अरण्डी का तेल के फायदे - Arandi Ka Tel Ke Fayde!
अरंडी का तेल विशुद्ध रूप से वानस्पति तेल है जिसका इस्तेमाल हम कई समस्याओं को दूर करने के लिए करते हैं. वैज्ञानिक नाम रिसीनस कम्युनिस वाले अरंडी का पौधा मूल रूप से अफ्रीका और भारत में पाया जाता है. अपने देश में अरंडी के तेल को कई नामों से जाना जाता है -तेलुगु में अमुदामु, मराठी में इरांदेला टेला, तमिल में अमानकु एनी, मलयालम में अवानाककेना और बंगाली में रिरिरा टेला. इस तेल को बनाने के लिए इसके बीजों को दबाया जाता है. यह विभिन्न सौंदर्य प्रसाधन, साबुन, वस्त्र, मालिश तेलों और प्रतिरक्षा प्रणाली, फंगल संक्रमण का इलाज, त्वचा पिग्मेंटेशन का इलाज, बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करना, मुंहासों का इलाज करना और आंखों के इलाज में इस्तेमाल होता है. अरंडी का तेल या कैस्टर ऑयल, थोड़ा गाढ़ा और दिखने में हल्के पीले रंग का होता है. अरंडी के तेल में चेहरे के लिए विषेशरूप से उपयोगी रेजिनोलिक एसिड और कई अन्य फैटी एसिड मौजूद होते हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम अरंडी के तेल से होने वाले विभिन्न फ़ायदों पर एक नजर डालें ताकि इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग जान सकें.
1. मुहाँसो को करे दूर-
अरंडी का तेल मुँहासे वाले त्वचा के लिए बहुत कारगर होती है वो अधिकतर तेलों से दूर भागते है, क्योंकि तेल रोम छिद्रों और उनकी समस्या को बढ़ाते हैं. अरंडी के तेल का इस्तेमाल मुँहासे को कम करने में उपयोगी साबित हो सकता है. इसके लिए गर्म पानी से अपना चेहरा धो लें और यह आपके पोर्स को खोलने में मदद करेगा. इसके बाद तेल से हल्का हल्का अपने चेहरे पर मालिश करें और रातभर लगाने के बाद अगले दिन ठंडे पानी से अपना चेहरा धो लें. अरंडी का तेल राइसिनोलिक एसिड में भरपूर है जो मुँहासे से उत्पन्न बैक्टीरिया से लड़ता है. यह प्रभावी रूप से स्किन लेयर में प्रवेश करता है, जिससे यह मुँहासो के लिए एक कारगर समाधान है.
2. त्वचा के लिए-
अरंडी के तेल में रिकिनोलिक एसिड और अन्य फैटी एसिड मौजूद होते हैं जो स्किन को सॉफ्ट बनाने में मदद करते हैं. अरंडी का तेल आपको चिकनी और सॉफ्ट स्किन प्रदान करता है. इसलिए यदि आप एक किफायती और नेचुरल स्किन मॉइस्चराइजर की तलाश में है तो अरंडी का तेल सबसे उपयोगी है. आप अच्छी तरह से अपने चेहरे को साफ कर लें और इस तेल से धीरे धीरे मालिश करें. यह तेल एक अद्भुत मॉइस्चराइज़र है जो अत्यधिक ड्राई स्किन को निकालने में सहायता करता है.
3. मिटाए दाग धब्बों को-
अरंडी के तेल का इस्तेमाल अक्सर ब्लैक स्पॉट और स्ट्रेच के लिए किया जाता है. अरंडी के तेल में मौजूद फैटी एसिड की मदद से यह चेहरे को साफ़ करता है. यह फैटी एसिड स्किन के स्कार टिश्यू में प्रवेश करते हैं और इसके चारों ओर हेल्थी टिश्यू का विकास करते हुए इसे बाहर निकाल देते हैं. यह धीरे-धीरे काम करता है और इसलिए बेहतर परिणाम देखने के लिए इसे नित्य रूप से उपयोग करने की जरुरत होती है.
4. घावों को भरने में प्रभावी-
अरंडी का तेल कट्स और स्क्रैच पर एक अच्छे एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है. स्टडी से पता चला है कि जिन मलहम में अरंडी का तेल मौजूद होता है वे विशेष रूप से अल्सर को ठीक करने में उपयोगी हो सकते हैं. इसके रोगाणुरोधी गुण छोटे कट्स और स्क्रैच के उपचार के लिए इस असरदार बनाते हैं. इस तेल में सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं तो यह दर्द को ठीक करने में भी मदद करता है. यदि घावों का अरंडी के तेल के साथ इलाज किया गया है, तो उन्हें अन्य उपचारों के मुकाबले कम समय में ज्यादा बेहतर परिणाम का अनुभव हुआ है.
5. लंबे बालों के लिए-
केस्टर ऑयल बालों के विकास को बढ़ाने के लिए एक अच्छा उपाय है. इसके साथ सिर की मालिश करने से आपको घने और लंबे बाल मिल सकते हैं. यह तेल रोम के ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है, जिससे बालों का विकास तेज हो जाता है. इस तेल में ओमेगा 9 आवश्यक फैटी एसिड मौजूद है जो बालों को स्वस्थ बनाने में मदद करता है. स्कॅल्प इन्फेक्शन बालों के पैच, डैंड्रफ और खुजली जैसी मुख्य बाल समस्याओं का कारण हो सकता है. अरंडी के तेल का उपयोग कर के इन समस्याओं से निजात पाया जा सकता है.
