गले की एलर्जी का कारण, लक्षण और उपचार - Gale Ki Allergy Ka Karan, Lakshan, Aur Ilaj in Hindi
एलर्जी के कई रूप हैं, गले की एलर्जी उनमें से एक है. आपको बता दें कि जब भी वायुमंडल में मौजूद बाहरी कण (एलर्जन्स) किसी प्रकार से हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं तो ये कण सबसे पहले तो हमारे शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र को संवेदनशील बना देते हैं. लेकिन जब दोबारा ये कण शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं तो पहले से ही संवेदनशील प्रतिरक्षा तंत्र इनसे प्रतिक्रिया करने लगती है, इसी प्रतिक्रिया को हम एलर्जी कहते हैं. इसी एलर्जी का प्रभाव जब गले पर पड़ता है तो इसे हम गले की एलर्जी कहते हैं. गले की एलर्जी होने के कई कारण हैं, जैसे कि मौसम के बदलने पर पराग (पोलेन एलर्जी), जैसे फूलों और पौधों का पराग से और दूसरी हमेशा रहने वाली एलर्जी जो धूल, मिट्टी, सिगरेट के धुएं, साबुन, टूथपेस्ट, कॉस्मैटिक्स आदि से होती है.
आइए इस लेख के माध्यम से हम गले के एलर्जी होने के कारणों पर एक नजर डालें ताकि इस विषय में लोगों की जानकारी बढ़ सके और उनके स्वस्थ्य में बेहतरी आए.
गले के एलर्जी का कारण - Gale Ki Allergy Ke Karan
गले के एलर्जी के आमतौर पर कई कारण हैं. जाहीर है कि गले का इस्तेमाल हमलोग खाने या श्वसन के लिए करते हैं तो इसलिए खाना वाली तमाम चीजें गले की एलर्जी होने के कारणों में प्रमुख हैं.
- मौसम के बदलने पर भी कई लोगों को गले की एलर्जी की समस्या हो सकती है.
- फूलों और पौधों का पराग से और दूसरी हमेशा रहने वाली एलर्जी.
- जब वातावरण धूल से भरा हुआ हो तो ऐसे वातावरणमें लगातार रहने वाले को भी गले की एलर्जी का सामना करना पड़ सकता है.
- गले की एलर्जी मिट्टी इत्यादि से भी होने की संभावना लगातार बनी रहती है.
- कई लोगों को सिगरेट इत्यादि के धुएं से भी गले की एलर्जी का सामना करना पड़ता है.
- गले के एलर्जी होने के अन्य कारणों में एक साबुन, टूथपेस्ट, कॉस्मैटिक्स का इस्तेमाल भी है.
गले की एलर्जी का प्रभाव - Gale Ki Allergy Ka Prabhav
गले की एलर्जी से प्रभाववित व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसमें गले में खारिश (खरखरी), घुटन, सूजन व निगलने में तकलीफ होती है, कभी-कभी सांस लेने में भी तकलीफ हो जाती है.
गले की एलर्जी का लक्षण - Gale Ki Allergy Ke Lakshan
यदि हम गले की एलर्जी के लक्षणों की बात करें तो आपको बता दें कि इस दौरान कई लक्षण नजर आते हैं. जैसे आपको नाक में खुजली, ज्यादा छींकें आना, नाक बहना, नाक बंद रहना, सूंघने की शक्ति कम होना, आंखों से पानी आना, कान भारी होना इत्यादि लक्षण नजर आते हैं. ध्यान रहे जब भी ऐसे लक्षण दिखें और ज्यादा परेशानी हो तो आपको तुरंत किसी चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.
गले के एलर्जी का उपचार - Gale Ki Allergy Ka Upchar in Hindi
- ब्लड टेस्ट : शुरुआत में हम ब्लड में ए.ई.सी. और आई.जी.ई. का लेवल देखते हैं. ए.ई.सी. यानि एब्सोल्यूट इसीनोफिल काऊंट एलर्जी के सेल होते हैं और आई.जी.ई. एलर्जी की एंटीबायोटिक होती है. एलर्जी में दोनों का लेवल बढ़ जाता है.
- एंटी एलर्जिक दवाइयां : जब एलर्जी होती है तो इन दवाइयों से रोगियों को ठीक किया जाता हैं, लेकिन यह दवाई एलर्जी को पूरी तरह से ठीक नहीं करता है. इसके लिए यह पता होना चाहिए कि हमें किन-किन चीजों से एलर्जी है. इसका पता लगाने के लिए एलर्जी पैनल टेस्ट करना पड़ता है. इसके विभिन्न पैनल ये हैं-फूड पैनल (वैज, नॉन वैज), पोलेन्स (पराग) एंड कांटैक्ट्स पैनल, कॉस्मैटिक्स, ड्रग्ज.
इम्यूनोथैरेपी (एलर्जी उपचार) - Immunotherapy Se Allergy Ka Upchar
कभी-कभी एलर्जी करने वाली चीजों से बचाव करना मुश्किल होता है तो इसके लिए इम्यूनोथैरेपी की जाती है. इसमें रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है. एलर्जी पैनल टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीन तैयार करके रोगी को ओरल ड्राप्स या वैक्सीन के रूप में दी जाती है. इसकी मात्रा और समय निर्धारित किया जाता है और एलर्जी को जड़ से मिटा देती है. यदि सही समय पर ट्रीटमेंट न किया जाए तो मरीज को गंभीर संक्रमण हो सकता है.