आहार नली का कैंसर - Aahar Nali Ka Cancer!
जब मुंह से पेट तक भोजन व पानी ले जाने वाली नली कैंसर के प्रभाव में आ जाती है, तो उसे आहार नली कैंसर कहते हैं. आपको बता दें कि आहार नली को आहार नली कॉर्ड भी कहा जाता है. जब आहार नली का कैंसर उस हिस्से से शुरू होता है जहां पर ट्यूब पेट से मिलता है, तो इस कैंसर को स्क्वामस सेल कार्सिनोमा कहते हैं. यदि यह आहार नली के ग्रंथियों वाले हिस्से से शुरू होता है तो इसे एडेनोकार्सिनोमा (ग्रंथियों की बनावट वाले हिस्सें का कैंसर) कहते हैं. जैसा कि अब हम जान चुके हैं कि जब आहार नली किसी कारणवश कैंसरग्रस्त हो जाती है, तो उसे आहार नली कैंसर कहा जाता है. दरअसल आहार नली जहां पर पेट से जुड़ती है वहां इसकी परत एक अलग प्रकार की कोशिकीय बनावट की होती है, जिसमें विभिन्न केमिकल्स का रिसाव करने वाली अनेक ग्रंथियां अथवा संरचनाएं होती हैं. आपको बता दें कि आहार नली कैंसर के कारण को लेकर कोई निश्चित नहीं है लेकिन लेकिन फिर भी इसके कुछ कारणों को रेखांकित किया जा सकता है. आइए आहार नली के कैंसर के कुछ कारणों को जानें.
1. शराब का प्रयोग-
शराब और तम्बाकू का एक साथ सेवन करने से जोखिम को और बढ़ाता है. बीयर या वाईन की तुलना में कड़वी शराब पीना ज्यादा हानिकारक होता है, लेकिन शराब पीने की मात्रा ज्यादा महत्वपूर्ण है. कुछ रिसर्च के अनुसार, आहार नली कैंसर वाले लोगों में शाराब पीने वालें लोगों से मेटाबोलिज्म भिन्न होता है जो नहीं पीते हैं और जिनमें यह कैंसर नहीं होता है.
2. प्रजाति का फैक्टर-
स्क्वामस सेल आहार नली कैंसर सफेद लोगों की तुलना में आमतौर पर अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों में तीन गुना अधिक देखा जाता है. हालांकि अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों की तुलना में काकेशियन लोगों में लोअर एसोफेगस के एडेनोकार्सिनोमा के मामले ज्यादा पाए जाते हैं.
3. आयु भी है कारण-
50 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों में आहार नली कैंसर होने का खतरा अधिक होती है. इसलिए, इस आयु के लोगों को इसके लक्षणों कोको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. यदि आपको किसी भी प्रकार के लक्षण का अनुभव हो तो शीघ्र ही डॉक्टर से सलाह करना चाहिए.
4. किसको है अधिक खतरा-
पुरुषों को आहार नली कैंसर होने का खतरा महिलाओं के मुकाबले अधिक होता है. एक अनुमान के अनुसार महिलाओं की तुलना में पुरूषों में इस रोग का खतरा प्राय: तीन गुना तक अधिक होता है. इसलिए इस विषय में जागरूक रहने की आवश्यकता है.
5. तम्बाकू भी है एक कारण-
किसी भी प्रकार से तम्बाकू उपयोग से आहार नली कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. आप जितने ज्यादा वक्त तक धूम्रपान करते हैं और प्रतिदिन इसे जितना अधिक करते हैं उतना ही इसका जोखिम बढ़ जाता है. स्क्वामस सेल आहार नली कैंसर के लिए यह बिल्कुल सत्य है. आहार नली कैंसर वाले मरीजों में सिर और गर्दन का कैंसर पनपने का खतरा भी तम्बाकू उपयोग से जुड़ा है.
6. बैरेट्स एसोफेगस-
क्रॉनिक एसिड रिफ्लक्स द्वारा होने वाले इरिटेशन का कारण माना जाता है. एसोफेगस के तले में कोशिकाऐं पेट की लाईनिंग की कोशिकाओं की तरह ग्रेंडुलर कोशिकाओं में बदल जाती हैं. इन ग्रेंडुलर कोशिकाओं में कैंसरयुक्त होने की संभावना अधिक होती है. लोअर एसोफेगस एडेनोकार्सिनोमा कैंसर के ज्ञात जोखिमों में यह सबसे बड़ा है.
खानपान में करें बदलाव-
आपका खानपान भी इसका एक कारण हो सकता है. फलों, सब्जियों और कुछ विटामिन्स व खनिजों की मात्रा कम हो उससे आहार नली कैंसर का खतरा अधिक हो जाता है.
चिकित्सकीय समस्याएं-
प्लमर विज़न और टॉयलोसिस जैसी अवस्थाएँ भी आहार नली के कैंसर का एक संभावित कारण हो सकती हैं. प्लमर विज़न, जिसे पीटरसन-कैले सिंड्रोम भी कहते हैं और टॉयलोसिस. प्लमर विज़न में एसोफैगस में छोटी झिल्ली़ जैसी संरचनाएं एसोफेगस के नली वाले हिस्से में होती हैं इन्हें आहार नली वेब्स भी कहते हैं जो लौह तत्व की कमी वाले एनीमिया के कारण हो जाती हैं. टॉयलोसिस का सम्बन्ध हथेलियों और पैरों के तलवों में कैरेटिन के अत्यधिक बनने से है.