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Last Updated: Aug 26, 2024
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फैटी लिवर के घरेलू उपचार - Fatty Liver Ke Gharelu Upchar in Hindi

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 16 Years Exp.BAMS
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लिवर, हमारे शरीर के प्रमुख आतंरिक अंगों में से एक है. असल में देखा जाए तो यह एक ग्रंथि है जिसे आप शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि कह सकते हैं. हलांकि इसकी गिनती सबसे बड़े अंगों में भी की जाती है. लिवर पित्त का निर्माण करता है, जो फैट को टूटने में मदद करता है. यह ब्लड को फ़िल्टर करने में भी सहायता करता है. लिवर में सामान्य रूप से कुछ फैट ज़रूर होता है, लेकिन कभी-कभी लिवर की कोशिकाओं में फैट की संख्या बढ़ने लगती है.

यह एक गंभीर बिमारी होता है जिसे सामान्य तौर पर फैटी लिवर के नाम से जाना जाता है. फैटी लिवर डिसऑर्डर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं - एल्कोहल फैटी लिवर और नॉन-एल्कोहल फैटी लिवर. फैटी लिवर के मुख्य कारणों में खराब आहार के साथ साथ रोजाना और सिमित मात्रा में ज्यादा शराब पीना, मोटापा आदि शामिल हैं. यह बीमारी जेनेटिक (पारिवारिक) भी हो सकती है. विशेष रूप से फैटी लिवर की शुरूआत के दौरान इसके लक्षणों को अनुभव नहीं किया जाता है. लेकिन जब यह गंभीर होने लगता है, तब इसके लक्षण धीरे-धीरे अनुभव होने लगते हैं. इसमें कुछ लोगों के लक्षण एकदम साफ दिखाई देने लगता हैं तो वहीँ कुछ लोगों में यह लक्षण केवल सांकेतिक होता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम फैटी लिवर के ट्रीटमेंट के बारे में जानते हैं.

फैटी लीवर की तीन अवस्थाएं

  1. पहली अवस्था: - फैटी लीवर की पहली अवस्था में अनावश्यक थकान, वजन घटना और पाचन संबंधी गडबडियां आमतौर पर देखने को मिलती हैं.
  2. दूसरी अवस्था: - इस बीमारी की दूसरी अवस्था में चक्कर और उल्टियां आना, भोजन में अरुचि और बुखार जैसे लक्षण आमतौर पर देखने को देखने को मिलते हैं.
  3. तीसरी अवस्था: - तीसरी और अंतिम अवस्था में उल्टियों के साथ खून आना, बेहोशी और मामूली सी चोट लगने पर ब्लीडिंग का न रुकना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इसमें दवाओं का कोई असर नहीं होता है और ट्रांस्प्लांट ही इसका एकमात्र उपचार है.

फैटी लिवर के घरेलू उपचार: Fatty Liver Ke Gharelu Upchar in Hindi

  1. नींबू सौंठ और मिश्री की सहायता से-
    एक कागजी निम्बू जो कि अच्छा पका हुआ हो उसके दो टुकड़े कर लें. इसके बाद उसमें से बीज को निकालकर आधे निम्बू को बिना काटे चार भागों में बाँट लें लेकिन ध्यान रहे कि टुकड़े अलग- अलग न होने पाएं. अब इसके एक भाग में काली मिर्च का बारीक पीसा हुआ चूर्ण, दूसरे में काला नमक अथवा सेंधा नमक जो भी उपलब्ध हो, तीसरे में सोंठ का चूर्ण और चौथे में मिश्री का चूर्ण या शक्कर भर कर रात को प्लेट में ढककर रख दें. सुबह में भोजन करने से एक घंटे पहले इस निम्बू की फांक को मंदी आंच या तवे पर गर्म करके चूस लें.
  2. प्याज दूर करे लीवर फैटी लीवर-
    प्याज आमतौर पर कई रोगों में आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसका इस्तेमाल हम लीवर फैटी लीवर के उयपचार में भी कर सकते हैं. इसके लिए आपको बस इतना करना है कि दिन में दो बार प्याज खाते रहें. ऐसा करने से लाभ होगा.
  3. छाछ आयुर्वेदिक उपचार है लीवर फैटी लीवर का-
    छाछ को हमलोग वैसे भी पेट के छोटे मोटे बीमारियों में इस्तेमाल कराते रहे हैं. लीवर के लिए ये बेहद फायदेमंद है. लीवर फैटी लीवर में छाछ जिसमें हींग का बगार देकर, जीरा काली मिर्च और नमक मिला हु हो दोपहर के भोजन के बाद सेवन करने से बहुत लाभ मिलता है.
  4. आंवलों का रस-
    आंवलों का रस 25 ग्राम या सूखे आंवलों का चूर्ण चार ग्राम पानी के साथ, दिन में तीन बार सेवन करने से पंद्रह से बीस दिन में यकृत के सारे दोष दूर हो जाते है. यही नहीं आंवले का सेवन आपको कई अन्य अतिरिक्त लाभ भी प्रदान करता है.
  5. नींबू पानी के उपयोग से-
    नींबू का खट्टा स्वाद पेट की कई समस्याओं का प्रभावी निदान प्रस्तुत करता है. इसके लिए आपको एक सौ ग्राम पानी में आधा निम्बू निचोड़कर नमक डालें (चीनी मत डाले) और इसे दिन में तीन बार पीने से जिगर की खराबी ठीक होती हैं.
  6. जामुन की सहयाता से-
    जामुन का कसैला स्वाद भी कई औषधीय कामों में इसेमल हो जाता है. जामुन के मौसम में 200-300 ग्राम बढ़िया और पके हुए जामुन प्रतिदिन खाली पेट खाने से जिगर की खराबी दूर हो जाती है. लीवर फैटी लीवर में भी इसका इस्तेमाल फलदायक सिद्ध होता है.
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