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Last Updated: May 04, 2023
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पीरियड्स के दौरान ग्रीन टी

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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ग्रीन टी आजकल सबकी पहली पसंद बन गई है। वजह है इसके अंदर मौजूद ढेर सारे ऐसे गुण जो सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। ग्रीन टी शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट के साथ-साथ टैनिन से भरी होत है। कैफीन की मात्रा इसमें बहुत कम होती है। इसके ढेर सारे गुण इसे हृदय रोग से बचाने, वजन घटाने और कैंसर को रोकने के लिए बहुत प्रभावशाली माने जाते हैं।

हालांकि जानकार मानते हैं कि ग्रीन टी में मौजूद टैनिन पॉलीफेनोलिक यौगिक होते हैं। ये आयरन से जुड़ते हैं और शरीर को आयरन अवशोषित करने से रोकते हैं। इसलिए मासिक धर्म के दौरान ग्रीन टी पीने से शरीर में आयरन के स्तर पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, यह आपके शरीर में पहले से मौजूद आयरन के स्तर को कम नहीं करता है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि दिन भर में 2 कप ग्रीन टी पीने से मासिक धर्म के दौरान भी कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी नहीं होती है। अपने रक्त में आयरन के स्तर और हीमोग्लोबिन की मात्रा को सामान्य सीमा के भीतर बनाए रखने के लिए, अपने पीरियड्स के पहले चार दिनों के दौरान आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पालक का सूप, खजूर, मेथी का पराठा आदि खाएं। ऐसा इसलिए है क्योंकि भले ही टैनिन आयरन के अवशोषण को कम कर देता है, लेकिन वे खाद्य पदार्थों से आयरन के अवशोषण को नहीं रोक सकता।

इसलिए अपने आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करने से शरीर में आपके हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। आयरन के अवशोषण को और बढ़ाने के लिए विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।

यहाँ कुछ चीजें हैं जो आपको ग्रीन टी के बारे में जाननी चाहिए:

  • आप रोजाना 2-3 कप तक ग्रीन टी पी सकते हैं, हालांकि, अपने पीरियड्स के दौरान खुद को दिन में सिर्फ 2 कप तक ही सीमित रखें।
  • एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण ग्रीन टी पीने से आपका संपूर्ण मेटाबॉलिज्म तेज होता है और आप सक्रिय रहते हैं।
  • ग्रीन टी में सामान्य चाय या हर्बल चाय की तुलना में कम कैफीन होता है।
  • अन्य सभी चायों के विपरीत, ग्रीन टी अनऑक्सीडाइज़्ड पत्तियों से बनाई जाती है और यह सबसे कम संसाधित चाय में से एक है। इसलिए, यह एंटीऑक्सिडेंट से भरी हुई है जो आपके शरीर के लिए एक वरदान है।

मासिक धर्म के दौरान ग्रीन टी पीने के फायदे

1. दर्द और ऐंठन में राहत

मासिक धर्म का समय महिलाओं के लिए काफी मुश्किल भरा होता है। कई महिलाओं इस दौरान असहनीय दर्द और चिड़चिड़ेपन से पीड़ित रहती हैं। मासिक धर्म में ऐंठन को कम करने के लिए ग्रीन टी एक घरेलू उपाय है। मासिक धर्म के लिए ग्रीन टी का सेवन मांसपेशियों को शांत करता है। माहवारी के दौरान मांसपेशियों में ऐंठन होती है, जिससे दर्द और बेचैनी होती है। गर्म ग्रीन टी पीने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द कम होता है। जब आप पेट में ऐंठन के दौरान इसका सेवन करते हैं, तो यह आपके अंगों में रक्त वाहिकाओं का विस्तार कर सकती है।इससे ऊतकों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है और आपके दर्द में कमी हो सकती है।

2. पीरियड्स में ग्रीन टी करती है तनाव दूर

पीरियड्स के दौरान महिलाएं अकसर तनाव में रहती है। शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण उनमें चिड़चिड़ापन एक सामान्य लक्षण है। ग्रीन टी में मौजूद थीयनिन मूड को बेहतर बनाता है और आपकी नसों को शांत करता है।

3. पीरियड्स में ग्रीन टी देती है स्वस्थ रक्त प्रवाह

नियमित रूप से और कम मात्रा में ग्रीन टी का सेवन स्वस्थ रक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है। ग्रीन टी विटामिन के और मैग्नीशियम से भरपूर होती है  जो रक्त के थक्के जमने में मदद करती है और आपके मासिक धर्म के प्रवाह को नियंत्रित करती है।

4. मासिक धर्म में ग्रीन टी सूजन और ब्लोटिंग कम करे

ग्रीन टी एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है जो पानी के प्रतिधारण या रिटेंशन को कम करने, शरीर में सूजन को कम करने और मासिक धर्म के दर्द को कम करने में मदद करती है। मासिक धर्म में ब्लोटिंग की समस्या भी बहुत देखने को मिलती है।अपने डाइयुरेटिक गुणों के कारण ये ना सिर्फ ब्लोटिंग में राहत देगी बल्कि आपकी आंतों को आईराम देकर आपके मल त्याग को भी आसान बनाएगी।

मासिक धर्म में आराम के लिए ग्रीन टी कैसे बनाएं

विधि 1

सबसे पहले जितने कप चाय बनानी हो उतना पानी उबाल लें और अदरक को कद्दूकस कर लें। अबस अदरक को 1-2 मिनिट पानी में रहने दें। ताज़ी हरी चाय की पत्ती इसी उबले पानी में मिलाएं और बर्तन को कुछ समय के लिए ढंक दें। कुछ मिनटों के बाद पत्तियों को छान लें और गर्म चाय का सेवन करें।

