Anemia in hindi - रक्त की कमी
वैसे तो एनीमिया कोई बहुत बड़ी बीमारी नहीं है, मगर ये कई बड़ी और जानलेवा बीमारियों की वजह से जरूर हो सकती है। यह बीमारी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। हमारे देश की लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। एनीमिया को लोग सामान्य मानकर अनदेखा कर देते हैं, जबकिम इस स्थिसतिब से जान तक जा सकती है। सामान्य भाषा में बात करे तो खून में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है, जिसे हम एनीमिया के नाम से जानते हैं।
आयरन की कमी है मुख्य वजह
विज्ञान की भाषा में इसे ऐसे समझा जा सकता है किम हमारा शरीर तीन तरह की ब्लड सेल्स बनाता है- आरबीसी यानी श्वेत रुधि र कणिका, डब्ल्यूबीसी या श्वेत रुधिर कणिका और प्लेटलेट्स। डब्ल्यूबीसी शरीर को बाहरी संक्रमण से बचाती हैं। प्लेटलेट्स रक्त का थक्का जमाने में मदद करती हैं और आरबीसी का काम आपके पूरे शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाना है। हमारे शरीर की कोशिकाओं को एक्टिव रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ये ऑक्सीजन शरीर के अलग-अलग भागों में आरबीसी में मौजूद हीमोग्लोबिरन की मदद से पहुंचता है। आयरन हमारे शरीर में आरबीसी का निर्माण करता है। आयरन की कमी से आरबीसी और हीमोग्लोबिलन बनने की क्रिया प्रभावित होती है। इसके प्रभावति होने से कोशिकाओं तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता। हम खाने के रूप में जो कार्बोहाइड्रेट और वसा लेते हैं, ऑक्सीजन उसे जलाकर ऊर्जा पैदा करता है। ये ऊर्जा हमारे जीवन के लिंए जरूरी है। जब शरीर में आयरन की इतनी कमी हो जाए कि शरीर और दिमाग की काम करने की क्षमता प्रभावित होने लगे, तो इस स्थितिल को एनीमिया या रक्तअल्पता कहते हैं।
एनीमिया के कारण
शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी के अलावा इसके पीछे कोई गंभीर बीमारी भी हो सकती है। एनीमिया रक्त से जुड़ी समस्या है। इसके कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे- रक्त में आरबीसी का कम बनना, हेमरेज या ज्यादा खून बह जाना, आयरन की कमी, विटामिन बी 12 या फोलिक एसिड की कमी। खाने में ज्यादा मात्रा में कैल्शिगयम लेना। हरी सब्जिियां कम या बिल्कुल न खाना। किसी इन्फेक्शन या लंबी बीमारी के चलते भी एनीमिया के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसके साथ ही माहवारी (पीरियड्स) के दिनों में बहुत ज्यादा स्राव भी एक वजह हो सकती है। वहीं इसके पीछे अनुवांशिक कारण भी हो सकता है। यहां देखें और वजहें.
1. गंभीर बीमारियों से हुआ एनीमिेया:
कैंसर, एड्स, किडनी की समस्या और रुमेटाइड अर्थराइटिीस जैसी बीमारियों के जलते आरबीसी का निर्माण प्रभावित होता है।
2. ए-प्लास्टिक एनीमिया:
इन्फेक्शन, हानिकारक पदार्थों का प्रभाव और कुछ दवाओं के प्रभाव से भी ये बीमारी हो सकती है। ए-प्लास्टििक एनीमिया बहुत कम केसों में होता है, लेकिन ये जानलेवा बीमारी है।
एनीमिया के लक्षण
एनीमिया होने पर आपके शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है। ऐसे में कमजोरी और थकान महसूस होती है। अगर लगातार एनीमिया रहे तो न्यूरोलॉजिकल गड़बड़िभयां देखने को मिलती हैं। बच्चों में पेट में कीड़े होने पर उनमें एनीमिया की शिकायत देखने को मिलती है। ऐसे में वह चिड़चिड़े हो जाते हैं और रोते रहते हैं। एनीमिया में सांस लेने में दिक्कत होती है और कमजोरी से चक्कर भी आ सकता है। लगातार एनीमिया रहने पर सिरदर्द, पैरों मे दर्द, जीभ में जलन, हल्का बुखार, गला सूकना, बाल गिरना, मुंह में छाले पड़ना, नाखून पीले पड़ जाना और सीने में दर्द जैसी शिकायतें भी मिलती हैं।
तुरंत कराएं जांच
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर की सलाह लेकर ब्लड टेस्ट कराएं। महिलाओं में आजमाएं ये उपाय:
खाने में ऐसी चीजें शामिल करें जिनमें आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता हो। इसके लिेए चुकंदर, गाजर, टमाटर, पत्तागोभी, हरी सब्जिियां अपनी डाइट में शामिल करें।
- अगर मांसाहारी हों तो खाने में अंडा लें। मूंग की दाल और बाजरा भी काफी फायदेमंद होता है।
- ऐसा माना जाता है किल लोहे की कढ़ाई में खाना पकाकर खाने से भी शरीर को आयरन मिलता है।
- रोजाना सेव डायट में शामिल करें। दूध और केला भी पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है।
- ज्यादा मात्रा में कैल्शिलयम भी हानिकारक होता है। बाजार में आयरन की गोलियां मिलती हैं लेकिन अपने आप इनका इस्तेमाल न करें।