फेफड़ों को मज़बूत औऱ स्वस्थ रखने के 9 अचूक उपाय
हमारे शरीर के बाकी अंगों की तरह फेफड़े भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पर कई बार हम इनकी सेहत को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। जब कभी हमें सांस लेने में तकलीफ होती है या खासी जैसी समस्या होती है तब हमारा ध्यान इनकी तरफ जाता है।दरअसल हमारे फेफड़ों को अपना सर्वोत्तम कार्य करने के लिए देखभाल की आवश्यकता होती है।सांस लेने पर आपके पूरे शरीर की कोशिकाओं को ऑक्सीजन मिलती है।अगर पर्याप्त ऑक्सीजन ना मिले तो स्वास्थ्य समस्याओं में बढ़ोत्तरी हो सकती है।ऐसी स्थिति में आपको सांस की बीमारियां, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और यहां तक कि हृदय रोग भी हो सकता हैं।जानकार मानते हैं कि अगर आप फेफड़ों के साव्स्थ्य पर ध्यान देंगे तो वो मज़बूत बनेंगे औऱ स्वस्थ रहेंगे। पर्यावरण में मौजूद प्रदूषण, धूल और सिगरेट के धुएं के कारण फेफड़ों में विषाक्त पदार्थों और टार का निर्माण हो जाता है।ऐसे में अपने फेफड़ों को साफ करने की ज़रूरत होती है।उम्र के साथ आपके फेफड़े कमज़ोर होने लगते हैं। वे अपनी ताकत खो सकते हैं, जिससे सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। लेकिन कुछ स्वस्थ आदतों को अपनाकर आप अपने फेफड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर ढंग से बनाए रख सकते हैं।तो आइए जानते हैं कि क्या वो अचूक नुस्खे।
धूम्रपान को कहें ना
ये तो हम सबके पता है कि धूम्रपान से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा कई और खतरे भी धूम्रपान की बदौलत होते हैं। धूम्रपान कई फेफड़ों की बीमारियों से जुड़ा हुआ है, जिनमें सीओपीडी, इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस और अस्थमा शामिल हैं। हर बार जब आप सिगरेट पीते हैं, तो आप अपने फेफड़ों में निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और टार सहित हजारों रसायनों को अंदर लेते हैं। ये विषाक्त पदार्थ आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। वे बलगम को बढ़ाते हैं जिससे फेफड़ों के लिए खुद को साफ करना कठिन हो जाता है।साथ ही इससे फेफड़े के ऊतकों में जलन और सूजन भी आ जाती है। धीरे-धीरे, आपका वायुमार्ग संकीर्ण हो जाता है, जिससे सांस लेना अधिक कठिन हो जाता है।
धूम्रपान से फेफड़े तेजी से बूढ़े होते हैं। पर अच्छी खबर ये है किु आपकी उम्र कुछ भी हो और आप चाहे जितने वर्षों से धूम्रपान कर रहे हों,इसे छोड़ने पर आपके फेफड़ों की सेहत सुधर सकती है। सिगरेट छोड़ने के 12 घंटों के भीतर, आपके रक्त में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर सामान्य हो जाता है। कुछ ही महीनों में आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होने लगता है। एक साल के भीतर, आपके कोरोनरी हृदय रोग का जोखिम धूम्रपान करने वालों की तुलना में आधा हो जाता है। ऐसे में अपने फेफड़ों की सेहत के लिए ये कदम उठाना एक अच्छा फैसला साबित हो सकता है।
फेफड़ों को मज़बूत करने के लिए व्यायाम है ज़रूरी
धूम्रपान से बचाव के बाद भी आफको अपने फेफड़ों के लिए थोड़ी मेहनत और करनी होगी।इसका सबसे अच्छा तरीका है व्यायाम करना। जिस तरह व्यायाम आपके शरीर को आकार में रखता है, उसी तरह यह आपके फेफड़ों को भी सेहतमंद रखता है। व्यायाम के दौरान आपका दिल तेजी से धड़कता है और आपके फेफड़े अधिक मेहनत करते हैं। आपकी सांस तेज़ चलने लगती है।ऐसे में आपकी मांसपेशियों को ईंधन देने के लिए आपके शरीर को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इस मांग को पूरा करने के लिए आपके फेफड़े उस ऑक्सीजन को शरीर तक पहुंचाने के लिए अपनी गतिविधि बढ़ाते हैं। इसलिए नियमित रूप से ऐसे व्यायाम करना महत्वपूर्ण है जिससे आपको सांस लेने में कठिनाई होती है। आपकी पसलियों के बीच की मांसपेशियां फैलती हैं और सिकुड़ती हैं, और आपके फेफड़ों के अंदर की हवा की थैली कार्बन डाइऑक्साइड के लिए ऑक्सीजन का आदान-प्रदान करने के लिए तेजी से काम करती है। जितना अधिक आप व्यायाम करते हैं, आपके फेफड़े उतने ही अधिक कुशल होते जाते हैं। स्वस्थ फेफड़े आपको उम्र बढ़ने और बीमारी का बेहतर प्रतिरोध करने में मदद करते हैं।
प्रदूषण से दूर रहें
