Bathua Benefits In Hindi - बथुआ के फायदे और नुकसान
शुरुवात में बथुआ गेंहू के खेतों में गेंहू के साथ उग आता था. लेकिन अब इसके फायदों को देखते हुए बकायदा इसकी खेती की जाती है. बथुआ को हम स्वादिष्ट साग के रूप में खाते हैं. हम इसे साग बना कर उपयोग करते हैं, इसका रायता बना कर खाते हैं या फिर इस के पराठे बना कर खाते हैं. हलांकि हममें से ज्यादातर लोग अक्सर इसके स्वास्थ्य लाभ जाने बिना ही खा लेते हैं. यदि आप बथुआ के साग का ज्यादा लाभ लेना चाहते हैं तो आप इसे बनाते समय इसमें मसाले और नमक का प्रयोग न करें. नमक के बदले सेंधा नमक डालें तो आपको इसका अधिक लाभ मिलेगा. बथुआ एशिया महाद्वीप के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अमेरिका में भी पाया जाता है. इसमें विटामिन ए, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस और पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाएं जाते हैं. आइए बथुआ के फायदे और नुकसान पर एक नजर डालते हैं.
1. चर्म रोग के लिए
बथुआ को उबाल कर इसके रस का सेवन या इसकी सब्जी बना सेवन करने से चर्म रोग, सफ़ेद दाग, खुजली, फोड़े-फुंसी, कुष्ट रोग आदि में फायदा होता है. बथुआ के उबले पानी से त्वचा को धोने पर चर्म रोग दूर होता है. बथुआ के पत्तों को पीस कर 2 कप रस में तिल का तेल मिलाकर इसे कम आंच पर गर्म करें. पानी के पूरी तरह ख़त्म हो जाने पर इसे नियमित रूप से चमड़ी पर लगायें तो राहत मिलेगी.
2. प्रसव संक्रमण में
महिलाएं प्रसव संक्रमण से बचने के लिए 10 ग्राम बथुआ साग, अजवाइन, मेथी और गुड़ ले कर मिलाकर इसका 10 से 15 दिन तक लगातार सेवन करें. इससे प्रसव के संक्रमण की समस्या में लाभ मिलेगा. बथुआ के बीज और सोंठ को मिलाकर पाउडर बनाएं. फिर 400 मिलीलीटर पानी मे 15-20 ग्राम पाउडर मिला कर अब पानी को उबाल कर 100 ग्राम कर लीजिए. अब इसे छान लीजिए और दिन मे कम से कम 2 बार सेवन करने से पीरियड्स भी नियमित होते हैं.
3. बालों के लिए
बालों के लिए अक्सर आंवला को बेस्ट माना जाता है लेकिन बथुआ में विटामिन और खनिज तत्व की मात्रा आंवला से ज़्यादा होती है. इसमें आयरन, फास्फोरस और विटामिन ए और डी की प्रचुर मात्रा पाई जाती है.
4. मुंह के अल्सर के लिए
मुंह के अल्सर के उपचार के लिए बथुआ के पत्तों को कच्चा चबायें. इससे मुंह का अल्सर, मुंह की बदबू, पायरिया और दांतों से सम्बन्धित अन्य समस्याओं मे बड़ा फायदा होता है.
5. गुर्दे की पथरी की समस्या में
इसके सेवन से गुर्दे की पथरी की समस्या में काफी फायदा होता है. बथुआ के उपयोग से अमाशय को मजबूती मिलती है. पथरी की समस्या में बथुआ के रस में शक्कर को मिश्रित कर के सेवन करने से पथरी धीरे-धीरे टूट बाहर निकल जाती है.
6. कब्ज की समस्या में
बथुआ में पाया जाने वाला फाइबर कब्ज से राहत देता है. साथ साथ गैस आदि समस्याओं में भी फायदेमंद है. भूख मे कमी आना, भोजन देर से पचना, खट्टी डकार आना, पेट फूलना जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए लगातार कुछ हफ़्तों तक बथुआ का सेवन काफ़ी फायदेमंद होता है.
7. बच्चों के लिए
बच्चों के पेट में होने वाले कीड़े के लिए ये एक बेहतर खाद्य विकल्प है. उन्हें कुछ दिनों तक लगातार बथुआ के साग का सेवन करवाने से उनके पेट के कीड़े मर जाते हैं और उनको बहुत आराम मिलता है.
8. आँखों के लिए
बथुआ में मौजूद तमाम गुणों में से एक ये भी है कि इसके नियमित सेवन से आँखों की कई समस्याओं में मदद मिलती है. इससे आँखों की रौशनी भी लम्बे समय तक रहती है.
9. पीलिया की समस्या में
पीलिया में इसके लाभ के लिए बथुआ और गिलोय के रस को एक सीमित मात्रा में दोनों को मिलाएं, फिर इस मिश्रण का 25-30 ग्राम रोज़ दिन मे 2 बार सेवन करें. इस के सेवन से पीलिया की समस्या से दूर होगी.
10. मूत्र संक्रमण में
मूत्र संक्रमण के उपचार के लिए रोज़ 10 ग्राम बथुआ के पत्तों का रस ले कर उसमें 50 मिलीलीटर पानी मिलाएं. इस मिश्रण को मिश्री के साथ हर रोज सेवन करें. इस के उपयोग से आप को मूत्र संक्रमण की समस्या में लाभ मिलेगा.
11. एनीमिया के उपचार में
बथुआ आयरन का बहुत अच्छा स्रोत है इसलिए इस के नियमित रूप से सेवन करने से रक्त की कमी दूर होती है. साथ ही बथुआ को 5 से 6 नीम की पत्तियों के सेवन करने से रक्त शुद्ध और साफ हो जाता है.
बथुआ के नुकसान
- इस के आधिक सेवन से कई तरह की समस्याएं हो सकती है.
- गर्भवती महिलाओं को बथुआ का सेवन नहीं करना चाहिए. इस का सेवन करने से गर्भपात होने की संभावना ज़्यादा रहती है.