Cinnamon (Dalchini) Benefits in Hindi - दालचीनी के फायदे और नुकसान
दालचीनी एक महान आयुर्वेदक जड़ी-बूटी है, जो हमारे रसोई में उपयोग के अलावा एक औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसका उपयोग प्राचीन काल से किया जा रहा है. यह आपके खाने में स्वाद जोड़ने के अलावा पाचन संबंधी समस्या को ठीक करती है और वजन नियंत्रण करने में मदद करता है. यह आपके चेहरे से मुहांसे, फुंसी आदि का भी उपचार करता है. दालचीनी को इसके पेड़ के छाल से बनाया जाता है. इसके छाल और जड़ से तेल भी निकाला जाता है. दालचीनी में कार्बोहायड्रेट,प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और फैट भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते है. इसके एक दो नहीं लगभग 100 किस्म पाई जाती है. इसे आप छाल या पाउडर दोनों जी रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. दालचीनी आपको गठिया का दर्द, संक्रमण विरोधी, कोलेस्ट्रॉल आदि कम करने में उपयोगी है. आइये जानते हैं, दालचीनी के अन्य फायदे और नुकसान.
1. मधुमेह के लिए- दालचीनी मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है. यह विशेष रूप से टाइप-2 मधुमेह के लिए गुणकारी होता है. दालचीनी को लेकर कई शोध किया गए है, जिससे पता लगा है की इसके सेवन से रक्त में ग्लूकोस का स्तर कम होता है. अपने आहार में एक चम्मच दालचीनी पाउडर को मिलाएं और ब्लड में शुगर लेवल को कम करता है. दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते होते है जो संबंधी बिमारियों में सुधार करती है.
2. पेट संबंधी समस्या- दालचीनी पाचन क्रिया में सहायक होता है. यह पेट की गैस को खत्म करता है जिससे पाचन आसान हो जाता है. आप दालचीनी के 2 चुटकी को चूर्ण बना लें और पानी के साथ पीये, जिससे गैस खत्म होती है. आप दालचीनी को एक चम्मच चीनी के साथ भी सेवन कर सकते है.
3. कैंसर से बचाता है- यह कैंसर कोशिकाओं को संचार करने से रोकता है. दालचीनी को जब आप नियमित आहार में शामिल करते है कैंसर के जोखिम को कम करता है.
4. कोलेस्ट्रॉल कम करने में - दालचीनी आपके दिल के स्वास्थ्य के उपयोगी माना जाता है. आप दालचीनी को दिन में कम से कम एक बार अपने कॉफी के साथ पी सकते है. यह आपके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करेगा. इसके अलावा यह आपके ब्लड में ट्राइग्लिसराइड्स और एल.डी.एल.लेवल को कम कर सकती है जो ह्रदय रोग के खतरे को कम कर सकता है.
5. कोलेन में सुधार- दालचीनी में मौजूद फाइबर, कैल्शियम और मैंगनीज खनिज का संयोजन बृहदान्त्र की कार्यक्षमता में प्रभावोत्पादक सुधार ला सकता है. पित्त के निकास से, फाइबर कोलन कोशिकाओं की क्षति को रोकने में मदद करता है, जिससे पेट के कैंसर का खतरा कम हो जाता है. दस्त और कब्ज सहित आई.बी.एस के लक्षणों से राहत पाने में आहार फाइबर बहुत उपयोगी है.
6. हृदय की रक्षा
दालचीनी के विभिन्न एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, यह दिल और उसके आसपास की धमनियों को नुकसान और संक्रमण से बचाने में बहुत प्रभावी है. दालचीनी के उपयोग से शरीर को 'खराब' कोलेस्ट्रॉल से लड़ने में मदद मिलती है, जिसमें कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी कम हो जाता है. इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी आंतरिक ऊतकों में सूजन को ठीक करने और दिल के दौरे और बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं.
7. गठिया के दर्द को कम करने में
दालचीनी ने गठिया दर्द से जुड़े साइटोकिन्स को कम करने के लिए सकरात्मक प्रभाव दिखाए हैं. मरीजों को सुबह-शाम शहद के एक चम्मच के साथ दालचीनी पाउडर का आधा चम्मच मिलाकर खाने से एक हफ्ते के बाद गठिया के दर्द में काफी राहत मिली और वे एक महीने के भीतर दर्द के बिना चल-फिर भी पा रहे थे.
8. परिसंचरण में प्रभावी
दालचीनी में कौमारिन नामक एक यौगिक होता है जिसमें रक्त को पतला करने वाले गुण निहित हैं. इससे पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार आता है. हालांकि, यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि बहुत अधिक कौमारिन लिवर की कार्यशीलता पर प्रभाव डाल सकता है और उसे क्षति भी पहुंचा सकता है.
दालचीनी के नुकसान
- दालचीनी का सेवन करने में स्तनपान करा रही माताओं और गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए.
- दालचीनी का अधिक उपभोग जहरीला हो सकता है और आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है.
- दालचीनी समय से पहले दर्द उत्पान कर सकता है या फिर गर्भाशय को संकुचित कर सकता है.
- कुछ लोगों को दालचीनी से एलर्जी भी हो सकती है.