Causes of Hearing Loss in Hindi - बहरेपन का कारण
हमारे लिए कान का महत्व काफी ज्यादा है. हलांकि कई लोग ऐसे भी जिनके पास ये विकल्प नहीं है. कुछ लोगों को प्राकृतिक रु से सुनने की क्षमता होती है और कुछ लोग अपनी गलतियों या अन्य कारणों की वजह से सुनने की क्षमता खो बैठते हैं. बहुत हल्के से शुरू होकर सुनने की समस्या धीरे-धीरे यह बहरेपन जैसी गंभीर समस्या बन जाती है. कम सुनाई देना या बिल्कुल भी सुनाई न देना बहरापन कहलाता है. सुनने में परेशानी का मतलब है किसी के द्वारा कुछ भी बोले जाने पर स्पष्ट रूप से समझने में सक्षम ना हो पाना. बहरापन सुनने की समस्या का सबसे उच्च स्तर है. ऐसे लाखों लोग हैं जो बहरेपन से पीड़ित हैं. सुनने की शक्ति ईश्वर द्वारा दिया गया विभिन्न जीवों को एक उपहार है. इसलिए हमें खुद को शिक्षित करना चाहिए कि बहरेपन के क्या कारण हो सकते हैं. इससे उपचार के विकल्पों को चुनने में भी मदद मिलेगी. सुनने में परेशानी के कई कारण हो सकते हैं उम्र बढ़ने के साथ सुनने में समस्या होना स्वाभाविक बात है. कभी-कभी अचानक हुई घटना के कारण भी सुनने में दिक्कत हो सकती है. आइए बहरेपन के कारणों को जानें.
1. आघात
आम तौर पर कई बार परिस्थितियां ऐसी बनती है कि किसी दुर्घटना की वजह से भी बहरेपन की समस्या हो सकती है. अचानक आघात जो सिर या कान की चोट से जुड़ा होता है उससे सुनवाई संबंधी हानि हो सकती है. कुछ लोगों को अचानक से सुनने में कमी का भी अनुभव होता है. इसलिए हमेशा पटाखों और अन्य कई ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए जिससे आपको इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
2. आनुवांशिकी
बहरेपन के कई कारणों में से एक ये भी है कि जहां माता-पिता को सुनने में परेशानी होती है वहाँ उनके बच्चों में भी बहरेपन की समस्या हो जाती है. ऐसे व्यक्तियों को बहरेपन या सुनने में परेशानी होती है जो उम्र के साथ ओर भी खराब हो सकती है. ये जन्मजात बहरापन हो जाता है. इसे न तो रोका जा सकता है और न ही इसका इलाज करके ठीक किया जा सकता है.
3. दवाईयों का असर
दवाइयों के साइड इस्फेक्त कई बार ऐसे होते हैं जो हमें कई तरह की परेशानियों में डाल देते हैं. मधुमेह, उच्च रक्तचाप, एड्स और कुछ दिल और न्यूरोलॉजिकल रोग जैसे कुछ स्वास्थ्य विकारों से भी सुनने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा, कुछ एंटीबायोटिक दवाईयाँ और अन्य दवाईयाँ जैसे कीमोथेरेपी दवा भी कम सुनने के नुकसान का कारण बन सकती हैं. कान के संक्रमण से भी सुनने में परेशानी हो सकती है. कभी-कभी कान में बहुत अधिक मोम का संचय होता है जो अनुचित सुनवाई का कारण बन सकता है. शराब और तंबाकू का अत्यधिक सेवन हानिकारक है और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से यह सुनने की समस्या में शामिल किया जा सकता है.
4. बढ़ती उम्र का असर
ये एक नैचुरल कारण है. इस प्रक्रिया से सबको गुजरना पड़ता है. बढ़ते उम्र के साथ हमारे शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं. आपने शायद यह देखा होगा कि कैसे आपके दादा-दादी को सुनने वाली मशीन के बिना सुनने में कितनी परेशानी होती है. कान के कुछ हिस्सों की क्षति के कारण उम्र से संबंधित बहरापन होना स्वाभाविक है. इस प्रकार का बहरापन काफी आम है.
5. अत्यधिक शोर
हमारे कानों के सुनने की एक निश्चित सीमा होती है. यदि आप इस सिया से बाहर जाएंगे तो आपको कई तरह की परेशानियाँ झेलनी पड़ सकती हैं. निरंतर और लंबे समय तक अत्यधिक शोर के संपर्क में रहने से धीरे-धीरे सुनने में परेशानी हो सकती है. यह बहरेपन की एक शुरुआत हो सकती है. बिना किसी सुरक्षा विकल्प के लंबे समय तक अत्यधिक शोर में रहने से कान को बहुत नुकसान हो सकता है.