ब्रेस्ट कैंसर कैसे होता है - Breast Cancer Kaise Hota Hai!
ब्रेस्ट कैंसर के खतरे महिलाओं में बढ़ते ही जा रहे हैं. इसके लिए ब्रेस्ट कैंसर के बारे में ज़्यादातर महिलाओं का जागरूक न होना भी है. जब कोशिकाओं के विकास को नियंत्रित करने वाले जीन्स में म्यूटेशन हो, तो उससे कैंसर होता है. जींस में होने वाले म्यूटेशंस के कारण कोशिकाओं का गुणन और विभाजन अनियंत्रित और अव्यवस्थात्मक ढंग से होता है. कोशिकाएं गुणन की प्रक्रिया अपनाकर स्वस्थ कोशिकाओं के बदले असामान्य कोशिकाओं के रूप में विकसित होती जाती हैं. इसके परिणामस्वरूप ज़्यादातर स्थितियों में ट्यूमर का निर्माण हो जाता है. ब्रेस्ट कैंसर ब्रेस्ट सेल्स में विकसित करता है. आमतौर पर, कैंसर ब्रेस्ट के लोब्यूल्स या डक्ट्स में बनता है. ये वो ग्लैंड हैं जिनमें दूध बनता है और जो दूध को ग्लैंड्स से निप्पल्स तक पहुँचने का मार्ग प्रदान करती हैं. कैंसर फैटी और फाइब्रस ब्रेस्ट टिश्यू में भी बन सकता है. इसे स्ट्रोमल टिश्यू भी कहा जाता है. अनियंत्रित कैंसर सेल्स स्वस्थ ब्रेस्ट टिश्यू पर अटैक करना शुरू कर देते हैं और बांह के लिम्फ नोड्स तक भी पहुँच सकते हैं. लिम्फ नोड्स कैंसर सेल्स को शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचाने का मुख्य रास्ता हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम जानें कि कैंसर कैसे होता है यानि इसके होने के क्या कारण हैं.
1. पहले ब्रेस्ट कैंसर हो चुका हो-
जिन महिलाओं को पहले ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है, चाहे वह नॉन-इनवेसिव (अन्य सेल्स या टिश्यू तक न फैलने वाला), उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने का जोखिम अन्य महिलाओं की तुलना में ज़्यादा होता है.
2. ब्रेस्ट पर गाँठ होना-
जिन महिलाओं के स्तन पर कैंसररहित गांठें रह चुकी हों, उनमें कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है.
3. ब्रेस्ट में मौजूद टिश्यू-
जिन महिलओं के ब्रेस्ट टिश्यू ज़्यादा घना या ठोस होते हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा अधिक होता है.
4. देर से प्रेग्नेंट होना या प्रेग्नेंट न होना-
30 साल की उम्र के बाद पहला गर्भधारण करने या गर्भधारण न करने से भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
5. मेनोपॉज़ में देरी-
55 की उम्र के बाद मेनोपॉज़ होने से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है.
6. उम्र बढ़ना-
महिला की उम्र बढ़ने से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा भी बढ़ता है. महिलाओं में पाए जाने वाला ब्रेस्ट कैंसर 80% से ज़्यादा स्थितियों में 50 वर्ष से ज़्यादा उम्र की महिलाओं में होता है (मेनोपॉज़ के बाद).
7. जेनेटिक्स
अगर महिला के किसी नजदीकी रिश्तेदार को ब्रेस्ट कैंसर या ओवरी कैंसर है या हो चुका है, तो ऐसी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है. अगर परिवार के दो सदस्यों को ब्रेस्ट कैंसर हो जाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि उनके जीन्स सामान थे जिस वजह से उनको यह कैंसर हुआ हो, क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर एक सामान्य कैंसर है. अधिकांश ब्रेस्ट कैंसर जेनेटिक्स नहीं होते है. जिन महिलाओं में BRCA1 और BRCA2 जीन्स होते हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर या/ और ओवरी कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है. ये जीन्स जेनेटिक हो सकते हैं. TP53 अन्य जीन है जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
8. वक़्त से पहले मासिक धर्म-
जिन महिलाओं में 12 की उम्र से पहले मासिक धर्म शुरू हो जाते हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है.
9. शारीरिक रूप से सक्रिय न होना-
जो महिलाएं ज़्यादा शारीरिक गतिविधियां नहीं करतीं उनमें स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
10.मोटापा-
मोटापा कई बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देता है. जिन महिलाओं का वज़न ज़्यादा है उनमें स्तन कैंसर होने की सम्भावना
ज़्यादा होती है.
11. कॉम्बिनेशन हॉरमोन थेरेपी का प्रयोग-
पांच साल से ज़्यादा समय तक मेनोपॉज़ में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्थान लेने के लिए होर्मोनेस की दवाएं लेने से भी स्तन कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
12. गर्भ-निरोधक दवाएं लेने से-
कुछ गर्भ-निरोधक दवाओं के इस्तेमाल से भी स्तन कैंसर होने के खतरे में वृद्धि होती है.
13. शराब और धूम्रपान के सेवन से-
शराब और धूम्रपान का सेवन हमारे शरीर में कई तरह के बीमारियों का जोखिम बढ़ाने का काम करता है. स्तन कैंसर भी इन्हीं में से एक है.
कुछ नौकरियां भी इसका कारण हैं
महिलाएं जो ऐसी नौकरियां करतीं हैं जिनमें कार्सिनोजेन्स और अंत: स्रावी डिसरप्टर्स में ज़्यादा संपर्क में आने की सम्भावना है, उन महिलाओं में अन्य महिलाओं की तुलना में स्तन कैंसर का खतरा अधिक हो जाता है:
- कृषि सम्बन्धी नौकरियां
- बार या कैसीनो में काम
- ऑटोमोटिव प्लास्टिक विनिर्माण नौकरी
- खाने की कैनिंग सम्बन्धी नौकरियां
- धातु सम्बन्धी काम