एलर्जिक राइनाइटिस इलाज करके थक चुके हैं, तो अपनाइए ये 9 आयुर्वेदिक उपचार
एलर्जिक राइनाइटिस को आसान शब्दों में समझें तो ये यानी नाक के मार्ग में होने वाली एलर्जी का नाम है। एलर्जिक राइनाइटिस मौसमी बदलाव के कारण हो सकता है। पर किसी किसी को ये परेशानी पूरे साल रह सकती है। मौसमी एलर्जिक राइनाइटिस का कारण बनने वाले कारकों में पेड़, घास और खरपतवारों के परागकणों के साथ-साथ फफूंद के बीजाणु शामिल हैं। साल भर रहने वाले एलरिदक राइनाइटिस में घर की धूल के कण, तिलचट्टे, जानवरों की रूसी और मोल्ड मुख्य कारण होते हैं। बारहमासी एलर्जिक राइनाइटिस का इलाज करना अधिक कठिन होता है।
अब बात करते हैं कि ये बीमारी किस स्थिति में होती है । दरअसल जब एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ नाक ,कान या साइनस के संपर्क में आते हैं तो वे रासायनिक हिस्टामाइन को छोड़ने के लिए कोशिकाओं को ट्रिगर करती हैं और यही एलर्जी के लक्षणों का कारण बनती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, एलर्जिक राइनाइटिस की तुलना वात-कफ प्रतिशय से की जाती है।
आयुर्वेद मानव शरीर में मौजूद तीनों दोषों को संतुलित करने में विश्वास करता है। इस प्रकार ये संपूर्ण रोग का उपचार करता है। इस उपचार पद्धति में साइनस को साफ करना और कफ को बाहर निकालना, संबंधित दोष को कम करना शामिल है। इस विकार को स्थायी रूप से हल करने के लिए, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के अलावा आहार और जीवन शैली में समायोजन आवश्यक होता है। तो आइए जानते हैं कि किस प्रकार आप एलर्जिक राइनाइटिस को आयुर्वेद के द्वारा ठीक कर सकते हैं।
1. हरिद्रखंड
एलर्जिक राइनाइटिस के उपचार में हर्द्रखंड बहुत ही अचूक औषधि मानी जाती है। हरिद्रखंड का मुख्यतः हल्दी से बनाया जाता है।ये औषधि एंटी एलर्जीक,एंटी हिस्टामेनिक, एंटी आक्सिडेंट औऱ एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है।इसे आप किसी भी दोष में ले सकते हैं।एलर्जिक राइनाइटिस मुख्य रूप से कफ दोष के कारण होता है।इसमें उपयोग की गई हल्दी का स्वभाव गर्म होता है औऱ प्रभावशालि ये एंटी एलर्जिक होती है।इसके सेवन से छींक, बंद नाक और ज़ुकाम में आराम मिलता है।हल्दी को दूध में मिलाकर गर्म कर लें औऱ रोज़ाना रातद में इसका सेवन करें ,हल्दी के औषधीय गुण आपको रोग से छुटकारा दिलाने के लिए अचूक नुस्खा हैं।
2. सीतोपलादी चूर्ण
एलर्जिक राइनाइटिस में अधिकतर सीतोपलादी चूर्ण का उपयोग किया जाता है।ये आयुर्वेद का ऐसा कारगर नुस्खा है जो सांस से जुड़े किसी भी रोग का उपचार करने में सक्षम है ।इसके अलावा ये इम्यूनिटी को भी मज़बूत करता है।सीतोपलादी का सेवन करने से फल् के कारण होने वाला बुखार ,छाती की जकड़न और साल लेने में परेशानी जैसे लक्षणों पर नियंत्रण करने में मदद मिलती है।इसके सेवन से आपकी छाती में जमा कफ ढीला पड़ जाता है क्योंकि इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसमें मौजूद एंटी हिसटामीन गुणों के चलते आपके शरीर में एलर्जी के कारण उभरे लक्षण फौरन ठीक होना शुरु हो जाते हैं।
3. अभरक भस्म
अभरक भस्म आयुर्वेद का एक ऐसा प्राचीन नुस्खा है जिसमें माइका कगा प्रयोग करके सांस संबंधघी बीमारियों का उपचार किया जाता है।अभरक एक ऐसा शक्तिशाली यौगिक है जिसमें सिलिकॉन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम इत्यादि का संगम होता है।इसके सेवन से आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होता है,शरीर की ताकत बढ़ती है, पाचन क्रिया सुधरती है,भूख बढती है ।इसके उपयोग से बुखार दूर होता है, सांस की परेशानी से मुक्ति मिलती है औऱ कफ की समस्या ठीक होती है।नियमित रूप से इस भस्म का उपयोग करने से आपके फेफड़ों की ताकतवर होते हैं औऱ उनसे जुड़ी हुई बीमारियों से आप खुद को बचा सकते हैं।
4. च्यवनप्राश रसायन
