के लिए क्रैश डाइट करना इन दिनों आम हो गया है। घर में किसी की शादी है जिसके लिए मनचाही ड्रेस में फिट आना है ,या फिर समुद्र के किनारे बिकिनी पहनकर इतराना है,सबका एक ही समाधान है।क्रैश डाइट। हालंकि ये ज्यादातर लोग जानते है कि क्रैश डाइट वज़न घटाने का स्वस्थ तरीका नहीं है।फिर भी मेहनत से बचने के लिए खुद को भूखा रखना उन्हें बेहतर लगता है।पर चिंता की बात यह है कि यह आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।इससे मिलने वाले परिणाम आम तौर पर अल्पकालिक होते हैं और अंततः आपके शरीर और दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। तो अगर आप भी क्रैश डाइट के बारे में सोच रहे हैं तो रुक जाइए और जानिए इससे आपको स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में।
1. यह आपके मेटाबालिज़्म को धीमा कर सकता है
आपका मेटाबालिज़्म आपके अच्छे स्वास्थ्य का संकेतक है। अगर मेटाबालिज़्म अच्छा है तो आप सेहतमंद हैं।अगर यह धीमा हुआ तो आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।यानी एक उच्च मेटाबालिज़्म वजन कम करने की कुंजी है, लेकिन क्रैश डाइटिंग वास्तव में इसे धीमा कर सकती है। जानकार मानते हैं कि वज़न कम करने की लम्बी और स्थिर प्रक्रिया ही आपके काम आ सकती है।इसके उलट अत्यधिक परहेज़ की वजह से मांसपेशियों बहुत अधिक मात्रा में टूटती हैं।इससे आपकी मेटाबालिज़्म दर कम हो जाती है।ऐसे में बाद में तेज़ी से वजन बढ़ सकता है
2. यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है
जानकार मानते हैं क्रैश डाइटिंग की प्रक्रिया में व्यक्ति आवश्यक खनिजों और विटामिनों से खुद को वंचित करके अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर लेता है। एक कम प्रतिरक्षा प्रणाली बीमार होने की संभावना को और अधिक बढ़ा देती है ।यदि आप अपने आहार से सभी वसायुक्त खाद्य पदार्थों को काट देते हैं, तो ए, डी, ई और के जैसे वसा में घुलनशील विटामिन को अवशोषित करना मुश्किल हो सकता। ये सभी विटामिन हमारे लिए आवश्यक हैं क्योंकि वे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करते हैं।इनकी कमी होने से भविष्य में आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
3. यह कीटोन उत्पादन का कारण बन सकता है
अगर आपने कभी कीटो डाइट के बारे में पढ़ा है तो आपने कीटोन्स के बारे में सुना होगा। यह सच है कि यह आपका वज़न कुछ कम कर सकता है, लेकिन इसके कुछ हानिकारक दुष्प्रभाव भी हैं, जिनमें मतली आना , सांसों की बदबू और लिवर या गुर्दे की समस्याएं शामिल हैं।
4. यह दिल की समस्याओं को ट्रिगर कर सकता है
क्रैश डाइटिंग के कुछ सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं , उदाहरण के लिए, रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को कम करना । लेकिन इसके परिणामस्वरूप हृदय में वसा के स्तर में वृद्धि होने पर कुछ संभावित हानिकारक प्रभाव भी पड़ सकते हैं । जानकारी मानते हैं कि हृदय की समस्याओं वाले किसी भी व्यक्ति को क्रैश डाइट शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
5. यह आपके बालों और त्वचा की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकता है
जब आप क्रैश डाइट पर जाते हैं, तो आप अपने शरीर द्वारा अवशोषित किए जाने वाले महत्वपूर्ण विटामिन और पोषक तत्वों की मात्रा को सीमित कर देते हैं। इससे आपकी शारीरिक बनावट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। पोषण की कमी आपके बालों में दिखाई दे सकती है, जिससे यह कमजोर दिखने लगता है, झड़ने लगते हैं और कुपोषित नज़र आते हैं। इसी तरह आपकी त्वचा भी पोषण की कमी के कारण रूखी सूखी महसूस हो सकती है और आपके चेहरे पर मुँहासे जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
6. यह आंत की आदतों के लिए हानिकारक है
