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Last Updated: Aug 29, 2019
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Benefits of black pepper

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Dr. Charu A. GuptaAyurvedic Doctor • 20 Years Exp.Bachelor of Ayurveda, Medicine & Surgery (BAMS), CIP
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काली मिर्च एक अनुपम औषधि है। लाल मिर्च की अपेक्षा यह कम दाहक और अधिक गुणकारी है। इसीलिए मसाले में लाल मिर्च की बजाय काली मिर्च का उपयोग प्रचलित है। काली मिर्च का योग्य रीति से उपयोग किया जाए तो वह रसायन गुण देती है। आयुर्वेद में काली मिर्च को सभी प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस आदि का नाश करने वाली औषधि माना जाता है।
*काली मिर्च उदरपीड़ा, डकार और अफारा मिटाकर कामोत्तेजना एवं विरेचन करती है। *अरुचि, जीर्ण ज्वर, दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन, पक्षाघात, नेत्ररोग आदि पर भी यह हितकारी है।
*जुकाम होने पर काली मिर्च मिलाकर गर्म दूध पीएं। यदि जुकाम बार-बार होता है, अक्सर छीकें आती हैं तो काली मिर्च की संख्या एक से शुरू करके रोज एक बढ़ाते हुए पंद्रह तक ले जाए फिर प्रतिदिन एक घटाते हुए पंद्रह से एक पर आएं। इस तरह जुकाम एक माह में समाप्त होगा।
*खांसी* होने पर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार चाटें। खांसी दूर हो जाएगी।
*गैस की शिकायत होने पर एक कप पानी में आधे नीबू का रस डालकर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण व आधा चम्मच काला नमक मिलाकर नियमित कुछ दिनों तक सेवन करने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है।गला बैठना :काली मिर्च को घी और मिश्री के साथ मिलाकर चाटने से बंद गला खुल जाता है और आवाज़ सुरीली हो जाती है। आठ-दस काली मिर्च पानी में उबालकर इस पानी से गरारे करें, इससे गले का संक्रमण खत्म हो जाएगा।त्वचा रोग :काली मिर्च को घी में बारीक पीसकर लेप करने से दाद-फोड़ा, फुंसी आदि रोग दूर हो जाते हैं।