Buckwheat (Kuttu) Benefits and Side Effects in Hindi - कूटू के फायदे और नुकसान
कूटू का वैज्ञानिक नाम फैगोपाईरम एस्कुलेंटम है. त्रिभुज की आकृति जैसा दिखने वाला कूटू गेहूं के समान ही होता है. भारत में कूटू की उपज हिमालय क्षेत्रों में ही की जाती है. कूटू का इस्तेमाल व्रतों या त्योहारों में विशेषरूप से सबसे ज्यादा किया जाता है. भारत में ये हिमालय के तराई क्षेत्रों में ही उगाया जाता है. दुनिया के अन्य देशों में चीन, रूस, कजाकिस्तान, यूक्रेन आदि में भी कूटू की उपज होती है. व्रत में इस्तेमाल किए जाने का मुख्य कारण कूटू का ऊर्जा में निहित ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत है.
कूटू लस से मुक्त होता है जिसके कारण यह गेहूं और राई का सबसे बेहतर विकल्प माना जा सकता है. जिन लोगों को गेहूं से एलर्जी होती है उनके लिए तो यह एक बेहतर विकल्प होता है. कूटू में पाए जाने वाले खनिज पदार्थों और पोषक तत्वों में मैग्नीशियम फाइबर लोहा और प्रोटीन प्रमुख है. इसके अलावा इसमें 8 तरह के एमिनो एसिड पाया जाता है. आइए कूटू के फायदे और नुकसान के बारे में जानें.
1. हड्डियों के लिए
कूटू का उपयोग हम हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए कर सकते हैं. क्योंकि कूटू में मैग्नीशियम कैल्शियम और फास्फोरस आदि की प्रचुरता होती है. इसके अलावा कूटू हमारे शरीर में ऊतकों के विकास में भी काफी सहायक साबित होता है. इससे ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया जैसी बीमारियों को दूर करने में भी काफी मदद मिलती है.
2. शुगर के उपचार में
कूटू में टैनिन नाम का एक एंजाइम पाया जाता है. यह शरीर से स्टार्च के अवशोषण को रोकता है. इसके अलावा इंसुलिन एवं ग्लूकोज के स्तर को भी नियंत्रित करता है. जिससे शुगर के मरीजों के ग्लूकोज के स्तर में निरंतरता बनी रहती है. यानी ग्लूकोज के स्तर का बढ़ना यह घटना रुक जाता है.
3. ह्रदय से संबंधित विकारों में
फाइबर से समृद्ध कूटू हमारे हृदय को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. क्योंकि इसमें पाया जाने वाला फाइबर हमारे शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को दूर करने में सहायक होता है. इससे हमारे हृदय को स्वस्थ बने रहने में मदद मिलती है. कूटू के सेवन से धमनियों को सख्त होने और दिल के दौरे एवं स्ट्रोक जैसी स्थितियों से भी निजात पा सकते हैं.
4. पाचन तंत्र के लिए
कूटू में पाई जाने वाली फाइबर की भरपूर मात्रा हमारे शरीर के पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करने का काम करती है. दिन में एक बार कूटू के सेवन से हमें पूरे दिन का लगभग 48 प्रतिशत फाइबर प्राप्त हो जाता है. इससे हमारे पाचन तंत्र को तेजी से काम करने में मदद मिलती है. पेट से संबंधित तमाम बीमारियां जैसे सूजन, कब्ज, पेट में दर्द, गैस, दस्त आदि से छुटकारा मिलता है.
5. कैंसर के उपचार में
कूटू का चोकर एंटीऑक्सीडेंट्स का समृद्ध स्रोत है. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर होने की संभावना को काफी हद तक कम करते हैं. क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट्स हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को खत्म करके कोशिकाओं को पुनर्जीवन देने का काम करते हैं.
6. गेहूं के विकल्प के रूप में
कई लोगों को गेहूं खाने से एलर्जी की समस्या आने लगती है. ऐसे में लोगों लोग गेहूं के विकल्प के रूप में कूटू का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से आप सूजन, मतली और जठार तंत्र संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा पा सकते हैं.
7. उर्जा को बनाए रखने में
कूटू का नियमित सेवन हमारे शरीर में ऊर्जा के स्तर को लगातार बनाए रखता है. क्योंकि कूटू में नियत से या विटामिन बी 3 पाया जाता है. जो कि भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करके शरीर तक पहुंचाता है. यही नहीं यह कई पोषक तत्वों को ऊर्जा में बदल कर शरीर में उर्जा के स्तर को बनाए रखता है.
8. मोटापा कम करने में
कूटू का नियमित सेवन मोटापा कम कम करने वाले व्यक्तियों के लिए काफी लाभदायक होता है. कूटू में पाया जाने वाला फाइबर भूख को नियंत्रित करता है. जिससे कि आपको जल्दी जल्दी भूख नहीं लगती है. इसके अलावा इसमें अन्य पोषक तत्वों की भी मौजूदगी होती है.
9. लाल रक्त कोशिकाओं की वृद्धि में
कूटू में पाए जाने वाले खनिज पदार्थों में मैग्नीशियम और कैल्शियम भी होते हैं. इसके अलावा इसमें कॉपर और आयरन भी पाए जाते हैं. जो कि हमारे शरीर में एनीमिया की संभावना को खत्म करते हैं. शरीर में पर्याप्त मात्रा में कॉपर और आयरन की मौजूदगी हमारे रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण को बढ़ाते हैं. जिससे हमारा रक्त संचरण में मदद मिलती है.
कूटू के नुकसान
- जिन्हें इससे एलर्जी है वो लोग कूटू का सेवन न करें.
- ज्यादा पुराने कूटू के आटे का प्रयोग करने से समस्या हो सकती है.
- अधिक मात्रा में कूटू के सेवन से बचें.