अवसाद का आयुर्वेदिक इलाज - Awsad Ka Ayurvedic Ilaj!
अवसाद को आप डिप्रेशन, तनाव या चिंता में डूबा रहना भी कह सकते हैं. दुर्भाग्य से इस बीमारी के शुरुआत में या तो हमें पता नहीं चल पाता है या फिर हम इस तरफ ध्यान नहीं दे पाते हैं. यदि हम डिप्रेशन के लक्षण की बात करें तो इसमें अनिद्रा, उदासी, वजन का अत्यधिक कम या ज्यादा होना, आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करना एकाग्रता में कमी इसका प्रमुख लक्षण है. आइए इस बिमारी के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जानें.
अवसाद की स्थिति और नींद का महत्व-
1. नींद की कमी बिमारी का घर-
यदि आप सोने में कोताही करते हैं या पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आप कई बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं. कहते हैं न कि चैन से सोना है तो जाग जाइए. जब आपकी नींद पूरी नहीं होती है तो आपको कई बीमारियाँ जैसे कि याद्दाश्त कमजोर होना, उच्च रक्त चाप, आँखों में सुजन, कमजोरी, थकान, मोटापा, तनाव आदि अपना शिकार बना सकती हैं. इसलिए बेहतर यही है कि आप भरपूर नींद लेने को गंभीरता से लें और पर्याप्त नींद लें.
2. बच्चों में नींद की कमी का असर और डिप्रेशन-
किशोरों या बच्चों की मानसिकता पर पर्याप्त नींद न लेने का दुष्प्रभाव उनके आत्मविश्वास पर पड़ता है. अक्सर ऐसा देखा गया है कि आठ घंटे से कम नींद लेने वाले किशोर नशे या स्मोकिंग की चपेट में होते हैं. कई बच्चे इसके दुष्प्रभाव से डिप्रेशन में भी चले जाते हैं. ऐसा होने पर कई बार बच्चे उग्र भी हो जाते हैं. एक शोध में यह पाया गया कि प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की नींद लेने वाले 4.5 घंटे से कम सोने वालों की तुलना में लम्बी उम्र जीते हैं. तो बच्चों को भी पर्याप्त सुलाएं.
3. नींद और वजन का संबंध-
शोधकर्ताओं के अनुसार कम सोने वाले लोगों का वजन पर्याप्त नींद लेने वालों से ज्यादा होता है. ये भी पाया गया है कि पांच घंटे की नींद लेने वाले लोगों में भूख बढ़ाने वाला हार्मोन 15 फीसदी अधिक बनता है. लेकिन आठ घंटे की नींद लेने वाले लोगों में यह हार्मोन जरूरत के अनुसार ही बनता है. जाहिर है इससे आप मोटापे के शिकार होते हैं और डिप्रेशन की तरफ बढ़ चलते हैं.
4. डिप्रेशन, नींद और सेहत-
ये तो आपने भी महसूस किया ही होगा कि जब आप गहरी नींद से सोकर उठते हैं तो आपको एक ताजगी का एहसास होता है. और पर्याप्त नींद न लेने पर दिमाग भन्नाया रहता है. दरअसल पर्याप्त नींद लेने पर हमारे शारीर में रोगों से लड़ने वाली कोशिकाएं भी ठीक तरीके से काम करती हैं. जिससे कि आप कई अनावश्यक बीमारियों से तो बचते ही हैं साथ में आपकी कार्यक्षमता में भी बढ़ोतरी होती है.
आयुर्वेदिक उपचार-
1. काजू-
डिप्रेशन को ठीक करने में तंत्रिकातंत्र की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. इसमें विटामिन बी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और ये विटामिन ही तंत्रिका तंत्र को ठीक रखता है. इसके साथ ही काजू आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाकर आपको सक्रिय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. काजू ये ये सभी गुण आपको डिप्रेशन से दूर रखेंगे.
2. अंडे-
प्रोटीन के भण्डार अंडा में डीएचए भी पाया जाता है. आपको बता दें कि डीएचए पचास फीसदी डिप्रेशन को ठीक कर सकता है. अंडा न सिर्फ डिप्रेशन को ठीक करेगा बल्कि आपको निरोग रखने में भी मदद करता है.
3. सेब-
सेब के फायदे तो सबने ही सुन रखे होंगे. तमाम पौष्टिक गुणों से भरपूर सेब आपके मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखता है. इसमें पाया जाने वाले विटामिन बी, फास्फोरस और पोटैशियम मिलकर ग्लूटामिक एसिड का निर्माण करते हैं. ये एसिड मानसिक स्वस्थ्य ठीक रखता है.
4. आयरन युक्त भोजन-
हमारे शरीर में आयरन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. लेकिन कई लोगों में आयरन की कमी होती है खासकरके लड़कियों में. तो ऐसे में इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आपको आयरनयुक्त भोजन करना चाहिए. इससे आपमें आयरन लेवल तो ठीक रहता ही है, साथ में आपका मूड भी ठीक रहता है. इस तरह आप डिप्रेशन से बच जाते हैं. आयरन के लिए सबसे अच्छा स्त्रोत पालक है.
5. इलायची-
आप खुद को तरोताजा रखने के लिए इलायची का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको बस इतना करना है कि इलायची के पिसे हुए बीज को पानी के साथ उबाल कर या चाय के साथ लें. इससे आपका मूड फ्रेश हो जाएगा.