च्यवनप्राश हम सबके घरों में जाना पहचाना नाम है। इसके सेवन से इम्यूनिटी मज़बूत होने की बात सर्विदित है।इसे कई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का प्रयोग कर बनाया जाता है ।इसमें विटामिन सी की मात्रा बहुत अधिक होती है जो कई बीमारियों के उपचार औऱ उनसे बचाव के लिए बेहद प्राभावशाली होता है। इसके सेवन से शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है ।इस प्रकार इसके नियमित इस्तेमाल से एलर्जिक राइनाइटिस से बचाव संभव है क्योंकि ये शरीर को उन कारकों के विरुद्ध मज़बूत करता है जो एलर्जी का कारण बनते हैं।
5. निमबराजन्यादि टैबलेट
एलर्जिक राइनाइटिस में आयुर्वेद की इस दवा के माध्यम से रोग पर काफी हद तक नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है। इस दवा में मुख्य रूप से नीम और हल्दी का प्रयोग किया जाता है। नीम अपने एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण आपको एलर्जी से अबारने में मदद करती है वहीं हल्दी के एंटी बायोटिक गुण बीमारी से आपके शरीर को सुरक्षित रखने का काम करते हैं।इन दोनों का एक साथ सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है औऱ एलर्जी के कारकों को कमज़ोर किया जा सकता है।
6. साथ रखें ये आयुर्वेदिक रामबाण
आयुर्वेद के जानकार सलाह देते हैं कि अगर आपको एलर्जिक राइनाइटिस है तो अपने पास लौंग और काली मिर्च हमेशा रखें। जब आपको किसी एलर्जी का अंदेशा हो तो इन्हें अपने मुंह में रखकर चूसते रहें।इसके अलावा नाक के आसपास नीलगिरी का तेल, मिंट ऑयल या कोई भी आयुर्वेदिक बाम लगाने से भी एलर्जी का असर कम किया जा सकता है।
7. घर के मसालों से बनाएं चूर्ण
एलर्जिक राइनाइटिस में कुछ ऐसे आयुर्वेदिक चूर्ण हैं जो बहुत लाभप्रद होते हैं। आपको जब कभी भी एलर्जी का खतरा नज़र आए तुरंत त्रिकटु का सेवन शुरु कर दें। इसको बनाने के लिए बराबर मात्रा में काली मिर्च, अदरक और लंबी मिर्च लेना है। इन्हैं पीसकर एक मिश्रण तैयार कर लीजिए औऱ इसका शहद के साथ मिलाकर सेवन कीजिए। आप चाहें तो त्रिकटु को चाय में मिलाकरह भी ले सकते हैं। इसके अलावा जायफल भी एक रोग को ठीक करने में बहुत कारगर है। जायफल का प्रयोग करने के लिए इसका चूर्ण बना लें औऱ इसे शहद के साथ चाटें। कुछ दिन इसका सेवन करने से भी राइनाइटिस ठीक हो जाता है।
8. काढ़े का सेवन
एलर्जिक राइनाइटिस में काढ़े का सेवन करने से काफी लाभ प्राप्त होता है।घर पर ही काढ़ा बनाना बेहद आसान है। आप को करना ये है कि एक चम्मच लौंग, सौंफ, दालचीनी और अदरक के बराबर भाग लेकर इनका चूर्ण बना लें।अब इस चूर्ण को एक गिलास पानी में मिलाकर तब तक उबालैं जब तक ये एक कप के आसपास रह जाए। अब इसे छान लें और गुनगुना ही पियें। इन सभी चीज़ों के सेवन आपकी छाती में जमा कफ ढीला होगा,सांस लेने में आसानी होगी औऱ एलर्जी का असर कम हो जाएगा।इसके अलावा अदरक और गुड़ का काढ़ा भी इस रोग में काफी लाभादायक साबित होता है। तुलसी के गुण भी कुछ कम नहीं।आप चाहें तो तुलसी ,लेमनग्रास,काली मिर्च ,अदरक ,लौंग को पानी में उबालकर इसमें एक चुटकी काला नमक मिलाकर सेवन करें ।इससे छाती में जमा कफ निकालने में मदद मिलेगी।काली मिर्च औऱ नींबू का काढ़ा पीकर भी लोग खुद को एलर्जिक राइनाइटिस से मुक्त कर सकते हैं.
9. अजवायन
एलर्जिक राइनाइटिस में अजवायन बहुत उपयोगी मानी जाती है।ये स्वभाव में गर्म होती है और वात और कफ में विशेषरूप से लाभ पहुंचाती है।इसके सेवन से ऱरीर की सूजन में राहत मिलती है। अजवायन का सेवन करने के लिए आप एक चम्मच अजवायन को एक ग्लास पानी में भवालकर गुनगुना ही पी सकते हैं। इसके अलावा आप इसे ऐसे करीब आधा चम्मच फांक लें तो भी आपको काफी आराम मिल सकता है।सांस लेने में समस्या हो तो रात में अजवायन की पोठली बनाकर इसे गर्म कर लें औऱ सोते समय इसे कुछ देर सूंघें तो भी आपको आराम मिल सकता है।