इओसिनोफिलिया के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार |
इओसिनोफिलिया एक ऐसी स्थिति है जब आपके रक्त में इओसिनोफिल के सामान्य स्तर से अधिक पाया जाता है। इओसिनोफिल्स एक प्रकार की बीमारी से लड़ने वाली श्वेत रक्त कोशिका हैं। इसे कई बार सामान्य भाषा में स्नोफीलिया कहा जाता है। यह स्थिति अक्सर परजीवी संक्रमण, एलर्जी प्रतिक्रिया या कैंसर का संकेत देती है।
आपके रक्त में उच्च स्तर के इओसिनोफिल्स कई जगहों पर पाए जा सकते हैं खून में (रक्त इओसिनोफिलिया) या संक्रमण या सूजन (ऊतक इओसिनोफिलिया) के स्थान पर ऊतकों में भी हो सकते हैं।
ऊतक इओसिनोफिलिया लैब टेस्ट की प्रक्रिया के दौरान लिए गए नमूनों में या कुछ तरल पदार्थों के नमूनों में पाया जा सकता है, जैसे कि नाक के ऊतकों से निकलने वाला बलगम। यदि ऊतक इओसिनोफिलिया हो तो भी रक्तप्रवाह में इओसिनोफिल का स्तर सामान्य होने हो सकता है।
आज हम इस लेख में इओसिनोफिलिया के लक्षणों और कारणों पर चर्चा करेंगे। साथ ही साथ इसका निदान और उपचार कैसे किया जा सकता है पर भी विमर्श करेंगे।
इओसिनोफीलिया के कारण
इओसिनोफिल्स आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में दो भूमिका निभाते हैं:
- इओसिनोफिल्स शरीर पर हमला करने वाले संक्रमण परजीवी या विदेशी पदार्थों को नष्ट करना। ये विदेशी पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। वे परजीवी संक्रमण से संबंधित पदार्थों से लड़ते हैं जिन्हें इम्यून सिस्टम पहचान कर नष्ट करने का निर्देश देता है।
- सूजन को नियंत्रित करना- इओसिनोफिल्स सूजन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं, जो प्रभावित या संक्रमित जगहों को अलग करने और नियंत्रित करने में लाभकारी भूमिका निभाता है। लेकिन कभी-कभी सूजन आवश्यकता से अधिक हो सकती है, जिससे परेशानी के लक्षण हो सकते हैं या ऊतक क्षति भी हो सकती है। उदाहरण के लिए, इओसिनोफिल अस्थमा और एलर्जी के लक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे कि हे फीवर। अन्य प्रतिरक्षा प्रणाली विकार भी चल रही (पुरानी) सूजन में योगदान कर सकते हैं।
इओसिनोफिलिया तब होता है जब आपके शरीर में एक विशिष्ट साइट पर बड़ी संख्या में इओसिनोफिल बढ़ जाता है या जब अस्थि मज्जा बहुत अधिक इओसिनोफिल पैदा करता है। यह विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
कई स्थितियों के कारण आपके रक्त में इओसिनोफिल की संख्या बढ़ जाती है। कुछ स्थितियां, जैसे मौसमी एलर्जी, अस्थमा और दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया बहुत आम हैं। यह स्थितियां बहुत गंभीर नहीं होती हैं। संक्रमण, विशेष रूप से परजीवियों से, इओसिनोफिलिया को भी जन्म दे सकता है। प्रतिरक्षा प्रणाली में समस्याएं भी इओसिनोफिलिया का कारण बन सकती हैं, जिसमें ऑटोइम्यून रोग जैसे इंफ्लेमेटरी बाउल रोग, ऑटोइम्यून मायोकार्डिटिस, वास्कुलिटिस और सारकॉइडोसिस शामिल हैं। इन कोशिकाओं को अनुपयुक्त बनाने वाले रक्त कैंसर भी ईोसिनोफिलिया का कारण बन सकते हैं। आनुवंशिक परिवर्तन जो वंशानुगत होते हैं वो भी इओसिनोफिलिया का कारण बन सकते हैं।
एटोपी
