बेलपत्र के फायदे - Belpatra Ke Fayde!
बेलपत्र का इस्तेमाल हमलोग पुजा-पाठ में करते रहे हैं. लेकिन इसके औषधीय गुण भी हमें कई तरह से लाभान्वित करते रहे हैं. कई छोटी-बड़ी समस्याओं जैसे बुखार इत्यादि में आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. जब कभी आपको बुखार हो जाए तो बेल की पत्तियों का काढ़ा बना लें और फिर उसे पी जाए. ऐसा करने से आपका बुखार तुरंत ठीक हो जाएगा. यही नहीं, मधुमक्खी, बर्र अथवा ततैया के काटने पर बहुत जलन होती है, यह हम सभी जानते हैं, ऐसी स्थिति में काटे गए स्थान पर बेलपत्र का रस लगाना बहुत उपयोगी साबित होगा. आइए इस लेख के माध्यम से हम बेलपत्र के फ़ायदों को जानें ताकि लोगों में इसके इस्तेमाल को लेकर जानकारी बढ़े.
1. हृदय के लिए-
हृदय रोगियों के लिए भी बेलपत्र का प्रयोग बेहद असरदार है. बेलपत्र का काढ़ा रोजाना बनाकर पीने से आपका हृदय हमेशा मजबूत रहेगा और हार्ट अटैक का खतरा भी कम होगा. वहीं, श्वास रोगियों के लिए भी यह बेलपत्र किसी अमृत से कम नहीं है. इन पत्तियों का रस पीने से श्वास रोग में काफी लाभ होता है.
2. मुंह के छाले के उपचार में-
शरीर में जब कभी गर्मी बहुत बढ़ जाए या मुंह में गर्मी के कारण छाले हो जाएं, तो बेल की पत्तियों को मुंह में रखकर चबाते रहे. इससे लाभ जरूर मिलेगा और छाले समाप्त हो जाएंगे. इस तरह आप बेलपत्रों की सहायता से मुंह के छालों का उपचार कर सकते हैं.
3. बवासीर के उपचार में-
बवासीर की समस्या से अक्सर कई लोग परेशान रहते हैं. इसमें भी सबसे ज्यादा परेशानी का कारण खूनी बवासीर होती है. इस समस्या को दूर करने के लिए बेल की जड़ का गूदा पीसकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर उसका चूर्ण बनाकर, इस चूर्ण को रोज़ सुबह-शाम ठंडे पानी के साथ खा लें. अगर बवासीर का दर्द बहुत अधिक है तो दिन में तीन से चार बार लें. इससे आपकी बवासीर की समस्या तुरंत ठीक हो जाएगी. वहीं अगर किसी कारण से बेल की जड़ उपलब्ध न हो सके तो इसके बेहतर विकल्प होगा कि आप कच्चे बेलफल का गूदा, सौंफ और सौंठ मिलाकर उसका काढ़ा बना कर सेवन कर लें. यह बेहद लाभदायक है.
4. सर्दी खांसी में-
बरसात के महीने में सर्दी, जुकाम और बुखार की समस्याएं सामान्य बात है. अगर आप बेलपत्र के रस में शहद मिलाकर पीते हैं तो बहुत फायदेमंद साबित होगा. तेज बुखार होने पर इसके पेस्ट की गोलियां बनाकर गुड़ के साथ खाई जाती हैं.
5. बच्चों के पेट के लिए-
कई बार छोटे बच्चों के पेट या आंतों में कीड़े या दस्त लगने की समस्या हो जाती है. इस स्थिति में बेलपत्र का रस बहुत फायदेमंद होता हैं.
6. शुगर के ट्रीटमेंट में-
बेलपत्र लक्सेटिव्स में समृद्ध है जो ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह पैनक्रिया को एक्टिव करता है और यह ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न करता है.
7. पेट की विभिन्न समस्याओं के उपचार में-
बेलपत्र पेट दर्द, गैस, कब्ज, दस्त और डायरिया जैसी समस्याओं में भी राहत दिलाता है. बेल के फल को कब्ज का इलाज करने के लिए सबसे अच्छी प्राकृतिक औषधि कहा जाता है. इसे रोजाना खाने से आंतों से टॉक्सिक पदार्थों को खत्म कर दिया जाता है. इसे कब्ज का इलाज करने के लिए शरबत के रूप में भी लिया जा सकता है.
8. स्कर्वी के उपचार में-
स्कर्वी बीमारी शरीर में विटामिन सी की कमी के कारण होती है साथ ही यह ब्लड वेसल्स को प्रभावित करती है. बेल में विटामिन प्रचुर मात्रा पायी में जाती है तो अपने आहार में बेल को शामिल करें. यह स्कर्वी बीमारी को ठीक करने में कारगर होगा.
एंटीमाइक्रोबायल, एंटी वायरल और एंटी फंगल गुण-
बेलपत्र के फायदे में एक फायदा यह है कि इसमें एंटीमाइक्रोबायल गुण है. इसमें एंटी वायरल और एंटी फंगल गुण शरीर में विभिन्न संक्रमणों के इलाज में मदद करते हैं. बेलत्र यहाँ भी अपनी भूमिका निभाता है.