गठिया रोग के घरेलू उपचार - Gathiya Rog Ke Gharelu Upchar!
जोड़ों की बिमारी गठिया को इंग्लिश में अर्थराइटिस कहते हैं. इसमें तकलीफ, जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है. लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे है जिनसे अर्थराइटिस का दर्द कम और कुछ से दर्द बढ़ सकता है. हालांकि यह बीमारी ज्यादातर उम्रदराज लोगों को ही होती है, लेकिन बदली हुई लाइफस्टाइल के कारण इसकी चपेट में वर्तमान में युवा भी आ रहे हैं. आइए इस लेख में हम गठिया रोग के घरेलु उपचार के बारे में जानें.
1. लहसुन का सेवन-
लहसुन को ब्लड प्यूरीफायर के रूप में जाना जाता है. यह ब्लड को शुद्ध करने में मदद करता है. अर्थराइटिस के कारण ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा में बहुत ज्यादा वृद्धि हो जाती है. लहसुन के रस यूरिक एसिड को गलाकर तरल रूप में मूत्रमार्ग से बाहर निकल देता है.
2. अजमोद-
अजमोद गठिया से ग्रस्त मरीजों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होता है. गठिया मरीज अजमोद के रस का इस्तेमाल करके अपनी परेशानी कम कर सकते हैं. क्योंकि अजमोद एक मूत्रवर्धक के रूप में किडनी की सफाई के लिए जाना जाता है. किडनी में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निष्कासित करके यह आपको स्वस्थ रखता है.
3. अदरक-
अदरक रक्त प्रवाह और परिसंचरण में सुधार करता है. ठंड के मौसम के दौरान खराब जोड़ों के दर्द का अनुभव करने वाले अधिक संवेदनशील लोगों के लिए विशेष रूप से अच्छा होता है. जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगियों को रोजाना दो सौ ग्राम अदरक दो बार सेवन करने से दर्द में छुटकारा मिलती है.
4. कैमोमाइल टी-
अर्थराइटिस के लिए कैमोमाइल टी को बहुत कारगर माना जाता है. इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफेल्मेटेरी अव्यव को अर्थराइटिस के इलाज में लाभकारी माना जाता है. चाहे तो आप इसे चाय के रूप में या खाने के साथ सेवन कर सकते हैं. यह जोड़ो में यूरिक एसिड बनने से रोकता है.
5. सेब साइडर सिरका-
सेब साइडर सिरका पाचन क्रिया में मदद करता है. यह प्रोटीन युक्त आहार को उचित तरीके से पचाता है. व्यक्ति के उम्र बढ़ने पर पेट की क्षमता कम हो जाती है और जोड़ों के दर्द में वृद्धि होती है. इस स्थिति में सेब साइडर सिरका को दर्द कम करने के लिए सहायक माना जाता है. सेब साइडर सिरका आपके शरीर को अधिक क्षारीय बनाने में मददकर जोड़ों के दर्द को कम करता है.
6. हल्दी-
हल्दी को एक अद्भुत जडीबुटी माना जाता है. इसका इस्तेमाल सदियों से दर्द कम करने के लिए किया जाता है. यह एक शक्तिशाली हीलर और एंटी-सेप्टिक है. इसमें क्युक्यूमिन नामक सामग्री पायी जाती है जो सूजन को कम करने वाले एक चमत्कारी गुण होते हैं, जो ब्लड में सूजन के लिए जिम्मेदार रसायनों के स्तर को कम करने में मदद करते हैं. इसके इस्तेमाल करने के लिए 2-3 ग्राम हल्दी को पानी में डालकर उबाल लें. इसके ठंडा होने के बाद सेवन करें जो गठिया के दर्द और सूजन से राहत दिलाती है. इसकी अत्यधिक सेवन से बचें क्योंकि इससे ब्लड की मोटाई प्रभावित हो सकती है और आपके पेट में समस्या हो सकती है.
7. मिर्च-
लाल मिर्च गठिया के लक्षणों को कम करने में बहुत प्रभावी है. इसके सक्रिय संघटक में से एक है कैप्साइसिन जो दर्द को कम करने में बहुत अच्छा है. जो मलहम या क्रीम कैप्साइसिन से मिलकर बने होते हैं उन्हें प्रभावित हिस्सों पर दैनिक रूप से लगाया जा सकता है. यह दर्द का इलाज करने में भी प्रभावी होती है.
8. तुलसी-
तुलसी का पौधा जिसे भारत में पवित्र तुलसी का पौधा कहा जाता है. इसमें गठिया को दूर करने वाले गुण होते हैं. यह 24 घंटे की अवधि के भीतर प्रभावित जोड़ों की सूजन को कम कर देता है और इसलिए इसे गठिया के उपचार में दुनिया भर में उपयोग किया जाता है. रोजाना कम से कम 3-4 तुलसी के पत्ते या चाय का सेवन करें.
9. शाल्लाकी से-
बोसवेलिया की छाल जिसे भारतीय लोबान या शाल्लाकी के रूप में भी जाना जाता है. बोसवेलिया की छाल से निकला गोंद राल, को गठिया के दर्द से छुटकारा पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं. यह बहुत समय से एंटी-आर्थराइटिक के रूप में उपयोग की जा रही है. इसमें कुछ फाइटोकेमिकल्स होते हैं जिसमें सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं और जो गठिया के कारण दर्द और सूजन को कम करने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली होते हैं. लेकिन गर्भावस्था में या स्तनपान के दौरान इसका उपयोग नहीं करना चाहिए.
10. मालिश-
थोड़ा सा सरसों का तेल गरम करें. अगर आपको सूजन भी है तो तेल के बराबर मात्रा में प्याज का रस मिक्स कर सकते हैं. दर्दनाक जोड़ों पर धीरे से इसे रगड़ें फिर प्लास्टिक रॅप के साथ कवर करें और गर्म तौलिया लगाएँ. सर्वोत्तम परिणाम के लिए बिस्तर पर जाने से पहले इस उपाय को दोहराएं.