दही और योगर्ट में अंतर
हमारे घरों में दही का खूब इस्तेमाल होता है। कभी किसी डिश में तो कभी सीधे दही चीनी को लोग बड़ चाव से खाते हैं। पर आजकल योगर्ट भी काफी लोकप्रिय हो चला है। खासकर बच्चो के बीच। अलग अलग फ्लेवर का योगर्ट आइस्क्रीम के ठेलों तक पर उपलब्ध होता है। इसके ढेरों लाभकारी गुणों के कारण माता पिता इसे आइसक्रीम पर तरजीह देते हैं। ऐसे में अकसर ये सवाल मन में उठता है कि दही और योगर्ट में अंतर क्या होता है। भारत में ज्यादातर लोगों को लगता है कि योगर्ट दही का ही अंग्रेज़ी नाम है।पर ऐशा नहीं है दही और योगर्ट में थोड़ा अंतर होता है।तो आइए जानते हैं कि ये अंतर क्या है।
बनाने की विधि में है फर्क
दही और योगर्ट के बीच पहला बुनियादी अंतर इनके बनाने के तरीके में है। लगभग हर भारतीय घर में दही जमाने के लिए दही का ही इस्तेमाल किया जाता है।इसके लिए दूध को गुनगुना कर के उसमें थोड़ा सा जमा हुआ दही मिलाकर कुछ घंटों के लिए छोड़ दिया जाता है। लगभग 4 से 5 घंटों में दही जमकर तैयार हो जाता है। दूसरी ओर योगर्ट को कृत्रिम एसिड के साथ फरमेंट किया जाता है और इसे आमतौर पर आपकी रसोई में नहीं बनाया जा सकता है।
अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा
दही और योगर्ट दोनों में बैक्टीरिया होते हैं। पर योगर्ट में बैक्टीरिया की मात्रा दही की तुलना में काफी अधिक होती है। साथ ही दही में जीवाणुओं की संख्या मिश्रित होती है। जबकि योगर्ट बनाते समय विशिष्ट प्रकार के बैक्टीरिया का उपयोग किया जाता है। दही में कई प्रकार के लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया होते हैं। योगर्ट विशिष्ट जीवाणुओं का उपयोग करके दूध को विशेष रूप से फरमेंट कर के तैयार किया जाता है।
लैक्टोज-असहिष्णु लोगों के लिए वरदान
दुनिया भर में ऐसे लोग हैं जो लैक्टोज असहिष्णु हैं। सरल शब्दों में, इन लोगों को लैक्टोज युक्त दूध उत्पादों से एलर्जी होती है। दही में ताजे दूध की तुलना में कम मात्रा में लैक्टोज होता है। हालांकि, इसकी अत्यधिक अनुशंसा नहीं की जाती है। लैक्टोज-असहिष्णु व्यक्तियों के लिए योगर्ट के सेवन की सलाह दी जाती है। ग्रीक योगर्ट आमतौर पर गाढ़ा होता है और छाछ को छानकर तैयार किया जाता है। पोषण स्रोत के रूप में योगर्ट की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है
अनेक फ्लेवर से भरपूर है योगर्ट
आम तौर पर देसी दही का सेवन बिना किसी स्वाद के किया जाता है। यह अत्यधिक अम्लीय या खट्टा और सफेद रंग का होता है। भारत में ये अकसर चावल या चीनी के साथ खाया जाता है। इसका उपयोग हैदराबादी बिरयानी से लेकर पंजाबी लस्सी तक कई भारतीय व्यंजन बनाने में भी किया जाता है।
दूसरी ओर योगर्ट बहुत सारे फ्रूटी फ्लेवर में उपलब्ध होता है। आप स्ट्रॉबेरी, आम या यहां तक कि चॉकलेट के स्वाद वाला योगर्ट भी ले सकते हैं ।यही कारण है कि बच्चों को योगर्ट बहुत पसंद होता है। विभिन्न व्यंजन बनाने में दही का प्रयोग किया जाता है। योगर्ट रेडी टू कंज्यूम पैक में उपलब्ध होता है।
दही या योगर्ट- कौन है ज्यादा फायदेमंद
दही और योगर्ट दोनों में भरपूर पोषण होता है। सामान्य तौर पर दही आपके शरीर को ठंडक पहुंचाता है। यह मसालों के प्रभाव को बेअसर करता है, जो आमतौर पर भारतीय व्यंजनों में बहुत अधिक होते हैं। दूसरी ओर योगर्ट प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है।योगर्ट कई प्रकार के होते हैं जिनमें दही की तुलना में दोगुना प्रोटीन होता है। दही और योगर्ट दोनों ही विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं जो शरीर के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। ये पदार्थ वृद्ध लोगों में गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों की रोकथाम में सहायता करते हैं। दही में उच्च मात्रा में कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है जो आपकी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है।वहीं योगर्ट प्रोटीन की अच्छाइयों से भरा होता है।
योगर्ट के अन्य गुण
- जानकार बताते हैं कि योगर्ट में पैंटोथेनिक एसिड या विटामिन बी5, प्रोटीन, पोटेशियम और मोलिब्डेनम होता है।योगर्ट में प्रोटीन की अधिक मात्रा इसे वजन घटाने के अनुकूल बनाती है।
- इसके अलावा योगर्ट में पोटेशियम की मात्रा भी काफी होती है जिसके कारण यह उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है।
- योगर्ट में बड़ी मात्रा में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो आंतों को स्वस्थ बैक्टीरिया प्रदान करते हैं। एक स्वस्थ आंत का अर्थ है अच्छा समग्र स्वास्थ्य, और बेहतर पाचन। योगर्ट में प्रोबायोटिक्स की अधिक मात्रा एक व्यक्ति को लंबे समय तक जीने में मदद कर सकता है।
दही के अन्य गुण
- बात दही की करें तो दही भी पाचन में सुधार करने में मदद कर सकता है। दही में मौजूद पोषक तत्वों को पाचन तंत्र में आसानी से अवशोषित किया जा सकता है। शोध बताते हैं कि दही एच. पाइलोरी संक्रमण को ठीक करने में मदद कर सकता है जो कि पेप्टिक अल्सर का प्रमुख कारण है। दही में अच्छे बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। साथ ही दही कैल्शियम और फास्फोरस का समृद्ध स्रोत है। इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करना आपके दांतों और हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
- त्वचा की देखभाल के लिए दही का इस्तेमाल किया जा सकता है। आप इसमें बेसन और नीबू का रस मिलाकर दही का फेसपैक बना सकते हैं। दही का फेस पैक आपको ग्लोइंग स्किन पाने में मदद कर सकता है।
- दही आपके बालों के लिए भी अच्छा है और लैक्टिक एसिड के जीवाणुरोधी गुणों के कारण रूसी को कम करने में मदद कर सकता है। आपको बस एक कटोरी में दही को फेंटना है और बालों पर हेयर मास्क की तरह लगाना है। इसे लगभग आधे घंटे तक लगा रहने दें और माइल्ड शैम्पू से धो लें। प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए इसका नियमित रूप से उपयोग करें।
डैंड्रफ से छुटकारा पाने के लिए दही को बालों में हेयर मास्क के रूप में लगाया जा सकता है