बाल गिरने से हैं परेशान तो आपको इन जांचों की है जरुरत!
काले घने लहराते बाल किसे पसंद नहीं होते। पर अगर यही बाल आपके हेयर ब्रश ,तकिया औऱ बाथरूम में नज़र आने लगें तो चिंता तो होगी ही। अगर आपके बाल भी तेज़ी से झड़ रहे हैं, सिर पर गंजेपन के लक्षण दिख रहे हैं और झड़ते बालों की संख्या रोजाना करीब 125 से अधिक है तो आपको उपचार की ज़रूरत है। आपके बाल झड़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं । ऐसा क्यों रहा है इसका पता लगाने के लिए कई वैज्ञानिक कारण औऱ जांचें मौजूद हैं। आप इन जांचों की मदद से आप बालों का झड़ना रोक सकते हैं या कम कर सकते हैं।
वैसे तो बाल झड़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जब बाल झड़ते हैं तो उनकी जगह नए बाल भी उगते हैं।पर जब इन दोनों के बीच का संतुलन बिगड़ जाए तो परेशानी का कारण बन सकता है। ज्यादा बाल झड़ने की समस्या को एपोलिसिया कहा जाता है।
बाल झड़ने के प्रकार
बाल झड़ने के भी कई प्रकार होते हैं। इन्हें इनके लक्षण, वजहों के हिसाब से वर्गीकृत किया गया है। वस्तुतःबाल झड़ने के तीन प्रकार होते हैं
1. एनाजेन एफ्लुवियम
ये कई प्रकार की चिकित्सा और दवाओं के कारण हो सकता है।ये दवाएं आपके बालों के फॉलिकल को नुक्सान पहुंचाती है जिससे बाल झड़ते हैं। उदाहरण स्वरूप कीमोथेरैपी।
2. टेलोजेन एफ्लुवियम
ये तब होता है जब बड़ी संख्या में बाल टेलोजेन फेज़ में पहंच जाते हैं और बाल झड़ने लगते हैं। ये आपके जीवन में किसी तनावपूर्ण घटना के कारण भी हो सकता है।तनाव के कारण आपके बाल तेज़ी से झड़ने लगते हैं। हालांकि ये साबित करना बहुत मुश्किल है कि किसी तनावपूर्ण घटना के कारण ऐसा हो रहा है।
3. एंड्रेजेनेटिक एलोपीशिया या गंजापन एवं अनुवांशिक
ये गंजेपन की आमतौर पर होने वाली स्थिति का नाम है।इसमें बाल सिर के बीच से और किनारों से झडने लगते हैं। ये अनुवांशिक भी हो सकता है ।इस प्रकार के बालों का झड़ना माथे से शुरू होता है और धीरे-धीरे सिर के बीच की तरफ बढ़ता जाता है। बालों के झड़ने का पैटर्न यह निर्धारित कर सकता है कि आपके बाल अनुवांशिक कारणों से झड़ रहे हैं या किसी और वजह से।इसमें आपके सिर की सतह की बायोप्सी भी करने की नौबत आ सकती है।
बाल झड़ने के संभावित कारण
बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं ।आमतौर पर जिन्हें इस तरह की समस्या होती है उनमें -
- 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग।
- वे महिलाएं जिन्होंने जल्दी ही शिशु को जन्म दिया है।
- जिन लोगों की कीमोथेरेपी हुई है या ऐसे लोग जिनका किसी गमभीर बीमारी का इलाज चल रहा है।
- ऐसे लोग जो बालों को खींच कर बांधते हैं या अपने बालों की स्टाइलिंग के लिए केमिकल वाले उत्पादों का प्रयोग करते हैं।
- वो महिलाएं जो मेनोपॉज़ से गुज़र रही हैं।
- ऐसे लोग जो डाइटिंग की वजह से आधा अधूर पोषण लेते हैं
- ऐसे लोग जो कार्यस्थल पर केमिकल्स के संपर्क में आते हैं
किन बीमारियों का है संकेत
1. थायराइड
हमारे शरीर में मौजूद थायराइड ग्रंथि हमारे मेटाबालिज़्म को नियंत्रित करती है। अगर इसमें हार्मोन का उत्पादन कम या ज़रूरत से अधिक हो रहा है तो ये शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। इसकी वजह से शरीर की त्वचा कोशिकाओं, नाखूनों और बालों के विकास पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। हाइपोथायरायडिज्म के मामले में, वजन बढ़ने, कब्ज, थकान और अवसाद के साथ बालों के झड़ने की संभावना होती है। दूसरी ओर,हाइपर थायराइडिज़्म में अत्यधिक वजन घटना, घबराहट, दस्त और कमजोर मांसपेशियों के साथ बालों का झड़ना संभावित होता है। दोनों के बीच, हाइपोथायरायडिज्म आमतौर पर बालों के झड़ने के लिए अधिक जिम्मेदार होता है। आपके शरीर में थायराइड हार्मोन के स्तर को मापने के लिए एक साधारण रक्त परीक्षण का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है कि आपके बालों का झड़ना थायराइड की अनियमितताओं के कारण है या नहीं।अगर शरीर में ये हार्मोन ठीक स्तर पर नहीं है तो आपको दवाओं के ज़रिए इसे नियंत्रित करने की सलाह दी जाती है।
