एसीएल घुटने के लिगामेंट की चोट से बचाव की 10 टिप्स
घुटना हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण जोड़ों में से एक है।इसमें तीन मुख्य हड्डियां जुड़ती हैं: फीमर, या जांघ की हड्डी; टिबिया, या पिंडली की हड्डी; और पटेला, या घुटने की कटोरी।एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) घुटने के केंद्र में होता है और पैर के रोटेशन और टिबिया के आगे की गति को सीमित करता है। एसीएल अक्सर अचानक पैर के मुड़ने से घायल हो जाता है। आप जिस दिशा में जा रहे हैं अगर तुरंत उसे बदलकर दूसरी दिशा में घूम जाते है तो आप अपने एसीएल को घायल कर सकते हैं। दौड़ते समय अचानक रुक जाने से या कहीं से कूदने पर भी ऐसा हो सकता है।महिलाओं की शारीरक संरचना और हार्मोन्स को कारण उनमें एथलेटिक गतिविधियों के दौरान एसीएल में चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। एसीएल की चोटें (एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट) युवा एथलीटों में आम हैं। पर अगर आप कोशिश करें तो इस इंजरी से खुद को बचा सकते हैं।आइए जानते हैं इन 10 टिप्स में कि आप कैसे खुद को एसीएल से बचाएं-
1- ईमानदारी से वार्म अप करें-
जो लोग बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, सॉकर या फ़ुटबॉल खेलते हैं या जो स्की करते हैं उनके एसीएल को चोट लगने की सबसे अधिक संभावना होती है क्योंकि वो कई बार छलांग लगाते हैं या फिर अचानक भागते हुए अपनी दिशा बदलते हैं।ऐसे में सलाह दी जाती है कि खेलने से पहले हमेशा वार्मअप करें। अपना खेल या अभ्यास शुरू करने से पहले अपनी मांसपेशियों और जोड़ों में रक्त का संचार करें।ध्यान रखें कि जितनी देर का वार्म अप बताया गया है उसे पूरा करें। जल्दबाज़ी में वार्म अप से छुटकारा पाने की कोशिश में आप लम्बे समय तक फील्ड से बाहर रह सकते हैं।वार्म अप से आपके शरीर की मांसपेशियां गर्म होती हैं जिससे उनका लचीलापन पढ़ जाता है।खेल से पहले वार्म अप उतना ही ज़रूरी है जितना कि आपका खेल।
2- पूरे साल व्यायाम का रुटीन बनाए रखें-
अकसर हम किसी महत्वपूर्ण मैच से पहले जमकर मेहनत करते हैं अभ्यास के साथ व्यायाम का भी पूरा ध्यान रखते हैं ।पर एक बार मैच हो जाने के बाद आप उस रुटीन में स्पीड ब्रेकर आने लगते हैं। व्यायाम भी कम हो जाता है ।ऐसा बिलकुल ना करें। आप अपने घुटनों के आस-पास की मांसपेशियों को लगातार कसरत दिनचर्या के साथ मजबूत और लचीला रखकर कई एसीएल चोटों को रोक सकते हैं। व्यायाम हमें आकार में रखने के साथ हमारे संतुलन में सुधार करने और हमारे शरीर के प्रति जागरूक रहने में मदद करता है। हम अपनी शारीरिक फिटनेस के स्तर को नियंत्रित कर के ही खुद को ऐसी इंजरी से बचा सकते हैं।
3- अपनी गति औऱ चाल पर ध्यान दें-
इंजरी से बचने के लिए ये ज़रूरी है कि आप सजग हों। पैर पटक कर कूदने से आपके जोड़ों और लिगामेंट्स पर बहुत तनाव पड़ता है। एसीएल अधिक बल को सोख लेता है, जिससे आपको चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। जब आप मुड़ रहे हों तो घुटनों और कूल्हों पर झुककर आप इस तनाव को कम कर सकते हैं। अपने घुटनों पर झुकना भी उन्हें आपके पैरों के साथ संरेखित करता है। इसलिए जब आप कूदते हैं तो आपका कोर, ग्लूट्स, क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग स्थिरता प्रदान करने के लिए एक साथ काम कर रहे होते हैं और एसीएल को बल का पूरा खामियाजा भुगतने से बचाते हैं। इसकी आदत डालने के लिए आप जिम में वार्म अप या वेट ट्रेनिंग के दौरान इस आदत पर अमल करें तो आपके खेल के दौरान सुरक्षित रूप से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
4- ज्यादा थकान में शरीर को आराम दें-
