बेडसोर क्या होते हैं?
क्या है बेडसोर?
बेडसोर तब होते हैं जब कोई व्यक्ति लम्बे समय तक बिस्तर पर एक ही अवस्था लेटा रहे। यह स्थिति किसी बीमारी के कारण, गतिहीन होने के कारण, बेहोशा, या दर्द महसूस करने में असमर्थता के कारण हो सकती है।
बेडसोर ऐसे अल्सर होते हैं जो त्वचा के उन क्षेत्रों पर होते हैं जो लगातार बिस्तर पर लेटने, व्हीलचेयर में बैठने या लंबे समय तक कास्ट पहनने के कारण हो सकते हैं। बेडसोर को प्रेशर इंजरी, प्रेशर सोर, प्रेशर अल्सर या डीक्यूबिटस अल्सर भी कहा जाता है।
कमजोर वृद्ध लोगों में बेडसोर एक गंभीर समस्या हो सकती है। ये प्रभावित व्यक्ति को मिलने वाली देखभाल की खराब गुणवत्ता से संबंधित हो सकते हैं।
पोषण और देखभाल भी जरुरी
यदि एक गतिहीन या विकलांग व्यक्ति को अकसर करवट नहीं दी जाती है, सही स्थिति में नहीं रखा जाता है, और उसे अच्छा पोषण और त्वचा की देखभाल नहीं दी जाती है, तो बेडसोर विकसित हो सकते हैं।
मधुमेह, सर्कुलेशन संबंधी समस्याएं और खराब पोषण वाले लोगों को बेड सोर होने का अधिक जोखिम हो सकता है।
बेडसोर का क्या कारण है?
एक बेडसोर तब विकसित होता है जब त्वचा को रक्त की आपूर्ति 2 से 3 घंटे से अधिक समय तक के लिए कट जाती है। जैसे ही त्वचा को रक्त की आपूर्ति मिलनी बंद होती है ,उस क्षेत्र की त्वचा मृत हो जाती है।
बेडसोर पहले लाल, दर्दनाक क्षेत्र के रूप में शुरू होता है, जो अंततः बैंगनी हो जाता है। अगर बेडसोर को अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो त्वचा टूट कर खुल सकती है और वह क्षेत्र संक्रमित हो सकता है।
बेडसोर गहरे भी हो सकते हैं। यह मांसपेशियों और हड्डी में फैल सकता है। एक बार बेडसोर विकसित हो जाने के बाद, यह अक्सर ठीक होने में बहुत अधिक समय ले सकता है ।
शारीरिक स्थिति पर निर्भर हैं बेडसोर
बेडसोर की गंभीरता, व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और अन्य बीमारियों (जैसे मधुमेह) की उपस्थिति के आधार पर, बेडसोर को ठीक होने में दिन, महीने या साल भी लग सकते हैं।
उपचार प्रक्रिया में मदद के लिए कई बार इससे ग्रस्त व्यक्ति को सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
बेडसोर अक्सर शरीर के इन हिस्सों में होते है:
- नितंब क्षेत्र (टेलबोन या कूल्हों पर)
- पैरों की एड़ियों पर
- कन्धों पर
- सिर के पीछे
- घुटनों के पीछे और बगल में
बेडसोर के लिए जोखिम कारक क्या हैं?
लम्बी अवधि तक बिस्तर पर लेटे रहने, बेहोश होने, दर्द महसूस करने में असमर्थ होने या गतिहीन होने से बेडसोर विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। बेडसोर का जोखिम तब बढ़ जाता है अगर व्यक्ति को प्रतिदिन सही ढंग से करवट नहीं दिलाई जाती या उन्हें घुमाया नहीं जाता है।
इसके अलावा उचित पोषण की कमी और त्वचा की सही देखभाल ना होने से भी बेडसोर का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह, शरीर में ब्लड सर्कुलेशन संबंधी समस्याएं और कुपोषण वाले लोग इसके अधिक जोखिम में हैं।
बेडसोर के लक्षण क्या हैं?
बेडसोर को 4 चरणों में बांटा गया है, कम से कम गंभीर से लेकर सबसे गंभीर स्थित तक । इनमें शामिल हैं:
- चरण 1- प्रभावित क्षेत्र लाल दिखता है और स्पर्श करने पर गर्म महसूस होता है। गहरे रंग की त्वचा के साथ, बेडसोर क्षेत्र में नीलापन या बैंगनी रंग दिखाई दे सकता है। पीड़ित व्यक्ति को प्रभावित क्षेत्र में जलन, दर्द या खुजली महसूस हो सकती है।
- चरण 2- बेडसोर से प्रभावित क्षेत्र अधिक क्षतिग्रस्त दिखता है और इसमें एक खुला घाव, खरोंच या फफोला हो सकता है। पीड़ित व्यक्ति गंभीर दर्द की शिकायत करता है और घाव के आसपास की त्वचा का रंग फीका पड़ सकता है।
- चरण 3- त्वचा की सतह के नीचे क्षति के कारण क्षेत्र में गड्ढा जैसा दिखाई दे सकता है।
- चरण 4- प्रभावित क्षेत्र गंभीर रूप से कठोर होता है और इसपर एक बड़ा घाव मौजूद होता है। बेडसोर मांसपेशियों, टेंडन, हड्डियों और जोड़ों पर हो सकता है। इस चरण में संक्रमण होना एक आम जोखिम है।
जब बेड सोर काफी अधिक मोटाई वाले ऊतक तक पहुंच कर त्वचा को नुकसान पहुंचा चुका होता है तो उसे किसी चरण के तहत नहीं देखा जाता।
इस स्थिति में घाव एस्कर से ढंक चुका होता है जो मृत कोशिकाओं की परत होती है। स्लो टैन, ग्रे, ग्रीन, ब्राउन या पीले रंग का हो सकता है। एस्कार आमतौर पर टैन, भूरा या काला होता है।
बेडसोर्स की डायगनोसिस कैसे किया जाता है?
