Gala Baithne In Hindi - गला बैठने के लक्षण
गला बैठना या लेरिन्जाइटिस क्या है? लेरिन्जाइटिस स्वर यन्त्र में होने वाली सूजन है, जो इसके अत्यधिक प्रयोग या संक्रमण के कारण होती है. लैरिंक्स के अंदर आपकी स्वर तंत्रियाँ होती हैं – मांसपेशी और उपास्थि को चारों तरफ से ढकने वाली श्लेष्मा झिल्ली की दो परतें. आमतौर पर, आपकी स्वर तंत्रियाँ आसानी से खुलती और बंद होती हैं और उनकी गतिविधियों और कंपन के माध्यम से ध्वनि बनती है. लेकिन लेरिन्जाइटिस में, आपकी स्वर तंत्रियों में सूजन हो जाती है. यह सूजन उनके ऊपर से गुजरने वाली हवा द्वारा उत्पन्न ध्वनियों की विकृति का कारण बनती है. परिणामस्वरूप, आपकी आवाज़ कर्कश लगती है. गला बैठने के कुछ मामलों में आपकी आवाज़ को पहचानना भी लगभग मुश्किल हो जाता है.
क्या है कारण?
लेरिन्जाइटिस के कारणों में ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण या आम सर्दी जुकाम, बोलने, गाने या चिल्लाने के कारण स्वर तंत्रियों का अति प्रयोग; गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग जो रिफ्लक्स लेरिन्जाइटिस का कारण बनता है, धूम्रपान, धूम्रपान करने वाले किसी व्यक्ति के या प्रदूषित हवा के संपर्क में आना शामिल हैं. लेरिन्जाइटिस अगर संक्रमण के कारण हुआ है, तो संक्रामक होता है.
गला बैठने के सबसे आम संकेत और लक्षण आवाज़ बैठ जाना, आवाज बंद हो जाना और गले में दर्द हैं. वयस्कों में लेरिन्जाइटिस के अतिरिक्त लक्षण और संकेतों में गले में खुष्की और खराश, निगलने में दर्द और गले या गर्दन के फूलने का आभास होना शामिल हो सकते हैं. अगर लेरिन्जाइटिस एक संक्रमण के कारण हुआ है, तो संक्रमित व्यक्ति में बुखार, लिम्फ ग्रंथियों में सूजन के लक्षण भी हो सकते हैं. शिशुओं या बच्चों में लेरिन्जाइटिस के अतिरिक्त संकेत और लक्षण क्रुप के साथ जुड़े हुए हैं और इसमें कर्कश ध्वनि वाली खाँसी व बुखार शामिल हैं.
वयस्कों में आवाज़ का बैठना, आवाज़ बंद हो जाना
लेरिन्जाइटिस के संकेत और लक्षण आवाज़ का बैठना, आवाज़ बंद हो जाना और गले में दर्द वयस्कों में लेरिन्जाइटिस के प्राथमिक लक्षण हैं. वयस्कों में लेरिन्जाइटिस के लक्षण यदि गला बैठने का कारण संक्रामक है, तो इससे प्रभावित व्यक्तियों में वायरल संक्रमण के ये लक्षण होंगे. ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण या सर्दी सूखी खाँसी गले में खराश बुखार गर्दन में स्थित लिम्फ ग्रंथियों में सूजन निगलने में दर्द होना गले या गर्दन के फूले होने का आभास बहती नाक आवाज बंद होना
शिशुओं और बच्चों में
शिशुओं और बच्चों में लेरिन्जाइटिस के लक्षण क्रुप से पीड़ित शिशुओं और छोटे बच्चों को सांस लेने में कठिनाई होती है. अगर बच्चा सूजे हुए और संकीर्ण स्वर यंत्र के माध्यम से श्वास लेने की कोशिश करता है, तो कार्टिलेज क्षतिग्रस्त हो सकता है. यह ठीक वैसा ही है, जब एक स्ट्रॉ के माध्यम से साँस लेने का प्रयास किया जाता है. शिशुओं और बच्चों में लेरिन्जाइटिस के साथ अक्सर श्वासनली और ब्रोन्कियल ट्यूब्स में सूजन हो जाती है. इसे "क्रुप" कहा जाता है. चूंकि शिशुओं और बच्चों में ये संरचनाएं पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती हैं, इसलिए सूजन के कारण वायु का ऊपरी वायुमार्ग से गुज़रना कठिन हो सकता है. इसके कारण कुक्कुर खाँसी या काली खाँसी हो सकती है. इसे "स्ट्रीडर" भी कहते हैं और यह क्रुप से सम्बन्धित है.
बढ़ती उम्र के साथ कार्टिलेज मज़बूत हो जाता है और गहरी श्वास का सामना करने में सक्षम होता है, लेकिन बच्चों में कार्टिलेज कमज़ोर होता है और हर बार सांस लेने के लिए बच्चे को कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है. स्वर यंत्रीय उपास्थि का परिपक्व होना और वायुमार्ग की चौड़ाई का बढ़ना आमतौर पर 6 या 7 वर्ष की आयु से होता है. क्रुप ऊपरी वायुमार्ग में होने वाला एक वायरल संक्रमण है. इसके लक्षणों में शामिल हो सकते हैं – कर्कश कुक्कुर खाँसी बुखार श्वसन में कठिनाई उत्पन्न होना, जहाँ शिशु या बच्चे को सूजे हुए वॉइस बॉक्स क्षेत्र के माध्यम से हवा को अंदर खींचने के लिए बहुत प्रयास करना पड़ता है रात में अधिक गंभीर लक्षण
गले के फूलने का आभास
लेरिन्जाइटिस के अन्य लक्षण जब गला बैठने का कारण संक्रामक नहीं होता है, तो बैठी हुई आवाज़ के साथ खाँसी एक महत्वपूर्ण लक्षण हो सकता है. गले के फूलने का आभास भी हो सकता है. रोगी को निगलने में कठिनाई और सांस की तकलीफ की शिकायत हो सकती है. कुछ दुर्लभ मामलों में अगर सूजन की वजह से मामूली खून बह रहा हो तो रोगी की खाँसी के साथ थूक में खून निकल सकता है.