भगन्दर का होम्योपैथिक इलाज - Bhagandar Ka Homeopathic Ilaj in Hindi
होम्योपैथ आज एक प्रमाणित इलाज पद्धति के रूप में काफी लोकप्रिय है. इस पद्धति के तहत कई बीमारियों का प्रभावी उपचार किया जाता है. भगंदर जैसी बीमारियों का उपचार भी होम्योपैथ के द्वारा किया जा सकता है. भगंदर खुदा के आसपास होने वाली रेप बेहद खतरनाक और गंभीर बीमारी है. इस के शुरुआती लक्षणों में मलद्वार से खून निकलना गुदा के आसपास छोटे-मोटे फोड़े होना उन फूलों से मवाद आदि निकलना है. भगंदर की बीमारी पीड़ितों को काफी दर्द देने वाली होती है.
कई बार तो लोग इस कदर झेल भी नहीं पाते. आमतौर पर यह बीमारी मांसाहारी लोगों और ज्यादा मात्रा में तेल मसाला का इस्तेमाल करने वाले लोगों को होता है. ऐसा भोजन करने से गोदा के आसपास फोड़े में जल्दी सूजन आ जाती है और इन फोड़ों फूलों से मवाद भी निकलना शुरू हो जाता है. इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए इनके प्राथमिक लक्षण नजर आते ही आपको तुरंत किसी चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए ताकि आप समय रहते इस बीमारी के कुचक्र से निकल सकें. आइए हम आपको इस लेख के माध्यम से भगंदर के होम्योपैथी इलाज के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दें ताकि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को इस विषय में जागरूक किया जा सके.
भगन्दर का होम्योपैथिक इलाज - Bhagander Ka Homeopathic Ilaj in Hindi
- हिपर सल्फर 6, 30m
भगंदर जैसी गंभीर बीमारी का होम्योपैथ में कई बेहतर इलाज उपलब्ध है. हिपर सल्फर 6, 30m भगंदर के उपचार में काफी मददगार साबित होता है. इस दवाई किस होम्योपैथिक दवाई का सेवन आपको तब करना चाहिए जब आपको बहुत तेज दर्द महसूस होने लगे. जब भगंदर के मरीज इस दवा का नियमित सेवन करने लगते हैं तो कुछ दिन बाद ही उन्हें आराम मिल जाता है. इसके अलावा इस दवाई के सेवन से थोड़े से मवाद निकलते समय मरीज को दर्द का अनुभव नहीं होता है. - मिरिस्टिका 3x
जिन भगंदर के मरीजों का दर्द हिपर सल्फर खाने के बाद भी कम होता हुआ ना महसूस हो उन लोगों को मिरिस्टिका 3X का सेवन करना चाहिए. इसमें पर्ची दवाई के सेवन से आप तो दर्द तो कम होता ही है. इसके अलावा यह दवा कुछ ही दिनों में रोगी को भैया ने परेशानियों से भी राहत दे सकती है. जिन व्यक्तियों को ज्यादा परेशानी है वो इसका सहारा ले सकते हैं. - सल्फर 30, 200m
भगंदर के पीड़ितों को इस बीमारी से बचने के लिए होम्योपैथिक दवाइयों का सहारा लेना चाहिए. होम्योपैथिक दवाइयों में भी इस बीमारी को दूर करने की क्षमता होती है. भगंदर होने पर जब मलद्वार में सूजन आ जाती है या फिर मल त्याग करते समय गुदा में दर्द उत्पन्न होने लगता है तब आप इस दवाई का सेवन करें. सल्फर 30 दूसरों के सेवन से भगंदर का सूजन और उसका प्रभाव भी कम होता है. इसलिए आप इस दौरान इसका इस्तेमाला करके अपनी परेशानी को काफी हद तक कम कर सकते हैं. - सिलिसिया 200m
भगंदर की बीमारी का उपचार करने के क्रम में सिलिसिया 201 एवं का इस्तेमाल तब करें जब आपको चलने-फिरने अमल त्यागने में अत्यधिक दर्द का अनुभव होने लगे या फिर मलद्वार के पास के फोड़े से तीव्र गंध वाली मवाद निकलने लगे. जैसे ही आप इस दवा का सेवन करेंगे आप देखेंगे कि भगंदर के लक्षण धीरे-धीरे दूर हो रहे हैं. इस प्रकार आप इसके इस्तेमाल से भगंदर की बीमारी से निजात पा सकते हैं.
नोट: - उपरोक्त सभी दवाइयाँ शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए हैं. इसलिए यदि आप इन्हें इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको चिकित्सक से संपर्क करना आवश्यक है. क्योंकि इन दवाइयों के विषय में उचित राय विशेषज्ञ ही दे सकते हैं. अतः आप इसे स्वयं इस्तेमाल करने की गलती न करें.