एटोपी एक प्रकार की प्रतिक्रिया है जो शरीर में होती है। आमतौर पर, एटोपी अस्थमा, मौसमी एलर्जी (एलर्जिक राइनाइटिस भी कहा जाता है), और एक्जिमा को संदर्भित करता है। किसी के लिए इनमें से एक से अधिक चिकित्सीय स्थितियों का होना असामान्य नहीं है, क्योंकि वे संबंधित हैं। ये हल्के से मध्यम इओसिनोफिलिया के कुछ सबसे सामान्य कारण हैं, खासकर जब एक बच्चे में इओसिनोफिल अधिक होता है। इसी तरह, खाद्य एलर्जी से भी ईोसिनोफिल की संख्या बढ़ सकती है।
इओसिनोफिलिक एसोफैगिटिस
इओसिनोफिलिक एसोफैगिटिस (ईओई) एक विकार है जो ईओसिनोफिल द्वारा एसोफैगस में फैलता है। यह एक टिश्यू इओसिनोफीलिया है। ईओई से पीड़ित लोगों में से लगभग 50 प्रतिशत के रक्त में ईोसिनोफिल की संख्या भी बढ़ जाती है।
कैंसर
कई कैंसर हैं, विशेष रूप से रक्त कैंसर, जो इओसिनोफिल की संख्या बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा लिंफोमा, ल्यूकेमिया, कोलोरेक्टल कैंसर,फेफड़ों का कैंसर भी एक बड़ी वजह हो सकती है।
इओसिनोफीलिया के लक्षण
यदि कोई इओसिनोफिलिया से ग्रस्त है, तो लक्षण बढ़े हुए इओसिनोफिलिया कितना बढ़ा है इसकी गिनती के हिसाब से हो सकते हैं। इओसिनोफिल की गिनती ही लक्षणों को निर्धारित करती है। यदि इओसिनोफिल की संख्या थोड़ी बढ़ गई है तो आपको कोई लक्षण नहीं हो सकता है। वरना कुछ लक्षण निम्न प्रकार के हो सकते हैं।
- खरोंच
- खुजली
- डायरिया, पैरासाइट संक्रमण के मामले में
- दमा
- बहती नाक, खासकर अगर एलर्जी से जुड़ी हो
- एक पुरानी इओसिनोफिलिया खांसी
- सांस फूलना या सीढ़ियां चढने में हलकी सांस फूलना
- अगर आपको ईसोफेगस में टिश्यू इओसिनोफिलिया है तो आपको खाना निगलने में तकलीफ हो सकती है
- इसके अलावा उल्टी लगना
- भोजन फंस जाना
- सीने में जलन होना
- एंटासिड का असर ना होना भी हो सकता है।
इओसिनोफिलिया के प्रकार
इओसिनोफिलिया को इओसिनोफिल की संख्या (एब्सॉल्यूट इओसिनोफिल काउंट) द्वारा वर्गीकृत किया जा सकता है।
- माइल्ड: 500 - 1500 सेल प्रति माइक्रोलीटर (एमसीएल)
- माडरेट: 1500 - 5000 सेल/एमसीएल
- गंभीर: 5000 से अधिक सेल/एमसीएल
ईलाज
अब तक हम जान चुके हैं कि इओसिनोफिलिया बढ़े हुए इओसिनोफिल गिनती के लिए चिकित्सकीय शब्द है। इओसिनोफिल्स एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका हैं। इसका स्तर बढ़ना एक अंदर ही अंदर विकसित हो रही स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सुझाव दे सकता है। इओसिनोफिलिया की पहचान के बाद,डाक्टर कारण की पहचान करने की दिशा में काम करना शुरू करते हैं।
कभी-कभी, इसके लिए हेमेटोलॉजिस्ट के पास रक्त की जांच करानी पड़स कती है। यदि समस्या किसी दवा के बाद हो ती है और दवाओं को बंद करने के बाद आपकी इओसिनोफिल गिनती सामान्य हो जाती है, तो आमतौर पर यह माना जाता है कि इसका कारण दवा थी।
इओसिनोफिलिया का इलाज इसके लक्षणों पर आधारित होगा। विकल्पों में शामिल हैं:
- ऑबजर्वेशन - यदि आपका इओसिनोफिलिया माइल्ज (हल्का) है, तो जांच को कई बार दो तीन बार काराया जा सकता है। कुछ दिन रुकने के बाद फिर से जांच हो ती है और अगर समान्य स्तर आ जाता है तो किसी दवा की जरुरत नहीं होती है।
- दवा बंद करना - यदि कोई दवा बढ़े हुए इओसिनोफिल काउंट का कारण है तो इसे रोक कर देख जाता है। यदि स्तर सामान्य आ जाय तो माना जाता है कि दवा के कारण ही इओसिनोफिलिया की समस्या थी।
- थेरेपी - अस्थमा, एक्जिमा और एलर्जी के लिए थेरेपी
- एंटी पैरासाइट दवाएं - परजीवी संक्रमण के लिए एंटी पैरासाइट दवाएं
- हाइपर - इओसिनोफिलिक सिंड्रोम के इलाज के लिए स्टेरॉयड जैसे प्रेडनिसोन आदि