चिकित्सक उन लोगों की त्वचा का निरीक्षण करके बेडसोर का निदान करते हैं जिन्हें इनके होने का जोखिम है। उनकी गंभीरता के अनुसार उनके उपचार का स्वरूप निर्धारित किया जाता है।
बेडसोर्स का इलाज कैसे किया जाता है?
रोगी की स्थिति की गंभीरता के आधार पर चिकित्सक बेडसोर के विशिष्ट उपचार का रास्ता निकालते हैं। त्वचा में घाव होने के बाद उपचार अधिक कठिन हो सकता है, और इलाज की दिशा में निम्नलिखित कदम शामिल हो सकते हैं:
- प्रभावित क्षेत्र से दबाव हटाना।
- औषधीय पट्टी या अन्य विशेष ड्रेसिंग से घाव को बांधकर घाव की रक्षा करना।
- घाव को साफ रखना।
- रोगी को अच्छा पोषण देना सुनिश्चित करना।
- क्षतिग्रस्त, संक्रमित, या मृत ऊतक को हटाना (डीब्रिडमेंट)।
- घाव वाले स्थान पर स्वस्थ त्वचा का प्रत्यारोपण (स्किन ग्राफ्ट) करना।
- निगेटिव प्रेशर घाव चिकित्सा।
- दवाएं (जैसे संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स)।
आपके चिकित्सक बेडसोर को करीब से जांचेंगे। वे उपचार के लिए बेडसोर के आकार, गहराई और प्रतिक्रिया का परीक्षण करेंगे।
बेडसोर की जटिलताएं क्या हैं?
एक बार बेडसोर विकसित होने के बाद, इसे ठीक होने में कुछ दिन, महीने या साल भी लग सकते हैं। यह संक्रमित भी हो सकता है, जिससे बुखार और ठंड लग सकती है।
एक संक्रमित बेडसोर को साफ होने में काफी समय लग सकता है। जैसे-जैसे संक्रमण आपके शरीर में फैलता है, यह मानसिक भ्रम, तेज़ दिल की धड़कन और सामान्य कमजोरी भी पैदा कर सकता है।
क्या बेडसोर्स को रोका जा सकता है?
हर दिन हड्डी के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ लालिमा वाले क्षेत्रों (त्वचा के घाव का पहला संकेत) के लिए त्वचा का निरीक्षण करके बेडसोर को रोका जा सकता है। बेडसोर्स को रोकने और मौजूदा घावों को गंभीर होने से रोकने के अन्य तरीकों में शामिल हैं:
- हर 2 घंटे में रोगी को मोड़ना और करवट बदलना।
- रोगी को व्हीलचेयर पर सीधे बैठाना, और हर 15 मिनट में स्थिति बदलना।
- शरीर पर दबाव कम करने के लिए व्हीलचेयर और बिस्तरों में नरम गद्दी प्रदान करना।
- त्वचा को साफ और सूखा रखकर त्वचा की अच्छी देखभाल करना।
- रोगी को अच्छा पोषण प्रदान करना क्योंकि पर्याप्त कैलोरी, विटामिन, खनिज, तरल पदार्थ और प्रोटीन के बिना, बिस्तर पर लेटने से होने वाले घाव ठीक नहीं हो सकते, चाहे आप घाव की कितनी भी देखभाल कर लें।
बेड सोर के बारे में कुछ मुख्य बातें
- बेडसोर ऐसे अल्सर होते हैं जो त्वचा के उन क्षेत्रों पर होते हैं जो बिस्तर पर लेटने, व्हीलचेयर में बैठने, और/या लंबे समय तक कास्ट पहनने से दबाव में होते हैं।
- बेडसोर तब हो सकता है जब कोई व्यक्ति बिस्तर पर पड़ा हो, बेहोश हो, दर्द महसूस करने में असमर्थ हो, या स्थिर हो।
- हड्डी वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ हर दिन लालिमा वाले क्षेत्रों (त्वचा पर घाव का पहला संकेत) के लिए त्वचा का निरीक्षण करके बेडसोर को रोका जा सकता है।