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Last Updated: Oct 13, 2019
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ब्रेस्ट में दर्द का इलाज - Breast Me Dard Ka Ilaj!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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ब्रेस्ट में दर्द को मस्‍टालजिया भी कहा जाता है, यह महिलाओं में आमतौर पर होने वाला दर्द है. इस स्थिति में हल्का दर्द, भारीपन, जकड़न, जलन और स्तनों में असहजता होती है. स्तनों का दर्द आमतौर पर साइक्लिक और नॉन साइक्लिक के रूप में बांटा गया है. अगर यह दर्द पीरियड्स से सम्बंधित है तो इसे साइक्लिक मस्‍टालजिया या साइक्लिक ब्रेस्ट पेन कहते हैं. नॉन साइक्लिक ब्रेस्ट दर्द के कारणों की पहचान करना कठिन हो सकता है. यह पीरियड से सम्बंधित नहीं होता है. वास्तव में यह दुग्ध ग्रंथियों में होने वाले परिवर्तनों के कारण होता है. आइए इसके कारणों को समझें.

ब्रेस्ट पेन के कई कारण हो सकते हैं. इसमें दो प्रमुख कारणों में हर्मोने लेवल में उतार चढ़ाव और फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट यानी स्तन में गाँठ होता है.
हर्मोने के कारण होने वाले स्तन दर्द
प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजेन

इस लेख के माध्यम से हम महिलाओं के ब्रेस्ट में होने वाले दर्द के उपचारों पर एक नजर डालें.

1. ब्रेस्ट दर्द में करें बर्फ का इस्तेमाल-
 आइस पैक लगाने से आपके ब्रेस्ट का दर्द कम होगा साथ ही सूजन की परेशानी भी दूर होगी. एक प्लास्टिक बैग में कुछ बर्फ की क्यूब्स रखें और एक साफ़ कपडे के साथ उसे लपेट लें. इस आइस पैक को अपने स्तन पर लगभग 10 मिनट तक लगाकर रखें. जब तक आप कुछ अच्छा महसूस नहीं करते तब तक पूरे दिन में इस प्रक्रिया को दोहराते रहें. सूजन और कोमलता को कम करने के लिए आप गर्म सेक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं या गर्म और ठंडे सेक को बदलकर भी लगा सकते हैं.

नोट - सीधे अपने स्तनों पर बर्फ न लगाए. बर्फ को सूजन या जहां दर्द है वहां हल्का हल्का लगाएं.

2. मसाज है फायदेमंद- 
खुद से ब्रेस्ट पर मालिश करने से सूजन कम होती है साथ ही रक्त परिसंचरण में भी सुधार होता है. इससे आपके स्तन के ऊतकों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है जिसकी वजह से ज़्यादा से ज़्यादा पोषक तत्व आपके ब्रेस्ट तक पहुंच पाते हैं. जब आप नहाते है तो साबुन से अपने ब्रेस्ट पर धीरे धीरे कुछ मिनट के लिए मसाज करें. ब्रेस्ट के बीच और साइड में साबुन से मसाज करें. स्तनपान के दौरान साबुन को निप्पल्स पर न लगाएं. वैकल्पिक रूप से, कपूर के तेल की कुछ बूँदें और गर्म जैतून के तेल की 2 बड़ी चम्मच को एक साथ मिलाएं. अब इस मिश्रण को पूरे दिन में एक या दो बार ब्रेस्ट पर ज़रूर लगाएं. इसके अलावा बराबर मात्रा में खुबानी तेल और गेहूं के बीज का तेल मिलाएं और अपने ब्रेस्ट पर इस मिश्रण से मसाज करें.

3. इलाज है प्रिम्रोस तेल-
प्रिम्रोस तेल में गमोलेनिक एसिड होता है जो एक प्रकार का फैटी एसिड होता है जिससे शरीर में हार्मोनल परिवर्तन की प्रक्रिया अच्छे से होती है. यह असहजता और दर्द की परेशानी को दूर कर देता है. अपने स्तनों पर प्रिम्रोस तेल से कुछ मिनट तक धीरे धीर मसाज करें. इसके अलावा आप इस तेल का इस्तेमाल 3 महीने के लिए प्रतिदिन 240 से 500 मिलीग्राम तक कर सकते हैं लेकिन उससे पहले इस बारे में डॉक्टर से सलाह ले लें.
नोट - अगर आप गर्भवती होने वाली हैं या आपको दौरे पड़ते हैं तो प्रिम्रोस तेल का इस्तेमाल न करें.
 