वातावरण में मौजूद प्रदूषकों के संपर्क में आने से आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। जब आपके फेफड़ें युवा और मजबूत होते हैं, तो आसानी से इन विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए काम कर सकते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं,फेफड़े उतना प्रतिरोध करने की क्षमता को खो देते हैं और संक्रमण और बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।फेफड़ों को प्रदूषण से बचाने के लिए पैसिव स्मोकिंग से बचें। वायु प्रदूषण के चरम समय के दौरान घर से बाहर न जाने का प्रयास करें। ऐसे स्थान पर व्यायाम ना करें जहां आसपास ट्रैफिक ज्यादा हो।अपने कार्यस्थल पर प्रदूषकों के संपर्क में आने का आशंका हो तो सभी संभावित सावधानियों का पालन करना सुनिश्चित करें। निर्माण, खनन और अपशिष्ट प्रबंधन में वायुजनित प्रदूषकों के संपर्क में आने का खतरा बढ़ सकता है। घर के अंदर सावधानी बरतने के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार फर्नीचर और परेदों को वैक्यूम करें। घर को हवादार रखने के लिए खिड़की खोलें। सिंथेटिक एयर फ्रेशनर और मोमबत्तियों से बचें।इसकी जगह अरोमा डिस्पेंसर और आवश्यक तेलों का उपयोग करें। अपने घर को मोल्ड औऱ धूल से मुक्त रखें।
संक्रमण से बचें
किसी प्रकार का भी संक्रमण आपके फेफड़ों के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है। जिन लोगों को पहले से ही सीओपीडी जैसी फेफड़ों की बीमारियां हैं, उन्हें विशेष रूप से संक्रमण का खतरा होता है। हालांकि, स्वस्थ बुजुर्ग भी आसानी से निमोनिया विकसित कर सकते हैं । फेफड़ों के संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने हाथों को साफ रखें। नियमित रूप से गर्म पानी और साबुन से धोएं, और जितना हो सके अपने चेहरे को छूने से बचें। खूब पानी पिएं और ढेर सारे फल और सब्जियां खाएं । इनमें पोषक तत्व होते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। अपना ज़रूरी टीकाकरण कराते रहें। यदि आप 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, तो निमोनिया का टीका अवश्य लगवाएं।
गहरी सांसें लेने का अभ्यास करें
गहरी सांस लेने से फेफड़ों को साफ करने में मदद मिलती है और ऑक्सीजन का पूरा आदान-प्रदान होता है। सरल गहरी सांस लेने से आपको अपने फेफड़ों की पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद मिल सकती है। धीरे धीरे सांस लेने से शुरुआत करें।फिर अपने पेट तक इस सांस को पहुंचाएं। इसके बाद अपनी पसलियों का विस्तार करें। अंत में, ऊपरी छाती को विस्तार दें। फिर छाती को गिरने दें, और फिर पसलियों को सिकोड़कर और अंत में, डायाफ्राम को ऊपर उठाने के लिए अपने पेट की मांसपेशियों को ऊपर उठाकर हवा के अंतिम हिस्से को बाहर निकालते हुए, जितना हो सके साँस छोड़ें। ये प्रक्रिया पहले 5 मिनट के लिए करें फिर धीरे धीरे इस समय को क्षमता के अनुसार बढ़ाते जाएं।
हंसने का अभ्यास करें
हंसना भी आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। जानकार मानते हैं। पेट की मांसपेशियों को काम करने और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए हंसना एक बेहतरीन व्यायाम है। ऐसा करने से फेफड़ों से पर्याप्त बासी हवा बाहर निकल जाती है और आपके फेफड़े साफ होते हैं। जिससे ताजी हवा फेफड़ों के अधिक क्षेत्रों में प्रवेश कर सकती है।आप चाहें तो घर पर ही ज़ोर ज़ोर से ठहाके लगाकर हंसने का प्रयास कर सकते हैं।या फिर घर के आसपास किसी लाफ्टर ग्रुप का हिस्सा बनकर भी इस पर अमल कर सकते हैं।
घर के बाहर खुले में समय बिताएं
आपके फेफड़ों को सेहतमंद रहने के लिए खुली औऱ ताज़ी हवा की आवश्यकता होती है। सिर्फ फेफड़ों के लिए ही नहीं बल्कि शरीर के बाकी अंगों के लिए भी प्राकृतिक हवा और ऑक्सीजन का सेवन करना बहुत जरूरी है।ऐसे में प्रयास करें कि घर के बाहर किसी पार्क में कुछ समय टहलें ।आसपास पार्क ना हो तो घर की छत पर जाकर भी खुली हवा अपने फेफड़ों में भर सकते हैं। बाहरी वायु की गुणवत्ता आमतौर पर घर के अंदर की वायु गुणवत्ता से बेहतर होती है। बाहर अधिक समय बिताने से इनडोर वायु प्रदूषकों के संपर्क में कमी आती है।
खुद को हाइड्रेट रखना है जरूरी
पानी का भरपूर सेवन आपको कई बीमारियों से दूर रख सकता है। ठीक से हाइड्रेटेड रहना आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, और यह फेफड़ों के उचित कार्य को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। पीने का पानी फेफड़ों द्वारा उत्पादित बलगम को पतला करने में मदद करता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है।यह सीओपीडी जैसे फेफड़ों की बीमारियों वाले लोगों के लिए विशेष रूप से कारगर है। रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आपकी किडनी भी साफ रहती है।इसलिए सुनिश्चित करें कि शरीर की ज़रूरत के अनुसार पानी का सेवन करें।
योग का सहारा लें
आपके फेफड़ों को मज़बूत रखने में योग बहुत प्रभावशाली होता है। कई योगासन ऐसे हैं जो आप कहीं भी आसानी से कर सकते हैं।इनमें बस आपको अपनी सांस को योग में बताए गए तरीके के अनुसार लेना और छोड़ना होता है। ऐसे योगासन में प्राणायाम सर्वश्रेष्ठ है। इसके अलावा कपालभाती भी आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सक्षम है।अनुलोम विलोम करके भी आप अपने फेफड़ों की सेहत को सुधार सकते हैं।इनके नियमित अभ्यास से आपके फेफड़ों में नऊ जान आ जाएगी।