अवसाद ने घेर रखा है, तो उम्मीद मत छोडिए, डटकर करें मुकाबला
डिप्रेशन या अवसाद आजकल एक आम समस्या हो गई है। हम जितना अधिक गैडेट्स से घिरते चले जा रहे हैं हमारी दुनिया उतनी ही छोटी और एकाकी होती जा रही है। ऐसे में क्या युवा ,क्या व्यस्क सभी अवसाद का शिकार आसानी से हो जाते हैं। अवसाद आपकी ऊर्जा को खत्म कर सकता है, जिससे आप खाली और थका हुआ महसूस कर सकते हैं। इससे इलाज कराने की ताकत या इच्छा जुटाना मुश्किल हो सकता है।हालांकि अगर कोशिश की जाए तो इससे बाहर आना कोई मुश्किल काम नहीं। बस आपको थोड़े धैर्य ,थोड़ी इच्छाशक्ति और लाइफस्टाइल में बदलाव की ज़रूरत है।
1. अपनी स्थिति को स्वीकारें
सबसे पहले तो इस बात का सामना करना ज़रूरी है कि आप अवसादग्रस्त हैं। आपके इलाज का यही पहला कदम होना चाहिए।एक बार अवसाद के बारे में स्वीकार्यता आने के बाद आप खुदो को तैयार करें कि आपको इससे बाहर आना है। इस बात के महत्व को जाने कि ये आपके और आपके परिवार और दोस्तों के लिए कितना महत्वपूर्ण है कि आप सामान्य हो सकें। आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति और करीबी लोगों का साथ आपको गहरे से गहरे अवसाद से बाहर ला सकता है।
2. व्यायाम अपनाएं
अगर आप हल्का फुल्का व्यायाम करने के लिए तैयार हैं, तो घर के आसपास टहलने पर विचार करें। हालांकि हो सकता है कि आपका बिस्तर से निलने का मन भी ना करे।पर व्यायाम और शारीरिक गतिविधि अवसाद के लक्षणों को कम करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकती है।कई बार व्यायाम अवसाद के लक्षणों को दूर करने के लिए दवा के रूप में प्रभावी हो सकता है।
3. आज कल का सूचक नहीं है
आंतरिक भावनाएं और विचार दिन-प्रतिदिन बदल सकते हैं।अपनी भावनाओं को एक डायरी में लिख डालें ।यदि आप आज बिस्तर से उठने या अपने लक्ष्यों को पूरा करने में असफल रहे हैं, तो याद रखें कि आप कल फिर से प्रयास कर सकते हैं। ये समझ लें कि कुछ दिन कठिन होंगे, वहीं कुछ दिन कम कठिन भी होंगे। कल की नई शुरुआत के लिए तत्पर रहने का प्रयास करें।
4. भावनाओं को टुकड़ों में आंकें
मुश्किल यादें अवसाद को बढ़ा सकती हैं। आप उन चीजों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जो आपको खुशी की याद दिलातें हैं। अच्छे को पहचानने के लिए खुद को पुश करें। अपने सुखद दिनों या यादों को डायरी में लिखने से आपको अच्छा महसूस होगा।उन लोगों के बारे में सोचिए जो आपके साथ हमेशा हे औऱ आपकी मदद के लिए आगे आए।
5. डिप्रेशन वॉयस' जो सुझाव देती है, उसके विपरीत करें
आपके सिर में आने वाले नकारात्मक विचारों से दूर रहें।आप इसे डिप्रेशन वॉयस का नाम भी दे सकते हैं। यदि कहीं बाहर जाने है औऱ आपकी डिप्रेशन वॉयस आपको बाहर जाने से रोक रही है तो उसे नज़रअंदाज़ कर खुद को बाहर जाने को प्रेरित करें। इससे आपको बेहतर महसूस होगा।
6. छोटे लक्ष्य निर्धारित करें
कार्यों की एक लंबी सूची संकलित करने के बजाय, छोटे लक्ष्य निर्धारित करने पर विचार करें। इन लक्ष्यों को निर्धारित करना और पूरा करना नियंत्रण और उपलब्धि की भावना प्रदान कर सकता है, और प्रेरणा के साथ मदद कर सकता है। इन लक्ष्यों में बिस्तर से निकलकर पौधों को पानी देना शामिल कर सकते हैं । किताब पढ़ने की कोशिश कर सकते हैं।
7. अपने प्रयासों को पुरस्कृत करें
अपने लक्ष्य पूरे होने पर खुद को ईनाम देना ना भूलें। जब आप कोई लक्ष्य प्राप्त करते हैं, तो उसे पहचानने की पूरी कोशिश करें। अपनी खुद की सफलताओं को पहचानना अवसाद के नकारात्मक वजन के खिलाफ एक बहुत शक्तिशाली हथियार हो सकता है।
8. कुछ ऐसा करें जो आपको पसंद हो
अवसाद आपको कुछ बेहतर करने से रोक सकता है । पर आप उसे भुलाकर कुछ ऐसा करें जो आपको पसंद हो। जो आपके लिए आनंददायक या सार्थक हो। जैसे संगीत सुनना , पेंटिंग करना, लंबी वॉक या बाइक चलाना हो सकता है। सार्थक गतिविधियों में खुद को व्यस्त रखने से आपके मूड में एक लिफ्ट आ सकता है, जो आपको अवसाद से बाहर लाने में मददगार हो सकता है।
9. प्रकृति में समय बिताएं
प्रकृति में समय बिताने से व्यक्ति के मूड पर एक शक्तिशाली प्रभाव पड़ सकता है। जानकार मानते हैं कि प्रकृति में समय बिताने से अवसादग्रस्तता के लक्षणों में सुधार हो सकता है। प्राकृतिक स्थानों में समय बिताना मूड और अनुभूति में सुधार कर सकता है, और मानसिक स्वास्थ्य विकारों के जोखिम को कम कर सकता है। खाने के बाद या शाम के समय पार्क ये कही आसपास प्राकृतिक माहौल में जाने का प्रयास करें।इससे मन शांत होता है औऱ सकारात्मक ऊर्जा आती है।