4. उपाय है चेस्टबेरी-
चेस्टबेरी प्रोलैक्टिन हॉर्मोन के प्रभाव को कम करने में मदद करता है. आप 20 मिलीग्राम ड्राई चेस्टबेरी को निचोड़ लें और उसका पूरे दिन में 1 से 3 बार सेवन ज़रूर करें. आप चेस्टबेरी को एक तरल पदार्थ में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. एक गिलास पानी में 40 बूंदें चेस्टबेरी की मिलाएं और सुबह में एक बार इसे ज़रूर पियें. कम से कम 3 महीने के लिए इनमें से किसी भी उपचार का पालन ज़रूर करें लेकिन सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में जानकरी ले लें.

5. अरंडी का तेल है लाभकारी-
अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड होता है जो ब्रेस्ट के दर्द को दूर करता है. यह परिसंचरण को भी बढ़ाता है ताकि पोषक तत्व कोशिकाओं तक पहुंच सकें और बेकार पदार्थ और अन्य करक शरीर से निकल सकें. एक चम्मच अरंडी का तेल और 2 चम्मच जैतून का तेल मिलाएं. अब इस मिश्रण से अपने ब्रेस्ट पर मसाज करें. इस उपाय को रोज़ाना अपनाएँ. खासकर मासिक धर्म के दौरान.

6. अपनाएं सिंहपर्णी-
सिंहपर्णी स्तनों में असहजता और दर्द को कम करने में मदद करता है. सिंहपर्णी पानी के प्रतिधारण को रोकता है जिससे स्तन का दर्द कम होता है. 15 मिनट के लिए एक कप पानी में 1 चम्मच सूखे सिंहपर्णी को उबाल लें. अब इस मिश्रण को छान लें और इसमें बराबर मात्रा में शहद मिलाएं. इस मिश्रण को तीन कप ज़रूर पियें. आप इस जड़ी बूटी को सप्लीमेंट के रूप में भी ले सकते हैं लेकिन सबसे पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह ले लें.

7. सौंफ का करें प्रयोग-
सौंफ हॉर्मोन को संतुलित रखने में मदद करती है साथ ही पानी के प्रतिधारण को भी रोकती है. यह शरीर में विषाक्त पदार्थों के निर्माण को भी रोकने में मदद करती है. गरम पानी में एक चम्मच सौंफ की मिलाएं. अब उसे ढक दें और दस मिनट के लिए उबलने दें. फिर इस मिश्रण को छान लें और इसे पूरे दिन में कई बार पीने की कोशिश करें. पीएमएस के दौरान होने वाले ब्रेस्ट दर्द के लिए आप रोज़ कुछ भुनी हुई सौंफ भी खा सकती हैं.

8. सेब का सिरका-
सेब का सिरका शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है साथ ही पानी के प्रतिधारण और हार्मोन को नियंत्रित रखता है. इसके सेवन से ब्रेस्ट में दर्द और किसी प्रकार की असहजता महसूस नहीं होती. 1 से 2 चम्मच कच्चे, अनफ़िल्टर्ड सेब के सिरके को गर्म पानी के गिलास में मिलाएं. अब बराबर मात्रा में शहद को डालकर पूरे मिश्रण को अच्छे से मिला लें. इस मिश्रण को पूरे दिन में दो बार ज़रूर पियें.

9. विटामिन ई है स्तन के दर्द का इलाज-
विटामिन ई भी स्तन दर्द के उपचार में सहायक है इससे शरीर में हार्मोनल परिवर्तन को विनियमित करने में मदद मिलती है. जिससे ब्रेस्ट में दर्द और मासिक धर्म के अन्य लक्षणों को कम किया जा सकता है. रोज़ाना 200 से 400 विटामिन ई के इंटरनेशनल यूनिट्स (IUs) का सेवन करने से मासिक धर्म के दौरान होने वाले स्तन का दर्द और असहजता कम होती है. लेकिन सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर से इस बारे में जानकारी ले लें.

10. मैग्नीशियम भगाए ब्रेस्ट का दर्द-
मैग्नीशियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो मासिक धर्म के दौरान ब्रेस्ट में दर्द और असहजता को कम करने में मदद करता है. मैग्नीशियम द्रव प्रतिधारण को कम करने में मदद करता है जिससे स्तनों में दर्द और सूजन कम हो जाती है. मैग्नीशियम से समृद्ध पदार्थ खाएं जैसे कि पत्तेदार साग, सूखे मेवे, सोयाबीन, केले और डार्क चॉकलेट. सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.

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