जब आप अत्यधिक थके हुए हों तो व्यायाम करने से बचना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त नींद ले रहे हैं और कितनी देर व्यायाम करना है यह तय करके आप एसीएल की चोट को रोक सकते हैं। जब तक आप खुद को थका नहीं लेते तब तक खुद को धक्का देकर व्यायाम करने से भी मांसपेशियों में थकान हो सकती है।थकान के कारण आपकी मांसपेशियां बल उत्पन्न करने में असमर्थ हो सकती हैं।मांसपेशियों में कमजोरी मोटापा बढ़ने , उम्र बढ़ने और जोरदार व्यायाम सहित अन्य कई कारणों से हो सकती है।`
5- हैमस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स को मजबूत करें-
जांघ के पीछे स्थित हैमस्ट्रिंग मांसपेशी, आपके पैरों को मोड़ने और सीधा करने के लिए, जांघ के सामने स्थित क्वाड्रिसेप्स मांसपेशी के साथ मिलकर काम करती है। इन मांसपेशियों को मजबूत करने से आप अपने घुटनों की चोटों से बेहतर तरीके से रक्षा कर सकते हैं, जिसमें एसीएल भी शामिल हैं। हैमस्ट्रिंग के लिए आप जो सबसे अच्छा व्यायाम कर सकते हैं, वह है डेडलिफ्ट।इसमें जब आप बारबेल को नीचे रखते हैं औऱ वापस खड़े होते हैं तब ये आपके हैमस्ट्रिंग और ग्लूट्स पर काम करती है ।इससे आपको इंजरी के खिलाफ एक मज़बूती मिलती है।
6- अपने कोर को मज़बूत करें-
एसीएल चोट के जोखिम को कम करने के लिए अपने ग्लूट्स, हैमस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स की मांसपेशियों को मजबूत करना बहुत आवश्यक है।पर एक मजबूत और स्थिर कोर होना भी उतना ही जरूरी है। जब आप अपने कोर को वर्कआउट करते हैं, तो यह आपके शरीर की गतिविधियों को अधिक कुशलता से करने में मदद करता है। यह आपके शरीर के चलने के तरीके को भी नियंत्रित करने में भी आपकी मदद करता है। सामान्य प्लैंक आपकी कोर को मज़बूत करने का बेहतरीन तरीका है।ये आपके कोर के साथ ही साथ आपकी बाहों, कंधों, पीठ, ग्लूट्स और पैरों को मजबूत करता है क्योंकि आप अपना वजन अपनी बाहों या फोरआर्म्स पर रखते हैं।
7-संतुलन पर ध्यान दें-
खेल गतिविधि के दौरान होने वाली अधिकांश एसीएल चोटें दिशा के त्वरित परिवर्तन, अचानक धीमा या रुकने, एक दोषपूर्ण लैंडिंग या टक्कर के परिणामस्वरूप होती हैं। संतुलन में सुधार और पैरों, टखनों, पैरों और घुटनों की छोटी मांसपेशियों को मजबूत करने से अप्राकृतिक मोड़ और पिवोट्स को रोकने में मदद मिल सकती है जो एसीएल टियर का कारण बनते हैं और इसी तरह आप शरीर के लचीलेपन और प्रतिक्रिया समय में सुधार करते हैं।
8- उचित जूते का प्रयोग करें-
खराब फिटिंग वाले जूते आपके संतुलन को बिगाड़ सकते हैं और ट्रिप, ट्विस्ट और अन्य अजीब दुर्घटनाओं की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इससे आपके घुटने के जोड़ को झटका लगता है और इसके परिणामस्वरूप एसीएल टियर हो सकता है। सुनिश्चित करें कि आपके जूते ठीक से फिट हैं और आपने सभी उपयुक्त एथलेटिक गियर पहने हैं।
9- सही तकनीक का इस्तेमाल करें-
हानिकारक चोटों से बचने के लिए उचित एथलेटिक तकनीक का अभ्यास करना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी तकनीक सुरक्षित और सही है, किसी कोच या फिजिकल ट्रेनर से सलाह लें। सुरक्षित रूप से कूदने और लैंडिंग की भी सही तकनीक जानें। हर बार जम्प के बाद लैंडिंग करते समय अपने घुटनों को धीरे से मोड़ें। एक टीम के साथी के सामने इन छलांगों का अभ्यास करें और उसे अपना फॉर्म देखने के लिए कहें। उचित लैंडिंग तकनीक का अभ्यास करें जब तक कि यह आपकी आदत ना बन जाए।
10- स्पोर्ट्स मेडिसिन विशेषज्ञ से मिलें-
समय समय पर किसी स्पोर्ट्स मेडिसिन के विशेषज्ञ से जांच कराते रहें। ऐसा करने से आपके शरीर में किसी भी मस्कुलोस्केलेटल कमजोरी को पहचानने में मदद मिल सकती है। एक आर्थोपेडिक विशेषज्ञ मांसपेशियों की कमजोरी के क्षेत्रों की पहचान कर सकता है जिनके कारण भविष्य में मोच या टियर हो सकती हैं।वो आपको विशिष्ट अभ्यासों में सलाह दे सकते हैं जो इन कमज़ोरियों में सुधार कर सकते हैं। स्पोर्ट्स मेडिसिन विशेषज्ञ यह भी निर्धारित कर सकते हैं कि आपके जोड़ ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। सचेत रहकर आप एसीएल टियर से बच सकते हैं।