Side Effects of Doing Masturbation - हस्तमैथुन के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव
हस्तमैथुन आमतौर पर मैस्टरबेशन शब्द से ज्यादा प्रचलित है। मैस्टरबेशन को लेकर हर किसीके अपने निजी ख्याल है। कुछ लोग इसे गलत समझते हैं, कुछ लोग सही, कुछ लोग फायदेमंद, तो कुछ लोग नुकसानदायक मानते हैं और यह एक ऐसा विषय है, जिसे जानते लगभग सब हैं या यूँ कहें कि हर किसी के मन में इस विषय को लेकर जिज्ञाशाएं हिलोरे मारती रहती हैं। पर इसके बारे में खुलकर बोलने की पहल बहुत कम लोग करते हैं। इस विषय को गुप्तांगो की तरह मन में दबाए फिरते हैं।
असल में मैस्टरबेशन व्यक्ति की कामुकता पर काबू पाने का एक सामान्य तरीका है। वैसे तो लोग इसके बारे में बात करने में बेहद शर्माते हैं पर इसके ठीक उलट आंकड़े बताते हैं कि 95 पर्सेंट पुरुष और 89 पर्सेंट महिलाएं लगभग रोजाना मैस्टरबेशन करती हैं। हस्तमैथुन को से सम्बन्धित सबसे पहला सवाल ये है कि क्या यह एक नेचुरल एक्टिविटी है?
चिकित्सकीय दृष्टि से देखें तो यह एक सामान्य प्राकृतिक क्रिया है। महर्षि वात्स्यायन ने भी आज से लगभग 1600 साल पहले रचित अपने ग्रंथ 'कामसूत्र' में इसका जिक्र किया है। कामसूत्र के मुताबिक़ हस्तमैथुन, मैथुन का ही एक प्रकार है। 'हस्त' यानी हाथ और 'मैथुन' यानी संभोग अर्थात हाथ से किया जाने वाला मैथुन।
संभोग के दौरान पुरुष लिंग योनि मार्ग में जो क्रिया करता है, हस्तमैथुन के दौरान लिंग वही क्रिया हाथ में करता है। हस्तमैथुन करते वक्त हथेली योनि की शक्ल में मुड़ी होती है। उसमें लिंग के प्रवेश व निकास की क्रिया ठीक वैसी ही होती है, जैसे संभोग के दौरान योनि में।विशेषज्ञों का मानना है कि हस्तमैथुन एक स्वस्थ सेक्स जीवन का अहम हिस्सा है। हस्तमैथुन हाथ या अन्य किसी चीज़ से यौन आनंद पाने का तरीका होता है।
हस्तमैथुन के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव - Hastmaithun Karne Ke Nuksan in Hindi
- हाँ एक बात पर गौर करने की जरूरत है, जैसा की किसी भी चीज़ की अत्ति अच्छी नहीं होती उसी तरह हस्तमैथुन को भी नशीली चीजों की तरह लत नहीं बनानी चाहिए। अमूमन हस्तमैथुन करने से पुरुषों को घाव जैसा कुछ होने की संभावना नहीं होती पर महिलाएं हस्तमैथुन सावधानी से करें तो बेहतर है। कई बार सुनने में यह बात जरुर आती है की बहुत ज्यादा हस्तमैथुन करने से योनी और लिंग भाग के ऊपरी हिस्से में कुछ समय के लिए जलन होने लगती है। हस्तमैथुन से कोई विशेष नुकसान नहीं है पर इसकी खासियतें कई हैं।
- हस्तमैथुन के बारे में सबसे मजेदार बात यह है इस एक्टिविटी यानि हस्तमैथुन किसीको सिखानी पडती। युवा अवस्था में शरीर में होने वाले बदलावों के साथ सेक्स की तरफ झुकाव बढ़ने के पड़ाव पर यह कला खुद आजाती है, जिससे पार्टनर के ना होने पर या वैसे भी अपनी सेक्सुअल डिजायर को पूरा करते हुए एन्जॉय किया जाता है।
- मैस्टरबेशन के दौरान धड़कन बढ़ जाती है। ब्लड का फ्लो भी बढ़ता है और मसल में सख्ती आती है। इन सारी शारीरिक प्रक्रियाओं के कारण तनाव से मुक्ति मिलती है। जैसे कि आप सेक्स के बाद राहत और तनाव से मुक्त महसूस करते हैं
- जब आप मैस्टरबेशन के दौरान क्लाइमेक्स पर होते हैं, तब एंडोर्फिन हॉर्मोन्स रिलीज होता है। इस हॉर्मोन्स के रिलीज के बाद आपकी बेचैनी खत्म होती है और आपको मानसिक शांति मिलती है।
- अपनी कामुकता को काबू में रखने के लिए मैस्टरबेशन पूरी तरह से सेफ प्रक्रिया है। और यह एक्टिविटी ज्यादातर यंग एज में की जाती है जब व्यक्ति की प्रेमिका या पत्नी नहीं होती ऐसे में वह खुद सेक्सुअल एक्टिविटी करते गलत काम करने या गलत लोगों से संभोग कर संक्रमित रोगों के चपेट में आने से बच जाता है।
- अगर पुरुष या महिला सेक्सुअली डिसफंक्शन से पीड़ित हैं तो मैस्टरबेशन से कई चीजें समझ सकते हैं। यदि पुरुषों में सेक्स के दौरान वक्त से पहल स्पर्म गिरने की प्रॉब्लम है तो मैस्टरबेशन को लर्निंट टूल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। आप इसमें सीख सकते हैं कि खुद पर नियंत्रण कैसे पाया जाता है।
- जब आप सेक्सुअल क्लाइमेक्स पर होते हैं और फील गुड जोन में पहुंच जाते हैं तो इसका मतलब यह हुआ कि हॉर्मोन्स निकल चुके हैं। जब ऑक्सिटॉक्सिन और एंडोर्फिन हॉर्मोन्स रिलीज हो जाते हैं, तब आप फील गुड जोन में होते हैं। मैस्टरबेशन के दौरान इन हॉर्मोन्स के निकल जाने के बाद आप बेफिक्र होकर बिना किसी बेचैनी के सोते हैं, इसलिए अच्छी नींद के लिए मैस्टरबेशन करें।
औसत देखा जाए तो हफ्ते में तीन बार ठीक है, सामान्य तौर पर अगर आपकी आदत है हस्तमैथुन करने की है तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं और आगे भी अपनी यह हेल्दी आदत बनाएं रखें, पर हाँ अगर आप दिनरात इसीमें डूबे रहते हैं या इसकी लत ज्यादा होने के कारण आपकी रूचि आपके पार्टनर में ना रह जाए, तब आपको किसी सेक्सॉलजिस्ट से सम्पर्क करना चाहिए।