फोलिक एसिड है सप्लीमेंट से कहीं बढ़कर; जानिए क्या है इसका महत्व!
गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर आयरन की कमी दूर करने के लिए आयरन की गोलियों के साथ फोलिक एसिड की गोलियां भी खाने की सलाह देते हैं।पर क्या आप जानते हैं कि फोलिक एसिड का आपके स्वास्थ्य का क्या नाता है। दरअसल फोलिक एसिड फोलेट का सिंथेटिक रूप है, जो प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला विटामिन बी है। फोलेट डीएनए और अन्य आनुवंशिक सामग्री बनाने में मदद करता है। यह प्रसवपूर्व स्वास्थ्य में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
फोलेट, ऐसा विटामिन है जो स्वाभाविक रूप से कुछ खाद्य पदार्थों में होता है।
क्या है फोलिक एसिड का महत्व?
गर्भावस्था में फोलिक एसिड समय से पहले प्रसव के जोखिम को कम कर सकता है। फोलेट शरीर में कई प्रकार के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। यह शरीर को स्वस्थ नई लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि लाल रक्त कोशिकाएं पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाती हैं। यदि किसी व्यक्ति के शरीर में इनकी पर्याप्त मात्रा नहीं होती है तो वह एनीमिया का शिकार हो जाता है।ऐसा होने पर हर समय थकान, कमजोरी और त्वचा में पीलापन आ जाता है। फोलेट की कमी के कारण होने वाले एनीमिया को फोलेट एनीमिया कहा जाता है।
फोलेट कोशिकाओं को विभाजित करने के साथ ही डीएनए और अन्य आनुवंशिक सामग्री के संश्लेषण और मरम्मत के लिए भी महत्वपूर्ण है ।
गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त फोलेट प्राप्त करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था के दौरान फोलेट की कमी से स्पाइना बिफिडा और एनेस्थली जैसी न्यूरल ट्यूब अनियमितताएं हो सकती हैं । आइए जानते हैं कि फोलेट की कमा से शरीर में क्या समस्याएं आ सकती हैं।
1.न्यूरल ट्यूब अनियमितता
गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड की खुराक लेने से भ्रूण में न्यूरल ट्यूब अनियमितताओं को रोकने में मदद मिलेगी। यह समय से पहले जन्म, हृदय की अनियमितताओं और क्लेफ्ट पैलेट के जोखिम को भी कम कर सकता है।
जानकारों का मानना है कि सभी महिलाएं जो गर्भवती हो सकती हैं, उन्हें अपने आहार में प्राकृतिक रूप से मिलने वाले फोलेट के अलावा पूरक या फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों से रोजाना 400 माइक्रोग्राम (एमसीजी) फोलिक एसिड लेना चाहिए ।
2.डिप्रेशन
फोलेट के निम्न स्तर वाले लोगों में अवसाद का अनुभव होने की अधिक संभावना हो सकती है। जो पहले से अवसाद से पीड़ित हैं उनके फोलिक एसिड की खुराक लेने से अवसाद की दवाएं अधिक प्रभावी हो सकती हैं।
3.ऑटिज़्म
कुछ शोध बताते हैं कि गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड लेने से बच्चे को ऑटिज्म होने की संभावना कम हो सकती है। इसलिए चिकित्सक गर्भ के दौरान पर्याप्त फोलिक एसिड लेने की सलाह देते हैं।
4.याद्दाश्त कमज़ोर होने से बचाता है फॉलिक एसिड
बढ़ती उम्र के साथ अकसर याद्दाश्त कमज़ोर होने औऱ सोचने समझने की शक्ति कम होने लगती है। जानकार मानते हैं कि फोलिक एसिड का सेवन करने से इस समस्या में राहत मिलती है। हालांकि ये किस आयु वर्ग पर ज्यादा असरदार है इसपर विशेषज्ञ अलग अलग राय रखते हैं।
5.हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज अगर 6 हफ्तों तक लगातार फोलिक एसिड लेते हैं तो उनके रक्त चाप को नियंत्रित किया जा सकता है।खास सकर के वो लोग जो हाई बीपी की कोई और दवा नहीं ले रहे हैं।
6. स्ट्रोक
जानकार मानते हरैं कि फोलिक एसिड के सेवन से स्ट्रोक होने का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।
7. विटिलिगो
विटिलिगो एक ऐसी बीमारी है जिसमें त्वचा पर सफेद पैच बन जाते हैं।इस स्थिति में फोलिक एसिड लेने से ना सिर्फ इस रोग के लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है बल्कि रोगी की हालत में सुधार भी देखने को मिल सकता है।
कौन कर सकता है फोलिक एसिड का सेवन?