क्रैश डाइट के कारण पेट में भी कुछ परेशानियां हो सकती है। आपकी आंतों को सही भोजन ना मिलने पर उनके कामकाज में गड़बड़ी हो सकती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि आपको अपने आहार में सही पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं, तो इसका परिणाम अनियमित मल त्याग हो सकता है। ऐसे में या तो आपको कब्ज़ की शिकायत हो सकती है या फिर दस्त आ सकते हैं।अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा हो तो यह एक संकेत है कि आपको आहार में बदलाव करना चाहिए।
7. इससे आपकी ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है
जानकार मानते हैं कि जब भी आप क्रैश डाइटिंग कर के वजन कम करते हैं तो इसमें से अधिकांश वजन शरीर में ग्लाइकोजन और पानी के भंडार में कमी से आता है। इसके कारण ऊर्जा की हानि हो सकती है, जिससे आप थकान महसूस कर सकते हैं। इसी तरह, क्रैश डाइट करते समय लिए गए विटामिन और पोषक तत्वों की कमी के कारण, आपका शरीर ऊर्जा का उत्पादन करने में असमर्थ होता है, जिससे आप सुस्त और थका हुआ महसूस करते हैं।
8. यह आपको चिड़चिड़ा बना सकता है
हमारा आहार हमारे स्वभाव पर भी असर डाल सकता है।जानकार मानते हैं कि हमारा आहार मस्तिष्क से कॉर्टिकोस्टेरोन के रिलीज़ को ट्रिगर कर सकता है, जो हमारे तनाव के स्तर, स्वभाव में चिड़चिड़ापन और अवसाद के जोखिम को बढ़ाता है। आपको खराब एकाग्रता और अनिद्रा का भी अनुभव हो सकता है जिससे थकान हो सकती है। इससे आप खुद को तरोताज़ा महसूस करने के बजाय हर समय थका हुआ औऱ चिड़चिड़ा महसूस करेंगे।
9. आपके शरीर में डिहाड्रेशन हो सकता है
क्रैश डाइट करने पर आपका वज़न तेज़ी से कम होने लगता है। पर यह सिर्फ एख भुलावा है। आपका जितना भी वज़न कम हो रहा है वो आपकी चर्बी कम होने से नहीं बल्कि शरीर में पानी कम होने से हो रहा है।जब आप कम कैलोरीज़ लेते हैं तो आपका शरीर ऊर्जा के लिए सबसे पहले चर्बी की जगह ग्लायकोजेन जलाने लगता है। दरअसल ग्लायकोजेन एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होता है जो हमारी मांसपेशियों औऱ लिवर में जमा होता है। इसके हर कण के साथ पानी भी मौजूद होता है।इसलिए जब शरीर ग्लायकोजेन जलाता है तो ये पानी शरीर से खत्म हो जाता है औऱ आपका वज़न घटने लगता है। पर ये लम्बे समय तक बना नहीं रहता।
क्रैश डाइट का विकल्प
अगर आप वाकई अपना वज़न कम करना चाहते हैं तो किसी शार्टकट को मत अपनाएं। वज़न कम करना आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए है । इसलिए अपने आप को क्रैश डाइट के दबाव और खतरों में डालने के बजाय नियमित रूप से व्यायाम और संतुलित आहार लेकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। तब तक खुद पर विश्वास रखिए कि आप जैसे भी है ,वैसे ही अच्छे हैं। लंबे समय तक जीवनशैली में बदलाव के साथ आप खुद को शारीरिक औऱ मानसिक रूप से फिट बना सकते हैं। क्रैश डाइट के विकल्प के तौर पर जीवन में कुछ बदलाव कर सकते हैं।
- शराब का सेवन ना करें या कम करें
- चीनी युक्त खाद्य पदार्थों और कम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें
- अपने आहार में अधिक लीन प्रोटीन शामिल करें
- फलों और सब्जियों और नट्स, दालों और साबुत अनाज से भरपूर आहार का लक्ष्य रखें
- तनाव के स्तर को कम करें
- ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें ट्रांस वसा होते हैं
- आहार में घुलनशील फाइबर बढ़ाएं
- शारीरिक गतिविधि के नियमित स्तर को बनाए रखने से आपका मेटाबालिज़्म बढ़ेगा
- व्यायाम का एक ऐसा रूप खोजने की कोशिश करें जो आपको पसंद हो और इसे अपनी दिनचर्या में फिट करने का प्रयास करें।
- विशेषज्ञ सप्ताह 150 मिनट के मध्यम व्यायाम करने की सलाह देते हैं।
- प्रति दिन 10,000 कदम चलने का लक्ष्य निर्धारित करें औऱ उसे पूरा करने का प्रयास करें