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Last Updated: May 02, 2023
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अश्वगंधा का सेवन कैसे करे - Ashwagandha Ka Sewan Kaise Kare!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 16 Years Exp.BAMS
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कई बीमारियों में रामबाण के तरह काम आनेवाला अश्वगंधा का सेवन पाउडर, तेल या कैप्सूल के रूप में किया जाता है. अश्वगंधा प्राचीन समय से ही आयुर्वेदिक औषधी के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है. इसके प्रयोग से शारीरिक व मानसिक दोनों शक्ति बढ़ती है. अश्वगंधा का इस्तेमाल गठिया, चिंता, नींद न आना, ट्यूमर, दमा (अस्थमा), त्वचा पर सफेद दाग, ब्रोंकाइटिस, पीठ दर्द, मांसपेशी में दर्द, मासिक धर्म की समस्या, हिचकी आने के रोग में किया जाता है. अश्वगंधा का उपयोग सोचने की शक्ति बढ़ाने, सूजन व दर्द कम करने के के अलावा बढ़ती उम्र के समस्या को कम करने के लिए भी किया जाता है. महिला व पुरुष दोनों में बांझपन के इलाज के साथ-साथ यौन शक्ति व कामेच्छा बढ़ाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है. अश्वगंधा को त्वचा पर लगाने से घाव, पीठ दर्द व शरीर के एक तरफ का लकवा ठीक हो जाता है. अश्वगंधा में मानसिक शांति देने वाले केमिकल पाये जाते हैं. अश्वगंधा का सेवन सूजन कम करने, ब्लड प्रेशर कम करने व रोग निरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है. इस प्रकार अश्वगंधा आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है. दैनिक तनाव कम करने के साथ-साथ सामान्य टॉनिक के रूप में भी अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता है. आइये जानते हैं कि अश्वगंधा का सेवन किस प्रकार करना चाहिए.

अश्वगंधा का सेवन कैसे करें
अश्वगंधा का जड़ बाजार में सूखा रूप में, पाउडर के रूप में व ताजा भी उपलब्ध होते हैं. अश्वगंधा तेल व कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होते हैं. अब बाजार में अश्वगंधा के कैप्सूल के आ जाने के बाद इसका सेवन करना आसान हो गया है. पर अब भी लोग पारंपरिक तरीके से इसके पाउडर का प्रयोग करते हैं. आइये अश्वगंधा के सेवन करने के कुछ तरीके के बारे में जानते हैं.

पानी में उबालकर: - आमतौर पर अश्वगंधा के जड़ या पत्ती के पाउडर को पानी में उबालकर सेवन किया जा जाता है. इसे दूध में मिलकर काढ़ा बनाकर भी सेवन किया जा सकता है.

चाय के रूप में: - अश्वगंधा पाउडर के 2 चम्मच को 3 कप उबलते हुये पानी में डालकर 15 मिनट तक उबालना चाहिए. फिर इसे अच्छी तरह से छान लेना चाहिए. प्रतिदिन इसका चौथाई कप सेवन करना चाहिए.

दूध के साथ: - दूध के साथ अश्वगंधा का सेवन करने के लिए एक गिलास गर्म दूध में अश्वगंधा पाउडर का आधा चम्मच डालकर इसे रोज रात में सोने से पहले पीना चाहिए.

घी के साथ: - 2 चम्मच अश्वगंधा पाउडर को आधा कप घी में भून लेना चाहिए. फिर इसमें 1 चम्मच खजूर का चीनी मिलाकर इसे फ्रिज में रख लेना चाहिए. इस मिश्रण का 1 चम्मच रोज दूध में मिलाकर सेवन करना चाहिए.

टिंचर के रूप में: - आधा कप सूखा कटा हुआ अश्वगंधा के जड़ को एक डिब्बे में रखकर इसमें 80 से 100 एमएल नॉन-जीएमओ वोडका या रम मिलाना चाहिए. अब इस मिश्रण को 2 से 4 सप्ताह के लिए कहीं अंधेरी जगह पर रख देना चाहिए. बीच-बीच में इस मिश्रण को मिला देना चाहिए. जब टिंचर तैयार हो जाये तो इसे निकालकर अलग एक काँच के बोतल में रख लेना चाहिए. इस मिश्रण का 30 से 40 बूंद 120 एमएल पानी में मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करना चाहिए.

कैप्सूल के रूप में: - आजकल बाजार में अश्वगंधा के कैप्सूल भी आने लगे हैं. कैप्सूल में आने से इसे प्रयोग करना आसान हो गया है. इस कैप्सूल में अश्वगंधा एक्सट्रेक्ट का स्टैंडर्ड मात्रा इस्तेमाल किया जाता है. डॉक्टर के सलाह पर 1 या 2 कैप्सूल रोज 2 बार सेवन करना चाहिए.


अश्वगंधा के सेवन में सावधानी व इसका साइड इफेक्ट

  • अश्वगंधा का सेवन सीमित मात्रा में ही करनी चाहिए. अधिक मात्रा में इसका सेवन नुकसानदेह हो सकता है. आयुर्वेद के अनुसार एक दिन में 1 से 2 चम्मच (3-6 ग्राम) से अधिक अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए. जरूरत से ज्यादा अश्वगंधा का सेवन से उल्टी आना, पेट खराब होना, डायरिया, अल्सर, एसिडिटी, स्किन रैशेज और एंक्जायटी का खतरा हो सकता है. अपने चिकित्सक से अपने लिए सेवन की उचित मात्रा की जानकारी ले लेनी चाहिए.
  • गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से गर्भपात का खतरा रहता है. किसी विशेष बीमारी में अश्वगंधा के सेवन से पूर्व अपने डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए.
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