विधि 2

चाय के लिए पानी उबालकर उसमें थोडा़ सा अदरक कद्दूकस कर लें. इसे कुछ देर उबलने दें। अब अदरक को छान लें और पानी को कप में डाल दें। ग्रीन टी का टी बैग लेकर उसे कप में डुबोएं। अधिक लाभ और स्वाद के लिए आप इसमें नींबू और शहद मिला सकते हैं।

पीरियड्स पर ग्रीन टी के साइड इफेक्ट्स

जानकार मानते हैं कि जिस तरह ग्रीन टी पीने से पीरियड्स में आराम मिल सकता है उसी तरह इसके अधिक सेवन से आईपको इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं।ग्रीन टी का अधिक सेवन करने से पेट में ऐंठन की परेशानी बढ़ जाती हैइसके अलावा कुछ औऱ दुषप्रभावों पर नजड डालें तो-

1. सिर में दर्द

कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान सिरदर्द की समस्या होती है। ऐसे में कई बार कैफीन का सेवन समस्या को और बढ़ा देता है।ऐसे में चिकित्सक पीरियड्स के दौरान कैफीन से दूर रहने की सलाह देते हैं। कॉफी की तुलना में  ग्रीन टी में कैफीन का स्तर बहुत कम होता है। लेकिन अगर आप इसे अपनी जरूरत से ज्यादा पीते हैं तो कैफीन के सेवन के कारण आपके सिरदर्द और बढ़ सकता है।

2. शरीर में आयरन की कमी

ग्रीन टी का अधिक सेवन करने से शरीर में आयरन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न हो सकती है। जब आयरन का स्तर बहुत कम होता है तो आपको एनीमिक माना जाता है, जो थकान का कारण बन सकता है और मासिक धर्म में भी परेशानी बढ़ाता है। जब आपके शरीर में आयरन का स्तर अत्यधिक कम हो जाता है तो पीरियड्स में अधिक खून बहने का कारण बन सकता है। मासिक धर्म के दौरान इसका मतलब भारी प्रवाह हो सकता है।हालांकि ये सारी समस्या तभी हो सकती हैं जब आपके शरीर में पहले से ही खून की कमी हो औऱ आप अधिक मात्रा में ग्रीन टी का सेवन कर रहे हों।

3. चिड़चिड़ेपन में बढ़ोत्तरी

जब आप अपने मासिक धर्म में होते हैं तो आप अन्य बातों के अलावा विशेष रूप से कैफीन के प्रति संवेदनशील होते हैं। शरीर में हो रहे हार्मोनल परिवर्तन के कारण आप काफी चिड़चिड़े भी हो जाते हैं।कोई छोटी सी बात भी आपको क्रोधित कर सकती है क्योंकि आपका मूड पहले से ही उखड़ा रहता है। जब आप अधिक मात्रा में ग्रीन टी पीते हैं तो कैफीन आपको और अधिक चिड़चिड़ा और तनावयुक्त कर देगा।

क्या ग्रीन टी पीने से पीरियड्स हो सकते हैं

ये सवाल कई बार पूछा जाता है कि क्या ग्रीन टी का सेवन करने से किसी के मासिक धर्म शुरु हो सकते हैं। ग्रीन टी को बाकी चाय की पच्चियों की तरह प्रोसेस नहीं किया जाता है इसलिए इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है। ग्रीन टी के कई संभावित स्वास्थ्य लाभ हैं और इस चाय में मौजूद तत्व महिलाओं में हार्मोन को प्रभावित करते हैं। ये एस्ट्रोजन के स्तर और प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करते हैं।दरअसल एस्ट्रोजेन हार्मोन मासिक धर्म चक्र में योगदान करते हैं। जब एक लड़की यौवन तक पहुँचती है, तो पिट्यूटरी ग्रंथि हार्मोन छोड़ती है, हार्मोन का स्तर उसके शरीर को बताता है कि अंडे को कब छोड़ना है, जिससे ओव्यूलेशन होता है। शरीर एक संभावित गर्भावस्था के लिए खुद को तैयार करता है, और गर्भाशय की परत मोटी हो जाती है। यदि गर्भ धारण नहीं होता है तो तो शरीर गर्भाशय की परत को बहा देता है जिससे मासिक धर्म होता है।

ग्रीन टी महिलाओं में हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकती है, लेकिन किसी भी शोध ने ग्रीन टी को विशेष रूप से मासिक धर्म से नहीं जोड़ा है। जानकार मानते हैं कि जिन महिलाओं ने उच्च मात्रा में ग्रीन टी का सेवन किया, उनके मासिक धर्म चक्र के दौरान एक विशिष्ट हार्मोन, 17 बीटा-एस्ट्राडियोल का स्तर कम पाया गया था। हालांकि,यह हार्मोन मासिक चक्र को प्रभावित करता है या नहीं यह ज्ञात नहीं हो सका। चूहों पर किए गए शोध में देखा गया कि ग्रीन टी एस्ट्रोजन को कम करके पीरियड्स की शुरुआत को तेज कर सकती है, लेकिन मनुष्यों पर ऐसा कोई शोध सामने नहीं आया है। हालांकि अनियमित पीरियड्स के लिए ग्रीन टी का सेवन करने के बारे में कई भ्रांतियां लोगों में हैं ।पर विशेषज्ञ कहते हैं कि ग्रीन टी वास्तव में हार्मोनल स्तर को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह एक अवधि को नियंत्रित नहीं कर सकती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि पीरियड में ग्रीन टी आपके हार्मोन को संतुलित करने के लिए बहुत अच्छी है, लेकिन यह आपके पीरियड्स के आरंभ या विलंब को नियंत्रित नहीं करती।

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