अधिकतर लोगों को फेलट उनके सामान्य आहार के माध्यम से मिल जाता है।हालांकि गर्भवती महिलाओं को फोलिक एसिड लेने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भ्रूण के शुरुआती विकास के लिए फोलिक एसिड महत्वपूर्ण है। रीढ़ की हड्डी शरीर के से पहले विकसित होने वाले भागों में से एक है, और फोलेट की कमी से रीढ़ की हड्डी में अनियमितता हो सकती है।इसलिए एक स्वस्थ शिशु को जन्म देने के लिए पर्याप्त मात्रा में फोलेट होना आवश्यक है।हालांकि कुछ लोग जो किसी रोग के लिए दवाएं ले रहे हैं उन्हें डॉक्टर से परामर्श लेकर ही इसे लेना चाहिए क्योंकि फोलिक एसिड उनकी दवाओं के साथ कै सी प्रतिक्रिया करेगा इसके बारे में जानकारी होना आवश्यक है। कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिनमें बिना डॉक्टर के परामर्श कै फोलिक एशिड नहीं लिया जा सकता ।उनमें शामिल हैं-
- मिर्गी
- टाइप 2 डायबिटीज़
- रुमेटाइड आर्थराइटिस
- ल्यूपस
- इंफ्लेमेटरी बावेल डिज़ीज़(आईबीडी)
- सीलियैक डिज़ीज़
- किडनी की डायलिसिस कराने वाले रोगियों को भी फोलकि एसिड के सेवन से बचना चाहिए।
फोलिक एसिड के स्त्रोत
फोलिक एसिड आपके सामान्य आहार में मौजूद होता है।विशेष रूप से ब्रेड, आटे, और अनाज में इसकी पर्याप्त मात्रा होती है। यह बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन के साथ भी सामान्य रूप से पाया जाता है। कई खाद्य पदार्थ हैं जिनमें स्वाभाविक रूप से फोलेट की उच्च मात्रा होती है।फोलेट के स्त्रोत की बात करें तो ये इन चीज़ों में मिलता है:
- मांस में खासकर लिवर में इसकी काफी मात्रा होती है
- उबली हुई पालक में भरपूर फोलेट मौजूद होता है
- ब्लैक आइड पीज़ में इसकी पर्याप्त मात्रा होती है
- एस्परैगसम भी फोलेट का अच्छा सेत्रोत है
- ब्रसल स्प्राउट मेंयो काफी मात्रा में पाया जाता है
- सलाद के पत्तों में ये भरपूर मात्रा में होता है
- एवोकाडो कई अन्य गुणों के साथ फोलेट में भरपूर होता है
- ब्रोकोली फोलेट का अच्छा स्त्रोत है
- सरसों के साग के सेवन से खूप फोलेट मिलता है
- हरी मटर के सेवन से भी ये पर्याप्त रूप से मिलेगा
- राजमे में ये भरपूर होता है
- डिब्बाबंद टमाटर का रस भी फोलेट का अच्छा स्त्रोत है
- संतरे का रस भी काफी लाभदायक है
- सूखी भुनी मूंगफली एवं ताजे संतरे और अंगूर, पपीते,केला , उबला हुआ अंडा , खरबूजे भी पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड के स्त्रोत होते हैं
फोलेट की कमी के परिणाम
फोलेट की कमी तब होती है जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में फोलेट मौजूद नहीं होता है। इससे एक प्रकार का एनीमिया हो सकता है जिसे मेगालोब्लास्टिक एमिया कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान फोलेट की कमी से जन्मजात अनियमितताओं का खतरा बढ़ जाता है। फोलेट की कमी के लक्षणों की बात करें तो इसमें कमज़ोरी महसूस होना ,हर समय थकान लगना,किसी भी काम को करने में ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना, सरदर्द बना रहना,हर स्थिति में चिड़चिड़ापन होना, दिल में घबराहट का एहसास होना, जीभ पर और मुंह के अंदर घाव हो जाना, त्वचा, बालों या नाखूनों के रंग में बदलाव दिखना और सांस की तकलीफ जैसे लक्षण शामिल हैं।
- आमतौर पर फोलेट की कमी ज्यादा लोगों में नहीं पायी जाती पर कुछ ऐसे कारक हैं जिनमें फोलेट की कमी हो सकती है
- बहुत अधिक शराब पीने वाले लोग
- प्रेग्नेंट महिलाएं
- गर्भ धारण कर सकने वाली महिलाएं
- आईबीडी और सीलिएक रोग सहित पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करने वाली स्थितियों वाले लोग शामिल हैं
अधिक फोलिक एसिड के दुष्प्रभाव
बहुत अधिक फोलिक एसिड लेने से कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता है। बहुत ही दुर्लभ मामलों में लोग पेट खराब होने की शिकायत कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति आवश्यकता से अधिक फोलेट लेता है तो चिंता का कोई कारण नहीं है। फोलिक एसिड पानी में घुलनशील है, इसलिए अगर आपके शरीर में अतिरिक्त फोलेट है तो वो स्वाभाविक रूप से मूत्र के माध्यम से निकल जाएगा।