2. एनीमिया
एनीमिया ऐसी स्थिति होता है जिसमें शरीर में आयरन की कमी से शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन करने वाली लाल रक्त कोशिकाएं कम हो जाती हैं। शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण बालों के विकास के लिए पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप बाल कमज़ोर और बेजान हो जाते हैं।इसका पता लगाने के लिए आपके खून की जांच की जाती है।
3. कुपोषण
अगर आपका खानपान ठीक नहीं तो आपको स्वास्थ्य संबंधी कई अन्य दिक्कतों के साथ बाल झड़ने की समस्या भी हो सकती है। जो व्यक्ति शरीर की आवश्यकता के अनुरूप पोषण नहीं ले रहा है वो इस समस्या से आसानी से ग्रस्त हो सकता है। भोजन में भरपूर विटामिन लेना बेहद ज़रूरी है।इसके अलावा पोषक तत्वों का भी आपके शरीर के स्वस्थ रहने में अहम रोल है। तो अगर आप संतुलित आहार नहीं लेते तो इसे सुधारने की कोशिश कीजिए।
4. एलोपेशिया एरियाटा
एलोपेसिया एरीटा एक ऐसी बीमारी है जो तब विकसित होती है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बालों के रोम पर हमला करती है, जिससे बाल झड़ते हैं। इसमें आपके शरीर भर में कही के भी बाल झड़ सकते हैं। आपके सिर, आपकी नाक के अंदर और आपके कान भी इसमें शामिल हैं। इस बीमारी में कुछ लोग अपनी पलकें या भौहें तक खो देते हैं।
5. हार्मोनल असंतुलन
इस असंतुलन का एक सामान्य कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) है। इसमें अन्य लक्षणों के साथ ओवरीज़ पर अल्सर और बालों का झड़ना शामिल हो सकता है। कुछ प्रकार की गर्भनिरोधक गोलियों को रोकने से अस्थायी हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।
6. सिर की त्वचा का संक्रमण
स्कैल्प के संक्रमण से आपके सिर पर पपड़ी पड़ सकती है और कभी-कभी सूजन आ सकती है। कुछ लोगों के सिर पर चिकनापन आ जाता है जहां बाल दोबारा नहीं उग पाते।
7. स्कैल्प सोरायसिस
बहुत से लोग जिन्हें प्लाक सोरायसिस होता है, उनके सिर पर भी सोरायसिस होने की संभावना होती है । इससे बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है।स्कैल्प का सोरायसिस साफ हो जाने पर बाल फिर से उगने लगते हैं, लेकिन इसमें समय लगता है। इन त्वचा विशेषज्ञों के सुझावों का पालन करके आप बालों के झड़ने को रोकने में सक्षम हो सकते हैं।
8. बालों को खींचने से
कुछ लोग अक्सर तनाव दूर करने के लिए अपने बालों को खींचते हैं। वे ऐसा अनजाने में भी कर सकते हैं। इसके लिए चिकित्सा शब्द ट्रिकोटिलोमेनिया है। यदि आपने बालों के रोम को नष्ट नहीं किया है तो बालों को फिर से उगाने के लिए, इसे खींचना बंद करना होगा।
9. यौन संचारित संक्रमण
एक यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) बालों के झड़ने का कारण बन सकता है। सिफलिस एक ऐसा ही एसटीआई है। अगर इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो यह सिर, भौहें, दाढ़ी और अन्य जगहों पर बालों के झड़ने का कारण बन सकता है। अन्य एसटीआई भी बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं।एसटीआई का इलाज करने के बाद अक्सर बाल दोबारा उगने लगते हैं।
10. मेनोपॉज़
रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोन के स्तर में बदलाव बाल झ़ड़ने का कारण हो सकता है। इस अवस्था में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर गिर जाता है, जिसका अर्थ है कि एण्ड्रोजन, यानी पुरुष हार्मोन का प्रभाव बढ़ जाता है।रजोनिवृत्ति के दौरान और बाद में, बाल पतले हो सकते हैं क्योंकि बालों के रोम सिकुड़ जाते हैं। इन मामलों में बाल अधिक धीरे-धीरे बढ़ते हैं और अधिक आसानी से झड़ते हैं।