दिमाग की कमजोरी के लक्षण और इलाज़ - Dimag Ki Kamzori Ke Lakshan Aur Ilaj in Hindi
कई कारणों से दिन-प्रतिदिन हमारी जीवनशैली में लगातार बदलाव का असर हमारे दिमाग पर भी पड़ा है. पिछले कुछ वर्षों में कई लोगों में दिमागी कमजोरी की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं. हमारी जीवन शैली में में आने वाले बदलावों के कारण हमारे सोचने और काम करने की प्रक्रिया में भी परिवर्तन आया है. आजकल हम देखते हैं कि आधुनिक समाज में हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से किसी भी कीमत पर आगे निकलना चाहता है. आप अपने चारों तरफ देखेंगे तो पता चलेगा कि हर तरफ आगे बढ़ने की होड़ लगी है. इन्हीं सब कारणों से हमारे मस्तिष्क पर अतिरिक्त भार पड़ता है.
अब हालत ये है कि कम उम्र के लोग भी तनाव से ग्रसित हैं. कई बार आदमी का दिमाग कमजोर पड़ने लगता है. इसकी वजह से समस्या कई बार इतनी गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति के मस्तिष्क में दौरे पड़ने लगते हैं. इस वजह से व्यक्ति अपने हर एक काम के लिए दूसरों पर निर्भर हो जाता है. उसे बोलने, पढ़ने, लिखने, समझने में दिक्कत आती है. साथ ही व्यक्ति की याद्दाश्त भी कमजोर होने लगती है.
आइए इस लेख के माध्यम से दिमागी कमजोरी को विस्तारपूर्वक समझें.
क्या है दिमागी कमजोरी - Dimag Ki Kamzori Kya Hoti Hai
दिमाग को सही ढंग से काम करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन चाहिए होता है. यदि दिमाग की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन या अन्य पोषक तत्वों की प्रयाप्त मात्रा नहीं पहुंचती है तो मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित होती है. जो दिमागी कमजोरी के रूप में सामने आता है. यदि दिमाग के किसी प्रमुख हिस्से में रक्त पहुंचाने वाली कोशिका में थक्का जम जाए तो, इस तरह की समस्या होती है. जब भी दिमाग का दौरा पड़ता है, तो एक मिनट के भीतर ही सभी प्रभावित कोशिकाएं दम तोड़ने लगती हैं. ऐसी स्थिति मे मरीज अपनी देखभाल तक करने लायक नहीं रहता. उसमें हिलने की भी शक्ति नहीं रहती.
दिमागी कमजोरी के लक्षण - Dimag Ki Kamzori Ke Lakshan
हाथों-पैरों या चेहरे में अचानक झुनझुनाहट महसूस होना या कमजोरी आना. शरीर के एक तरफा हिस्से में लकवा भी आ सकता है. समझने या बोलने में एकाएक रुकावट आना. एक या फिर दोनों आंखों से दिखने में दिक्कत आना. चक्कर आना, चलने में परेशानी होना. शरीर को संतुलित रखने में परेशानी आना. गंभीर मरीज का बेहोशी में जाना. बिना किसी वजह के सिर में तेज दर्द उठना. किसी व्यक्ति में अगर ऐसा कोई लक्षण दिखे तो उसे तुरंत ही किसी न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए. ऐसे परिस्थिति में समय की बहुत कीमत होती है. जरा सी भी लापरवाही आपको अपनी जान देकर चुकानी पड़ सकती है.
दिमागी कमजोरी के कारण - Dimag Ki Kamzori Ke Karan
यह बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है. लेकिन यह ऐसे लोगों में अधिक होती है, जिन्हें धूम्रपान या तंबाकू की आदत होती है और जिन लोग को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज आदि बिमारी होती है. इसके अलावा जो लोग व्यायाम नहीं करते, ज्यादा घी- तेल खाने वालों में, मोटे लोगो में, तली हुई व चर्बीयुक्त पदार्थ अधिक खाने वालों और ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में भी यह परेशानी होती है. आनुवंशिकता और तनाव भी इस बिमारी के काफी बड़े कारण है.
दिमागी कमजोरी से बचाव - Dimag Ki Kamzori Se Bachav Aur Ilaj
इस बिमारी को दूर करने के लिए मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव को कम करके गतिहीनता को दूर किया जाता है. रोज़ाना एक्सरसाइज़ से भी फायदा पहुंचता है. लेकिन यह उपाय मरीज को पूरी तरह ठीक नहीं कर पाते. इसलिए डाक्टर रोगी की हालत व गतिहीनता को देखकर उपचार करते हैं. खानपान की आदतों में भी कुछ बदलाव करके इस बीमारी के जोखिम को घटाया जा सकता है. खाने में फलों और हरी सब्जियां को शामिल करें. अधिक वसा, चिकनाई वाले खाद्य पदार्थो व जंक फूड्स से दूर रहें. चीनी व नमक का कम उपयोग भी सहायता करता है. वजन कंट्रोल करने के लिए सुबह टहलने की आदत डालें.