6. रोके सफेद बालों पर नियंत्रण के लिए-
यदि आपके बालों ने सफेद होने के संकेत दिखाना शुरू कर दिए हैं, तो केस्टर ऑयल लगाने से आपके बालों के रंग को खोने से रोका जा सकता है. केस्टर ऑयल का इस्तेमाल, समय से पहले बालों के सफेद होने को रोकने के लिए एक प्रचलति तरीका है. यह आपके बालों का रंग बनाए रखने में मदद करता है. इसके अलावा, केस्टर ऑयल ड्राई और डैमेज बालों के उपचार में बहुत उपयोगी हो सकता है.
7. त्वचा की सूजन के लिए-
अरंडी के तेल में मौजूद मुख्य फैटी एसिड, रिकिनोलिक एसिड में प्रभावशाली गुण मौजूद होता है जो सूजन को कम करने में मदद करता है. स्टडीज के अनुसार अरंडी का तेल सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है. त्वचा की सूजन का उपचार करने के लिए केस्टर ऑयल एक कारगर औषधि है जो सनबर्न, मुँहासे और ड्राई स्किन के कारण हो सकती है. इसके लिए आप केस्टर ऑयल में कॉटन बॉल को डुबोकर प्रभावित त्वचा पर लगाएँ. इसे एक घंटे के बाद धो लें. केस्टर ऑयल में उपचार करने वाले गुण होते हैं जो कि सभी तरह की त्वचा की सूजन में मदद करते हैं.
8. एंटी एजिंग के लिए-
अरंडी के तेल त्वचा को बूढ़ा होने से रोक सकता है. यह तेल एंटी-एजिंग प्रभाव रखता है. जब इसे त्वचा पर लगाया जाता है तो यह त्वचा के अंदर गहराई से प्रवेश करता है और कोलेजन और ईलेस्टिन के उत्पादन को बढ़ाता है. यह बदले में स्किन को सॉफ्ट करने और नम करने में मदद करता है. यह रिंकल्स और फाइन लाइन्स की उपस्थिति को कम करता है और त्वचा को चिकनी, सॉफ्ट बनाता है. इसे इस्तेमाल से पहलें चेहरे को अच्छी तरह से पानी से धोकर साफ कर लें, अब अरंडी के तेल को चेहरे पर थोड़ा-थोड़ा करके लगाएं और चेहरे पर अच्छे से मसाज करें. इस प्रक्रिया को रोज़ रात में सोने से पहले आजमाएं और परिणाम देखें.
9. गठिया के इलाज में-
गठिया के कारण दर्द का उपचार करने के लिए अरंडी का तेल एक कारगर उपाय है. अरंडी का तेल जॉइंट और टिश्यू के दर्द से राहत प्रदान कर सकता है. एक कपड़े का टुकड़ा लें और उसे अरंडी के तेल में भिगोएँ. अतिरिक्त तेल को निकाल दे और प्रभावित जॉइंट पर कपड़ा रखें. इसके बाद एक प्लास्टिक रैप से इस कवर करें. अब इस पर एक गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड रखें और एक घंटे तक छोड़ दें. अरंडी तेल में मौजूद सूजन को कम करने वाले गुणों की वजह से यह जॉइंट पेन, नर्व की सूजन और गले की मांसपेशियों को राहत देता है.
10. प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में-
नेचुरोपैथी डॉक्टर का मानना है जब इसका ऊपरी त्वचा पर उपयोग किया जाता है तब अरंडी का तेल इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है. यह आपके बॉडी के रक्षा तंत्र को भी बढ़ाता है. बाहरी रूप से इस्तेमाल करने पर टी -11 कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है, जो शरीर में रक्षा तंत्र में वृद्धि करती है. टी -11 कोशिकाओं में रोगजनकों और विषाक्त पदार्थों के खिलाफ एंटीबॉडी होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.
11. स्ट्रेच मार्क्स के लिए-
स्ट्रेच मार्क्स आमतौर पर प्रेगनेंसी के कारण होते हैं. ज्यादा लोचदार त्वचा का मतलब है कम स्ट्रेच मार्क्स होना. अरंडी का तेल में फैटी एसिड भरपूर होती हैं इसलिए प्रेगनेंसी के लास्ट दो महीनों के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाता है जो स्ट्रेच मार्क्स होने से रोकता है. जब इस तेल को प्रेगनेंसी के आखिरी दो महीनों के दौरान इस्तेमाल किया जाता है, तो यह स्ट्रेच मार्क्स को रोक सकता है. अरंडी के तेल को हाथ पर रखें और प्रभावित हिस्से पर 15-20 मिनट तक मसाज करें. बेहतर परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को रोज़ करें.
12. दाद का इलाज-
अरंडी का तेल प्रभावी ढंग से सभी एज ग्रुप के लोगों में दाद जैसी एक सामान्य और जिद्दी समस्या का इलाज करता है. 2 चम्मच अरंडी तेल और 4 चम्मच नारियल तेल को मिक्स करके दाद वाली जगह पर लगाएँ. इस तेल में अंडरएलेनेनिक एसिड नामक एक एक्टिव एलेमेंट्स पाया जाता है जो दाद के उपचार में मदद करता है.