10. अपनों के साथ समय बिताएं
अवसाद आपको खुद को अलग-थलग करने और उन लोगों से दूर जाने के लिए प्रेरित कर सकता है जिन्हें आप प्यार करते हैं और भरोसा करते हैं, लेकिन उनसे मिलने पर आप अपने मन की बात उनसे साझा कर सकते हैं।यदि आप व्यक्तिगत रूप से एक साथ समय बिताने में असमर्थ हैं, तो फ़ोन कॉल या वीडियो चैट भी सहायक हो सकते हैं। अपने आप को याद दिलाने की कोशिश करें कि ये लोग आपकी परवाह करते हैं। यह महसूस करने से बचें कि आप एक बोझ हैं।
11. पूरी तरह से कुछ नया करने की कोशिश करें
जब आप दिन-ब-दिन एक ही काम करते हैं, तो आप अपने दिमाग के उन्हीं हिस्सों का इस्तेमाल करते हैं। नई चीजें करना आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और आपके सामाजिक संबंधों को मजबूत करने के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इन लाभों को प्राप्त करने के लिए किसी नए खेल की शुरुआत कर सकते हैं या कोई रचनात्मक कक्षा लेने।आप चाहें तो कोई नई डिश बनाना या नृत्य सीखने पर विचार कर सकते हैं।
12. मेडिटेशन का अभ्यास करें
ध्यान या मेडिटेशन की शुरुआत करने से आपके विचारों को सकारात्मक बनाने में मदद मिल सकती है। तनाव और चिंता आपके अवसाद के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। मेडिटेशन से आपको तनाव कम करने और अपने दिन में अधिक आनंद और संतुलित बनाने में मदद मिल सकती है। जानकार मानते हैं कि ध्यान, योग, गहरी सांस लेने जैसी गतिविधियों से आपको अपनी भलाई की भावना में सुधार करने में मदद मिल सकती है और आपके आस-पास जो हो रहा है उससे अधिक जुड़ाव महसूस कर सकते हैं।
13. अपने आहार का आंकलन करें
आप जो भोजन लेते हैं वह आपका भावनाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। कुछ लोग चीनी, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचने पर बेहतर महसूस करते हैं और अधिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं। अपने आहार में लीन मीट, सब्जियां और अनाज से भरपूर आहार खाना शामिल करें। कैफीन, कॉफी और सोडा जैसे उत्तेजक पदार्थों और शराब जैसे अवसाद बढ़ाने वाली चीज़ों को सीमित करने का प्रयास करें।
14. ड्रग्स और अल्कोहल को सीमित करने पर विचार करें
ड्रग्स या अल्कोहल जैसे पदार्थ उदासी की भावनाओं को बनाए रखने में योगदान कर सकते हैं। आप अपने अवसादग्रस्त लक्षणों में मदद करने के लिए शराब और अन्य पदार्थों के उपयोग को सीमित करने या उससे बचने पर विचार कर सकते हैं।
15. पर्याप्त नींद लें
नींद की गड़बड़ी अवसाद में आम बात है। हो सकता है कि आपको अच्छी नींद न आए या आप बहुत ज्यादा सोएं। दोनों अवसाद के लक्षणों को बदतर बना सकते हैं। प्रति रात 8 घंटे सोने का लक्ष्य रखें। स्वस्थ नींद की दिनचर्या में शामिल होने का प्रयास करें। हर दिन एक ही समय पर बिस्तर पर जाना और जागना आपको अपने दैनिक कार्यक्रम में मदद कर सकता है। उचित मात्रा में नींद लेने से आपको पूरे दिन अधिक संतुलित और ऊर्जावान महसूस करने में मदद मिल सकती है।
16. अपनी भावनाओं की वैधता को स्वीकार करें
अवसाद के कठिन लक्षणों से निपटने के लिए अपनी भावनाओं को दबाना एक रणनीतिक तरीके की तरह लग सकता है। लेकिन यह तकनीक अंततः अस्वस्थ और अप्रभावी है। यदि किसी दिन आप बेहद डिप्रेस्ड हैं तो इसे स्वीकार करें। भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अपना ध्यान उन गतिविधियों में शामिल करने की कोशिश करें जो मददगार हों।अवसादग्रस्त लक्षणों के उतार चढ़ाव को महसूस करना आत्म-उपचार और आशा दोनों के लिए मददगार हो सकता है।
17. विशेषज्ञ से मिलने पर विचार करें
आप जिस दौर से गुजर रहे हैं, उसके बारे में किसी पेशेवर से बात करना भी आपके लिए मददगार हो सकता है। एक सामान्य चिकित्सक आपको किसी विशेषज्ञ के पास भेज सकता है।वे आपके लक्षणों का आकलन कर सकते हैं और आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप नैदानिक उपचार योजना विकसित करने में मदद कर सकते हैं। इसमें विभिन्न विकल्प शामिल हो सकते हैं, जैसे कि दवा और चिकित्सा।
आपके लिए सही उपचार खोजने में कुछ समय लग सकता है, इसलिए अपने डॉक्टर से इस बारे में खुलकर बात करें कि कौन सा तरीका काम कर रहा है और क्या नहीं कर रहा । सबसे अच्छा विकल्प खोजने के लिए वे आपके साथ मिलकर काम करेंगे।जिससे आपकी समस्या का समाधान निकल सके।