Black Gram (Urad Dal) Benefits and Side Effects in Hindi - उड़द दाल के फायदे और नुकसान
उड़द की दाल में भी कई तरह के पोषक तत्वों की प्रचुरता होती है. बाजार में उड़द दाल, साबुत, छिलका लगी हुई या बिना छिलके के लिए बिक्री के लिए उपलब्ध होता है. उड़द का वैज्ञानिक नाम विग्न मुंगों है. हमारे यहां इसका उपयोग प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है. भारत और दक्षिण एशियाई देशों की संस्कृतियों में भी इससे बने व्यंजनों की भरमार रही है. उड़द की दाल में पाए जाने वाले विभिन्न तत्वों में विटामिन एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर प्रमुख हैं. आइए उड़द की दाल से होने वाले कुछ प्रमुख फायदे और नुकसान पर एक नजर डालते हैं.
1.शुगर के उपचार में
शुगर से पीड़ित व्यक्ति उड़द की दाल में पाए जाने वाले फाइबर की सहायता से लाभान्वित हो सकता है. फाइबर हाथ में पोषक तत्वों की तीव्रता को विनियमित करने में फायदेमंद होता है. यह हमारे रक्त में इंसुलिन और गोलू के ग्लूकोज का स्तर भी नियमित करने में उपयोगी होता है. शुगर के मरीजों के लिए इंसुलिन और ग्लूकोज का स्तर संतुलित रखना काफी राहत देने वाला होता है.
2. बदन दर्द से राहत में
उड़द की दाल के प्रयोग से आप शरीर के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं. उड़द की दाल में पाए जाने वाले खनिज और विटामिन हमारे उपापचय की प्रक्रिया को बढ़ाते हैं. इसके साथ ही ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके हमारे शरीर से दर्द और सूजन को मिटाने में सहायक होते हैं. इस तरह शरीर के दर्द को भगाने के लिए उड़द की दाल का नियमित सेवन लाभदायक होता है.
3. पाचन की समस्या दूर करने में
उड़द की दाल में पाया जाने वाला फाइबर हमारे जठर तंत्र के किसी भी समस्या से निपट सकता है. दरअसल फाइबर, मल को त्यागने और पेस्टलेटिक गति को प्रोत्साहित करने का काम करता है. उड़द की दाल पेट फूलने, कब्ज, पेट में ऐंठन आदि पेट की समस्याओं को दूर करती है. इसके साथ ही भोजन के पोषक तत्वों को अवशोषित करके भोजन का सम्पूर्ण लाभ प्रदान करती है.
4. हड्डियों को मजबूत करने में
उड़द की दाल में फास्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आदि खनिजों की मौजूदगी हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है. इन तत्वों से हड्डियों में होने वाली टूटन कम होती है. इसके साथ ही हड्डियों का घनत्व भी बरकरार रहता है. कमजोर हड्डियों में मजबूती आ जाने से ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया जैसी समस्याएं भी समाप्त होती हैं. हड्डियों में लचीलापन लाने के साथ ही ये हड्डियों की अन्य समस्याओं की संभावना को भी खत्म करती है.
5. ऊर्जा को बढ़ाने में
उड़द की दाल हमारे शरीर की ऊर्जा स्तर में वृद्धि करती है. इसके साथ-साथ ये जीवन शक्ति की वृद्धि करने का भी एक बेहतर विकल्प साबित होती है. उड़द की दाल में पाया जाने वाला आयरन हमारे शरीर की रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह रक्त कोशिकाएं, हमारे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बनाए रखने में काफी मददगार होती है. ऑक्सीजन का हमारे शरीर में संचरण होने से उर्जा के स्तर में वृद्धि होती है. इससे आयरन की कमी से होने वाले रोगों की संभावना काफी हद तक कम होती है.
6. त्वचा के लिए
उड़द की दाल का प्रयोग हमारे त्वचा को भी स्वस्थ रखने में लाभदायक साबित होता है. उड़द की दाल में मौजूद खनिज और विटामिन हमें सूजन जैसी समस्याओं से निजात दिलाते हैं. इसके अलावा यह ब्यूटी मार्क्स से और त्वचा से संबंधित अन्य समस्याओं से भी छुटकारा दिलाते हैं. त्वचा पर ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में भी उड़द की दाल की भूमिका काफी सकारात्मक होती है. सन बर्न और मुंहासों जैसे लक्षणों को भी उड़द की दाल से नियंत्रित किया जा सकता है.
7. दिल के लिए
उड़द की दाल हमारे हृदय को स्वस्थ रखने में भी फायदेमंद होती है. दरअसल इस में पोटेशियम, मैग्नीशियम, फाइबर आदि जैसे खनिज पदार्थ पाए जाते हैं. जो कि ह्रदय को स्वस्थ रखने में काफी मददगार होते हैं. इससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित किया जाता है.
उड़द की दाल के नुकसान
- उड़द की दाल के सेवन से किसी व्यक्ति के शरीर में यूरिक एसिड की वृद्धि हो सकती है.
- गुर्दे की पथरी और पित्त की पथरी से पीड़ित मरीज इसका सेवन ना करें.
- किसी भी तरह की समस्या होने पर चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें.