Get the App
For Doctors
Login/Sign-up
Last Updated: Oct 24, 2024
BookMark
Report
गुप्त रोगों का घरेलू इलाज - Gupt Rogon Ka Gharelu Ilaj in Hindi
पुरुषों या महिलाओं की सेक्स समस्याओं को गुप्त रोग कहा जाता है. इस तरह की समस्याओं को स्वास्थ्य की देखभाल के जरिये स्वस्थ सेक्स जीवन बनाए रखने में मदद करने के लिए निम्न कदम उठाए जा सकते हैं. शराब सम्बंधित दिशानिर्देशों का कढ़ाई से पालन करना धूम्रपान छोड़ना तनाव से बचना अधिक आराम चिंताओं या समस्याओं के बारे में अपने साथी से बात करना आदि को अपनाकर इसे कम कर सकते हैं. लगभग 10 में से 1 पुरुष यौन समस्याओं का अनुभव करते हैं.
पुरुषों की यौन समस्याएं जीवन के किसी भी समय हो सकती हैं, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ अधिक हो सकती हैं. अधिकांश यौन समस्याओं का इलाज किया जा सकता है इसके लिए आप निम्लिखित गुप्त रोगों के घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं. हलांकी समस्या गंभीर होने पर चिकित्सकीय जांच ही बेहतर है.
गुप्त रोगों का घरेलू इलाज - Gupt Rogon Ka Gharelu Ilaj in Hindi
- स्तंभन दोष
कभी-कभी जिसे नपुंसकता कहा जाता है - सेक्स के लिए लिंग के खड़े होने और खड़े रहने में समस्या होना. शीघ्र स्खलन (शीघ्रपतन), सेक्स के दौरान जल्दी इच्छा से पहले या सामान्य समय से पहले लिंग का स्खलन. संकोची स्खलन या मंद स्खलन, जब आदमी का लिंग स्खलन धीमा हो. रेट्रग्रेड इजैक्यूलेशन, जहां वीर्य स्खलन लिंग के मुँह से बाहर आने के बजाय मूत्राशय में चला जाता है. सेक्स में कम रुचि, सेक्स ड्राइव या कामेच्छा का न होना. - वेनेरियाल डिजिज़ के लक्षण
अगर किसी महिला की योनि से लगातार 6 महीनों से स्राव होने के साथ-साथ उसमें खुजली होती है. पति के साथ संबंध बनाते वक्त उसे दर्द होता है. पेशाब करने के वक्त उसे परेशानी होती है. तब तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. यह ट्राइकोमोनियासिस बीमारी हो सकती है. अक्सर पढ़ीलिखी होने के बावजूद अधिकांश महिलाएं अपने प्रजनन अंगों की देखभाल के प्रति गंभीर नहीं होतीं. स्त्री-पुरुषों में स्पष्ट शारीरिक भिन्नता होती है. स्त्रियों में प्रजनन अंगों का योनि, गर्भाशय व गर्भनली के माध्यम से सीधा संबंध होता है. पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध दोनों के जीवन का सुखकारी समय होता है, किंतु कई बार महिलाओं में प्रसव, मासिक धर्म व गर्भपात के समय भी संक्रमण होने का डर होता है. - ट्राइकोमोनियासिस
ट्राइकोमोनियासिस का इलाज मैट्रोनीडाजोल नामक दवा से होता है, जो खाई जाती है और जैल के रूप में लगाई भी जाती है लेकिन डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें. अशिक्षा, गरीबी, शर्म के कारणों से अकसर महिलाएं प्रजनन अंगों के रोगों का उपचार कराने में आनाकानी करती हैं. प्रजनन अंगों के संक्रमण से एड्स जैसा खतरनाक रोग भी हो सकता है. - गोनोरिया
यह रोग महिलाओं में सूजाक, नीसेरिया नामक जीवाणु से होता है. यह स्त्री के प्रजनन मार्ग के गीले क्षेत्र में आसानी से बड़ी तेजी से बढ़ता है. इसके जीवाणु मुंह, गले, आंख में भी फैल जाते हैं. इस बीमारी में यौनस्राव में बदलाव होता है. पीले रंग का बदबूदार स्राव निकलता है. कई बार योनि से खून भी निकलता है. गर्भवती महिला के लिए यह बहुत घातक रोग होता है. प्रसव के दौरान बच्चा जन्म नली से गुजरता है, ऐसे में मां के इस बीमारी से ग्रस्त होने पर बच्चा अंधा भी हो सकता है. - हर्पीज
यह रोग हर्पीज सिंपलेक्स से ग्रसित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से होता है. इसमें 2 प्रकार के वायरस होते हैं. कई बार इस रोग से ग्रसित स्त्री-पुरुष को मालूम ही नहीं पड़ता कि उन्हें यह रोग है भी. यौन अंगों व गुदाक्षेत्र में खुजली, पानी भरे छोटे-छोटे दाने, सिरदर्द, पीठदर्द, बार-बार फ्लू होना आदि के इसके लक्षण होते हैं. - सैप्सिस
यह रोग ट्रेपोनेमा पल्लिडम नामक जीवाणु से पैदा होता है. योनिमुख, योनि, गुदाद्वार में बिना खुजली के खरोंचें हो जाती हैं. महिलाओं को तो पता ही नहीं चलता है. पुरुषों में पेशाब करते वक्त जलन, खुजली, लिंग पर घाव आदि समस्याएं हो जाती हैं. - हनीमून सिस्टाइस
नवविवाहिताओं में यूटीआई अति सामान्य है. इसको हनीमून सिस्टाइस भी कहते हैं. महिलाओं में मूत्र छिद्र योनिद्वार और मलद्वार के पास स्थित होता है. यहां से जीवाणु आसानी से मूत्र मार्ग में पहुंचकर संक्रमण कर सकते हैं. करीब 75 प्रतिशत महिलाओं में यूटीआई आंतों में पाए जाने बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है. इसके अतिरिक्त अनेक अन्य प्रजाति के जीवाणु भी यूटीआई उत्पन्न कर सकते हैं. मूत्र मार्ग का संक्रमण जिसको यूरीनरी ट्रैक्क इंफेक्शन या यूटीआई कहते हैं, महिलाओं में मूत्र मार्ग की विशिष्ट संरचना के कारण अति सामान्य समस्या है. करीब 40 प्रतिशत महिलाएं इससे जीवन में कभी न कभी ग्रसित हो जाती हैं. मूत्रद्वार में होने वाली जलन, खुजली अनेक कारणों से हो सकती है, लेकिन लगभग 80 प्रतिशत में यह यौन संसर्ग के कारण होती है. अकसर संक्रमण होने पर यौन संबंध बनाने के करीब 24 घंटे बाद लक्षण शुरू हो जाते हैं. विवाह के तुरंत बाद अज्ञानता, हड़बड़ी इत्यादि कारणों से यूटीआई होने की आशंका ज्यादा रहती है.