घबराहट का आयुर्वेदिक इलाज - Ghabrahat Ka Ayurvedic Ilaj!
घबराहट एक ऐसी समस्या है जिसपर यदि ध्यान नहीं दिया गया तो काफी मुश्किल हो सकती है. लेकिन इसके लिए कुछ असं से उपाय अपनाकर हम काफी राहत महसूस कर सकते हैं. आज व्यस्त जीवनशैली और आगे बढ़ने की होड़ के कारण लोगों में एंग्जायटी की समस्या तेजी से बढ़ रही है. आइए घबराहट से निपटने के तरीकों के बारे में जानें.
घबराहट के लिए घरेलू उपचार
घबराहट यानि एंग्जायटी एक प्रकार का मानसिक विकार है. इसे मेडिकल भाषा में एंग्जायटी डिस्ऑर्डर को नर्वस सिस्टम पर अधिक प्रेशर पड़ना भी कहते हैं. एंग्जायटी से ग्रसित रोगियों की संख्या दिन प्रति दिन इजाफा हो रही है, यदि सही समय पर इसका इलाज नहीं होता है तो यह धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकता है. हालांकि, एंग्जायटी अटैक को कंट्रोल करने के लिए दवाईयां, साइकोथैरेपी आदि कई प्रकार के उपचार मौजूद हैं. यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात यह है की दवाओं पर निर्भरता एक नशे की लत का रूप ले सकती है. इसलिए इसके उपचार के लिए घरेलु उपाय सबसे बेहतर विकल्प सिद्ध हो सकता है. आइए मन को शांत करने के ऐसे ही कुछ सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्पों के बारे में जानते हैं.
1. कैमोमाइल चाय
कैमोमाइल चाय में औषधिय और रोगनाशक गुण होते है जिसके कारण इसका उपयोग दवा के रूप में बहुत पहले से किया जा रहा है. इसके एंटी-इफ्लेमेंटरी और शांत रहने वाले गुण एंग्जायटी को काफी हद्द तक कंट्रोल करने में मदद करता हैं और नर्वस सिस्टम को शांत रखने में सहायक होते हैं. इसके अलावा कैमोमाइल में निहित कुछ तत्त्व वैलियम जैसे मादक पदार्थों के तरह मस्तिष्क को रिसेप्टर्स करने के लिए बाध्य करती है. कैमोमाइल की चाय बनाने के लिए एक कप पानी में सूखे कैमोमाइल के दो चम्मच मिलाकर अच्छे से उबाल लें. फिर इसमें शहद की एक चम्मच मिला लें. इस गर्म चाय को दिन में तीन बार लें. यह मस्तिष्क को शांत रखने के साथ आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा देती है.
2. नींबू बाम
इस जड़ी बूटी का उपयोग स्ट्रेस और एंग्जायटी को कम करने और अनिद्रा को दूर करने के लिए लंबे समय से किया जा रहा है. नींबू बाम आपको चाय, कैप्सूल या अन्य शांत जड़ी बूटियों के साथ मिक्स कर के मिल सकती है. नींबू बाम से बनी चाय आराम तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती है.
3. ओमेगा-3 फैटी एसिड
ओमेगा-3 फैटी एसिड घबराहट के लक्षणों को कम करने और शरीर में स्ट्रेस केमिकल के स्तर जैसे एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल को कम कर मूड को अच्छा करने में मदद करता है. फैटी फिश जैसे ट्यूना और सालमन, अखरोट और अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होता है. एक स्टडी के अनुसार, जो लोग फिश ऑयल सप्लीमेंट का इस्तेमाल करते है उनके खाने और सोने की आदतों, कोर्टिसोल का स्तर और मानसिक स्तर के द्वारा मापने पर घबराहट कम देखने को मिली.
4. जिंको बिलोबा
इस जड़ी-बूटी का सेवन मेमोरी डिसऑर्डर और ऐसी समस्याओं के लिए किया जाता है जो मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को कम कर देती है जैसे मेमोरी लॉस, फोकस की कमी और मूड बदलना. यह जड़ी बूटी पूरी तरह से सुरक्षित है और लंबे समय से इसका उपयोग किया जा रहा है.
5. लैवेंडर
यह लोकप्रिय जड़ी-बूटी अपने शांत प्रभाव के कारण लोकप्रिय है. कई स्टडी के अनुसार यह सिद्ध हुआ है की इसकी खुशबू हृदय गति और ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक होती है और यह भावनात्मक एंटी-इंफ्लेमेंटरी के रूप में सहायक है. इसके इस्तेमाल करने से एंग्जायटी कम महसूस होती है जब लैवेंडर के तेल का इस्तेमाल किया जाता है. एक और जर्मन अध्ययन के अनुसार, विशेष रूप से तैयार लैवेंडर टेबलेट जनरल एंग्जायटी डिसऑर्डर जीएडी) से पीड़ित लोगों में चिंता के लक्षणों को प्रभावी ढंग से कम करने में मदद करती है.
6. कावा
साउथ पैसिफिक एरिया में मिलने वाला औषधीय पौधा कावा बेचैनी से परेशान लोगों के लिए बहुत कारगर सिद्ध हुआ है. इस पौधे का प्रभाव दिमाग और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के अन्य अंगो पर काम करता है. कावा की जड़ का इस्तेमाल एंग्जायटी, स्ट्रेस, डिप्रेशन, सिरदर्द, बेचैनी, अनिद्रा और भावनाओं को शांत करने के लिए किया जाता है. अध्ययनों से पता चलता है कि यह घबराहट के लिए एक आशाजनक विकल्प होता है.
7. एल-थिएनाइन या ग्रीन टी
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट गुणों और स्वास्थ्य लाभों के कारण लोकप्रिय है. एल-थिएनाइन ग्रीन टी में एक एमिनो एसिड है. एल-थिएनाइन हृदय गति और ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करने में सहायक है और एंग्जायटी को कम करने में भी आपकी मदद करता है. एक अध्ययन के अनुसार, 200 मिलीग्राम एल-थिएनाइन लेने से परीक्षण के दौरान चिंता की आंशका वाले विषय में छात्रों ने बहुत ही शांत और अधिक ध्यान केंद्रित कर परीक्षण दिया.